Crime Number 77 19 - 5 books and stories free download online pdf in Hindi

क्राइम नम्बर 77 19 - 5

“वाट हैपन टू यू विकास”- शिवानी

“कुछ नहीं मैडम थोड़ा सा मोच आ गयी है। रबि को दबिश देने गये थे वो भागने की कोशिश कर रहा था।”- सब इंस्पेक्टर विकास

“दबिश कौन-कौन गया था”- शिवानी

“मैडम मैं और बलबीर”- विकास

“बलबीर आर यू गॉना मैड 302 का आरोपी है वो और तुम बिना किसी तैयारी के ऐसे ही दबिश देने पहुँच गये। क्या समझते हो अपने आप को ? अपने सीनियर को बताना भी जरूरी नहीं समझा और नही थाने से फोर्श ले गये कुछ हो जाता तो कौन जिम्मेदार होता इसका?”- इंपेक्टर शिवानी (गुस्से में)।

“सॉरी मैडम लेकिन मुझे जैसे ही सूचना मिली मैंने सोचा कहीं वो भाग न जाये इस लिये मैं तुरन्त वहाँ गया।”- सब इंस्पेक्टर विकास

“ओहह.... विकास कितनी बार बोला है इट्स नॉट अ फिल्म एंड यू आर नॉट अ फिल्मी हीरो। नौकरी के साथ साथ तुम्हारी सेफ्टी भी जरूरी है। गॉट इट.... इट्स लास्ट वार्निंग फॉर यू। तुरन्त डॉक्टर से मिलो देखो फैक्चर न हुआ हो।”- इंस्पेक्टर शिवानी


“ओके मैडम.......!!! मैं आगे से ध्यान रखूँगा।”- विकास
(विकास से बात करने के बात शिवानी सीधा लॉक अप में रबि के पास जाती है जो कि कॉफी डरा सहमा और घबराया हुआ होता है वह बार बार कुछ भी बडबडा रहा होता है।)

“तुम्हारा नाम क्या है?”- इंपेक्टर शिवानी

“जी रबि केसवानी”- रबि

“क्यों मार दिया पूजा को? तुम्हारे और पूजा के बीज क्या था? बोल क्यो मारा पूजा को”- इंस्पेक्टर शिवानी

(शिवानी की बात सुनकर रबि एक दम सदमे में पहुँच जाता है। जैसे उसके कान में किसी ने गर्म लावा पिघलाकर डाल दिया हो। इ. शिवानी बार-बार पूछती है लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता जैसे रबि को सुनाई ही नही दे रहा हो। तब बलबीर उसके चेहरे पर पानी डालता है। पानी पड़ने से कुछ चैतन होता है रबि और एक दम से चिल्ला उठता है।)

“क्या पूजा मर गयी? नहीं ये नही हो सकता? कह दीजिये मैडम आप झूठ बोल रही है। ये नही हो सकता है।”- रबि

“साले खुद उसको मार करके ड्रामा फैला रहा है। बोल क्यों मारा था उसको”- इं. शिवानी

“मैडम मैं उसे प्यार करता था मैं उसे क्यों मारूँगा। हम तो उसके तलाक के बाद शादी करने वाले थे। मेरी बात उससे पाँच दिन पहले हुई थी। मैं पंजाब गया था कपड़े की खरीदारी के लिये वहाँ मेरा फोन चोरी हो गया। उसके बाद से मेरा पूजा से कोई कांटेक्ट नही हुआ। मैं सच कह रहा हूँ मैडम मैंने नही मारा पूजा को................(रोते हुये)”- रबि

“जब तूने नही मारा तो पुलिस को देखकर भागा क्यों?”- इं. शिवानी

“मैडम मैं जैसे घर आया ही था कि पुलिस वाले मेरे घर आ घमके न कुछ बताया न कुछ दिखाया। बस मेरा कॉलर पकड़ कर मुझे ले जाने लगे। मैं घबरा गया मुझे समझ नही आया कि मैं क्या करूँ। इस लिये मैं भागा मैडम...... लेकिन मैं सच कहता हूँ मैंने पूजा को नही मारा मैं पूजा से बहुत प्यार करता था और जल्दी उससे शादी करने वाला था।”- रबि

“पूजा का तलाक किससे होने वाला था? कौन है उसका पति? कहा रहता है?”- इ. शिवानी

“मैडम मैं उससे कभी मिला नहीं बस एक बार बाजार में उसको उसके पति के साथ देखा था। जिसके लिये हमारा झगड़ा भी हुआ था क्योंकि पूजा ने मुझे बोला था कि उसका पति उसको चार साल पहले छोड़ गया था।”- रबि

“झूठी कहानी बना रहा है? उससे शादी करने वाला था लेकिन उसके पति से नही मिला? पुलिस को बेकूफ समझा है क्या?”- इं. शिवानी

“नहीं मैडम मैं सच कह रहा हूँ आप चाहे तो मेरी दुकान के बगल के दुकान दारों से बात कर सकती है मैंने उन्हे कोर्ट में शादी के समय गवाही के लिये भी बात की थी।”- रबि

“क्या नाम है दुकान दारों के?”- इं. शिवानी

“जी पुत्तन लाल और गणेश शंकर साड़ी वाले”- रबि

(इं. शिवानी लॉक अप से बाहर आती है और बलबीर से इशारे में रबि को कुछ खाने को देने को और पूरा बयान लेने को कहती है। लेकिन पूजा के गम में रबि कुछ भी खाने से माना कर देता है। एक और कांस्टेबल से दोनों दुकानदारों के बयान लेने को भेजती है। इं. शिवानी बहुत सोच में पड़ जाती है कि अगर रबि पूजा से शादी करना चाहता था तो क्या उसके पति ने पूजा को मारा लेकिन जो चार साल पहले छोड गया वो क्यों मारेगा।)


क्या पूजा को उसके पति ने मारा? या रबि ने सोची समझी साजिश से पूजा की हत्या की? कौन है इस दोहरे हत्याकान्ड के पीछे ......... पढें आगे के भाग में...........
शेष अगले अंक में.........