Fir milenge kahaani - 13 books and stories free download online pdf in Hindi

फिर मिलेंगे... कहानी - एक महामारी से लॉक डाउन तक - 13

कुछ दिनों बाद…

अर्पित - “यार मैं ठीक तो हो जाऊंगा ना” |

मोहित - “अरे क्या बात कर रहा है, अब हम दोनों ही ठीक हो गए हैं, एक-दो दिन में हमारी रिपोर्ट आ जाएगी और मुझे पता है नेगेटिव ही आएगी, बस कुछ दिन और फिर एक वेकेशन पर चलेंगे” |

अर्पित - “हां सही कह रहा है, घर में तो सब लोग परेशान हैं ..मां ने तो कितने मंदिरों में मन्नत भी मांग ली है” |

मोहित - “अरे यार मेरे मां-बाप से पूछो वो तो इतने बुजुर्ग हैं, कमरे में ही बंद होंगे और दूसरा मेरी चिंता में उनका बुरा हाल हो रहा होगा, वह तो शुक्र है सरकार का जो उन्हें घर पर राशन का इंतजाम तो कर रही है” |

अर्पित - “सही कह रहा है यार.. जल्दी वह दिन आए तो मैं भी अपने गांव जाऊं” |

दोनों बात करते करते सो गए |

देश में लॉक डाउन की स्थिति में सरकार भरपूर जनता का साथ दे रही थी सरकार के साथ-साथ बहुत से ऐसे लोग भी थे जो शारीरिक आर्थिक हर संभव तरीके से लोगों की मदद कर रहे थे, माना कि देश की हालत ठीक नहीं थी पर लोग एकजुट होकर इस बीमारी से लड़ रहे थे और इसी कारण पूरे विश्व में भारत को एक मिसाल के तौर पर पेश किया जा रहा था | इस महामारी का एक दूसरा रूप और भी था जो बेहद सुंदर था लॉक डाउन की वजह से जिन शहरों में हवा सांस लेने लायक नहीं थी वहां पहाड़ों की जैसी शुद्ध हवा लग रही थी, वो नदियां जिनका पानी काला पड़ गया था, इन चंद दिनों में ही शीशे की तरह साफ हो गया था, पेड़ पौधे जानवर नदियां पक्षी सब खुश थे जिन्हें देखकर यह भी प्रश्न मन में उठता था उठता है कि क्या इस प्रकृति का इतनी बुरी तरह से दोहन करना उचित है |

यह महामारी के रूप में कहीं प्रकृति की मानव को चेतावनी तो नहीं कि अभी भी समय है सचेत हो जा अन्यथा प्रकृति के एक इशारे में ही समस्त मानव जाति नष्ट हो जाएगी और यह ज्ञान विज्ञान सब धरा का धरा रह जाएगा |

लॉक डाउनलोड पूरे 90 दिन होने वाले थे और सरकार भी परेशान थी कि कब तक लॉक डाउन बढ़ाया जाए और जनता व्यापारी हर वर्ग भी हथियार डाल चुका था कि आखिर कब तक सब कुछ बंद रखा जाए, अगर यह लोग डाउन ऐसे ही चलता रहा तो भूखे मरने की नौबत भी आ जाएगी यही सोच सोच कर सबका बुरा हाल था |
ऐसे मे सरकार ने एक फैसला लिया लॉक डाउन को धीरे धीरे खोलने का और जनता के लिए यह आदेश दिया गया कि अब हमें कोरोना के साथ ही जीना सीखना पड़ेगा और अपनी जान की सुरक्षा अपने आप ही करनी पड़ेगी क्योंकि कोरोना इतनी जल्दी खत्म होने वाला नहीं है तो ऐसे में लॉक डाउन आखिर कब तक रखा जाएगा, सरकार के इस फैसले से बहुत से लोग खुश थे, बहुत से लोग दुखी लेकिन ऐसी स्थिति में और किया भी क्या जा सकता था | सरकार ने बहुत सी गाइडलाइन जारी कर दी कि लॉक डाउन खुलने के बाद आप को कैसे घर से बाहर निकलना है, क्या क्या सावधानी बरतनी है और कोरोना के साथ ही कैसे जीना है |

आगे की कहानी अगले भाग में