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First - एक अनोखा रक्षाबंधन

कहानी शुरू होता है छोटे से बच्चे से जिसकी उम्र लगभग 7-8 साल का है,और वो घर में अकेले टीवी पर कार्टून देख रहा है और वो अपनी दुनिया में मस्ती है। करीब 10से 15 मिनट के बाद उसका भाई आता है जिसकी उम्र 19 या 20 की है। जो खुश है और दरवाजे से छोटे छोटे बोलता है लेकिन उसका भाई जिसे प्यार से छोटे बोलता है (वैसे उसका नाम राहुल है।) फिर थोड़ा जोर से बोलता है तो राहुल अचानक देखता है। और बोलता है भैया आप इतनी जल्दी आ गई ।उसका भाई आकर उसके पास बैठ जाता है और कहता है कि छोटे वो मालिक ने आज छोट्टी दे दिया है। छोटे बोलता है क्यों भाई आज क्या है।फिर उसका भाई बोलता है कि छोटे आज रक्षबांध है। तो उसका छोटा भाई बहुत खुश हो जाता है।और बोलता है कि आज तो आपकी ओर मेरे कलाई पर रखी बंधेगी ना।फिर उसका भाई माउस होंकर बोलता है कि छोटे हमारी कलायो पर अब कभी राखी नहीं बंधेगी क्युकी उसका छोटा भाई बोलता है क्यों भाई, क्यों नहीं बंधेगी हमारे हाथों पर राखियां। उसका बड़ा भाई उससे अपने बाहों में ले कर बोलता है कि छोटे क्युकी हमारी बहन नहीं है इस दुनिया में ?( क्यों पिछले साल तो राखी बांधी) बोलते हुआ अपने भाई को बाहों में लिए सपनों में खो जाता है।

सपने में


छोटे अपने से बड़ी बहन से रखी बंधवा रहा है और बोल रहा है मै तो तुझे पैसे नहीं दूंगा मैं तो फ़्री में रखी बंधवाऊंगा । जल्दी बांध मुझे खेलने जाना है बाहर।उसकी बहन बोलती है चुलबुले गुस्से में जा नहीं बांध रही रखी जा पहले खेल ले ,
अब तो नहीं बंधुगी रखी जा भाग .. फिर उसका भाई बोलता है हंसते हुए आरे मै तो मज़ाक कर रहा था मेरी प्यारी बहन बांध ना रखी जा नहीं बांध रही जा पहले खेल ले जा ना अब जाता क्यों नहीं है जा जल्दी फिर उसका भाई बोलता है दीदी बांध दो नो रखी। उसकी बहन मन में हल्की हल्की मुस्कुराती है। और चिड़ाते हुए बोलता है दे बांध देती हूं राखी नहीं तो रोए गा ।फिर उसका भाई रखी राखी बंधवाने लगता है। राखी बांधने के बाद पैसे मांगती है चल पैसे निकाल, उसका भाई बोलता है मेरे पास तो पैसे नहीं है उसकी बहन मिठाई उसके चहेरे के उप्पर नीचे करने लगती है कि उसका भाई हाथ पकड़ के मीठी जल्दी में खा जाता है। और 101 रुपए देता ही है कि अचानक बड़ा भाई आ जाता है और कुर्सी पर जा कर बैठ जाता है।
और सोचने लगता है कि क्या दूंगा अपनी चुटकी को में तो सुबह बाज़ार गया था उसके लिए कपड़े लेने की मेरा किसी ने पॉकेट मार लिया है। सोचता ही रहता है कि चुटकी आ कर बोलती है भैया आज मैं आपसे बहुत नाराज़ हूं क्यों क्या हुआ आज हमारी चुटकी को, आपको बिल्कुल भी ख़्याल नहीं है अपनी चुटकी का आपको नहीं पाता की आज रखी है और आप सुवह सुवह कहा चले गए थे। बताओ मुझे ,पता है आपको मैंने सुवह से कुछ भी नहीं खाया है। और आप बाहर घूम रहे है।जाओ में आपसे बात नहीं करती । माफ़ कर दे चुटकी माफ़ कर देना। जाओ मैं नहीं माफ़ करती। माफ़ कर देना चल ठीक है अब से राखी पर में घर से बाहर ही नहीं जाऊंगा ठीक है मेरी मा … अच्छा ठीक ठीक बांधती हूं करो हाथ आगे फिर राखी बांधती है और मिठाई खिलाती है कि थोड़ा खुद खा के चुटकी को खिला देता है।
चुटकी बोलती है मेरा गिफ्ट, दो मेरा गिफ्ट …… गिफ्ट दो …दो ना भैया ।
और सोचने लगता है कि अब क्या दूं अपनी छोटी बहन को …..बोलता है सच बोल देता है अपनी चुटकी को?
बोलता है चुटकी से देख चुटकी आज सुवह घूमने नहीं बाज़ार गया था तेरे लिए कपड़े लेने लेकिन पैसे कहीं गिर गए और आज मेरे पास पैसे नहीं है । देख तू गुस्सा मत हो अगली बार से तुझे कपड़े और पैसे साथ में दूंगा ठीक है मेरी प्यारी बहन चुटकी। लेकिन मैं वादा करता हूं तेरी रक्षा ज़िन्दगी भर करूंगा चुटकी के सर पर हाथ रख के ..
…………..
तभी अचानक एक आवाज़ आता है ।
रमेश .…आे रमेश.…अबे उठना??
वो अपने ख्यालों में रहता है और ख्यालों में ही अपनी बहन को अपने जेब से पैसे देता है है।
तभी अचानक एक हल्की ज़ोर से उसके आवाज़ आता है और एक हाथ रमेश के बाजू पर होता है ,और पुकरता रहता है। रमेश ओ रमेश तभी पीछे देखता है कहता है अरे राकेश तू क्या हुआ राकेश बोलता है भाई आज दोस्तो ने पार्टी रखी है और हमें बुलाया है चल। रमेश अपने छोटे को बोलता है छोटे थोड़े देर में आते है। ठीक है तुम टीवी देखो और खाना खा लेना ठीक है छोटे…
तभी राकेश बोलता है तू पैसे किसी दे रहा था सोते हुआ रमशे बोलता है अरे नहीं नहीं यार पुरानी यादों में चला गया था और तू सुना कैसे आज मेरे घर आ गए वैसे तो बुलाने से भी नहीं आता है । चल तेरी दोस्तों के बीच खबर लिया जाएगा। रमेश की पार्टी सर्टी होने के बाद।
घर आता है। घर में छोटे नहीं होता है तो बाहर उसके किसी एक दोस्त से पूछता है
तुमने राहुल को किंही देखा है हां भया वो पेड़ के पास खेल रहा है। रमेश बोलता है उसको बुला दोगे क्या राजू ठीक है अभी बुला देता हुआ।
फिर कुछ देर के बाद आता है और बोलता है क्या हुआ भैया आपने मुझे बुलाया।
हां छोटे तुझे राखी बंधवाने थे ना हैं भया पर हमारी तो बहन ही नहीं है अरे ऐसा नहीं कहते आओ बैठो मेरे पास देखो मेंने मिठाई लाया हूं अच्छा दो ना भैया एक दो ना मिठाई। नहीं नहीं अभी नहीं पहले नहा के आओ क्यों तुम सवाल ज्यादा करते हो पहले नहा के आओ फिर बताऊंगा पहले जायो।
छोटे नहा के आता है कपड़े पहनता है और अपने भैया के पास आ कर बैठ जाता है । उसका भाई अपने जेब से दो रखी निकलता है और अपने छोटे के हाथ पर बांध देता है और कहता है तुम भी मेरे हाथ पर बांध दो………
दोनों भाई एक दूसरे को राखी बांधने के बाद मिठाई खिलाते है ।
और कहते है अब से हम एक दूसरे को राखी बांध कर
रक्षाबंधन मनाया करेगे


Happy Brothers Rakshabandhan