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क्राइम नम्बर 77 19 - 2

“सुशीला जी पूजा का आदमी कौन है?”- सब इंस्पेक्टर विकास

“साहब पूजा का आदमी तो कभी आया नही न मैं उससे कभी मिली हूँ। लेकिन पूजा बताई रही कि उसका आदमी कहीं बाहर रहता है। यहाँ पर रवि अक्सर आता जाता था। कई बार तो रात का खाना वो यही खाता था।” – सुशीला

(सब इंस्पेक्टर विकास पूजा के कमरे और मकान के हर एक कोने को अच्छी तरह से देखता है। उसे कुछ भी ऐसा नही मिलता जो कि किसी के तरफ इशारा करे ना ही कोई सुराग मिला। पूजा के कमरे में सामान के नाम पर एक बक्शा और कुछ बर्तन थे। बिस्तर जमीन में लगता था। बक्शे में ताला लगा हुआ था। चाभी खोजी लेकिन नही मिली चूकिं मामला क्राइम सीन का था अतः विकास ने ताला तोड़ना सही नही समझा। और बाकी लोगों के बयान भी विकास ने लिये जिसमें मकानमालकीन का बेटा और कुछ मोहल्ले वाले थे लेकिन कोई खास जानकारी मिली नही। ज्यादातर लोगों ने यही कहा कि रवि के साथ कुछ चक्कर था। पूजा और रवि के बीच मालिक और नौकर जैसा कुछ भी नही था।)


“विकास वो कृष्णा पुरम वाले केस का क्या प्रोग्रेस है? कुछ मिला ?” – इंस्पेक्टर शिवानी

“कहाँ मैंम ये केस तो पूरी तरह से अनसुलझा लग रहा है, मैंने कमरे को पूरी तरह से चेक किया कहीं कुछ भी नही मिला।”- इन्पेक्टर विकास

“समान में कुछ मिला?” - शिवानी

“नहीं मैडम....!!! समान के नाम पर कुछ बर्तन, बिस्तर और एक बक्सा है और कुछ नही, बक्से की चाभी मैंने देखने की कोशिश की लेकिन नहीं मिली सोचा आपको बता दूँ इस लिये बक्से का ताला नही तोड़ा”- विकास

“ओके.. कोई नही..!! बक्से को नुकसान नही पहुँचे ताला तोड़ने पर अन्दर की चीज को नुकसान हो सकता है इसलिये किसी चाभी वाले को लेकर जाओ और चेक करो। बाय द वे पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आयी?”- शिवानी

“पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी नही आयी है लेकिन दोपहर तक आने की उम्मीद है।”- विकास

“पूजा का कोई रिश्तेदार या जानने वाला जिसको कुछ पता हो?” इंस्पेक्टर शिवानी

“नहीं मैडम वहाँ पर किसी को कुछ नही पता सबने पूजा के जानने वालो में केवल और केवल रवि का ही नाम लिया इसके अलावा न वहाँ कोई कभी आया न ही पूजा के साथ किसी को कभी देखा गया।”- सब इंस्पेक्टर विकास

“रवि का कुछ पता चला कौन है ये? उठा के थाने लाओ अब यही बतायेगा”- इंस्पेक्टर शिवानी

“रवि कपड़ो का व्यापारी है मैडम। इसकी एक छोटी सी दुकान है बड़े चौराहे पर। दुकान और घर पर पूछताछ के लिये गया। दुकान तीन दिन से बन्द और घर पर ताला लगा हुआ है। आस पड़ोस में पूछा तो पता लगा कि रबि तीन भाई है। बाकी दो भाईयों की शादी हो गयी बच्चे भी है रबि अपनी माँ के साथ रहता था। भाइयों ने संपत्ति अपने नाम करा कर रबि और उसकी माँ को निकाल दिया। रबि ने लोन लेकर दुकान खोली। माँ की मौत के बाद रबि के घर पर पूजा साफ सफाई और खाना बनाने का काम करती थी।”- सब इंस्पेक्टर विकास

“रबि का कोई नम्बर? या उसके घर वालो से बात हुई?”- शिवानी

“नम्बर दुकान से मिला लेकिन वह अस्थाई रूप से सेवा में नही है और घर वालों ने बात करने से ही मना कर दिया। थोड़ी सख्ती दिखाई तो बोले हमारा रबि से कोई लेना देना नही है।”-सब इंस्पेक्टर विकास

“इस केस का तो कोई ओर छोर ही नही दिख रहा है। खैर एक काम करो रबि का नम्बर सार्विलांस पर डलवाओ और पता करो की पूजा के पास कोई फोन था या नही? दूसरा की जैसे ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट आती है मुझे बताना और हाँ देखना की इस मामले को मीडिया में बहुत ज्यादा उछाला न जाये क्योंकि तब दिक्कते बढ़ जायेंगी।”- इंस्पेक्टर शिवानी


(तभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आती है सब इंस्पेक्टर विकास रिपोर्ट देखकर चौंक जाता है और इंस्पेक्टर शिवानी की तरफ लेकर भागता है)

शेष अगले अंक में...............