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{हमने देखा कि जब रिया और राइमा बात कर रहे होते हैं तभी वहां रोहन आ जाता है........ अब आगे....}

रोहन कहता है - राइमा तुम रिया से सब कुछ समझ सकती हो but please....🙏 एक चीज मत करना जो वो करती है। राइमा- वो क्या भैया ? अरे तुम्हें नहीं पता...! गाना गाने का .......। क्युकी इससे बेसुरा कोई गा ही नहीं सकता । तभी रिया इधर-उधर देखने लगी और सेब उठाकर रोहन के सामने फेंकती है।रोहन सेब को केच करते हुए कहता है - वैसे भी बहुत ही भुुख लगी है, सेब देने के लिए Thanks . बस सेेब खाते - खाते वो अपने कमरे में चला जाता है। वो laptop मे कुछ काम करने लगता है। तभी वहां रिया आती है, उसके हाथ में एक page था, वो रोहन को देेेते हुए कहती हैं- सिया Age - 27 years , work - Running a art gallery since 4 years बाकी की information इसमें है देख लिजिए गा। तभी राइमा dinner के लिए बुलाती है रिया कमरे के बाहर जाने लगती है , रोहन पीछे से एक नाम बोलता है= राहुल , working as a application installed checker in security centre _ and trying to get place in my sisters heart _इतना कहते- कहते वो रिया के पास जाकर खड़ा हो जाता है ,और कहता है इतना काफी है ना ऐसा कहकर रोहन खाना खाने बैठ जाता है और राइमा से पुछता है – की आज खाने में क्या बना है? बहुत ही भुख लगी है। रिया को चिढ़ाते हुए कहता है – तुम वहां मुतिँ बनकर क्यों खड़ी हैं कोई शोक लगा क्या? रिया कहती हैं शोक लगने की बारी अब आपकी है- तभी राइमा लड्डू लेकर आती है और रोहन को देती है । रोहन लड्डू मुंह में डाल रहा था तब रिया बताती है - she is the mother of 8 year old child … यह सुनकर रोहन का लिया हुआ लड्डू हाथ में रह जाता है और मुंह खुला रह जाता है। रिया आगे आकर रोहन के पास जाकर लड्डू मुंह में खिलाती है और कहती हैं_ भाई आप शादी के लड्डू तो खाने से रहे अभी ये खाकर ही मन को मना लिजिए। रिया- राइमा दोनों हस्ती है।
अगली सुबह रिया ओफिस जाती हैं। अपने टेबल के पास आकर अपना र्पस रखती हैं , और देखती है कि वहां पर एक पीले रंग का गुलाब पड़ा है। वह अपना computer on करती है और mail section open करती है। तभी clerk आता है वो रिया से कहता है “ रिया मेम आपको सर बुला रहे हैं ।“ रिया उठती है और सर की ओफिस में जाती है। सर उसे काम बताते हैं और कहते हैं कि आज शाम तक अगर हो जाता हैं तो………. So do it quickly, we have to submit it before the time . और कहते हैं – तुम अभी जाओ थोड़ी देर के बाद ये सारी files भिजवा दी जाएगी। रिया जब गई होती हैं तब सिन्हा सर का message screen पे display होता है , लेकिन जब रिया वापस आती है तो हड़बड़ी में वो screen को close कर देती हैं।तभी वहां राहुल आता है। रिया पुछती है- कब तक ये पीले रंग का गुलाब लेके आओगे , राहुल कहता है – जब तक तुम Red Rose के लिए मान नहीं जाती । रिया हंसते हुए कहती हैं_ very funny . तभी peon files लेके आता है रिया उस को Table पे रखने के लिए कहती है। रोहन रिया से कहता है लगता है तुम ही सर की favourite हो……रिया कहती हैं ऐसा नहीं है एतो D' rosa sir को पता है कि मेरी help करने के लिए the smart , intelligent and the versatile person Rahul Mishra is there to go out through this IMPORTANT work . राहुल हंसते हुए कहता है- ये अच्छा हे बस तनिक तारीफ करके बिठा दो सिंहासन पर…..! और करवालो मन चाहा काम…….. रिया chair सामने करते हुए कहती हैं - तो देर किस बात की आजाएये और अपना आसन ग्रहण करें। राहुल बैठ जाता हैं … दोनों सभी Files check करते हैं । रिया राहुल को पुछती है आज सिन्हा सर दिखाई नहीं दे रहे हैं , क्या आज वो छुट्टी पर हैं ? हमम… दिखाई नहीं दिए हैं , मुझे कुछ पता नहीं है।
इस तरफ रोहन अपने laptop पे chess game play कर रहा था परंतु आज उसका ध्यान game में नहीं था क्योंकि अब तक वो एक भी बार जीत नहीं पाया था । वरना ऐ तो उसकी favourite game थी। वो कोई सा भी level , अरे कैसा भी hard level ना हो , वो उसे third try में तो पार कर ही लेता हैं। वो उठता है और अपने कमरे में टहलने लगता है । तभी वहां से राइमा गुजरती है । वो रोहन को देखते ही रुक जाती है। बाद में अंदर जाकर पुछती है _ आपको कुछ चाहिए ? रोहन - कुछ नहीं चाहिए । राइमा कुछ पुछने जाती है तब तक तो रोहन घर से बाहर निकल जाता है।
अब रोहन की गाड़ी सिया की Art gallery तरफ सफर कर रही थी। 10-15 मिनिट बाद वो अपना सफर पुरा करते हुए Art gallery के सामने खड़ा था । पर जिवन में जो कुछ भी चाहिए वो आसानी से नहीं मिलता।‌ मतलब सिया की Art gallery बंद थी। रोहन उदास हो जाता है। आते वक़्त वो PEACE GARDEN में bench पर बैठता है। बचपन से ही यह उसका favourite garden रहा था। वो और रिया जब छोटे थे तो इसी जगह आकर अपना समय बिताया करते थे। वो बस वही सभी बचपन की यादों में खो जाता है। वो रिया को फोन लगाया है पर रिया फोन नहीं उठाती हैं। रोहन को जब भी गुस्सा आता था , या वो कोई बात से रूठ जाता था तब वो यहां पे आके बैठ जाया करता था और आज भी same .... वो उसी जगह बैठा है । वो मानता था कि सच में उसे यहां पे शांति मिलती है। वो बस अपने ख्यालों में खोया हुआ था । तभी थोड़ी देर बाद वहां कोई आकर बैठता है । रोहन उसे देखता हैं ,और कहता है – तुम ?