अच्छा क्या??? books and stories free download online pdf in English

अच्छा क्या???

इस दुनिया मे अच्छा क्या है । और बुरा क्या वो हकीकत मे पता ही नहीं होता । पर ये सारी बातें हमारे मन के विचार पर निर्भर होती है । हमारे मन में क्या चल रहा है वो कभी-कभी हमेभी पता नहीं होता । कभी हमे लगता है कि ये अच्छा है कभी हमे लगता कि ओर कुछ अच्छा है । किसी को कोई व्यक्ति पसंद नहीं होता तो किसीको पसंद होता हैं । जिसिको व्यक्ति पसंद नहीं है उसे पूछते हैं कि क्यों तम्हें वो पसंद नहीं है । तो कहेते है कि वो हर वक़्त बस अपनी चलता है । हमारी कभी नही सुनता । पर एसा नही होता कभी वो गलत है तो कभी हम भी गलत होते है । तो इसमे अच्छा है कि हम दुसरो कि सलाह ले इसमे हमारा कुछ भी नूकसान नहि होता है । हम दूसरों की भी सुनले और उसको अपनी तरह से काम करने दे उसको जो भी अच्छा लगे वो करे एसा हमको सोचना है । फिर हमे उनसे कोई भी सिकायत नहि रहेगी ।फिर जो एसा करके कोई गलती हो जाती है तो इसमे हम जिमेदार नहि होते हैं ओर फिर वो व्यकित को भी पता चल जाता है की वो ही सही था और फिर कभी आपको एसा फैसला लेना हो तो आप वो गलती करने से फिर बच जायेगे । और तो और वो व्यकित भी आगे चलकर संभल जएगा की हमे फिरसे वो ही गलती नहि दोहरनी है इससे दो लोगो का अच्छा हो जाएगा । एक तो अपना ओर एक उस व्यकित का। जींदगी में यहीं तो बात है की हमे लगता है की हमारे साथ अच्छा नहि हो रहा है पर हा यही हमारे लिये अच्छा होता है पर वो हम समज ही नहि पाते जब समज पाते है तब हमारे पास कौइ भी नहि बचता है । अगर हमे पताही नहि चलता हो की हमारे लिये क्या अच्छा तो हमे अपने दिमाग में जो अच्छा लगे वो करना चाहिए । अगर हम उसमे कामियाब नहि होते तो नाकामियाब भी नहि होते हमे पता चलता है की हमे आगे चलकर ये नहि करना है । ओर हमे अच्छी सिख भी मिल जाती हैं ।

"यहाँ पर कूछ अच्छा ऐसे ही नही मिलता है ।
हमे अच्छा बनाना पडता है । "
किसीके विचार अच्छे होते हैं किसिके विचार ॰ ॰ ॰।
"अच्छे विचार ऐसे ही नहि होते अच्छे विचार हमे अपने मनमे लाने पडते है । और ये बहुत मुस्किल से पा सकते । और इसमे कई मुस्किलिया आती है मगर जो भी इसका हल निकालर अपनी मुस्किकिल से आगे बढते है फिर उसे बड़ी मुस्किलका सामना करना भी आसान लगता है ।और वो अपने मानको भी काबू माए ले सकते है । और वो अपने काममे आगे बढ जाता है । और एक दिन वो अपनी पहचान पूरी दुनिया मे छाप जाता है । और उसे अपनी महेनत का फल एक ना एक दिन तो मिलता ही है। और वो एक दिन अपनी कमियबी अपने दम पर कमा लेता है ।"