An suna ishq - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

अन सुना इश्क़ - 2

" रजनी के घर के लोग सारे फिर से मूह फूला के बैठ गई और रजनी को बोला... तुम कभी नही सुधर सकते "

" रजनी हस्ते हस्ते बहार जाने के लिये निकल गई. और वहा से कुनाल भी अपने कुच काम के खातिर बहार जाने के लिये रेडी हो गए "

( कुच देर बाद )

" अब तक सब सही से चल रहा था. लेकिन बिच मे मुश्किले आती हुए नज़र आने लगी है. लेकिन इस मुसीबत के बारे मे किसीको कुच नही पता. नाही कुनाल को और नाही रजनी को. अब वो तो अपनी अपनी जगह पे जाने के लिये निकल चुके थे. लेकिन उनको कहा पता है. की उन दोनो की जगह एक ही है "

" कुनाल ने अपनी जेब से फ़ोन निकाला और देखा तो एक मेसेज आ कर पडा था. और उसमे लिखा था की कुनाल तुम इस जगह पे आजाओ "

" वहा रजनी को भी वैसा ही मेसेज आया जैसे यहा पे आया था. रजनी को भी उसी जगह पे बुलाया जहा पे कुनाल को बुलाया था. अब ये जो बुलाने वाला व्यक्ति है. वो अच्छा व्यक्ति है या बुरा वो कोई नही जानता था. इस लिये उन दोनो ने वहा जाना सही समझा. और वो दोनो चले गए उस जगह पे "

" उस व्यक्ति का नाम था धनुष और उसके इलाके का नाम था गुंडा राज. वहा उस शहर मे सिर्फ उसका राज चलता था. सारे वैसे काम होते थे. जो की नही होने चाहिये. और ये वही इन्सान है. जिसने रजनी और कुनाल को मेसेज किया था "

" धनुष एक शक्ती से बना हुआ था. उसके अंडर सब तरह की शक्तिया है. उसके अंदर पुलिस भी है. यानी कुच गैर पुलिस कर्म चारि लोग है. जोकी इस धनुष की मदद करते है "

{ देव दास पुर पुलिस स्टेशन }

" और ये वही पुलिस स्टेशन है. जहा के कुच पुलिस कर्म चारि है. जोकी ऐसे गुंडे लोगो का साथ देते है. जोकी कानूनी अप्राद है "

" लेकिन अब इन सारी चीज़ो का खयाल रखा जायेगा "

जैसे की उस मेसेज आने पर कुनाल और रजनी उस जगह पे जाने के लिये निकल चुके थे रजनी के साथ उसकी दोस्त आई हुए थी और कुनाल के साथ भी उसका एक दोस्त आया हुआ था अब कुनाल ने उसके दोस्त को कहा की...

" अरे राजीव तुम वहा कहा जा रहे हो हमे इस तरफ जाना है गार्डन की तरफ वहा से वापस आ जाओ " ये कहते हुए कुनाल ने राजीव को वापस बुला लिया. और फिर वो फाइनली उस जगह पर पहुच गई कुनाल ने कहा की...

" यार राजीव उस मेसेज मे यही जगह बताई थी और तश्विरे भी यही की दी थी लेकिन यहा तो कोई है ही नही. राजीव ने कहा...

" तो तुम भी मेसेज करके पुछो उसको की कहा हो तुम हम तो कब्के पहुच गई ये कह कर भेज दो और क्या " कुनाल ने हा मे मुंडी हिलाई और मेसेज करने लगा.

एक तरफ कुनाल और उसका दोस्त दोस्त दोनो परेशान थे और दुसरी तरफ रजनी और उसकी दोस्त काव्या भी परेशान थी. रजनी ने कव्या को बोला की...

" काव्या जगह तो यही बताई गई थी हम यहा पर आ तो गई लेकिन अभी तक वो शक्स नही आया जिन्होने हमे मेसेज किया था " काव्या ने कहा...

" अरे यही कही होगा चलो ढूंड ते है कही बैठा होगा इंतज़ार कर रहा होगा " काव्या के ये बोलते ही आखिर कार वो शक्स आ ही गया जिसने रजनी को मेसेज किया था. और दुसरी तरफ कुनाल और राजीव भी आ गया था पांचो लोग अब एक साथ थे. वो मेसेज करने वाला शक्स कोई और नही बल्कि धनुष ही था धनुष ने अपने बारे बताते हुए कहा की...

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