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अतीत... प्यार की एक कहानी - 1

चेप्टर 1: ध रीयुनियन डे
“दोस्तों पाँच मिनिटमे मीटिंग के लिये रेडी रहिए ” सागर ने अपनी कंपनिके पाँच वरिष्ठ कर्मचारिओको अपनी केबिनमे से आधा बाहर आंके कहा। सागर ,सागर भारद्वाज एक एक्सपोर्ट कंपनिका मालिक था। तीन सालसे अपनी कंपनी बहोत अच्छी चला रहा था। मीटिंग रूममे सबने अपनी जगह ली और सागर कुछ प्रेज़नटेशन दे रहा था, “ So this project is very important for us,”हमें कुछ भी करके यह प्रोजेक्ट लेना है। सागर आगे कुछ बोले इससे पहले उसका ध्यान साइलन्ट मोडपे रखे हुए अपने मोबाइल पर गया। मोबाइलपे विशाल के 3 मिस कॉल और 189 वोट्सऐप के एक ही ग्रुप के अनरीड मेसेज का नोटिफिकेशन था। रीयुनियन बेंच 2009-12 का ग्रुप बनाना। रीयुनियन शब्द देखकर मानो सागर कही खो गया हो ऐसा लगता था। ”दस मिनिट के ब्रेक के बाद फिरसे मिलते है,” सागर अपने कर्मचारिओको कहा। पिछले सात सालो से सागर विशाल के सिवा किसिसे नहीं मिला था। ग्रुप मे अंतिम मेसेज लिखा था अगर कोई रीयुनियन मे आना चाहता हो तो विशाल को मेसेज करके दिन ,समय और पता जानले।मेसेज पढ़ने के बाद सागर ने तुरंत विशाल को मेसेज किया,”हेय विशाल सागर हियर,आई एम इन फॉर रीयुनियन।“ सामने से स्मायलिके साथ जवाब ओके आया।
सागर 31 सालका एक हेंडसम और मजबूत कद काठी वाला और कुँवारा लड़का था जो किसी भी लड़की के सपनोके राजकुमार की कल्पना जैसा था। कोई भी लड्की पटाना उसके बाए हाथका खेल था। गुड लुक्स के साथ दिमागभी ऊपरवालेने बहोत अच्छा दीयाथा।
रीयुनियन विशाल के ही रिसोर्ट मे रखा गया था,जो अहेमदाबादसे सिर्फ तेरा किलो मीटर की दूरी पर था। रिसोर्टकी लोकेशन बहोतही बढ़िया थी,फूल फोटो लोकेशन रिसोर्टमे एक गार्डेन,जिम ,रेस्टोरां एक बड़ा स्विमिंगपूल और डिस्को थेक के साथ कुछ गेम्स एक्टिविटी रूम थे।रीयुनियन शाम पाँच बजेसे शुरू होकर देर रात तक चलने वाला था। आज सभी वो पुराने दोस्त मिलने वाले है,जो कितने साल से नहीं मिलेथे। यारी दोस्तीकी वो महेफिल लगेगी जो कितने सालो से सुनी पड़ी थी।
सागर ने अपनी काले रंगकी शानदार एस.यू.वी से उतरा,थोड़ा देरी से आया था इसलिये चहेरा शीशे मे देखकर फटाफट अंदर आया।रीयुनियन पार्टी गार्डनमे चल रही थी जो विशाल होस्ट कर रहा था और बारी बारी सबको वेलकम कर रहा था। तकरीबन सतर से अस्सी लड़के लडकीया वहां उपस्थित ।काले रंगका अरमानी सूट,काले रंग की घड़ी और काले जूते सागरकी 5 फिट 11 इंच ऊंचाई और गोरे बदनपे जच रहे थे। “वाउ !!! सागर आजभी कितना हॉट लग रहा है,” चार लड्कीओके ग्रुपमे से आई आवाजों को अनदेखा और अनसुना करके सागर सीधा विशाल के पास गया।
“अरे सागर आगया, मेरे दोस्त वेलकम, अब आएगी पार्टी मे जान” विशाल ने सागर को गले लगाके कहा और माइक सागर को दीया। कोलेजके जमाने का स्टेंडअप कोमेडियन और सभी दोस्तों और पार्टी की जान था सागर।
“अरे नहीं दोस्तों अब वो बात रही नहीं,सब को यहा देखकर बहोत अच्छा लगा। आप शैड्यूल के मुताबिक प्रोग्राम चालू रखिए।“ कहके सागर सामने अपने दूसरे दोस्तोके ग्रुपके पास जाके बैठ गया। विशालने कार्यक्रम की रूपरेखा सबको बताते हुए बारी बारी आने वाले नये मेम्बरका स्वागत किया।
“प्लीस! अनन्या स्टॉप बेबी,गिर जाओगी। एक जानी पहेचानी आवाज ने सागरका ध्यान पीछे की ओर खिचाम पीछे मुडके देखा तो एक लड़की बेकलेस काले गाउनमे अपनी तीन साल की लडकीको डाटते हुए टेकसी वालेको पैसे देते वक़्त बोली। पैसे देकर वो मुड़ी तो सागर उसे देखतेही रह गया,दोनों की आंखे मिली और वो लड़की वही खड़ी रह गई। सागर भी अपनी जगह से कब खड़ा हो गया वो उसकोभी पता नहीं चला। लाउड स्पीकरमे बजता हुआ म्यूजिक,माइक मे विशाल की आवाज और आस पास के सभी लोग की गुनगुनाहटकी आवाज मानो दोनों के लिए थम गई हो ऐसा लगता था। “मम्मी अब चलो भी कहके छोटी बच्चिने उसकी मम्मी का हाथ खिचा और उसका ध्यान सागरकी आंखोसे हटा। नजाने क्यू सागर के पैर उस लडकीके पास जाने के लिए आगेना बढ़े ? सागर सिर्फ उसको देखता रहा। तभी उस लडकीको सामने देख विशाल ने माइक मे से कहा, “वाऊ! इतने सालके बाद “मानसी” हमसब के साथ मोजूद है ,वेलकम मानसी लेट्स चीयर्स फॉर हर।“
मानसी सबको हाय बोलकर जहाँ सागर खड़ा था वहाँ तीन लडकीया और तीन लड़के और बैठे थे उस ग्रुपके पास जाकर बारी बारी सबको गले लगकर मिल रही थी।अंतमे सागर को सिर्फ हाय कहके हाथ मिलाया।सागर की आंखे मानो बहोत कुछ कहेना चाहती हो पर ,” हाय मानसी कैसी हो ?”सागर बस इतनाही पुंछ पाया।
“बस ठीक हु ” मानसी ने जवाब दीया और सब के साथ मानसी ने ग्रुप मे अपनी जगह ली। रीयुनियनकी पार्टी चल रही थी बारी बारी कुछ लोग सामने बने छोटे स्टेज पर कॉलेज और दोस्तोसे जुड़ी अपनी यादों को बयान कर रहे थे। पूरे गार्डेन मे कुछ लोग कुर्सियाँ राउंडमे लगाकर और कुछ लोग जोड़ोमे बैठे थे।
सागर,मानसी विशाल और उसके पाँच दोस्त उन सबका पक्का ग्रुप कोलेजमे बहोत प्रख्यात था।विशाल कार्यक्रमका संचालन अपनी आसीस्टंटको देकर अपने ग्रुपके पास आ गया। सभी कार्यकर्म को एंजॉय कर रहे थे और ग्रुपमे किसिने कहा , “अरे सागर अभीभी शादी नहीं की तुमने ? कब करेगा भाई ? अब सेटल होजा ”,ऐसा सवाल सागर का पीछा हर जगह करता रहेता था।जवाब मे सागरने सिर्फ मुसकुराकर कहा, “कर लूँगा भाई ।“
ऐंकर सबको अलग अलग गेम्स खिला रही थी और नियम बनाया था की हर किसिकों कोई एक गेममे निश्चित रूपसे भाग लेना पड़ेगा।
“ ईश शाम की आखरी और मेरे खयालसे सबकी पसंदीदा गेम,ध पेपर डांस” खेलने का समय है ,तो जो लोग बाकी है वो अब आगे आ जाये।“ ऐंकर ने कहा।
अंतिम गेम के लिए बाकी बचे सब लोगोने पेपर डांस के लिए अपने अपने पार्टनर चुन लिये।दो लड़के और दो लडकीयों के रूप मे भी पार्टनर बने।बचे थे तो अब सागर और मानसी। ना चाहते हुए भी नियमके मुताबिक दोनों को एक दूसरे का पार्टनर बनना पड़ा।पहेले राउंड के लिए सागरने मानसीकी तरफ अपना हाथ आगे बढ़ाया पर मानसीने दूरी बनाकर डांस किया।मगर आगेके राउंडमे दोनों एक दूसरेके करीब आते गये।पता नहीं क्यू मानसी की नझरे झूंकी हुई थी? उसकी आँख मे नफरत और थोड़ा दोषी भाव का समन्वय दिख रहा था।मगर सागर आज भी मानसी से बेहद प्यार करता था।गेम के चोथे राउंड मे मानसी के पैर सागर के पैरो पर थे ,उसके दोनों हाथ सागरके गले के पीछे लिपटाए हुए थे,और सागरके हाथ मानसीके खुली पीठ, पर दोनों अब इतने करीब थे की दोनों की साँसे एक दुसरेसे टकरा रहीथी।
“तुम पहेले जैसी ही खूबसूरत लग रही हो,कैसी हो तुम ?ना कोई कॉल ना कोई मेसेज,एक बार भी कोंटेक्ट नहीं किया?और तुम्हारी बची भी तुम्हारे जैसी खूबसूरत है। सागरने एक ही सांसमे सब कुछ बोल दिया।
“ठीक हु मे। तुमने भी कहा मुजे पिछले 7 सालोमे कोंटेक्ट किया ?खास तौर पे जब मुजे तुम्हारी बहोत जरूरत थी।“ मानसीने जवाब दिया।
एक महीना पूरा पागलों की तरह तुम्हें ढूंढता रहा और पता चला तुमने शादी करली। वैसे तुम्हारा पति नहीं आया??? सागरने धीरे से पूछा

पति आया होता तो अभी तुम्हारे साथ डांस नहीं करती। और शादी क्यू नहीं की अभी तक ?? मानसीने जवाब देके प्रश्न पूछा।
“शादी,शादी कैसे करता ? तुम .....” सागर आगे कुछ बोले इससे पहेले अंतिम राउंड शुरू होने का अनाउंसमेंट हुआ।सागरने मानसी को अब अपनी गॉदमे उठाकर डांस करने लगा,सब लोग अब उनको ही देख रहे थे और वो दोनों एक दुसरेकी आंखोमे, मानो कॉलेज का वो बेस्ट कपल लॉट आया ऐसा लगताथा ।
सागर हम जीत गए है,गेम खतम हुआ मुजे नीचे उतारो सब देख रहे है। सागरने अभी भी मानसिको अपनी गोदमे जकड़ा हुआ था।एक जमाने का बेस्ट कपल जिसने कॉलेज मे बहोत सारे डांस कोंपीटेशन जिते थे वो आज भी बेस्ट कपल रहा। सागरका स्पर्श पाकर आज मानसी का थोड़ा गुस्सा कम होता दिख रहा था।
“मानसी लुक आई एम सॉरी,मैंने तुम्हें ढूंढनेकी बहोत कोशिश की मगर तब तक बहोत देर हो गई थी। तुम्हारी शादी हो चुकी थी।मानसी की आंखमे सिर्फ आँसुओ थे।



चेप्टर 2: अतीत पे नज़र
कॉलेज के ऑडिटोरियम मे एक सर्कल बनाकर तीस से चालीस लड़के और लडकीया बैठी थी और सबके बिचमे सागर और विशाल खड़े थे,सागर जो कॉलेज का कल्चरल सक्रेटरी (सी.एस) था और विशाल वाइस सक्रेटरी।
“ दोस्तों इस सालभी हर साल की तरह इंटर कॉलेज यूथ फेस्टिवलमे हमें ज्यादा से ज्यादा प्रतियोगिता जितनी है,यह पेपर मे प्रतियोगिता के नाम और उसके कप्तान का नाम है,टेलेंट ओर रुचि के अनुसार अपनी टीम बनालों।” सागर ने सबको कहा।
“ तो दोस्तों काम पे लग जाओ,स्टेंडअप कॉमेडी ओर फोल्क डांस सागर लीड करेगा” विशाल ने कहा।
सागर खुद अव्वल नंबर का डांसर ओर स्टेंडअप कोमेडियन था,पूरे ग्रुप की शान और जान साथमे एक कुशल नेताभी था। तीन चार दिन की मेहनत के बाद भी सागर के डांस ग्रुपमे अभी तक उसको अपना सही पार्टनर नहीं मिला था। सब लोग निराश होकर ऑडिटोरियम मे बैठे थे तब अचानक विशाल ने कहा,
“ अरे सागर सुन पहेले सालमे एक लड़की है वो डांस अच्छा करलेती है,काफी चर्चे सुने है उसके ओर बेहद खुबसूरत भी है।
“ कौन वो मिस फ्रेशर? क्या नाम था उसका ??? “ सागर ने पूछा
“मानसी “ विशालने जवाब दिया
तो देर किस बात की बुलाओ उसे।सागर ने कहा
दूसरे दिन उसी जगह पे... “हाय,सागर कौन है? कल उसने मुजे बुलाया था, ऑडिटोरियमके दरवाजे से अंदर आके मानसीने पूछा “ब्लू कलर की केपरी और बेबी पिंक रंग की स्लीवलेस शर्ट,खुले बाल और वाईट रंगके स्पोर्ट्स सूज पहेने हुई मानसी को सागर देखतेही रह गया।आंखोमे काजल होठोपे हल्की सी पिंक लिपस्टिक और बगलमे लाइट ब्राउन कलर की जिन्सकी बेग जिसपे सफेद रंगका दुपट्टा बंधा हुआ था।सागर अपनी कॉलेज का “किंग ऑफ फ़्लर्ट “ था वो तुरंतही मानसीके पास जाके बोला, “ क्या तुम पहेली नजर के प्यारमे विश्वास रखतीहों,या मे मुड़के दुबारा आऊ?’’ सागरकी ऐसी बात मानसीके चहेरेपे एक मुस्कान ले आयी।
“मे सागर इस कॉलेजका सी.एस और डांसकी टीम का कप्तान। सागर ने कहा
मे मानसी डांस के लिए आई हु, मानसीने कहा।
सागरने बारी बारी मानसी की पहेचान सबसे करवाई। मानसी एक बेहद खूबसूरत शांत और अच्छी लड्कीथी।सागर तो देखतेही उसके प्यारमे पड गया था।
अंत: एक राजस्थानी फोक गीत प्रतियोगिता के लिए पसंद हुआ गीत के शब्द थे “ मारा छेल भवरनो कांगसियों” प्रतियोगितामे सिर्फ दो महीने बाकी थे। सब ने बहोत सारी प्रेक्टिस की शुबह कॉलेज मे तो शाम को सागर के या विशालके घरमे। इस सब बीच सागर और मानसी एक दूसरेके करीब आते हुए दिखे।
एक दिन की बात है सागर और मानसी दोनों केंटीनमे बैठे थे और मानसीने कहा, “तुम डांस अच्छा कर
लेते हो,कॉमेडीभी मस्त करते हो तुम्हारी गर्ल फ्रेंड कभी बोर नहीं होगी,इतना फ़्लर्ट करते हो सब के साथ तो कोई समवन स्पेशल तो होगाना?बताओ कोई गर्ल फ्रेंड है या नहीं?’’
“ये दिल खुल्ली किताबकी तरह है ,अभीतक किसिने यहा कुछ लिखा नहीं। और हा मेडम फ़्लर्ट कभी हर्ट नहीं होता,और मेरा नसीब मानो तो नसीब पर मेरे फ़्लर्टको कोई सीरियसली लेता ही नहीं।हर कोई लड़की कहेती है, चल जुठे तेरितों कोई गर्ल फ्रेंड होगीही ना, इसलिए आज तक कोई मेरी गर्लफ्रेंड नहीं बनी। सागरने बिंदास होके जवाब दिया।
“सागर तुम्हें कैसी लड़की पसंद है?मानसीने पूछा
“बिलकुल तुम्हारे जैसी” सागरने तुरंत जवाब दिया “अरे आई मीन तुम्हारे जैसी खूबसूरत,होशियार ओर बस तुम्हारे जैसी, सागरने परोक्ष रितसे अपनी मनकी बात बताई।
“मुजे भी तुम्हारे जैसा लड़का पसंद है,थोड़ा रुकके मानसीने कहा की मे भी अच्छा फ़्लर्ट सीख गई हुना ?
“ हाँ बहोत अच्छा शिख गई सागरने मुश्कुराते हुए कहा।

यूथ फ़ेस्टिवल कुल तीन दिनो तक चलने वाला था।शुबहको छोटी छोटी प्रतियोगिता और रातको ड्रामा कोंपिटेशन।
सागर पहेलेही दिन मे स्टेंडअप कोमेडिमे जीत गया था।दूसरे दिन डांस कोंपिटेशन होने वाला था, सागर और उसकी टीम तैयारथी। दो महीने की प्रेक्टिस बाद सागर और मानसीकी केमेस्ट्री बहोत अच्छी जम चुकी थी।डांस के कही सारे स्टेपमे दोनोंने एक दुसरेको छुआ और जादा करीब आते थे।दोनों आंखोमे एकदुसरेसे के लिए प्यार साफ दिख रहा था।अंतिम परिणाम आया सागर और उसकी टीम जीत गई।सब ने एक दुसरेको गले लगाया,अंतमे सागरने मानसिको बहोत ज़ोरसे गले लगाया मानो कोई जनम जनम का प्रेमी कई सालोके बाद मिल रहा हो।