Priya wapas aie he - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

प्रिया वापस आई है - (भाग 1)

यह कहानी सम्पूर्ण रूप से काल्पनिक है||

आज प्रिया का जन्म दिन है,प्रिया यानिकि मेरी धर्मपत्नी।उसे अपना जन्मदिन मनाने में बोहोत खुशी होती थी।चकाचोंद लाइट्स,दोस्त,मेहमान,पहले ये सब कुछ ठीक चल रहा था।पर अब ये सब कुछ नही होता न दोस्त,न मेहमान, ओर नाही चकाचोंद लाइट्स।हा कुछ दोस्त आते हैं पर पता नही सब मुझे कियों पागल पागल कहते हैं।पता है कियों?तो कहानी को पूरा पढ़ो।
मेरा नाम आकाश है आकाश राव, मेरी पत्नी प्रिया राव हम दोनों के शादी को 2 साल हो चुके थे।

मेरे घर मे मेरे बाबूजी मेरी माँ ओर मेरी छोटी बहन पूनम,हम लोग मिडिलक्लास फैमली थे।जब मेरा कॉलेज कंप्लीट हुआ तो मैने एक प्राइवेट कंपनी में H R डिपार्टमेंट नोकरी जॉइन कर लिया।तभी मुलाकात हुई निशा से,निशा भी H R डिपार्टमेंट ही थी।में उसकी खूबसूरती देख कर पागल हो गया था।पर में जूनियर था इसीलिए कभी कुछ बोल नही पाया डर लगता था, की अगर कुछ बोलू तो कुछ गलत न हो जाये। बस शिशे के उस पार से उसे देखता रहता था।कभी कभी मुझे लगता था कि वे भी मुझे देख रही है,पर क्या फायदा मन को मारकर चुपचाप काम पर लग जाता था।एक दिन की बात है, में अपना काम ही कर रहा था कि मेरे मोबाइल पर unknown नम्बर से कॉल आया। फोन उठाया तो निशा थी लाइन पर उसने मुझे अपने पर्सनल नम्बर से कॉल किया था।उसने कहा कि तुम मेरे साथ कोफी पीने चलोगे, फिर क्या मेने भी हा कह दिया।मेरा तो मानो लौटरी लग गया हो जैसे,ऑफिस खत्म करके हम दोनों चल गए कोफी पिने।निशा ने कहा आकाश तुम मुझे बोहोत पसंद हो,और मन ही मन मे तुमसे प्यार कर बैठी हु,मेने भी अपना दिल का हाल बता दिया।फिर क्या दोनों का मिलान जुलना सुरु हुआ,हमारा अफ़ेयर 2 सालों तक चला फिर हमने फैसला किया कि हमे शादी कर लेनी चाहिए।हम दोनों ने अपनी अपनी घरों बात कियों, निशा के घर वालो ने देखा कि लड़का अच्छा है,ओर दोनों साथ मे ही काम करते है तो उनके तरफ से हा था।पर प्रोब्लम सुरु होती है अब जब मैने अपने घर मे बताया तो उन्होंने साफ मना कर दिया,कियौकि उन्हें ऐसी लड़की चाहिए था जो कि सिर्फ घर ग्रसि सम्हाले नाकि ऐसी लड़की जो बाहर कही जॉब करती हो।मेने मा ओर बाबूजी को बोहोत समझाया पर बो नही माने फिर मेने निशा से कहा तो उसने जॉब छोड़ने से साफ इनकार कर दिया मेरा बात नातो घरवाले समझ रहे और नाही निशा, में परेशान हो चुका था।घरवालों को छोड़ नही सकते, ओर निशा मान नही रही। वो कहते हैं ना कि अगर रिश्ते में अगर अहंकार आ जाये तो वो रिश्ता बर्बाद हो जाता है।फिर हमारा प्यार वही रद्द हो गया,अब इस बात को दो साल हो चुके थे।निशा अब भी उसी कंपनी में काम कर रही थी,ओर मेने दो साल पहले ही वहां काम छोड़ दिया था।फिर घरवालों ने प्रिया के साथ मेरी शादी तय करदी,या यूं कहु की मोटी दहेज के लालच घरवालों ने मेरी प्रिया से शादी करवा दी।पर प्रिया भी काफी पड़ीलिखी थी,ओर दिल की भी बोहोत अछि थी।प्रिया मेने अपने दिल मे वो जगह दे दी जो कभी निशा के लिए था,हम लोग बोहोत खुश थे।प्रिया को खाना बनाना और घर का काम करना ठीक से नही आता था,कहते है ना कि वक्त के साथ साथ सब बदल जाता है।तो वेसा ही हुआ मा ओर बाबूजी अब प्रिया पर गुस्सा करने लगे गंदी गंदी गालियां देने लगे।प्रिया से कहते थे कि अपने बाप 5 लाख रुपए मांगो, ओर प्रिया बेचारी ये सब बातें सुनती रही और बर्दास्त करती रही।कियौकी उसे पाता था कि उसके पिता के पास ओर पैसे नही है।तो बेचारे मन ही मन घुटती रही,मुझे इन बातो भनक तक नही था,कियौकी में दिन भर काम पर रहता था,ओर जब शाम को घर आता था तो कोई बात है नही होती।पर में कुछ दिनों से नोटिस कर रहा था,की प्रिया बिलकुल उदास रहती थी,अब वो पहले जैसी हसी ख़ुसी नही थी।मेने प्रिया से पूछा कि क्या बात है,तो उसने कहा कुछ नही बस घरवालों की याद आ रही है।तो मैने कहा कि एक काम करो मुझे ऑफिस के कुछ काम से 4 दिनों के लिए सहर से बाहर जाना है,तो तुम भी 4-5 दिनों के लिए अपनी माइके चली जाओ ओर आते वक्त में तुम्हे साथ ही ले आऊंगा,ये सुनकर प्रिया चहरा खिल गया।रात में खाना खाते समय मेने कहा कि मुझे ऑफिस के काम से बहार जाना है, तो प्रिया भी अपनी मइके हो आएगी तो उन्होंने भी कहा ठीक है।मुझे सुबह ही निकलना था और प्रिया ट्रैन दोपहर4 बजे था।तो में निकल गया,शाम को जब मेने प्रिया को कॉल किया तो वो फोन नही उठाई,तो मैने उसके घर पे कॉल किया उसकी माँ फ़ोन उठाई मेने कहा कि प्रिया पोहुचा गई है।तो उसकी माँ ने कहा बेटा प्रिया आने वाली थी और हमे खबर तक नही की उसके, पिताजी को भेज देती स्टेशन पर,ओर अभी तो 9 बज चुके है उसे तो 7 बजे तक पोहच जाना चाहिए था।मेने कहा दरसल मेने ही उसे आपको कॉल करने से मना किया था,मेने बोला था कि अपनी मम्मी पापा को सरप्राइज देना,ठीक है माजी में प्रिया का फोन फिर ट्राय करता हु,मेने काफी बार उसे कॉल किया पर वो नही उठाई।फिर मेने अपने घर मे कॉल किया 2 -3 बार करने के बाद किसीने फोन उठाया,में हलो"हलो" करता रहा पर कोई बात नही कर रहा था,बस एक अजीब सी आवाज़ आ रही थी जैसे कि कोई कुछ बोलना चाहता हो पर बोल नही पा रहा।में बोहोत ज़्यादा परीशान हो गया किसी तरहा रात गुजरा ओर में सुबह को निकल गया।दोपहर को जब में घर पोहचा देखा प्रिया के मा ओर पाप पहले ही आये हुए थे,सब लोग काफी परेशान थे।