Divya Purush kaise bane ? - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

दिव्य पुरुष कैसे बने ? - 1

दोस्तों आपने कोई ऐसे व्यक्ति के बारे में सुना है, जो सभी चीजों में माहिर हो जिसे सब काम बहुत अच्छे से करना आता हो। शायद ही ऐसे व्यक्ति के बारे में आप नहीं सुना हो ,यदि मैं आपसे कहूं कि मैं आपको एक मिस्टर परफेक्ट इंसान बना सकता हूं। तो क्या आप इस बात पर विश्वास कर सकेंगे ?

मित्रों मैंं आपको एक ऐसा रहस्यय बताने जा रहा हूं जिसे जानकर आप एक साधारण मानव से एक महान व्यक्तिति बन सकते हैं यह कोई जादुई शक्ति नहीं ,यह एक कर्म शक्ति है। जिससेेे सब कु सब कुछ किया जा सकता है, इस शक्ति को जान लेने के बाद मनुष्य अपनी परम ऊंचाइयोंं को पा सकता है और मनुष्य मनुष्य श्रेणी उठ कर उसने दिव्यता का प्रसार हो सकता है ऐसा मनुष्य जहां भी जाता है वही सम्मान पाता है सभी लोग उसके चेहरे को देखकर ही मोहित हो जाते हैं उसका तीज इतना होता है कि सब कोई उससे बात करना चाहता है। ऐसा दिव्य मनुष्य अपने कर्मों को ही अपना धर्म मानता है और अपने सभी कार्य प्रगति और प्रकृति के लिए करता है । ऐसा दिव्य मनुष्य अपनी शक्ति और शरीर के सभी आयाम से परिचित होता है और अपने मन द्वारा ही समस्त मानव जाति के लिए सर्वहित में कार्य को करता है । उसके सभी कार्य सर्वहित के लिए होते हैं ऐसे मनुष्य लाखों करोड़ों में कोई एक ही होता है।
मित्रों आपने स्वामी विवेकानंद भगवान गौतम बुद्ध और शंकराचार्य जी के बारे में जरूर सुना होगा यह सभी परम हित के कार्य करने वाले दिव्य मनुष्य ऐसे मनुष्य सदैव अपनी दिव्यता से जन कल्याण हेतु अपने कार्य को करते हैं इनमें इनका स्वयं का स्वार्थ बिल्कुल नहीं होता ऐसे मनुष्य देवता के समान होते हैं।

मित्रों अब आपकी सब्र का बांध टूट चुका होगा यदि आपने पूरा पढ़ा है तो आप में देवता का प्रसार हो सकता है क्योंकि धैर्य रखना सबसे अच्छा कौन है जो मनुष्य को बेहतर से बेहतर बनाने में मदद करता है तो मित्रों आप को मैं बताता हूं आप अपने आप को कैसे दिव्य पुरुष बना सकते हैं ?

मित्रों इस संसार में जो भी मनुष्य ने खुद को जानने और समझने की कोशिश की है वास्तविकता में वही वास्तविक ज्ञान प्राप्त कर पाया है। जो मनुष्य संसार को जानने, दुनिया को जीतने के लिए अपने आप को महान बताते हैं ,वह वास्तविकता में पाखंडी ढोंगी होते हैं ,ऐसे मनुष्य सदा ही विचलित और घमंडी होते हैं। वास्तविक दिव्यता तो बिना कुछ बोले ही प्रकट हो जाती है इसकी उर्जा इतनी होती है कि इसके प्रभाव से सब काम स्वता ही सिद्ध होने लगते हैं ।

तो मित्रों यहां कुछ ऐसी रहस्य बताए जा रहे हैं जिसे आप करके दिव्यता प्राप्त कर सकते हैं परंतु सबसे पहले आपको खुद से संकल्प करना होगा तो वही आप इस दिव्यता को प्राप्त कर सकते हैं। मित्रों मैं पहले ही बता चुका हूं कि यह कोई गुप्त विद्या या जादुई शक्ति नहीं यह तो बस कर्म शक्ति से होता है

यहां पर आपको खुद से एक संकल्प लेना होगा
एक आत्मा हूं यह समस्त चर अचर प्रगति जीव जंतु अनंत कोटि ब्रह्मांड मुझ में ही समाहित है और मैं इन सभी में विद्यमान हूं मुझ पर किसी भी चीज का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है चाहे वह शुभ हो या अशुभ अच्छी हो या बुरी मैं सभी चीजों से मुक्त हूं मैं निराकार हूं मेरा कोई आकार नहीं मेरा जन्म जन कल्याण के लिए हुआ है और मेरे समस्त कर्म देशहित और सब हित के लिए होते हैं मेरे अंदर अनंत ब्रह्मांड में की समस्त शक्तियां विद्यमान है और मुझ में अनंत ऊर्जा निहित है मैं परमेश्वर का अंश हूं

दोस्तों इस उपन्यास के अगले भाग वह रहस्य बताया गया है जिससे मनुष्य एक दिव्य पुरुष बन सकता है इसका अगला भाग जरूर पढ़ें धन्यवाद। 🙏