Ullu - 001 books and stories free download online pdf in Hindi

उल्लू - 001

उल्लू - 001
R.Singh


शहर के बेहतरीन 5 स्टार होटल ‘आकाश’ के एक प्राइवेट केबिन में रमा अपने बॉयफ्रैंड राजेश के साथ मौजूद थी और थोड़ी देर पहले दोनों ने एक साथ जीने मरने और एक दूसरे के प्रति वफ़ादारी रहने की कस्में भी खाई थी | डिनर का बिल राजेश पहले ही दे चुका था अब बस एक दूसरे से विदा लेना बाकी था | रमा को महसूस हो रहा था की आज उसके द्वारा की गई बातचीत ऊर्जावान नहीं थी शायद इसीलिए विदा होने से पहले एक बार फिर रमा ने एक दूसरे के प्रति वफ़ादारी की कस्मे खाई और राजेश को हमेशा की तरह अन्य महिलाओं के प्रति चेतावनी भी दे दी |

वैसे रमा आज आना नहीं चाहती थी परन्तु एक तो आज की डिनर डेट एक सप्ताह पहले ही तय हो गयी थी इसके अलावा रमा बहुत थकी हुई थी और घर जाकर खाना बनाना उसके बस का नहीं था और कहीं न कहीं होटल से ही खाना लेना था ऐसे में राजेश के साथ डिनर कर लेना ही उचित समझा |


वैसे रमा बहुत ऊर्जावान लड़की थी परन्तु आज वह बहुत थकी हुई थी उसका सारा दिन सुप्रीम कोर्ट के बाहर नारेबाज़ी करते और भाषण देते व्यतीत हुआ था | आज के प्रोग्राम की तैयारी पिछले कई दिन से चल रही थी और संतोष था की उसका भाषण बहुत अच्छा गया | उसका भाषण प्रिंट मीडिया के साथ साथ न्यूज़ मीडिया में भी हाई लाइट हुआ था | आज के प्रोग्राम की सफलता बहुत महत्वपूर्ण थी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के अंदर ‘विवाहित महिला’ के द्वारा अनयत्र शारीरिक संबंधों को मौलिक अधिकार एवं कानूनी हक के रूप में स्वीकार करने सम्बन्धी याचिका पर बहस हो रही थी और रमा का वकील आज बहस करने वाला था |

राजेश को रमा के हर वादे पर यकीन था इस वादे पर भी की वह सिर्फ उसकी है और अन्य व्यक्ति के बारे में कल्पना भी नहीं कर सकती ।


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शहर के बेहतरीन 5 स्टार होटल ‘आकाश’ के एक प्राइवेट केबिन में रमा अपने बॉयफ्रैंड राजेश के साथ मौजूद थी और थोड़ी देर पहले दोनों ने एक साथ जीने मरने और एक दूसरे के प्रति वफ़ादारी रहने की कस्में भी खाई थी | डिनर का बिल राजेश पहले ही दे चुका था अब बस एक दूसरे से विदा लेना बाकी था | रमा को महसूस हो रहा था की आज उसके द्वारा की गई बातचीत ऊर्जावान नहीं थी शायद इसीलिए विदा होने से पहले एक बार फिर रमा ने एक दूसरे के प्रति वफ़ादारी की कस्मे खाई और राजेश को हमेशा की तरह अन्य महिलाओं के प्रति चेतावनी भी दे दी |

वैसे रमा आज आना नहीं चाहती थी परन्तु एक तो आज की डिनर डेट एक सप्ताह पहले ही तय हो गयी थी इसके अलावा रमा बहुत थकी हुई थी और घर जाकर खाना बनाना उसके बस का नहीं था और कहीं न कहीं होटल से ही खाना लेना था ऐसे में राजेश के साथ डिनर कर लेना ही उचित समझा |


वैसे रमा बहुत ऊर्जावान लड़की थी परन्तु आज वह बहुत थकी हुई थी उसका सारा दिन सुप्रीम कोर्ट के बाहर नारेबाज़ी करते और भाषण देते व्यतीत हुआ था | आज के प्रोग्राम की तैयारी पिछले कई दिन से चल रही थी और संतोष था की उसका भाषण बहुत अच्छा गया | उसका भाषण प्रिंट मीडिया के साथ साथ न्यूज़ मीडिया में भी हाई लाइट हुआ था | आज के प्रोग्राम की सफलता बहुत महत्वपूर्ण थी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के अंदर ‘विवाहित महिला’ के द्वारा अनयत्र शारीरिक संबंधों को मौलिक अधिकार एवं कानूनी हक के रूप में स्वीकार करने सम्बन्धी याचिका पर बहस हो रही थी और रमा का वकील आज बहस करने वाला था |

राजेश को रमा के हर वादे पर यकीन था इस वादे पर भी की वह सिर्फ उसकी है और अन्य व्यक्ति के बारे में कल्पना भी नहीं कर सकती ।