Kouff - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

खौफ - 1

यह कहानी एक सत्य घटना पर आधारित हैं, इस कहानी का मुख्य पात्र (ज़फ़र) यह एक काल्पनिक नाम हैं,
उसकी दूर की नज़र हल्की भर कमजोर थी ,
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कभी डर,कभी दर्द,कभी आहट, कितना कुुछ सिमट जाता इनकेे चारों तरफ जब यही आहटे सन्नाटे को चीरती हुईं

बंद आंखों को खोलती हुईं, दिल की धड़कनों को तेेेज करती हुईंं ,डर के साथ सिमट जाती हैं।

ज़फ़र एक मिडिल क्लास परिवार से था अपने परिवार का पेट भरने के लिए उसे दर बदर की ठोकरें खानी पड़ती थी__
उसके पास उसके पिता की पुरानी स्कूटर थी जो कि खटारा हो चुकी थी,
उसके पास इतना पैसा भी नहीं था कि नई
ले सकें एक दिन वह किसी घने जंगल से गुज़र रहा था और उसकी पुरानी फटफटिया जैसी स्कूटर आवाज़ खड़खड़ करती हुई पूरे सन्नाटे को चीर रही थी एक तो काली रात का साया,

सड़क पर कोई भी नहीं केवल वही और उसकी खटारा स्कूूूटर थी,
घने जंगल के बीचों-बीच बहुत बड़ा मकान था।।
उस मकान की लाइटें भी हल्की भर जलती हुई प्रतीत हो रही थी/ऐसा लग रहा था मानो कि जैसे वहां कोई रहता हो रात के लगभग ३.००से३.३०का समय था उसकी स्कूटर उसी मकान के सामने आकर ही ख़राब हो गईं वह मकान महल जितना ही बड़ा था जंगल के थोड़ेेेेेे अंदर जाकर था जो कि थोड़ी दूर से दिखाई दे रहा था_
परंतुुुुुु ज़फ़र को अंदर जातेे हुुुुुुए डर लग रहा था, इस समय मदद के लिए कोई भी आसपास दिखाई नहीं दे रहा था, उसकेेे अंदर डर था और उसके दिल की धड़कनों की आवाज़ बाहर तक सुनाई दे रही थी।

वह काफी देर तक उसी सड़क पर खड़ा रहा शायद इस उम्मीद से कि उसे कोई मदद मिल जाती लगभग 15 से 20 मिनट तक वह वहीं खड़ा रहा परंतु उसने उस मकान की तरफ पीठ कर रखी थी /काफी देर खड़ेेेेेेेेेेेे रहने के बाद उसने उस मकान की तरफ मुड़ कर देेखा,
तो वह हैरान हो गया उसे उस मकान की छत के ऊपर की दीवार पर कोई चलता हुआ दिखाई दिया,
वह 1 मिनट के लिए डर गया कि इस समय कौन हो सकता हैं,

एक तो वह जंगल बियाबान में रह रहा हैं और छत की उपरी दीवार के ऊपर चल रहा हैै क्या उसे गिरनेे का
डर नहीं हैं।।

उसने अपना चश्मा निकाला और अपनी आंंख पर लगाया और जब गौर से देखा तो वह एक काला साया सा था/जो चांद की रोशनी में और भी डरावना लग रहा था, एक तो अंधेरा बहुत था, दूसरा चांद की रोशनी और वो साया
जैसे-जैसे ज़फ़र और भी गौर से उसे देखने लगा, वैसे वैसे मानो वह साया भी उसकी ओर देख रहा हो,
डर केे मारे जैसे तैसे अपनी उस खटारा स्कूटी को लेकर भागनेे लगा,उसे लग रहा था मानो कि जैसे कोई उसका पीछा कर रहा हो/ एक उसका स्कूूटर नहीं चल रहा था,दूसरा पसीने से लथपथ होकर वह स्कूटर को पकड़ कर भाग रहा था जब से उसने वह भायानक साया देखा।

क्रमशः
कहानी का दूसरा और आख़री भाग बहुत जल्द लेकर आएंगे_🙏