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दो बहने - 5

Part 5
अब तक आपने देखा निशा ने शादी के लिए मना कर दिया ओर नियती की हामी हो गई थी शादी में।
निशा अपने कमरे में जा कर दरवाजा बंद कर दिया, ओर वह सोचने लगी ये मां ओर पिताजी को क्यों समझ नहीं आता मुझे अभी शादी नहीं करनी मेरी भी कोई जिंदगी है मेरे सारे के सारे फैसले को अकेले कैसे ले सकते है । ये लोग तो मुझे शांति से जीने ही नहीं देते ।
नियती भी अपने कमरे में गई लेकिन वह शादी के फैसले से खुश थी। वह अपने आप को आयने में देखने लगी ओर शादी की बात याद कर शरमा गई।फिर दोनों बहनों को नींद ही नहीं आ रही थी एक को गुस्से से ओर दूसरी को खुशी से।
अगली सुबह खिमजी एक अच्छा ओर गुणी लड़का ढूंढने के लिए लग गया। ऐसे ही २,४ दिन बीत गए अबतक पूरे गांव मे पता चल चुका था कि खिमजी अपनी दोनों बेटियों की शादी के लिए लड़का खोज रहा है।उनमें से कई लोग मरे जा रहे थे नियती को अपने घर की बहू बनाने के लिए। नियती के लिए तो अबतक ४ या ५ रिश्ते आ गए थे लेकिन निशा के लिए एक भी नहीं आया।
खिमजी ने नियती को जो लड़के देखने आए थे उन्हे मना कर दिया था क्युकी वह लड़के अच्छे नहीं थे गांव के वह सब लड़के शराब पीते थे।निशा अपने कमरे में सोच रहो थी इन सब लडको के परिवार को नियती पसंद केसे आ गई उससे सुंदर तो मे हूं।निशा को नियती से जलन होने लगी। निशा ने सोचा मे पिताजी को शादी करने के लिए हा बोल देती हूं ओर फिर नियती को दिखाती हूं कि मुझे उससे ज्यादा अच्छे लड़के देखने आयेंगे।
फिर उसी रात को निशा ने सरला ओर खिमजी से शादी के लिए हा केहदी । सरला ओर खिमजी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बिचारे सरला ओर खिमजी उनको क्या पता निशा ने क्यों हा की थी।सच मे ऐसी बहन भगवान किसी को ना दे।
गांव मे एक अमीर खानदान भी रहता था। गांव मे सबसे बड़ा घर उन्ही का था उन्होंने एक बहुत अच्छा बंगला बनाया था। अच्छी बात तो यह थी उस घर में रहने वाले घनस्याम जी ओर खिमजी का अच्छा संबंध था।क्योंकि घनस्याम जी सब्जियां ओर फल खिमजी जो खेतो में उगता था वहीं से लेते थे। घनश्याम जी की पत्नी मीना देवी ओर सरला बचपन से अच्छी सहेलियां थी।
एक दिन घनश्याम जी के घर उनके एक दोस्त आए थे उनसे मिलने ओर उनके गांव को देखने उनके साथ उनके दो बेटे भी आए थे एक का नाम निशान ओर दूसरा निवान।घनश्याम जी के दोस्त जो आए थे उनका नाम मिहिर ओर उनकी पत्नी का नाम हिना ना बहुत ही भले लोग थे वो। निशान ओर निवान को मिहिर ओर हिना ने बहुत अच्छे संस्कार दिए थे। बहुत गुणी ओर अच्छे लड़के थे दोनों।
वह दोनों भाईयो की जोड़ी खूब जमती थी। निशान निवान से १ साल बड़ा था। घनश्याम जी ने खिमजी ओर सरला को उनके घर आने का न्योता दिया उनको उनके खास दोस्त से मिलवाना जो था। साथ मे नियती ओर निशा को भी आने को बोला था।सरला ने निशा ओर नियती से कहा दोनों जल्दी से कपड़े बदल लो हमे घनश्याम जी के घर जाना है ।



कहानी का part 6 जल्द ही आयेगा।😊
तब तक आप भी सोचिए अब आगे कहानी मे निशा ओर नियती के जीवन में कोनसा नया मोड़ आता है।