Thai Niremit yani Thailend ka jaadu - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

थाई निरेमित यानि थाईलैंड का जादू - 3

एपीसोड - 3

"म---माअ ---बि केयरफुल ---. "मेरे गाड़ी में चढ़ते ही जी जी अपना लाड उडेंल देती है, "अब मैं आपको यहाँ का सबसे पुराना टेंपल दिखाऊँगी. "

इस मंदिर का स्थापत्य व रंग वैसा ही है, अन्दर बुद्ध की बड़ी प्रतिमा व दिन के हिसाब से आठ सुनहरी बुद्ध की प्रतिमायें बनी हुई हैं लेकिन ये छोटा है. बाहर की दीवार के ऊपर एक ड्रैगन बना है. उससे सटे दाँयी ओर के तालाब में काली मछलियाँ तैर रहीं हैं. इस तालाब की बाउंड्री पर बहुत से पत्थर के मोटे मोंक विभिन्न मुद्राओं में खड़े हैं. मन्दिर के दूसरी तरफ़ बनी एनेक्सी को दिखाकर कहती है., "वहाँ प्रीस्ट रह्ते हैं. "

मैदान के पार की इमारत को दिखाकर कहती है, "वहाँ स्कूल है. मैं व मेरी दो बहिनें भी इसी स्कूल में पढ़ीं थीं. इस स्कूल में' नो मनी' वालों का बच्चा पढ़ता है. मेरा पापा जल्दी मर गया था अब मैं टैक्सी चलाती हूँ. घर में माँ है. बहिन हैं. "

"हसबैंड ?"

""येस येस ---वो स्कूल में पढ़ाता है. "वह नजरें चुराते हुए कहती. तभी मेरी नजर उसकी पीले काले कंचो सी चमकती हुई आंखों पर पड़ती हैं उसने बिल्ली की आंखों जैसे कॉन्टेक्ट लैन्स पहने हुए हैं. अभिनव उसकी फ़ोटो लेते हैं तो वह आँखें छोड़कर चेहरा छिपा लेती है.

एक ओर हटकर मैदान में बने छोटे से टेंपल के सामने कुछ लोग अगरबत्ती जला रहे है. जी जी कहती है,"उधर का इंडियन बुद्धा देखकर आइए. "

"क्या ?"

चबूतरे पर थोड़ी ऊँचाई पर सफ़ेद रंग के मन्दिर के बीच अपने विष्णुं भगवान को देखकर हमारी हंसी निकल जाती है,तो विष्णुं भगवान थाईलैंड पहुँच कर 'इंडियन बुद्धा 'हो गए हैं.

गाड़ी में बैठते ही अभिनव से रहा नहीं जाता वह पूछते हैं,"ये गाड़ी कितने की खरीदी है ?"

वह कीमत बताती है व कहती है,"ऐसी मेरे पास चार पाँच गाड़ियाँ हैं. "

हम में से कोई विश्वास नहीं करता. जिसके पास चार पांच गाड़ियॉं खुद की होंगी, वो क्यों टैक्सी ड्राइवर बनकर घूमेगी।

"जी जी बिग बुद्धा दिखाने कब ले चलोगी ? सुना है माउंटेन पर बहुत बड़े बुद्ध बने हैं। "

"ओ माई गॉड ममा------",बोलने का वही तर्रनुम भरा संगीत," वो तो चार बजे बंद हो जाता है. "

"तो पहले क्यों नहीं बताया ?"

"लेकिन मैं आपको दिखाती हूँ. "

वह प्यार उँड़ेलकर बार बार' ममा'कहने वाली सड़क पर ऐसी जगह गाड़ी रोक कर दूर् पहाड़ी पर बने सफ़ेद बुद्ध भगवान के कभी कन्धे,कभी सिर दिखाकर हमें बेवकूफ़ बना रही है. ख़ैर ---शाम को आगरा में भी सेंट जॉन्स कॉलेज को दिखाकर भी आगरा में टैक्सी वाले टाल देतें हैं,"ये आगरा का किला है लेकिन बंद हो गया है. "

हर पर्यटन स्थल पर अपने को बेहद स्मार्ट समझने वाले टूरिस्ट को वहां के स्थानीय टैक्सी वाले ऑटो वाले चूना लगा ही देतें हैं।

दूसरी सुबह मेरी आँख खुलती है। मैं हैरान हो जातीं हूँ मृदुल जी ड्राइंग रूम में बैठे एक विदेशी महिला से बात कर रहे हैं। वह हाथ में एक ब्रोशर लिए उन्हें कुछ समझती जा रही है. उसके जाते ही ये कहते हैं," यह हमें ब्रेक फ़ास्ट के लिये इन्वाइट कर गई है। "

"क्या ?"

"हाँ,किसी आयरलैंड पर जाने के पैकेज की बात कर रही थी। "

नीचे रेस्टोरेंट में नाश्ता करते हुए ये बता देतें हैं कि अभिनव पैकेज की बात करेंगे। अचानक दरवाज़े से बिकनीनुमा पोशाक पहने एक सत्रह अठारह वर्ष की आकर्षक नीग्रो लड़की वहां आती है. सबकी नज़र उसकी तरफ़ उठ जाती है। टूरिस्ट सीज़न में यहां बहुत से देशों की लड़कियां आ जातीं हैं।

अभिनव फ़ी फ़ी आयरलैंड जाने की पैकेज ले लेते हैं।

फ़ुकेट आने वालों के लिए इस आईलैंड से दूर एक और आईलैंड पर जाना बेहद लोकप्रिय है वह है

फ़ी फ़ी आईलैंड. जिसका कॉन्ट्रेक्ट सिर्फ़ एक शिपिंग कंपनी ने ले रक्खा है. उसी की टैक्सी हमें पिक करने आई है. जेटी के समुँदर किनारे पर हम एक नाव में जाकर छोटे से क्रूज़ की में तलहटी जाते हैं,वहाँ खड़ा एक फ़ोटोग्राफर सब आने वालों की तस्वीर लेता जा रहा है. बीच में बने वी आई पी लाउंज[एक कमरेनुमा ] में हमारी सीट आरक्षित है. वहाँ एक साँवला थाइ लड़का 'यो यो 'हम सबकी सेवा में मुस्तैद है. वह कभी हमें चाय,केक या नमकीन स्नैक्स लाकर दे रहा है बाहर खुले लाउंज में हम निकल आयें हैं. उस पर सफ़ेद कुर्सियों पर बैठे अलग अलग देश के लोगों को देखकर बडा रोमांच हो रहा है. दूर दूर तक है गहरा नीला समुद्र और पर्यटकों में भी कुछ गहरी नीली आँखें, फरफराते हुए हैट,स्लीवलेस गुलाबी,काले टॉप.

हम लोग फ़ुकेट क्रूज़ के लाउंज के आगे के भाग में आ गए हैं. समुद्री फरफराती हवा में हमारे बाल उड़ रहें हैं क्रूज़ समुद्र का नीला सीना काटता आगे बढ़ रहा है. चारों तरफ़ पानी ही पानी,दूर जाता दूसरा क्रूज़. कुछ और समय बीतते ही विचित्र आक्रति वाले पर्वत व उनकी अनजानी वनस्पतियाँ दिखाई देने लगी हैं जो कि फ़ुकेट की विशेषता है या इन समुद्री यात्राओं पर लोग जिनके लिए खिंचे चले आतें हैं. ऊपर डेक पर खड़े लोग और नीचे हम सब स्तब्ध हो इस अनोखे नज़ारे में खो से गए हैं. क्रूज़ आगे और आगे बढ़ रहा है ये अनूठे द्रश्य दिखाता. लोग इसे कैमरे मे कैद कर रहें है न्लेकिन प्रकृति के इस अनुपम सौंदर्य को समेट पाना कहाँ संभव है ?तभी इस स्तब्धता की शांति को चीरती एक मोटरबोट सर्र ---- से निकल जाती है. उसमें एक जोड़ा व बोटमैन बैठा है

कहते हैं 12,000 वर्ष पहले यहाँ का समुद्र तट अचानक बढ़ गया था जिसमें ये पहाड आधे डूब गए थे. इन्ही की विचित्र आकर्षक आकृतियाँ हजारों मील से देखने लोग भागे आते हैं. दूर से फ़ी फ़ी आईलैंड दिखाई देना आरंभ हो गया है. जेटी पर अनेक मोटरबोट व क्रूज़ हैं. अनेक देशों के लोगों को देखकर लगता है इस आईलैंड का तिलिस्म सारी फ़ी फ़ी पर छाया हुआ है. सभी को निदेश मिलता है कि क्रूज़ के बेसमेंट में बने कमरों में जाकर ट्रैक पेंट व ती शर्ट पहन लें. व सामान को बजू वाले क्रूज़ में छोड़कर फ़िश टैंक देखे. हमें गारंटी दी जाती है कि महँगे कैमरे,घड़ियाँ या मोबाइल सब सुरक्षित रहेंगे.

हमें ये नहीं पता था कि हम भी फ़िश टैंक में तैरती मछली सा महसूस करेंगे. हमें क्रूज़ के साथ सटी एक बड़ी फेयरी में पहुँच दिया जाता है. एक छोटे चेंबर में आठ दस लोगों को भेजा जा रहा है. जहाँ पर दीवार में लगे सिलिंडर से कोई स्प्रे सब लोगों पर डालकर उन्हें कीटाणुरहित बनाया जाता है. अब हमें चार पाँच सीढ़ियों से एक काँच के बने विशाल टैंक में उतरना है. इस टैंक की साइड दीवारों में बने रोशनदानो में से समुद्री पानी आ रहा है,साथ में आ रही हैं काली पतली मछलियाँ,जो पैरों को भी स्पर्श करती गुजर रहीं हैं. टैंक में खड़े सभी लोग अजीब से उल्लसित हैं आधे डूबे पैरों पर मछलियों की सरसराहट महसूस करते हुए. पन्द्रह बीस मिनट में हम आधा भीगा शरीर लिए बाहर आ जाते हैं.

अब हमें दूसरी बड़ी बोट पर स्नॉर्कलिंग के लिए जाना है. यों यों यहाँ तरबूज व केक की प्लेट लिए खड़े हैं,सच ही अब भूख लग आई है. . स्नॉर्कलिंग का मज़ा तो लाइफ़ जैकेट पहनकर समुद्र में उतरकर अभिनव, नेहा व उपांशु ले पाते हैं. मैं अभिनव के सहारे लाइफ़ जैकेट पहनकर स्नॉर्कलिंग के लिए समुद्र में उतरती तो हूँ ऊपर से नीचे तक हम फ़ुकेट के समुद्र के पानी से गीले हुए इस की सुंदरता में सराबोर हैं,समुद्री की थरथराती हवाये हमें मदहोश कर रही ह लेकिन रस्से को पकड़े हुए समुद्र में पैर चलाते डर हावी होने लगता है कि बाप रे !सैकड़ों फ़ीट फीट गहरा समुद्र मेरे पैरों के नीचे है. मैं व मृदुल जीदोनों बेहद घबराकर बोट की सीढ़ी पर चढ़ जाते हैं.

तभी बेहद स्मार्ट लड़की गोताखोर की पोशक पहने र समुद्र के तल में उतर जाते हैं. नीले समुद्र में दूर दूर तक काली व नारंगी लाइफ़ जैकेट्स तैरती हुए फूलों जैसी लग रहीं हैं. सामने खड़ा पहाड़ धैर्य से रोज़ की तरह ये लीलायें देखता बुज़ुर्ग की तरह मुस्करा रहा है. सोच रहा होगा हजारों वर्ष पहले मैं क्या था और आज आधा समुद्र में समाकर हो गया हूँ तुम सबका भविष्य जाने क्या होगा

मैं ऊपर आकर स्नॉर्कलिंग करने वालों को देख रहीं हूँ. तभी उस रस्से से दूर नेहा नारंगी व काली लाइफ़ जैकेट में दूर नीले पानी के ऊपर बहती अपनी महीन आवाज़ में चिल्लाती दिखाई देती है,"अरे---- मैं बही जा रही हूँ ----  अरे बही जा रहीं हूँ. "

मैं घबरा कर अभिनव को आवाज़ देतीं हूँ लेकिन दूरी के कारण वह सुन नहीं रहा,उपांशु को गोद में लिए डुबकी लगवा रहा है. जान में जान तब आती है जब नेहा अपने वॉटर गॉगल से समुद्र की तलहटी के नीचे के जीव जन्तु व वनस्पतियाँ देखती संतुलन बनाती वापिस लौट रही है.

हमें इसी बोट से किनारे उतरने का निदेश मिलता है,. हम लोग साथ में खड़े अपने क्रूज़ पर जाकर कपड़े बदल कर आ गये हैं. जेटी पर और भी बहुत सी बोट्स व क्रूज़ की खूब भीड़ है. तभी पास की छोटी इमारत से एक आदमी माइक पर अनाऊंस करता है,"किसी जेंटलमैन का पर्स खो गया हो तो वह मुझसे कॉन्टैक्ट कर लें. "

मृदुल जी निर्विकार हो नज़ारे देखने में व्यस्त हैं. अभिनव मजाक में कहतें,"पापा !अपना पर्स चेक कर लीजिये. "

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नीलम कुलश्रेष्ठ

e-mail—kneeli@rediffmail. com

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