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एहसास

जिंदगी की राहों में चल चला हूँ ...
जिंदगी की राह में मोहब्बत ही मोहब्बत है...
किन्तु वो मोहब्बत में एक हसीन एहसास है...

जिंदगी की मुश्किल राह है....
वो राह में हवा ही हवा है...
किन्तु वो हवा में एक सुकून का एहसास है !!!!!

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आज बड़े भाई के frnd ने मुझे ph किया ... Hiii Hello
जैसी जरूरी औपचारिकताएँ पूरी होने के बाद उसने बताया के मुझे emergency है ... एक बेहद खास दोस्त के माता जी स्वर्ग सिधार गए हैं और मेरे लिए भी वो मेरी सगी माँ समान थी ...और में उनके दाह संस्कार पर तो नही जा पाया लेकिन इस गमगीन माहौल में दोस्त के कंधे से कंधा मिलने जाना चाहता हूं इसलिए 9 तारीख को कानपुर जाना है और 10 की वापसी

बस किस तरह एक ticket book करा दो छोटे भाई ... जरूरी है plz

बड़प्पन की कदर करने का एहसास मेरे पितरों से मेरे खून में आया ही हुआ है तो मैंने भी अपने वक़्त बेवक़्त काम आने वाले 1 गौरवशाली Indian Railways में कार्यरत दोस्त को याद किया और उसे अपना जरूरत बताई

मेरे दोस्त ने पूरी passenger जानकारी के बाद अपनी
पूरी शिद्दत भरे एहसास से मेरा काम किया और आने जाने की confirm ticket का message उनके mobile पे भिजवा दिया

इतने में उनके किसी cousin ने भी अपने पूरे घोड़े दौड़ा के अपने पूरे sources का इस्तेमाल करके उनके लिए आने जाने की confirm ticket का प्रबंध कर दिया और उन्हें phone कर दिया

अब बड़े भाई साहब उलझन में आ गए
उन्हें ये एहसास हुआ के
मैं एक और सीटें दो दो
बात पैसों की नही थी बात ये समझने की थी के में ऐसे महामारी के वक़्त किसी और जरूरत मंद का हक़ ना छीन लू

जैसे यूँ लगा मैं एक शोले का कालिया और गब्बर की गोलियाँ दो 😆😆😆

लेकिन एक एहसास पैदा हुआ के अब ticket cancel के लिए किसको कहूँ

क्योंकि आजकल की कोरोना की इस नागवार माहौल में दोनों ने मेहनत की है

अपने mobile में facebook whattsapp entertainment को छोड़ के मेरे लिए time खर्च करके appropriate train सर्च की .. सारे जुगाड़ भिड़ा के मेरे लिए confirm ticket का प्रबंध किया है ... मेरे लिए अपना कीमती समय दिया

हो सकता है दोनों को बुरा लगे और कहीं बोल दे " खाया पीया कुछ नही गिलास तोड़ा बारह आने "" 😆😆😆

बस यूं एहसास हुआ के चलो दोस्त के भाई को ही कहता हूं ... उसको तो साफगोई से cancellation charges भी दे के और एक thank u बोल के भी एहसान उतार दूंगा
लेकिन cousin तो मेरे another suggestion को भी मेरा खुद पर अविश्वास मान के मुझे हर रिश्तेदारी फंक्शन में meeting में ताने मरता रहेगा

"के मैंने तो भैया के लिए इतनी मेहनत से इतने दोस्तों का एहसान ले के ticket बुक कराई और वही cancell करवा दी "

बस यूँही उन्हापोह में उन बड़े भाई साहब ने मुझे टिकट कैंसलेशन के लिए बोल दिया

और मैंने अपने कटे 279 rs और उनका अनमोल thanks लिया और ticket cancell करवा दी

बात सिर्फ एहसासों की थी
के हम उलाहना देने का स्वभाव रखते हैं
या
हर वक़्त आयी नई चुनोतियों को मोहब्ब्त से accept करने का

निर्भर हम पर ही करता है कि हम खुद क्या हैं
रिश्तेदार हैं या दोस्त हैं