Waiting for you - Part 1 books and stories free download online pdf in Hindi

इंतजार आपका - भाग १

आज में आपको एक रियल स्टोरी बताने जा रही हूं।
प्यारी सी मासूम सी एक लड़की है। जो अपने छोटे से परिवार के साथ बहुत खुश है। सबको हंसाती है खुुद दुखी हो कर भी दूसरों के बारे में सोचती है। उसे पता है कुछ उसे बेवकूफ बनाते है फिर भी वो उसकी मदद करती है उसका साथ देती है।
ऐसी है ये लड़की जिनका नाम खुशी है। सबकी खुशी है वो। जाने अंजाने में भी कभी गलती नहीं करती है।
अपनी पढ़ाई देखो और घरका काम बस और कुछ नहीं।
उसे पता भी नहीं था कि उसके जीवन में ऐसा कोई आने वाला है जो खुशी उसे जानती भी नहीं होंगी।
एक बार खुशी अपनी मम्मी के साथ बाहर गई उसने देखा एक लड़के को कोई साधारण लड़का नहीं था लेकिन खुशी तो साधारण परिवार से थीं।
वो खुशी को पसंद भी आया क्युकी वो एक ए एस पी थे। और ईमानदार पुलिस अफसर थे।
खुशी को वो काम के ईमानदारी के मामलों में पसंद थे। उसे पता नहीं था कि वो ए एस पी को प्यार करने लगेगी। लेकिन आखिर कर में ऐसा ही हुआ।
खुशी जब कोई काम करती थी या पढ़ाई करत थी उसे ए एस पी नजरो के सामने दिखने लगे। उसका ही ख्याल उसके बारे में सोचना अब करे तो क्या करे किससे बताए?
खुशी ने बहुत सोचा ।ए क्या हो रहा है मुझे में किससे बताऊं क्या करू? तब खुशी ने उसकी एक दोस्त को बताना जरूरी समझा। उसने अपनी दोस्त को सब बताया।।
उसकी दोस्त ने बोला : खुशी तुम्हें उस अफसर से प्यार हो गया है । मेरी मानो तो उसे कह दो। लेकिन खुशी अपनी मर्यादा जानती थी उसने बोला में ऐसे कैसे कह दू में उसे जानती भी नहीं हु । हा इतना ही पता हर की वो बड़े अफसर है क्या वो मुझे पसंद करेंगे? में तो एक गरीब परिवार से हूं क्या वो मुझसे शादी करेंगे? कितने सवाल थे लेकिन उसका जवाब एक ही दे सकता था वो था ए एस पी। अब खुशी बिचारी परेशान क्या करे। वो ए एस पी का कैच बनाती थी ओर उसे देखती रहती थी खुशी ने बहुत सबर किया। लेकिन उनके मन में एक बात आई कि उसे ए एस पी से ए बात करनी पड़ेगी । जो होगा देखा जायेगा आखिर में मेरा प्यार ऐसे कैसे छोड़ दू? इजहार तो मुझे ही करना पड़ेगा। खुशी अब इजहार कैसे करेंगी? ए सोच सोच कर रो रही थी। क्युकी वो कोई मामुली आदमी नहीं था ए एस पी अफसर थे। खुशी ने बहुत्र सोचा फिर निर्णय ले ही लिया कि में उसे बात करूंगी अपने बारे में सब बताऊंगी। बोलूंगी की, आपको में प्यार करती हूं में आपकी अर्धांगी बनना चाहती हूं। आपके साथ शादी करना चाहती हूं आपके हर दुखने भागीदार बनना चाहती हूं। आप मुझे खुस रखे या ना रखे लेकिन में आपकी बनना चाहती हूं। हा, में हूं गरीब लेकिन क्या करू आपसे ओर सिर्फ आपसे प्यार करती हूं। हा मेरी जाति अलग है पर प्यार में सब मंजूर करना चाहती हूं। आप मेरे बारे में जांच पड़ताल कर लीजिए फिर में पसंद आऊ तो बात करना मुझे। लेकिन आप नहीं मिले तो में जिंदगी में किसिके साथ शादी नहीं करूंगी। ये मेरा वादा है आपसे ओर खुद से भी ऐसा सोच के खुशी जाने का फैसला लेती है। ओर में जिंदगी की हर पल में आपका इंतजार करूंगी।। ये है मेरा अटूट वचन। खुशी ये सोचकर ऑफिस जाने की तैयारी करती है।