Kuchh chitra mann ke kainvas se - 21 books and stories free download online pdf in Hindi

कुछ चित्र मन के कैनवास से - 21 - नेवी पियर

नेवी पियर

नेवी पियर मिशीगन लेक पर स्थित हारबर है जहां वोटिंग करते हुए हम शहर की खूबसूरती का नजारा देख सकते हैं । वोट 1 घंटे से आधा घंटे के लिए मिलती है । मोटर बोट के लिए बुकिंग नेट द्वारा पहले ही करा ली थी । बोट शो के प्रारंभ होने में अभी समय था अतः हम वहां होने वाले एक कंसर्ट (गीत संगीत कार्यक्रम) की टिकट लेकर थिएटर में चले गए । लगभग 1 घंटे का शो था । कलाकार बड़ी ही खूबसूरती के साथ अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे थे । विभिन्न तरह के डांस थे जिनके द्वारा कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए विभिन्न तरह के करतब दिखा रहे थे । कुछ दृश्यों को देखकर हमें अपने समय में होने वाले जेमिनी सर्कस की याद दिला दी। उसमें जानवरों के करतब दिखाने के बीच में लड़के, लड़कियां काफी कुछ इसी तरह का नजारा पेश किया करते थे । मुख्यतः शो की निरंतरता ने हमारा मन मोह लिया ।

शो के समाप्त होने के पश्चात हम जॉइंट व्हील में बैठे । मेरा तो बैठने का मन नहीं था पर प्रभा एवं आदेश जी के कहने पर बैठ गई । जॉइंट व्हील जैसे -जैसे ऊपर जा रहा था मिशीगन लेक के चारों ओर फैला नजारा बहुत ही सुंदर नजर आ रहा था ।उसे देखकर ऐसा महसूस हुआ कि जॉइंट व्हील में बैठकर अच्छा ही किया । जब घूमने आए हैं तब हर तरह का आनंद लेना ही चाहिए ।

अब तक मोटर बोट में बैठने का हमारा नंबर आ गया था । हम वहां पहुंच कर कतार में खड़े हो गए । नाव ठीक-ठाक थी । नाव में बैठने की बेंचें लकड़ी की थीं । हम सामने की बेंच पर जाकर बैठ गए जिससे कि दृश्य अच्छी तरह से दिखाई दे । सफर प्रारंभ हुआ साथ साथ चलती नावें , वहां का लाइटहाउस, आकाश को छूती इमारतें, सूरज के डूबते समय आकाश में छाई लालिमा तथा उसका पानी में पड़ता प्रतिबिंब दृश्य को अत्यंत ही मनमोहक बना रहे थे । अभी हम चारों तरफ फैली सुंदरता को आंखों में कैद करने का प्रयास कर ही रहे थे कि एकाएक हमे नाव ने अपने डेस्टिनेशन की ओर लौटना आरंभ कर हमें एहसास करा दिया कि अब हमारा लौटने का समय हो गया है । आधा घंटा कैसे बीत गया पता ही नहीं चला ।

हमें लेने के लिए पंकज जी आने वाले थे उनके आने में अभी समय था अतः हमने वहां उपस्थित आर्ट गैलरी में प्रवेश किया । शीशे पर रंगों से उकेरी कलाकृतियां बेहद सुंदर थीं । एक के बाद एक कलाकृति को निहारते हम आगे बढ़ रहे थे तभी पंकज जी का फोन आ गया कि मैं आधे घंटे में पहुंच रहा हूं । जल्दी-जल्दी हम जितना देख सकते थे हमने देखा फिर बाहर आ गए । बाहर क्रैकर शो हो रहा था । क्रेकर शो काफी कुछ उसी तरह का था जैसा बोट शो के समय हुआ था । उसे देखने के लिए काफी संख्या में लोग वहां उपस्थित थे । हम क्रेकर शो को देखते-देखते बाहर निकले । निर्धारित जगह पर पहुंचते ही पंकज जी हमें मिल गए ।

दूसरे दिन प्रभा ने हमें वहां के कुछ स्टोर घुमाने की योजना बनाई । अगले सप्ताहांत में हमारा नियाग्रा फॉल देखने का प्रोग्राम था । नियाग्रा फॉल कनाडा की तरफ से देखने से अच्छा लगता है पर हमारे पास कनाडा का वीजा नहीं था । प्रभा पंकज जी का कहना था कि नियाग्रा जाते समय डेट्राइट जहां से कनाडा का वीजा मिलता है, रुककर वीजा बनवा लेंगे । उसके लिए फोटो खिंचवाना था । प्रभा ने एक स्टोर के सामने गाड़ी पार्क की। हमें देखकर आश्चर्य हुआ कि वहीं पर एक महिला ने डिजिटल कैमरे से हमारी फोटो खींची तथा तुरंत ही प्रिंट करके हमें दे दी । वहां हमारे भारत की तरह अलग से फोटो स्टूडियो नहीं था ।

अधिकतर यहां बड़े-बड़े स्टोर हैं । जहां सब सामान मिल जाता है ।बअब तो भारत में भी रिलायंस स्टोर ,बिग बाजार, स्पेंसर ,विशाल मेगा मार्ट जैसे स्टोर या माल या इन मॉल की चेन हर शहर में खुल गई है अतः इन्हें देखकर हमें ज्यादा आश्चर्य नहीं हुआ पर अभी भी दिल्ली ,बेंगलुरु मुंबई इत्यादि बड़े शहरों को छोड़कर फल और सब्जियों की इतनी वैरायटी शायद ही देखने को मिलें । शिमला मिर्च... लाल पीली, हरी... साइज भी बड़ा, देखने में बहुत ही अच्छी लग रही थीं । फूल गोभी, पत्ता गोभी ,ब्रोकली ,पालक, मेथी, भिंडी, गाजर के अतिरिक्त भारत के खरबूजे की तरह का फल कैंटलूप और हनीड्यू यहां तक कि तरबूज अभी हमें दिखाई दिया ।

इसके पश्चात प्रभा हमें 'डॉलर ट्री 'नामक एक स्टोर में ले गई । यह काफी बड़ा स्टोर था । इसकी विशेषता यह थी कि यहां हर चीज $1 की थी । टूथपेस्ट ,पेपर नैपकिन, किचन टॉवल, नेल पॉलिश, लिपस्टिक ,क्लिप जैसी चीजों के अतिरिक्त डेकोरेटिव पीस इत्यादि भी थे ।हमने पूरा स्टोर घुमा । कुछ चीजें तो मूल्य के हिसाब से हमें उचित तथा आवश्यक लगीं, वह हमने लीं ... जैसे टूथपेस्ट, सैनिटाइजर , जिप लॉक बैग, एल्मुनियम फाइल, क्लिंग फ़िल्म इत्यादि ।शाम हो चुकी थी हम घर लौट आए ।

सुधा आदेश
क्रमशः