Bhutiya Haveli - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

भूतिया हवेली - 1

एक गांव था। उसमे रोहन अपने दूसरे दोस्तो के साथ रहता था। एक का नाम सोहम, दूसरे का नाम जोन और तीसरे का नाम अब्राहम था। वह चारो मुंबई में रहते थे। वह चारो हमेशा साथ रहते, घूमते और उन तीनो का घर आस-पास में ही था। चारो को भूतिया जगह घूमना और उनके बारे में जानकारी लेना बोहोत अछा लगता था। उन्हें नई भूतिया जगह जाकर, वहा के रहने वाले लोगो से उस जगह की कहानी सुनकर उस जगह में जानकी बड़ी उत्सुकता रहती और वह लोग उस जगह का वीडियो भी शूट करते और पता लगाते की यह बात सच है या झूठ। वह घर आते और उस वीडियो में एडिटिंग करके उसे अपलोड कर देते जिससे वो फेमस हुए थे।

एक वक्त ऐसा भी आया की उन चारो को यह चीज का गहरा सदमा लगा और उनको यह विश्वास न हों रहा था की यह सब सच में उनके साथ हुआ था। वह उनके दिमाग में ऐसे घटित हों गई थीं जैसे मानो की वह बात पत्थर पर किसीने हथौड़े और छीनी लेकर छाप दी हों। आज भी उनसे पूछने पर वह उस घटना को दबी हुई आवाज़ और परेशान होकर बताते हैं।

तो चलिए जानते है की उस दिन उनके साथ क्या हुआ था जिससे वो इतने सहम गए थे की उनका तन और मन उस बात को भुलाने से इनकार करता है।

एक दिन उन्हें पता चला कि गुजरात में पाटण शहर के पास लगभग ८० की. मी. पर एक गांव हैं और उसके पास में ही एक ऐसी भूतिया हवेली है जिसकी कहानी सुनाने से वहा के हर शख्स चाहे बूढ़े, औरते, जवान और यहा तक की बच्चे भी घबराते है। यह कहानी सुनाने से पूरा गांव तक घबराता है और उसके आस-पास के गांव तक गभराते है यह तक की पूरा पाटण शहर तक इस कहानी को बयां करने डरता और घबराता हैं। और जो इस कहानी को सुनने के लिए आते है उनको गांव के लोग, उस गांव को छोड़ कर चले जाने को कहते हैं।

रोहन ने ठान लिया की वह चारों दोस्त उस गांव में जाएंगे और उस कहानी को जानकर उस चीज पर तहकिकात भी करेंगे की वह कहानी सच है या सिर्फ अफवा और झूठ है। उन चारों को यह लग रहा था की इस बार वह लोग बड़ा हाथ मारेंगे और बोहोत फेमस हो जाएंगे। यह चीज उनको सताए जा रही थी। उनको लग रहा था की इस वीडियो को अगर अपलोड किया तो वह लोग इतने फेमस होंगे की उनको एक खिताब घोषित कर दिया जाएगा की वह लोग 'India's Best Ghostbusters' से नवाजा जाएगा और उनको यह नाम से बुलाया जाएगा। वह लोग मुंबई से रवाना होने की तैयारी करने लगे। सारा सामान भर लिया और सारे बैग्स और सूटकेस भर लिए। उन्होंने इस बार एक बढ़िया वीडियो शूट हो इस लिए अच्छे और थोड़े महंगे वीडियो बनाने के लिए नए कैमरा और कुछ वीडियो के अवजार लिए। वह लोग रात को सो गए और उनको वही खिताब के सपने आने लगे और मन में ही खुश होते हुए उस खिताब को हाथ में पकड़े। उस दिन वह लोग जल्द ही सो गए क्योंकि दूसरे दिन उनको जाना था।

अगले दिन वह चारों उठ खड़े हुए और चाय-नाश्ता करके गाड़ी में बैठ गए। उन चारों में से जोन ड्राइविंग को अच्छी तरह से जानता था। वह मुंबई में 'ड्राइविंग का मास्टर' के नाम से फेमस भी था। उसने गाड़ी चलाने का फैसला किया। सभी लोग ने उससे ही गाड़ी चलाने को कहा। उन्होंने रास्ते में ही होटल बुकिंग करली। 2 दिन लगातार गाड़ी में मुसाफरी करने के बाद आखिर में वह चारों उस होटल में पहुंच ही गए। उन्होंने दुपहर का खाना खाया और थोड़ा आराम किया। फिर थोड़ी देर बाहर घूमने निकले। वहा का वातावरण बहुत ही शीतल था। रात गहरी हुई और वह चारों ने होटल में जाने का फैसला किया। रात का खाना खाके सो गए और दूसरे दिन तुरंत उठ खड़े हुए और सुबह का नाश्ता करके गांव की तरफ निकल पड़े। उन्होंने देखा की उस गांव में सब झोपड़ी में रहते है पर वहा सारी सुविधाएं थी। जैसे की बिजली और पानी। उन चारों दोस्तो ने सबसे पूछा की वह भूतिया हवेली का राज क्या है ? पर अफसोस ही कोई बता पाए, सब काम का बहाना करके चले जाते पर किसी में भी हिम्मत न थी की वह कहानी सुना पाए।

तभी उनको एक नवजवान लड़का दिखाई दिया तो वह चारों उस लड़के के पास गए। अब रोहन ने उस लड़के को पूछा की, "यहा सभी लोग क्यों उस हवेली के बार में बताने से डरते है ?" तब उस लड़के ने खुद का नाम 'करण' हैं ऐसा बताया। और फिर उसने कहा की, "उसको भी इस चीज का कोई अंदाजा नहीं हैं की लोग बताने से इतना क्यों डरते हैं पर वो एक बाबा को जानता हैं जो इस कहानी को बता सकते हैं।" यह सुनकर चारों के चेहरे खिल गए मानो की एक बाग में फूल खिले हों।
(यहां बाबा का अर्थ 'दादा' होता हैं।)

फिर करण के साथ वो चारों एक झोपड़ी के पास पहुंचे। करण ने एक उंगली उठा कर इशारा किया यह झोपड़ी उन बाबा की ही हैं। तब करण ने उन बाबा को आवाज लगाई। बाबा को कोई जवाब नहीं आया। वो पांचों बाहर खड़े इंतजार करने लगे और कुछ देर के बाद बाबा बाहर आए। उन्होंने उन पांचों को झोपड़ी में आने को कहा तब वह पांचों उस झोपड़ी के अंदर चले गए। बाबा ने उन पांचों को बैठने के लिए चारपाई दी और उनको बैठने को कहा। वह पांचों बैठे तब सोहम ने सवाल पूछा की, "बाबा, आपको इतनी देर क्यों लगी।" तब बाबा ने मुस्कुराते हुए कहा की, "बेटा, में भगवान की पूजा में व्यस्त था इसलिए कुछ देर लगीं।" और तुरंत ही रोहन ने एक और सवाल पूछ लिया की, "बाबा, यह हवेली का क्या राज हैं को सब छुपा रहे हैं ? और पूछने पर भाग जाते हैं ?"

यह सवाल सुनते ही बाबा का फूल सा मुस्कुराता हुआ चेहरा मानो मुरझाए हुए फूल की तरह मुरझा गया और बाबा मौन हो गए। तब चारों दोस्तो ने एक दूसरे को देखा और इशारा किया की यह सवाल नही पूछना था रोहन को क्योंकि अब बाबा मौन हो गए हैं। यह बड़ी भूल करदी रोहन ने।



क्या राज था इस भूतिया हवेली का जिसकी कहानी सुनाने से पहले ही लोग भाग जाते थे ?
और यह कहानी का सवाल सुनते ही उस बाबा का चेहरा फीका जो गया और वह मौन हो गए।
क्या इस हवेली राज वो चारों जान पाएंगे या नहीं ?

इस का पता लगाने के लिए आप देखिए भूतिया हवेली का पार्थ-२