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चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 36

चार्ली चैप्लिन

मेरी आत्मकथा

अनुवाद सूरज प्रकाश

36

एक और शानदार कलाकार, डच कॉमेडियन सैम बरनार्ड सब कुछ के बारे में नाराज़ रहा करते थे। "अंडे!, साठ सेंट में एक दर्जन - और सड़े हुए अंडे! और नमक मिले गोमांस की कीमत! आप दो डॉलर अदा करते हैं। दो डॉलर ज़रा से गोमांस के लिए! यहां पर वे मांस के छोटे होने के बारे में अभिनय करके बताते, मानो सुई में धागा डाल रहे हों, और फिर वे फट पड़ते, मैत्री भाव से विरोध करते हुए और अपने आपको चारों दिशाओं में फेंकते हुए: "मुझे वह वक्त भी याद है जब आप दो डॉलर का नमकीन गो मांस उठा कर घर नहीं ला सकते थे!"

स्टेज से बाहर वे दार्शनिक थे। जिस वक्त फोर्ड स्टर्लिंग उनके पास रोते हुए गये और ये बताने लगे कि उनकी बीवी उन पर डबल क्रॉस कर रही है तो सैम ने कहा,"तो क्या हुआ, लोगों ने नेपालियन को भी डबल क्रॉस किया था!"

फ्रैंक टिने को मैंने तब देखा था जब मैं पहली बार न्यू यार्क आया था। वे विंटर गार्डन थियेटर के खास पसंदीदा अभिनेता थे और श्रोताओं से उनकी गहरी आत्मीयता थी। वे फुटलाइट पर झुकते और फुसफुसाते,"प्रमुख नायिका एक तरह से मुझ पर फिदा है।" तब वे सतर्क हो कर स्टेज से परे देखते कि कोई सुन तो नहीं रहा है। तब वे वापिस श्रोताओं की तरफ मुड़ते और उन्हें भेदभरी आवाज़ में बताते,"ये दुखद मामला है; जब वह आज मंच के दरवाजे से आ रही थी तो मैंने कहा,'गुड ईवनिंग,' लेकिन वह तो मुझ पर इतनी फिदा है कि जवाब ही नहीं दे सकी।"

ठीक इसी वक्त प्रमुख नायिका मंच पर एक तरफ से दूसरी तरफ जाती है। और टिने तुरंत अपने होठों पर उंगली रख देते हैं, श्रोताओं को चेताते हुए कि वे उन्हें धोखा न दें, खुश हो कर वह नायिका से कहते हैं: "हाय कैसी हो?" वह मुंह बिचका कर मुड़ती है और हड़बड़ी में स्टेज से लपक कर वापिस चली जाती है, और उसकी कंघी गिर जाती है।

तब वे श्रोताओं को फुसफुसा कर बताते हैं: "मैंने क्या कहा था? लेकिन निजी रूप से हम ऐसे ही हैं।" तब वे अपनी दो उंगलियां मोड़ते हैं और कंघी उठाते हैं। तब वे मैनेजर को बुलाते हैं: "हैरी, ज़रा इसे हमारे ड्रेसिंग रूम में तो रखवा दो!"

मैंने दोबारा उन्हें मंच पर कुछ बरस बाद देखा था और उन्हें देख कर मुझे धक्का लगा था। उनकी मज़ाकिया काव्य प्रतिभा ने उनका साथ छोड़ दिया था। वे इतने आत्म सजग थे कि मैं इस बात पर विश्वास ही न कर सका कि वे वही व्यक्ति थे। उनमें ये बदलाव देख कर ही मुझे कई बरसों के बाद अपनी फिल्म लाइमलाइट के लिए विचार आया था। मैं ये जानना चाहता था कि आखिर वे अपनी मूल भावना और आश्वसित क्यों खो बैठे थे। लाइमलाइट में मामला उम्र का था। काल्वेरो बूढ़ा और अंतर्मुखी हो जाता है और उसमें आत्म सम्मान की भावना घर कर जाती है। और इसी बात ने उन्हें श्रोताओं के साथ उनकी सारी आत्मीयता से वंचित कर दिया था।

जिन अमेरिकी अभिनेत्रियों की मैं सर्वाधिक प्रशंसा करता था, उनमें शोख, मज़ाकिया और विदुशी, मिसेज़ फिस्के, और उनकी भतीजी एमिली स्टीवेंस थीं। एमिली शैली और स्पर्श के हल्केपन वाली बेहतरीन अदाकारा थी। जेन कॉल में आगे बढ़ने की प्रतिभा और सघनता थी और मिसेज़ लेस्ली में भी बांध लेने की उतनी ही क्षमता थी। कॉमेडियनों में मुझे ट्रिक्सी फ्रिगांजा अच्छी लगती थीं और हां, फानी ब्राइस, जिनमें स्वांग भरने की महान मेधा के साथ साथ अभिनय की भावना का अद्भुत मेल था। हम अंग्रेजों की चार महान अभिनेत्रियां रही हैं: ऐलन टेरी, एडा रीव, इरीन वेनब्रूह, सिबिल थॉर्नडाइक और समझदार मिसेज़ पैट कैम्पबेल। इनमें से पैट को छोड़ कर बाकी सबको मैंने देखा था।

जॉन बेरीमोर एक अकेले ऐसे अभिनेता थे जो थियेटर की परम्परा के सच्चे वाहक थे लेकिन एक बात उन्हें खा गयी कि वे अपनी दक्षता को अश्लीलता की हद तक उतार लाये थे। एक ऐसी उदासीनता की भावना जो सारी चीजों को एक ही तरह से लेती है। चाहे ये हैमलेट का अभिनय हो या किसी डचेज के साथ सोने का मामला हो, उनके लिए ये सब मज़ाक की तरह था।

जेने फावलर द्वारा लिखी गयी उनकी जीवनी में उनके बारे में एक किस्सा है कि खतरनाक हद तक शैम्पेन भीतर उतार लेने के बाद उन्हें गरम बिस्तर से बाहर खींचा जाता है और हैमलेट का अभिनय करने के लिए मंच पर धकेल दिया जाता है। उन्होंने ये भूमिका बीच बीच में विंग्स में जा कर उल्टियां करने और शराब पी कर ही ताकत जुटाने के बीच निभायी। अंग्रेजी समीक्षक उस रात उनके अभिनय की अपने काल के सर्वश्रेष्ठ हैमलेट के रूप में तारीफ करने वाले थे। इस तरह के वाहियात किस्से से हरेक की बुद्धिमता का अपमान होता है।

मैं पहली बार जब उनसे मिला था तो वे अपनी सफलता के शिखर पर थे। वे उस वक्त युनाइटेड आर्टिस्ट्स बिल्डिंग के एक दफ्तर में ध्यानावस्था में बैठे हुए थे। एक दूसरे के साथ परिचय कराये जाने के बाद जब हम दोनों अकेले रहे गये तो मैंने हैमलेट के रूप में उनकी जीत के बारे में बात करना शुरू कर दिया। मैंने कहा कि शेक्सपीयर के किसी भी अन्य चरित्र की तुलना में हैमलेट अपनी स्वयं की जवाबदेही अधिक देता है।

वे एक पल के लिए मज़ाक के मूड में आ गये,"हालांकि राजा की भूमिका भी खराब नहीं है, लेकिन दरअसल मैं हेमलेट को पसंद करता हूं।"

मुझे ये अजीब-सा लगा और मैं हैरानी से सोचने लगा कि वे कितने ईमानदार हैं। अगर वे कम असफल होते और ज्यादा सरल होते तो वे बूथ, इर्विंग, मैन्सफील्ड और ट्री जैसे महान अभिनेताओं की परम्परा में आते। लेकिन उन सबमें पवित्र भावना और संवदेनशील नज़रिया थे। जैक के साथ तकलीफ यह रही कि उनका अपने बारे में कैशोर्य, रूमानी अहसास था और जैसे कि जीनियस आत्मघाती होते चले जाते हैं, उन्होंने अंतत: अश्लील तरीके अपना लिये। उन्होंने शराब पी पी कर अपने आपको खत्म कर डाला था।

हालांकि द किड फिल्म सफलता के झंडे गाड़ रही थी, मेरी समस्याएं अभी भी खत्म नहीं हुई थीं। मुझे अभी भी फर्स्ट नेशनल को चार फिल्में बना कर और देनी थीं। चरम हताशा के आलम में में इस उम्मीद में फिल्म की प्रापर्टी रखने वाले कमरे में चक्कर काटता रहता कि शायद किसी पुरानी प्रापर्टी पुराने सेटों के काठ कबाड़, जेल का दरवाजा, कोई पिआनो या कोई मुड़ा तुड़ा टुकड़ा ही सही, को देख कर मुझे कोई विचार सूझ जाये। मेरी निगाह गोल्फ के क्लबों के एक पुराने सेट पर पड़ गयी। काम बन गया। ट्रैम्प गोल्फ खेलता है: द आइडल क्लास।

प्लॉट बहुत सीधा सादा था। ट्रैम्प जो है अमीरों के सभी चोंचलों में अपनी टांग अड़ाता रहता है। वह गरम मौसम के चक्कर में पश्चिम की तरफ जाता है लेकिन ट्रेन के भीतर यात्रा करने के बजाये ट्रेन के नीचे यात्रा करता है। उसे गोल्फ क्लब में पड़ी हुई गेंदें मिल जाती हैं और वह उनसे गोल्फ खेलना शुरू कर देता है। एक फैन्सी ड्रेस आयोजन में वह ट्रैम्प की सज धज में अमीरों में जा मिलता है और वहां पर वह एक खूबसूरत ल़ड़की से नैन लड़ा बैठता है। एक रोमांटिक हादसे के बाद वह गुस्साये मेहमानों से जान छुड़ा कर भागता है और एक बार फिर अपनी राह पर होता है।

एक दृश्य के दौरान एक मशाल की वजह से मेरे साथ एक छोटी-सी दुर्घटना हो गयी। उसकी गर्मी मेरी एसबेस्टॉस की पैंट के भीतर चली आयी। इसलिए हमने एस्बेसटॉस की एक और परत लगायी। कार्ल रौबिनसन ने इसमें प्रचार की गुंजाइश देखी और ये कहानी प्रेस को दे दी। उस शाम मैं ये अखबारों में ये हैडलाइनें पढ़ कर दंग रह गया कि मेरा चेहरा, हाथ और शरीर बुरी तरह ये जल गये हैं। सैकड़ों की संख्या में पत्र, तार, और टेलीफोन स्टूडियो में आ गये। मैंने इसका खंडन पत्र जारी किया लेकिन उसे कुछ ही अखबारों ने छापा। इसका परिणाम ये हुआ कि मुझे एच जी वेल्स से इस आशय का एक खत मिला कि उन्हें मेरी दुर्घटना के बारे में पढ़ कर गहरा धक्का लगा है। उन्होंने यहां तक लिख डाला कि वे मेरे काम के कितने बड़े प्रशंसक हैं और ये कितनी अफसोस की बात होगी अगर मैं आगे काम करने लायक न रहूं।

मैंने उन्हें सच्चाई बयान करते हुए तत्काल वापसी तार भेजा।

द आइडल क्लास के पूरी हो जाने पर मैं दो रील की एक और फिल्म बनाना चाहता था और नलसाजों के शानदार धंधे पर एक प्रहसन करना चाहता था। पहले सीन में दिखाया जाता कि वे शोफर द्वारा चलायी जा रही लिमोजिन कार से नीचे उतरते हैं। नीचे उतरने वालों में मैं और मैक स्वैन होते। घर की मालकिन एडना पुर्विएंस हमारी खूब खातिर तवज्जो करती है और हमारे साथ शराब पी लेने और खाना खा लेने के बाद वह हमें बाथरूम दिखाती है जहां मैं स्टेथस्कोप के साथ तुरंत काम पर लग जाता हूं। मैं स्टेथस्कोप जमीन पर लगा कर देखता हूं, पाइपों की आवाज़ सुनता हूं और उन्हें वैसे ही ठकठकाता हूं जिस तरह से डॉक्टर मरीजों को ठकठकाता है।

मैं यहीं तक सोच पाया था। इससे आगे मैं ध्यान केन्द्रित ही नहीं कर पाया। मैं इस बात को महसूस ही नहीं कर पाया था कि मैं कितना थका हुआ हूं। इसके अलावा, पिछले दो महीनों से मेरे मन में लंदन जाने की न दबायी जा सकने वाली चाह जोर मार रही थी। मैंने इसके बारे में एक सपना देखा था। और एच जी वेल्स साहब का पत्र आग में घी का काम कर रहा था। इसके अलावा, दस बरस बाद मुझे हेट्टी केली से एक पत्र मिला था जिसमें उसने लिखा था: "क्या मुझे अभी भी उस मूरख लड़की की याद है...?" अब उसकी शादी हो गयी थी और वह पोर्टमैन स्क्वायर में रह रही थी। और कि कभी मैं लंदन आऊं तो क्या मैं उससे मिलने आऊंगा। पत्र में कोई सुर नहीं थे और इससे जरा-सी भी संवेदनाएं फिर से जगाने की गुंजाइश नहीं थी। आखिरकार, इस बीच दस बरस का अरसा बीत चुका था और मैं इस बीच कई बार प्यार के भीतर और बाहर हो चुका था। अलबत्ता, मैं उससे ज़रूर मिलना चाहूंगा।

मैंने टॉम से कहा कि मैरा सामान पैक करे और रीव्ज़ से कहा कि वह स्टूडियो बंद करे और कम्पनी को छुट्टी दे दे। मैं इंगलैंड जाना चाहता था।

*****

न्यू यार्क से यात्रा शुरू करने वाली रात से पहले मैंने इलिसी कैफे में लगभग चालीस मेहमानों को एक पार्टी दी। मेहमानों में मैरी पिकफोर्ड, डगलस फेयरबैंक्स और मादाम मातेरलिंक भी थीं। हम चेरेड्स खेलते रहे। डगलस और मैरी ने पहले अक्षर के लिए भूमिका निभायी। डलगस स्ट्रीटकार कन्डक्टर बने और उन्होंने टिकट पंच करके मैरी को दिया। दूसरे अक्षर के लिए उन्होंने जान बचाने के दृश्य का मूक अभिनय किया। मैरी मदद के लिए चिल्लाती है और डगलस तैर कर उसे पास पहुंचते हैं और उसे सुरक्षित नदी के किनारे तक लाते हैं। तय था, हम सब चिल्ला रहे थे - "फेयरबैंक्स।"

जैसे-जैसे शाम में रंगीनियां आने लगीं, मैंने और मादाम मातेरलिंक ने कैमिला का मृत्यु वाले दृश्य का अभिनय किया। मातेरलिंक कैमिला बनीं और मैं बना आर्मांड। जिस वक्त वे मेरी बाहों में दम तोड़ रही थीं, उन्हें खांसी का दौरा पड़ गया। शुरू-शुरू में हल्का, और फिर, खांसने की गति बढ़ गयी। उनकी खांसी का यह हाल हो गया कि मुझे भी खांसी का दौरा पड़ गया। इसके बाद तो हम दोनों के बीच खांसने की प्रतियोगिता ही शुरू हो गयी। आखिरकार, मैंने ही उनकी बाहों में मरने का अभिनय किया।

जिस दिन समुद्री यात्रा करनी थी, उस दिन मैं सुबह साढ़े आठ बजे बहुत तकलीफ के साथ उठा। नहाने के बाद, मैं सारे के सारे उहापोह से मुक्त हो गया और इंगलैंड के लिए रवाना होने के ख्याल से ही रोमांचित हो गया। मेरे दोस्त, किस्मत और दूसरे नाटकों के लेखक एडवर्ड नोब्लॉक भी मेरे साथ ही ओलम्पिक पर यात्रा कर रहे थे।

अखबारवालों का एक हुजूम जहाज पर चढ़ आया और मुझे इस हताशा ने घेर लिया कि ये सब भी हमारे साथ पूरी यात्रा में भी बने रहेंगे। उनमें से दो तो हमारे साथ ही चले, बाकी दूसरे लोग पाइलट के साथ उतर गये।

आखिरकार, मैं अपने केबिन में अकेला था। केबिन मेरे दोस्तों की तरफ से आये फूलों और फलों की टोकरियों से अटा पड़ा था। मुझे इंगलैंड छोड़े दस बरस बीत चुके थे और मैं इसी जहाज से कार्नो कम्पनी के साथ निकला था; उस वक्त हमने दूसरे दर्जे में यात्रा की थी। मुझे याद है कि स्टीवर्ड ने हमें पहले दर्जे का हड़बड़ी में दौरा कराया था ताकि हमें इस बात की झलक मिल सके कि दूसरी तरफ के लोग किस तरह से रहते हैं। उसने प्राइवेट सुइटों की शानो शौकत के और उनके आकाश छूते किराये के बारे में बताया था, और अब मैं उन सुइटों में से एक में था और इंगलैंड वापिस जा रहा था। मैंने लंदन को लैम्बेथ के एक नामालूम से, संघर्षरत युवा के रूप जाना था; अब प्रख्यात और अमीर आदमी के रूप में मैं लंदन को मानो पहली बार देखूंगा।

अभी कुछ ही घंटे बीते थे कि माहौल अंग्रेजी हो चुका था। हर रात हैडी नोब्लॉक और मैं मुख्य डाइनिंग कक्ष के बजाये रिट्ज रेस्तरां में खाना खाते। रिट्ज में भाजन की अ' ला कार्ते व्यवस्था थी। वहां पर शैम्पेन, कैवियर, और दूसरी बीसियों तरह की शराबें और लजीज़ व्यंजन सामने रखे होते। अब समय की कोई कमी नहीं थी इसलिए हर शाम मैं काली टाई लगा कर तैयार होने की वाहियात रस्म निभाता। इस तरह की विलासिता और फिजूलखर्ची से मुझे पैसे की माया का अहसास होता।

मुझे लगता था कि मैं आराम कर पाऊंगा। लेकिन ओलम्पिक के नोटिस बोर्ड पर लंदन में मेरे प्रत्याशित आगमन के बारे में बुलेटिन लग जाते। अभी हमने आधा रास्ता ही पार किया था कि निमंत्रणों और अनुरोधों वाले तारों का तांता-सा लगना शुरू हो गया। उन्माद जो था, तूफान की शक्ल ले रहा था। ओलम्पिक के बुलेटिन में युनाइटेड न्यूज और मार्निंग टेलिग्राफ से आलेख उद्धृत किये जाते। एक आलेख इस तरह का था: "चैप्लिन विजेता की तरह लौट रहा है! साउथम्पटन से लंदन तक की तरक्की रोमन विजय से मेल खायेगी।"

दूसरा लेख इस तरह से था: "जहाज के चलने के बारे में और जहाज पर चैप्लिन की गतिविधियों पर दैनिक बुलेटिनों पर अब जहाज से जारी होने वाले हर घंटे के फ्लैश भारी पड़ रहे हैं, और अखबारों के खास संस्करण गली कूचों में धूम मचाते, आड़े तिरछे चलने वाले इस महान नन्हें शख्स के बारे में खबरें दे रहे हैं।"

एक और था: "पुराना जेकोबाई गाना, "चार्ली इज माइ डार्लिंग" चार्ली के प्रति पागलपन को चरितार्थ करता है जो पूरे इंगलैंड को पिछले पूरे हफ्ते से अपनी गिरफ्त में लिये हुए है और जैसे-जैसे चार्ली को घर लाते हुए ओलम्पिक अपने पीछे लहरों के भंवर छोड़ रहा है, ये उन्माद हर घंटे और तेज होता जा रहा है।"

एक अन्य लेख में लिखा था: "आज रात ओलम्पिक साउथम्पटन में कोहरे से घिर गया था और नन्हें कॉमेडियन के स्वागत में जुटी उसके आराधकों की विशाल भीड़ शहर में उसकी राह देख रही थी। डॉक पर तथा उस नागरिक अभिनंदन समारोह के स्थल पर जहां मेयर चार्ली की अगवानी करने वाले हैं, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस खास इंतजाम करने में व्यस्त है। ...जैसा कि विजय के दिनों के बाद हुआ करता था, अखबार ये बताने में लगे हुए हैं कि किस स्थल से लोग चार्ली को बेहतर तरीके से देख सकते हैं।"

मैं इस तरह के स्वागत के लिए तैयार नहीं था। यह स्वागत जिस तरह का अचरज भरा और असाधारण था। काश, मैंने इस यात्रा को तब तक के लिए स्थगित कर दिया होता जब तक मैं इसके लायक न हो जाता। मैं जिस चीज़ के लिए तड़प रहा था, वो थी उस पुरानी परिचित जगहों की एक झलक भर देखने को मिल जाये। लंदन में चुपचाप आस-पास घूमना और देखना, केनिंगटन और ब्रिक्स्टन में तफरीह मारना, 3 पाउनॉल टैरेस की खिड़की पर निगाह डालना, उस अंधियारी लकड़ी की टाल में झांकना जहां मैंने लकड़ी चीरने वालों की मदद की थी, 287 केनिंगटन रोड की दूसरी मंज़िल की खिड़की की तरफ देखना जहां मैं लुइसी और अपने पिता के साथ रहा था - ये इच्छा अचानक ही एक तरह की सनक में बदल चुकी थी।

आखिरकार हम चेरबर्ग में पहुंचे! कई लोग नीचे उतर रहे थे और कई लोग सवार हो रहे थे- कैमरामैन और अखबार वाले। "इंगलैंड के लिए मेरे पास क्या संदेश है?" "फ्रांस के लिए क्या संदेश है?" "क्या मैं आयरलैंड जाऊंगा?" "आयरिश सवाल के बारे में मैं क्या सोचता हूं?" अलंकार की भाषा में कहूं तो मुझ पर झपट्टे मारे जा रहे थे।

हम चेरबर्ग से रवाना हुए और अब हम इंगलैंड की राह पर थे, लेकिन ये यात्रा रेंगने की तरह थी। जहाज बहुत धीमी गति से जा रहा था। नींद का तो सवाल ही नहीं उठता था। एक बजता, दो बज जाते, तीन बज जाते और मैं अभी भी जाग रहा होता। इंजिन रुके, विपरीत दिशा में चलने लगे और आखिर पूरी तरह से थम गये। मैं बाहर गलियारे में सामने से पीछे की तरफ और पीछे से सामने की तरफ लोगों के भागने दौड़ने की भारी आवाज़ें सुन पा रहा था। तनावग्रस्त और पूरी तरह से जागे हुए, मैंने झिर्री में से देखा। लेकिन बाहर अंधेरा था; मैं कुछ भी नहीं देख पाया। इसके बावज़ूद मैं अंग्रेज़ी आवाज़ें सुन सका!

प्रभात की किरणें फूटीं और बेहद थकान के मारे मुझे नींद आ गयी, लेकिन ये नींद भी दो घंटे के लिए थी। जिस वक्त स्टीवर्ड मेरे लिए गरमा-गरम कॉफी और सुबह का अखबार ले कर आया, मैं तड़के ही उठ चुका था।

एक हैडलाइन में लिखा था:

विराम संधि दिवस के मुकाबले

कॉमेडियन की घर वापसी

दूसरी:

सारा लंदन चैप्लिन के दौरे की बात कर रहा है।

एक और:

चैप्लिन जा रहे हैं लंदन

महान स्वागत की गारंटी

एक और बड़े आकार के फौंट में

देखो हमारे पुत्र!!

अलबत्ता, कुछेक आलोचनात्मक टिप्पणियां भी थीं:

होश में आओ!!

भगवान के नाम अब हमें होश में आ जाना चाहिये। मैं यह कहने की ज़ुर्रत नहीं कर सकता कि मिस्टर चैप्लिन ऐसे व्यक्ति हैं जिन पर सर्वाधिक अनुमान लगाये जाते हैं, और मैं यह जानने में बहुत ज्यादा दिलचस्पी भी नहीं रखता कि क्यों ये घर की याद जो उन्हें इस मौके पर इतनी ज्यादा भावुक बनाये हुए है, उन काले बरसों के दौरान सामने क्यों नहीं आयी जिस वक्त हूणों के काले कारनामों के कारण ग्रेट ब्रिटेन के घर खतरों से जूझ रहे थे। हो सकता है कि ये सच हो, जैसा कि तर्क दिया जा रहा है, कि चार्ली चैप्लिन कैमरे के सामने मसखरी की हरकतें करने में लगे हुए ही बेहतर थे बजाये वे बंदूक के पीछे रहते हुए मरदाने काम करते।

डॉक पर एक तरफ साउथम्पटन के मेयर ने मेरा स्वागत किया और तुरंत मुझे एक रेलग़ाड़ी में बिठा दिया गया। आखिरकार अब हम लंदन की राह पर थे! आर्थर कैली, हैट्टी कैली के भाई भी मेरे ही कूपे में थे। मुझे याद है कि आर्थर और मैं आपस में बातचीत का सिलसिला जमाने के लिए बाहर हरे-भरे खेतों की तेजी से पीछे छूटती दृश्यावली देख रहे थे। मैंने उसे बताया कि मुझे उसकी बहन की तरफ से एक खत मिला था जिसमें उसने पोर्ट स्क्वायर के अपने घर पर रात के खाने के लिए आमंत्रित किया था।

उसने मेरी तरफ हैरानी से देखा और कुछ परेशान सा लगा,"आपको पता है, हैट्टी मर चुकी है!"

मुझे झटका लगा लेकिन उस पल मैं उसकी पूरी त्रासदी को भीतर उतार नहीं कर पाया - बहुत सारी घटनाएं घटती चली जा रही थीं, लेकिन मुझे लगा कि मैं एक अनुभव से वंचित हो गया हूं। मेरे अतीत के दिनों से हैट्टी ही वह अकेली परिचित व्यक्ति थी जिससे दोबारा मिलना मुझे अच्छा लगता, खास तौर पर इन बेहतरीन परिस्थितियों में उससे मिलने का सुख मिलता।

अब हम लंदन के उपनगरों में प्रवेश कर रहे थे। मैं बेसब्री से खिड़की के बाहर देखने लगा। मैं पास से गुज़रती किसी गली को पहचानने की बेकार कोशिश कर रहा था। उत्तेजना के साथ ही एक डर भी घुला हुआ कि शायद युद्ध के बाद लंदन बहुत अधिक बदल गया होगा।