Jindagi ke kuchh pal aise bhi - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

जिंदगी के कुछ पल ऐसे भी - 3

Part-3
विनय ठान लेता है | कि अन्नू को ढूंढ कर ही रहूंगा | फिर वह अपने घर के लिए निकल गया ऐसे ही दो-तीन दिन निकल गए |फिर भी विनय ने रागिनी से पूछने का सोचा| फिर अगले दिन विनय बस स्टॉप पर रागिनी से मिलता है | और अनु के बारे में पूछता है तो रागिनी बोलती हैं मेरे पास अन्नू की कोई पिक भी नहीं वरना तो मैं पिक दिखा देती और कॉलेज में फोन ले जाना भी अलाउड नहीं है तो मैंं कैसे हेल्प करूं तुम्हारी फिर रागिनी विनय से बोलती है तुम जाते वक्तत मिलना मैं आज अनु से बात करके बताती हूं | तुम ही यही वेट करना फिर विनय और रागिनी कॉलेज के लिए निकल जाते हैं | और विनय भी अन्नू को ढूंढ पानेे की उम्मीद से कॉलेज चला जाता है | रागिनी कॉलेज जाकर अनु से मिलती है और बोलती है क्यों तड़पा रही है उसको बता क्यों नहीं देती.....कि तू भी उससे प्यार करती है | और उससे अपना चेहरा क्यों नहीं दिखाना चाहती है तू तब वो बोलती है पता है | मैं हमेशा से यही सोचती थी कि कोई मुझे खुद से भी ज्यादा प्यार करें बिना मेरे बारे में कुछ ज्यादा जाने बिना मुझे देखें लेकिन हां उसने मुझे देख liya लेकिन आज तक उसने मेरा फेस नहीं देखा और जिस दिन मुझे पहचान लेगा बिना किसी हेल्प क | रागिनी बोलती है कि अगर वह ना पहचान पाए तो तब अनु बोलती है अगर वह मुझसे सच्चा प्यार करता होगा तो जरूर पहचान लेगा |

यह सब वक्त पर छोड़ते हैं |आगे क्या होगा वक्त आने पर यह पता चलेगा तब रागिनी बोलती है |कि विनय इतना हैंडसम अट्रैक्टिव स्मार्ट पर्सनैलिटी है जिसको देखकर कोई भी लड़की दीवानी हो जाए | और एक तुम हो जो उसे इतना तड़पा रही हो तुम्हें डर नहीं लगता कि वह किसी और का हो गया तो .......तब अनु मुस्कुराकर कर बोलती है अगर उसको किसी और का बोलना होता तो...... मुझे यूं पागल की तरह नहीं ढूंढता ऐसा हो तो कब का ही किसी और का हो चुका होता है | तब रागिनी बोलती है | तुम धन्य हो देवी... आपके चरण स्पर्श करना चाहती हूं मैं |अनु बोलती है ज्यादा नहीं हां विनय को बोल देना कि मेरा बर्थडे आने वाला है |मैं चाहती हूं कि वह मुझे बर्थडे से पहले ही ढूंढ ले फिर दोनों क्लास में चले जाते हैं और इधर विनय का मन नहीं लगता है| क्लास में हो और ना ही किसी और की बातों में वह सिर्फ यह सोचता रहता है कि अन्नू को कैसे ढूंढे|विनय को यू परेशान देखकर राहुल पास आकर पूछताा है पूछता है क्या बात है भाई तो इतना परेशान क्यो है |

काफी दिन से देख रहा हूं क्या बात है बता मैं तेरे कुछ मदद कर दो ना बोलता है विनय बोलता है क्या करूं मुझे किसी लड़की को ढूंढना है वह मिल नहीं रही मैं उसको पहचान नहीं पा रहा हूं राहुल Vinay का सबसे करीबी दोस्त होता है| फिर विनय उसको पूरी बात बताता है राहुल बोलता है मैं कुछ करता हूं मेरा कोई जानकार है वहां तू बता कौन सी क्लास मेंं है और क्या नाम है| तब विनय बोलता हैै कि फर्स्ट ईयर में है और उसका नाम अनु है इससे ज्यादा मैंं कुछ नहीं जानता मैंने उसका फेस भी नहीं देखा | अब राहुल बोलते हैं मिल गया जुगाड़ तू मेरे साथ चल तभी विनय बोलता है कि ठीक है अब तो क्लास में चलते हैं कल ढूंढते हैं आज उसकी फ्रेंड रागिनी से मिलना है उसको बोलना था| मैंने अनु से बात करने के लिए तो राहुल बोलता है ठीक है भाई कॉलेज ऑफ होने पर दोनों रागिनी से मिलते हैं रागिनी विनय को को सारी बात बताती है| रागिनी बोलती है कि वह तुम्हारी परीक्षा ले रही |राहुल रागिनी को देख के कुछ पल के लिए उसे नजर नहीं हटा पाया राहुल को अलग ही एहसास हो रहा था| जो उसने पहले कभी महसूस नहीं किया था रागिनी को भी कुछ ऐसा ही एहसास हुआ |लेकिन उसने उसकी की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया और बात करके चली जाती है फिर और बोलता है | तो राहुल बोलता है भाई कैसे ढूंढेगा| अब उसे जिसने तेरा सुख चैन छीन रखा है| हर पल उसी के बारे में सोचता है| Vinay बोलता है बहुत जल्द ढूंढ लूंगा|


और अब वह खुद-ब-खुद सामने आएगी | फिर दोनों घर चले जाते हैं विनय के पापा डिनर के समय विनय से पूछते हैं क्या बात है कई दिनों से देख रहा हूं नहीं तो ठीक से खाना खाते हो और ना ही बात करते हो और आते ही रूम में बंद हो जाते हो कोई परेशानी है तो बताओ मिस्टर राकेश बोलते हैं ( Vinay के पापा )अच्छा ठीक है अगर कोई प्रॉब्लम हो तो बताना डिनर करके सब सोने चले जातेे हैं अगले दिन वही रूटीन रहता है| विनय पुलिया के नीचे नहीं आया तो अनु थोड़ी उदास हो जाती है| और सोचती है कोई काम होगा इसीलिए नहींं आया होगा लेकिन 1 सप्ताह हो गया विनय कहीं दिखाई नहीं दिया एक दिन वहां आता है| लेकिन आज उसके साथ राहुल भी होता है |जो किसी और लड़की से बात करता देखकर अनु गुस्सा हो जाती है |और पैर पटकते हुए वहां से चली जाती है| फिर 1 सप्ताह तक विनय नहीं आता है |रागिनी को पूछने पर उसने भी कुछ नहीं बताया

अब अनु को मिलने की टेंशन होने लगी कहीं उसे कुछ हो तो नहीं गया क्या मेरे से नाराज है| अनु को अपने आप पर गुस्सा आता है मैं कैसी कैसी शर्ते रखती हूं | तू अब वह रहना अकेले अफसोस के साथ विनय को अनु की पूरी खबर रहती वह रागिनी से पूछ लेता लेकिन अनु को बताने के लिए मना कर रखा था | अगले दिन विनय वहां आया अब 2 दिन बचे थे अन्नू के बर्थडे में वह दुखी थी | कि उस दिन विनय को देख पाएगी या नहीं| रागिनी से भी क्या पूछूं अब ऐसे ही 2 दिन निकल गए फिर भी नहीं आया| बर्थडे की रात को अनु को नींद नहीं आ रही थी | वैसे भी हॉस्टल में 1:00 बजे से पहले सोना नामुमकिन था| बातें जो करती थी फ्रेंड से आज भी कुछ ऐसा ही था| 12:00 बजे अन्नू के roommates और फैंस ने बर्थडे विश किया फिर प्रिया दौड़ती हुई| आई और बोलती है कि किसे बार देखो न जाने किसका आशिक है |और वह भी इतना रोमांटिक सभी लड़कियां खिड़की से बाहर देखती हूं| स्टडी के बाद हॉस्टल का गेट बंद हो जाता था| और छत पर जाना अलाउड नहीं था | अनु ने देखा तो बाहर आसमान में बहुत सारी फ्लाइंग लालटेन उठ रही थी| और उनके बीच प्यार से लिखा हुआ था हैप्पी बर्थडे अवी | अनु के लिए यह सबसेेे बड़ा सरप्राइस था| हॉस्टल की सभी लड़कियां मन ही मन यह देखकर जल रही थी | किस का बॉयफ्रेंंड है | अनु roommate के टांग खींचने लग जाती है |क्या बात है यार तूने कभी नहीं बताया कि तेरा भी कोई बॉयफ्रेंड ह तनु बोलती है कि ऐसा कुछ नहीं है | और भी कोई लड़की हो सकती है | अनु मन ही मन बहुत खुश हो रही थी | कि विनय ने उसकी प्राइवेसी का भी ध्यान रखा था| पर यह अपने साथ नाम जोड़कर लिखना उसको बहुत अच्छा लग रहा था| अभी अनु और विनय विनय बार ही खड़ा था |वह भी उन फ्लाइंग लाइट्न को उड़ते हुए देख रहा था |अनु थोड़ी देर बाद वह वॉशरूम जाते हैं |washroom की खिड़की से रोड पर खड़ा आदमी को आसानी से देखा जा सकता है| अनु का रूम भी रोड की साइड ही था hostel की दीवारें इतनी ऊंची थी कि कोई दीवार कूदकर भी नहीं आ सकता और इन पर तार बंधे हुए थे | विनय बार से खड़ा देख रहा था जब अन्नू को खिड़की में देखता है तो खुश हो जाता है विनय को अन्नू ठीक से दिखाई तो नहीं दे रही थी| पर मैं उसके वजूद को महसूस कर सकता था |फिर अनु में चली जाती है और विनय के बारे में सोचते सोचते सो जाती है .........अगले दिन हॉस्टल की सारी फॉर्मेलिटी पूरा करने के बाद कॉलेज जाती है और रागिनी को ढूंढती है तो सभी लड़कियां रात वाली बात का ही जिक्र करते हैं अनु पूरी कॉलेज में कॉलेज में रागिनी को ढूंढ लेती है |लेकिन उसे वह नहीं मिलती है फिर वह क्लास में आकर बैठ जाती है |थोड़ी देर बाद रागिनी आती है और बोलती है कि बर्थडे गर्ल का मुंह कैसे उतरा हुआ है सुना है| आज मुझे कोई ढूंढ रहा था |...........रागिनी पास आकर कन्नू को गले लगाती है और wish करती है तब अनु बोलती है |कहां छुप कर बैठी थी पूरा कॉलेज छान मारा और मैडम का पता नहीं कुछ| तो रागिनी हंसते हुए कहती है सॉरी परेशान करने के लिए अब गुस्सा थूक भी दे मेरी जान तो अनु बोलती है वह तो मैंं किसी और की बन गई हूं |रागिनी ....हां बाबा पता है फिर क्लास में रागिनी .....वह cack कट करते हैं और रागिनी चुपके से फोन भी ले आती है इतने में क्लास में मैम आ जाती है सबके साथ pic लेते हैं जब मैं mam को पता चलता है कि रागिनी के पास फोन है तो वह गुस्सा करती हैं लेकिन फिर मैडम को मना लेते हैं थोड़ी देर बाद सब सीट पर बैठ जाती हैं मैडम क्लास लेना स्टार्ट कर देती है रागिनी अनु के कान में धीरे से बोलती है |कैसा लगा कल वाला सर प्राइस अनु शर्मा जाती है| तो रागिनी खिंचाई करते हुए बोलती है| मैडम को शर्म भी आती है रागिनी बोलते एक बात बताऊं यह सब विनय का ही प्लान था तक रागिनी अनु बोलती है पता है रात वाला और भी उसी ने भेजा है तो रागिनी झूठा गुस्सा करते हुए बोलते क्यों मैं नहीं खिला सकती क्या रागिनी बोलते अच्छा ठीक है तू यह बता तेरे को पता कैसे चला सर प्राइस तेरे लिए ही था | तो बोलती है बाद में बताती हूं रागिनी बोलते ठीक है |

अगली क्लास दोनों बंक मारते हैं रागिनी अनु को खाली रूम में ले जाकर बोलती है विनय से बात कर ले वह कॉलेज के बाहर ही खड़ा है बोलती है कि उसने मुझे पहचान लिया तो रागिनी बोलती है कि यह शब्द तू विनय से ही पूछ लेना तू खिड़की के पास आकर बात कर ले मैं ध्यान रखती हूं कोई आ ना जाए अनु Vinay को कॉल करती है विनय एक रिंग में ही कॉल अटेंड कर लेता है जैसे उसी के कॉल का इंतजार कर रहा था |और कर भी रहा था इंतजार कॉल का थोड़ी देर बात करने के बाद अनु भी अपने प्यार का इजहार कर देती है फिर किसी के पास खड़ी होकर विनय से बात कर करते हैं| उसे देख फिर फोन रख देती है पकड़े जाने का डर पकड़ी गई तो शुरू होने से पहले ही ऐड हो जाएगा फिर दोनों एक दूसरे को ऐसे देखते रहते हैं थोड़ी देर बाद रागिनी अनु को लेकर वहां से चली जाती हैं| और विनय भी चला जाता है| अनु जाना तो नहीं चाहती थी vigna ko आंखों से दूर होते नहीं देख सकती थी| इश्क का खुमार कुछ ऐसा ही होता है |कॉलेज ऑफ होने के बाद जब अनु हॉस्टल जाती है तो विनय को पुलिया के नीचे देखती हैं और प्यारी सी स्माइल देख कर चली जाती है |

अनु के रूमmates उसको भी उस पर थोड़ा शक हो गया था लेकिन उन्होंने पूछा नहीं ऐसे ही दिन बीते हुए |महीने का फर्स्ट संडे के दिन अनु से मिलने उसके मम्मी पापा को आएऔर रागिनी को भी साथ लेकर आए थोड़ी देर बात करने के बाद अन्नू को आउटिंग के लिए छुट्टी दिला कर हॉस्टल से बाहर ले गए थोड़ी देर मस्ती के बाद अन्नू के पापा ने रागिनी से कहा बेटा जब भी इसका मन हो भी से मिलने आ जाया करो जब हम मिलने नहीं आ सके रागिनी ने सहमति में सिर हिलाया |अनु रागिनी का कार्ड पहले से ही बनवा लिया था| अन्नू के पापा ने कहा बेटा अब हमें निकलना होगा| और वीर के हॉस्टल में भी जाना है तनु बोलती है पापा भैया का बेकार है |वह तो मिलने नहीं आता बेटा आ जाएगा |अभी उसकी एग्जाम आ रही है |इसलिए नहीं आया होगा और मैं बोल दूंगा उसको अन्नू के पापा ने कहा पहले तेरे को हॉस्टल छोड़ आते हैं |फिर जाते हैं वहां उन्होंने कहा पापा अभी एक घंटा बाकी है क हॉस्टल जानने में आप भैया से मिलने चले जाओ अनु के पापा बोलते हैं ठीक है बेटा अपना ध्यान रखना और हॉस्टल मेंं जाते वक्त मुझे कॉल कर लेना अनु अपने मम्मी पापाा के गले लगती है अनु की मम्मी उसको किस करके बोलती है कि अपना ध्यान रखना फिर वहां से चले जाते हैं रागिनी अनु को अपने रूम पर लाती है रागिनी रूम लेकर आने रहने लगी थी | Vinay भी आता है विनय को देखकर अन्नू की धड़कन तेज हो जाती हैं आज बहुत स्मार्ट लग रहा था ब्लू कलर की जींस और वाइट कलर की शर्ट में अनु भी कम नहीं लग रही थी | क्रीम कलर के टॉप और ब्लैक कलर की जींस और पोनी बना रखी थी बालों की कुछ पल के लिए अनु को देखता ही रह गया क्योंकि आज उसने पहली बार अनु को इतने करीब से देखा था....... फिर रागिनी बोलती है कि तुम दोनों बात करो मैं थोड़ी देर में आती हूं अनू रागिनी को रोकना चाहती थी पर मैं कुछ बोल पाती उससे पहले ही रागिनी बाहर चली जाती है और बाहर से रूम बंद कर देती है |

अब रूम मेंं अनु और विनय थे दोनों को समझ नहीं आ रहा था कि बात कहां से शुरू करें कुछ देर ऐसे शांत रहने के बाद विनय बोलता है कि कैसी हो Anu बोलती है ठीक हूं |और जैसे भी हो अब तुम्हारी हो ऐसे ही थोड़ी देर बाद करने के बाद अनु उठकर जाने लगती है

विनय उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लेता है अन्नू को कमर से पकड़ कर करीब कर लेता है जिससे अनु की धड़कन और तेज हो जाती है अनु इतना करीब आ जाती है कि उसकी धड़कनों को महसूस कर सकते हैं |और उसकी गर्म सांसों को भी यह सब अनु के अंदर तक हलचल मचा रहे थे | Anu अपनी आंख बंद कर लेते हैं तभी विनय अपने हॉट होंठ अनु के कान के पास ले जाकर बोलता है|

मैं तुम्हारी मर्जी के बिना कुछ नहीं करूंगा डरो मत विनय की गर्म सांसे और उसका यह अंदाज उसको और और पिघला रहा था ऐसा लग रहा था कि अगर वह थोड़ी देर और ऐसे ही रहे तो अपना कंट्रोल खो देंगे |फिर भी नन्नू के कान जैसे बोलता है आंखें तो खोलो लो इस बार विनय के हॉट अनु गाल को टच कर गए तनु के शरीर में जैसे करंट दौड़ गया हूं वह भूत बनकर विनी कोई देखने लगी लेकिन अनु को Vinay का ऐसा करना अच्छा लग रहा था लेकिन अनु आंखों में आंसू आ गए विनय अनु को छोड़ देता है और बोलता है क्या हुआ तो अन्नू बिना कुछ बोले विनय को टाइट हग कर लेती है|
और बोलती है तुम मुझे कभी छोड़ कर तो नहीं जाओगे ना तो विनय बोलता है |कैसी बातें कर रही हो मैं तुम्हें छोड़कर कहां जाऊंगा|




आगे की कहानी जानते हैं अगले पार्ट में.......