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चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 63

चार्ली चैप्लिन

मेरी आत्मकथा

अनुवाद सूरज प्रकाश

63

वे रसोई में चले जाते हैं। वह अंडों की बुर्जी बनाना शुरू करता है और खाने पीने की चीजें तश्तरी में रखने में लड़की की मदद करता है। लड़की तश्तरी ले कर बैठक में जाती है। जिस वक्त वह रसोई में से निकलती है, वह सतर्क हो कर उसे पीछे से देखता है, तब जल्दी से एक अल्मारी खोलता है, वहां से ज़हर निकालता है और रेड वाइन की एक बोतल में डालता है। तब बोतल का कार्क बंद करता है, दो गिलासों के साथ तश्तरी में रखता है और दूसरे कमरे में चला जाता है।

वेरडाउ: मुझे नहीं पता कि ये खाना तुम्हारी खुराक के हिसाब से है या नहीं, अंडों की भुर्जी, टोस्ट और थोड़ी सी रेड वाइन?

लड़की: वाह शानदार!!

वेरडाउ: मुझे लग रहा है कि तुम थकी हुई हो। इसलिए खाना खाने के तुरंत बाद मैं तुम्हें तुम्हारे होटल में छोड़ आऊंगा।

वह बोतल का कार्क खोलता है।

लड़की: (उसे ध्यान से देखते हुए): आप बहुत दयालु हैं। मैं समझ नहीं पा रही कि आप ये सब मेरे लिए क्यों कर रहे हैं?

वेरडाउ: क्यों नहीं, (उसके गिलास में ज़हर डालते हुए) क्या थोड़ी सी दयालुता दुर्लभ हो गयी है आजकल?

लड़की: मुझे तो लगने लगा था, है ये दुर्लभ।

वह अपने गिलास में भी थोड़ी सी शराब डालने वाला है लेकिन बहाना बना देता है।

वेरडाउ: ओह टोस्ट!

वह बोतल ले कर रसोई में गायब हो जाता है। वहां जा कर वह तेजी से उस बोतल की जगह पर दूसरी बोतल ले लेता है, टोस्ट जमाता है और वापिस कमरे की तरफ आता है। वह कमरे में आता है और टोस्ट रखता है। (चीयर्स) और वह बदली हुई बोतल में से अपने लिए गिलास भरता है।

लड़की: आप अजीब आदमी हैं!

वेरडाउ: मैं, क्यों?

लड़की: मुझे नहीं पता।

वेरडाउ: फिर भी, तुम्हें बहुत भूख लगी है इसलिए शुरू करो।

(जैसे ही वह खाना शुरू करती है, वह मेज पर पड़ी किताब देखता है।)

वेरडाउ: क्या पढ़ रही हो तुम ?

लड़की: शॉपेनआवर!

वेरडाउ: अच्छा लगता है तुम्हें?

लड़की: ठीक ठीक है!

वेरडाउ: क्या तुमने आत्महत्या पर उनकी किताब ट्रिटाइस पढ़ी है?

लड़की: मुझे जमीं नहीं।

वेरडाउ: (सम्मोहित सा) अगर अंत सरल होता तब भी नहीं? मान लो, उदाहरण के लिए, तुम सोने के लिए जाती हो, और मौत के ख्याल के बिना ही, अचानक सब कुछ थम जाता है। क्या तुम इसे इस घिसटती ज़िंदगी की तुलना में ज्यादा पसंद नहीं करोगी?

लड़की: मैं कह नहीं सकती।

वरडाउ: दरअसल, ये मौत का नज़रिया होता है जो डराता है।

लड़की: (ध्यान मग्न हो कर) मेरा तो ये ख्याल है कि अगर बिन जन्मे को भी ज़िदंगी के नज़रिये के बारे में पता हो तो वह भी उतना ही डरा हुआ होगा।

वेरडाउ इस बात को स्वीकार करते हुए सिर हिलाता है और अपनी वाइन पीता है। लड़की अपनी ज़हरीली शराब उठाती है और उसे पीने ही वाली है कि रुक जाती है।

लड़की: (सोचते हुए) इसके बावजूद ज़िंदगी खूबसूरत है।

वेरडाउ: क्या है खूबसूरत ज़िंदगी में?

लड़की: सब कुछ। वसंत की कोई सुबह, गर्मी की रात, संगीत, कला, प्यार।

वेरडाउ :(हैरानी से) प्यार?

लड़की: (थोड़ी चुनौती देती सी) ये भी तो होता ही है।

वेरडाउ: तुम्हें कैसे मालूम?

लड़की: मुझे प्यार हो गया था।

वेरडाउ: मेरा मतलब है कि तुम किसी के शारीरिक आकर्षण में पड़ गयी थी?

लड़की (पहेलियां बुझाते हुए) आपको औरतें अच्छी लगती हैं! नहीं क्या?

वेरडाउ: इसके विपरीत, मुझे औरतें अच्छी लगती हैं लेकिन मैं उनकी तारीफ नहीं करता।

लड़की: क्यों?

वेरडाउ: वे ज़मीनी होती हैं, यथार्थवादी, शारीरिक तथ्यों का बोझ रहता है उन पर।

लड़की : (हिकारत से) क्या बेवकूफी है?

वेरडाउ: जब कोई औरत किसी आदमी को धोखा देती है तो वह उसे छोड़ देती है। आदमी की अच्छाइयों और हैसियत के बावजूद वह उसके स्थान पर किसी दीन हीन आदमी को स्वीकार कर लेगी। अगर कोई दूसरा आदमी शारीरिक रूप से ज्यादा आकर्षक है।

लड़की: आप महिलाओं के बारे में कितना कम जानते हैं?

वेरडाउ: तुम्हें हैरानी होगी?

लड़की: ये प्यार नहीं है!

वेरडाउ: तो क्या है प्यार?

लड़की: देना, त्याग, वही भावना जो एक मां अपने बच्चे के लिए महसूस करती है।

वेरडाउ: क्या तुमने इस तरीके से प्यार किया था?

लड़की: हां।

वेरडाउ: किसे?

लड़की: अपने पति को।

वेरडाउ: (हैरानी से) तुम शादीशुदा हो?

लड़की: मैं थी, जब मैं जेल में थी तब वह मर गया।

वेरडाउ: ओह, तो ये बात है, मुझे उसके बारे में बताओ।

लड़की: लम्बी कहानी है ये (रुकती है) वह स्पानी गृह युद्ध में घायल हो गया था। उम्मीद से परे अपंग।

वेरडाउ: (आगे झुकता है) अपंग?

लड़की: (सिर हिलाती है) इसीलिए मैं उससे प्यार करती थी। उसे मेरी ज़रूरत थी। वह मुझ पर निर्भर था। वह बच्चे की तरह था। लेकिन वह मेरे लिए बच्चे से ज्यादा था। वह धर्म की तरह था। वह मेरे लिए सांस की तरह था। मैंने उसके लिए किसी की जान ले ली होती।

(वह अपने आंसू पीती है और ज़हरीली शराब पीने ही वाली है।)

वेरडाउ: एक मिनट रुको, मेरा ख्याल है तुम्हारी शराब में कार्क का टुकड़ा आ गया है। मैं तुम्हारे लिए दूसरा गिलास लाता हूं।

(वह लड़की का गिलास लेता है और उसे एक तरफ रख देता है, फिर वह एक साफ गिलास लेता है और अपनी बोतल में से शुद्ध शराब भरता है। एक पल के लिए वे चुपचाप पीते रहते हैं। वेरडाउ तब कुर्सी से उठता है)

वेरडाउ: अब बहुत देर हो चुकी है। और तुम थकी भी हुई हो। ये ले लो। (उसे कुछ पैसे देता है) इससे तुम्हारा एक आध दिन का गुज़ारा हो जायेगा। . . गुडलक।

वह पैसों की तरफ देखती है।

लड़की: ओह, ये तो बहुत ज्यादा हैं। मैं इतनी उम्मीद नहीं करती थी। (अपना चेहरा अपने हाथों में छुपा लेती है और रोती है) पागलञ .. इस तरह से ज़िंदगी जीते हुए. मेरा तो हर चीज़ से विश्वास ही उठने लगा था। और तभी ये होता है कि आप फिर से सब कुछ पर विश्वास करना चाहते हैं।

वेरडाउ: बहुत ज्यादा भरोसा मत करो। ये दुनिया बहुत खराब है।

लड़की: (अपना हाथ हिलाती है) ये सच नहीं है। ये दुनिया गलतियों का पुतला है और बहुत उदास है ये दुनिया। इसके बावजूद थोड़ी सी दयालुता इसे खूबसूरत बना देती है।

वेरडाउ: इससे पहले कि तुम्हारे दर्शन से मेरी नीयत डोले, बेहतर हो कि तुम चली जाओ।

लड़की दरवाजे तक जाती है, मुड़ती है, उसकी तरफ देख कर मुस्कुराती है और गुड नाइट कहते हुए चली जाती है।

ऊपर वाले सीन पर सेंसर बोर्ड को जो आपत्तियां थीं, मैं उनमें से कुछ गिनाता हूं:

वेरडाउ और लड़की में ये संवाद कि : 'इस वक्त रात को बाहर रहने का मतलब तुम बहुत ज्यादा आशावादी हो,' और साथ ही ये संवाद, 'तुम इस धंधे में कम से हो,' और, 'तुम्हारे जैसी आकर्षक लड़की कुछ बेहतर काम कर सकती थी,' बदले जाने चाहिये।

हम यहां पर इस बात का उल्लेख करना चाहेंगे कि हमारी राय में साल्वेशन आर्मी का इस तरह से उल्लेख उस गुप की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है।

मेरी पटकथा के समापन से पहले, वेरडाउ कई रोमांचकारी घटनाओं के बाद लड़की से दोबारा मिलता है। वेरडाउ फटेहाल है और लड़की अमीर हो चुकी है। सेंसर बोर्ड को उसकी अमीरी पर आपत्ति थी। दृश्य इस तरह से है:

कैफे के बाहरी हिस्से में फेड होता है। वेरडाउ मेज पर बैठा अखबार पढ़ रहा है और यूरोप में संभावित युद्ध के बारे में पढ़ रहा है। वह बिल अदा करता है और बाहर आता है। जिस वक्त वह सड़क पार करने ही वाला है कि अचानक एक स्मार्ट लिम़ाजिन से टकराते टकराते बचता है। कार के ब्रेक लगते हैं। शोफर गाड़ी रोकता है और हॉर्न बजाता है। लिम़ाजिन की खिड़की से दस्ताना पहने हुए एक हाथ उसकी तरफ हिलता है। और हैरान हो कर वह देखता है कि ये उसकी लड़की का हाथ है जिससे कभी उसकी दोस्ती हुई थी। वह वेरडाउ को देख कर मुस्कुराती है। लड़की ने बहुत ही अच्छे कपड़े पहने हुए हैं।

लड़की: कैसे हो, मानवतावादी?

वेरडाउ चकरा जाता है।

लड़की: (अपनी बात जारी रखते हुए) मेरी याद नहीं है क्या? आप मुझे अपने अपार्टमेंट में ले गये थे बरसात की एक रात थी!

वेरडाउ: (हैरानी से) क्या सचमुच?

लड़की: मुझे खाना खिलाने और पैसे देने के बाद आपने मुझे एक अच्छी लड़की की तरह घर वापिस भेज दिया था।

वेरडाउ: (हँसते हुए) ज़रूर ही मैं मूरख रहा होउँगा!

लड़की:(ईमानदारी से) नहीं, आप बहुत अच्छे थे। कहां जा रहे हैं आप?

वेरडाउ: कहीं नहीं!

लड़की: आ जाओ!

(वरडाउ कार में घुसता है।)

(कार की भीतरी हिस्सा)

लड़की: (शोफर से) कैफे लाफार्जे चलो ... मुझे अभी भी लग रहा है कि आप मुझे नहीं पहचानते। ... आप पहचानेंगे भी क्यों?

वेरडाउ: (उसकी तरफ तारीफ भरी निगाहों से देखते हुए) इस बात के स्पष्ट कारण हैं कि मैं तुम्हें याद रखूं।

लड़की: (मुस्कुराती है) आपको याद नहीं उस रात हम मिले थे। मैं उसी वक्त जेल से बाहर आयी थी।

(वेरडाउ अपने होंठ पर उंगली रखता है)

वेरडाउ: श़ी . . (वह शोफर की तरफ इशारा करता है, तब कांच को महसूस करता है) ये ठीक है . . खिड़की ऊपर है। (वह लड़की की तरफ हैरानी से देखता है) लेकिन ये सब तुम . . (कार की तरफ इशारा करते हुए) हुआ क्या?

लड़की: वही पुरानी कहानी... झोपड़ी से महल तक .. जब मैं आपसे मिली तो मेरी तो किस्मत ही बदल गयी। मैं एक बहुत ही अमीर आदमी से मिली। युद्ध सामग्री बनाने वाले से।

वेरडाउ: यही तो वह कारोबार है जो मैं करना चाहता था। किस किस्म का आदमी है वह?

लड़की: बहुत दयालु और उदार। लेकिन अपने कारोबार में वह बहुत बेरहम है।

वेरडाउ: कारोबार बेरहम काम ही होता है। माय डीयर, क्या तुम उसे प्यार करती हो?

लड़की: नहीं, लेकिन यही बात उसकी दिलचस्पी बनाये रखती है।

ऊपरवाले दृश्य पर सेंसर बोर्ड को इस तरह की आपत्तियां थीं:

कृपया नीचे दिये गये संवादों को बदलें: 'आपने मुझे एक अच्छी लड़की की तरह मेरे रास्ते पर भेज दिया था। और इसका जवाब, 'मैं जरूर मूरख रहा होऊंगा,' ये इसलिए कि इस संवाद की मौजूदा संकेतात्मक को हटाया जाये। और कृपया संवाद में युद्ध सामग्री के निर्माता के बारे में लड़की के प्रेमी के रूप में कुछ और संदर्भ डालें ताकि इस तरह का कोई संकेत न मिले कि लड़की उस आदमी की रखैल है।

दूसरी आपत्तियां दूसरे दृश्यों को ले कर और थोड़े बहुत हंसी मज़ाक को ले कर थीं।

मैं उन्हें यहां दे रहा हूं:

अधेड़ उम्र की औरत के मामले में आगे और पीछे के मस्त कटाव के बारे में कोई अश्लील जुमला नहीं होगा।

शो करने वाली लड़कियों के रुटीन डांस या कॉस्‍ट्यूम में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं होना चाहिये।

खास तौर पर गार्टर के ऊपर लड़कियों की टांगें नहीं दिखनी चाहिये।

पिछवाड़े को खुजाने वाला लतीफा हटा दिया जाये।

बाथरूम में टायलेट नहीं दिखाये जाचे चाहिये।

वेरडाउ के भाषण में से कृपया कामुक शब्द हटा दें

पत्र इस बात का उल्लेख करते हुए समाप्त किया गया था कि उन्हें मामले पर चर्चा करने के लिए मुझसे मिलने पर अपार खुशी होगी और कि फिल्म के मनोरंजन मूल्य को गंभीर रूप से चोट पहुंचाये बिना निर्माण संहिता की अपेक्षाओं के भीतर कहानी को ला पाना संभव होगा। इसलिए मैं खुद ब्रीन ऑफिस में हाजिर हो गया और मुझे मिस्टर ब्रीन के सामने ले जाया गया। एक ही पल बाद मिस्टर ब्रीन का कोई सहायक एक लम्बा, कठोर चेहरे वाला युवा कमरे में आया। उसकी टोन में ज़रा सा भी मैत्री भाव नहीं था।

'आप के मन में कैथोलिक चर्च के खिलाफ क्या है?' उसने पूछा।

'आप ये क्यों पूछ रहे हैं?' मैंने पूछा।

'यहां' उसने मेरी पटकथा की प्रति मेज पर पटकते हुए और उसके पन्ने पलटते हुए कहा: 'काल कोठरी में जहां अपराधी पादरी से कहता है, का दृश्य: 'मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं भले आदमी?'

'आप ही बताइये, क्या वह भला आदमी नहीं है?'

'यह बेहूदगी है,' उसने नाराज़गी से हाथ हिलाते हुए कहा।

'मैं किसी व्यक्ति को अच्छा कहे जाने में कुछ भी बेहूदा नहीं पाता।' मैंने जवाब दिया।

और इस तरह से हमारी बहस चलती रही। मुझे लगा कि मैं उसके साथ बर्नार्ड शॉ के संवादों का अभिनय कर रहा हूं।

'आप पादरी को एक अच्छा आदमी मत कहिये। आप उसे फादर कहिए।'

'बहुत अच्छी बात है, हम उन्हें फादर कहेंगे।' मैंने जवाब दिया।

'और ये लाइन' उसने एक और पेज की तरफ इशारा करते हुए कहा। 'आपने पादरी से कहलवाया है: `मैं तुमसे यह कहने आया हूं कि ईश्वर के साथ शांति स्थापित कर लो।' और वेरडाउ जवाब देता है: `ईश्वर के साथ मैं शांतिपूर्वक हूं। मेरा संघर्ष व्यक्ति के साथ है।' आप जानते हैं ये धर्मविरुद्ध है।"

'आपको अपनी राय रखने का अधिकार है,' मैंने अपनी बात जारी रखी,'और मुझे भी यह अधिकार है।'

'और ये' उसने पटकथा को पढ़ते हुए टोका,'पादरी कहता है: `क्या तुम्हें अपने पापों के लिए कोई प्रायश्चित नहीं है?' और वेरडाउ जवाब देता है: `कौन जानता है कि पाप क्या है। जैसे कोई स्वर्ग से पैदा हुआ हो। ईश्वर के गिरे हुए देवदूत से, कौन जानता है किससे कौन सी रहस्यमय नियती का काम बनता है?' '

'मेरा विश्वास है कि पाप भी अच्छाई की तरह महान रहस्य है।' मैंने जवाब दिया।

'ये बहुत छद्म दर्शन बघारना है।' उसने हिकारत से कहा।

'और तब आपका वेरडाउ पादरी की तरफ देखता और कहता है: 'आप बिना पाप के क्या करेंगे?'

'मैं मानता हूं कि ये लाइन थोड़ी विवादास्पद है लेकिन आखिर ये विडंबनापूर्ण हास्य ही तो है और ये पादरी को अनादर के तरीके से संबोधित नहीं किया जायेगा।'

'लेकिन आपका वेरडाउ पादरी का लगातार मज़ाक उड़ाता रहता है।'

'तो आप क्या चाहते हैं कि पादरी कॉमेडी भूमिका अदा करे?'

'बिल्कुल नहीं, लेकिन आप उसे कोई अच्छा सा जवाब क्यों नहीं देते।'

'देखिए' मैंने कहा, 'अपराधी मरने जा रहा है और बाहादुरी दिखाने के चक्कर में है। पादरी लगातार सभ्य बने रहते हैं और ये लाइनें बिल्कुल ठीक हैं। फिर भी मैं सोचूंगा कि पादरी के उत्तर के लिए कुछ अच्छी लाइनें लिखूं।'

'और ये लाइन' वह बोलता रहा,`ईश्वर आपकी आत्मा पर रहम खाये' और वेरडाउ जवाब देता है: 'क्यों नहीं? आखिर ये तो उसी से नाता रखती है' '

'इसमें गलत क्या है?' मैंने पूछा

उसने संक्षेप में कहा: '`क्यों नहीं!' आप पादरी से इस तरह बात नहीं करते।'

'यह लाइन अपने आपसे कही गयी है। आपको फिल्म देखने तक का इंतज़ार करना चाहिए।' मैंने कहा।

'आप समाज और पूरे देश की तौहीन कर रहे हैं।' उसने कहा।

'अच्छी बात है। आखिर समाज और राष्ट्र दूध के धुले हुए नहीं हैं और उनकी आलोचना की मनाही भी नहीं हैं। नहीं क्या?'

एक या दो अन्य मामूली परिर्वतनों के बाद आखिरकार पटकथा को पास कर दिया गया। मिस्टर ब्रीन के प्रति पूरी तरह न्याय करते हुए कहूं तो उनकी अधिकतर आलोचना सकारात्मक थी। उन्होंने सोचते हुए कहा,'लड़की को एक और वेश्या मत बनाइए। हॉलीवुड की हर पटकथा में एक वेश्या होती है'

मुझे ये मानना ही होगा कि मुझे खराब लगा। अलबत्ता, मैंने वादा किया कि इस तथ्य पर ज्यादा ज़ोर नहीं दूंगा।

जब फिल्म पूरी हो गयी तो इसे लीज़न ऑफ डिसेंसी के बीस या तीस सदस्यों, सेंसर तथा विभिन्न हैसियत के धार्मिक समूहों के प्रतिनिधियों को दिखाया गया। मैंने अपने आप को कभी भी इतना अकेला महसूस नहीं किया जितना उस मौके पर कर रहा था। अलबत्ता, जब फिल्म पूरी हो गयी और बत्तियां जल गयी तो मिस्टर ब्रीन बाकी लोगों की तरफ मुड़े: 'मेरा ख्याल है ये ठीक है। आइये चले' उन्होंने अचानक कहा।

वहां मौन छा गया: तभी किसी ने कहा,'मेरे साथ तो यह ठीक है। कुछ भी छुपाया गया नहीं है।' बाकी चुप रह गए।

ब्रीन शुष्क चेहरे के साथ दूसरों की तरफ उचटती सी निगाह डालते हुए बोले, 'ठीक है, ठीक है, हम इसे पास कर सकते हैं हं?'

बहुत कम प्रतिक्रिया हुई। कुछ लोगों ने हिचकते हुए सिर हिलाया। ब्रीन ने ऐसी सभी आपत्तियों को दर किनार कर दिया जो वे पूछ सकते थे और मेरी पीठ पर धौल जमाते हुए बोले,'ठीक है चार्ली, आगे काम करो और इसके प्रिंट निकलवाओ।'

मैं फिल्म को उनके द्वारा स्वीकार किये जाने को लेकर थोड़ा हैरान था और यह सोच रहा था कि शुरू में तो वे फिल्म को पूरी तरह से बैन करने पर तुले हुए थे। मैं उनके इस शानदार अनुमोदन को लेकर शक में पड़ गया। क्या वो और कोई रास्ता अपनाएंंगे?

जब मैं वेरडाउ का दूसरी बार सम्पादन कर रहा था तो मुझे युनाइटेड स्टेट्स मार्शल से इस आशय का टेलीफोन संदेश मिला कि मेरे नाम अमेरिकी विरोधी गतिविधियों पर समिति के समक्ष वॉशिंगटन में हाज़िर होने का सम्मन है। कुल उन्नीस लोगों को सम्मन भेजे गये थे।

फ्लोरिडा के सीनेटर पैप्पर उस समय लॉस एंजेल्स में थे और ये सुझाव दिया गया कि हम सलाह के लिए सीनेटर से मिल लें। मैं नहीं गया क्योंकि मेरी स्थिति थोड़ी अलग थी। मैं अमेरिकी नागरिक नहीं था। उस बैठक में हर व्यक्ति इस बात के लिए सहमत हुआ कि वे वॉशिंगटन में बुलाए जाने पर अपने सांविधिक अधिकारों पर टिके रहेंगे (जिन्होंने उनकी जमानत दी उन्हें अदालत की अवमानना के जुर्म में एक वर्ष की सज़ा सुनायी गयी।)

सम्मन में यह ज़िक्र किया गया था कि मुझे वाशिंगटन में मेरे वास्तव में हाज़िर होने के बारे में दस दिन के भीतर बता दिया जाएगा: लेकिन तुरंत एक तार आया कि मेरी हाज़िरी को दस दिन के लिए टाल दिया गया है।

तीसरी बार तारीख बदले जाने के बाद मैंने उन्हें यह उल्लेख करते हुए एक तार भेजा कि मेरी वजह से एक बहुत बड़ा संस्थान अधर में लटका हुआ है और मुझे बहुत हानि हो रही है और चूंकि उनकी समिति हाल ही में मेरे दोस्त हेन्स एस्लर से पूछताछ करने के लिए हॉलीवुड आयी थी, वे उसी समय मुझसे भी पूछताछ कर सकते थे और जनता का पैसा बचा सकते थे। 'अलबत्ता,' मैंने आगे लिखा: 'मैं आपकी सुविधा के लिए यह बताना चाहता हूं कि आप क्या जानना चाहते हैं। मैं कम्यूनिस्ट नहीं हूं और मैं अपने जीवन में न कभी किसी राजनैतिक पार्टी या संगठन ही में शामिल हुआ हूं। आप मुझे शांतिदूत कह सकते हैं। मुझे उम्मीद हैं कि इससे आपकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचेगी। इसलिए कृपया पक्के तौर पर बताइए कि मुझे वॉशिंगटन कब बुलाया जाना है।

आपका,

'चार्ल्स चैप्लिन।'

मुझे हैरानी हुई कि जब मुझे इस आशय का बेहद विनम्रता भरा खत मिला कि मेरे मौजूद रहने की ज़रूरत नहीं हैं और मैं इस मामले को समाप्त समझूं।