Lady Killer - Part 3 in Hindi Adventure Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | लेडी किलर - पार्ट 3

लेडी किलर - पार्ट 3

माधुरी का गुस्सा कुछ देर के बाद शांत हो गया।तब उसे अपने किये पर अफसोस हुआ।उसने सोचा राजन को भी उसकी गलती का एहसास हुआ होगा।और वह उससे माफी मांगेगा।यही सोचकर माधुरी ने राजन से बात नही की।लेकिन माधुरी ने जो सोचा था।वो सही नही निकला।न राजन ने उससे माफी मांगी न ही बोलने का प्रयास किया।इस तरह कई दिन बीत जाने पर भी राजन ने उससे बात नही की तो वह उसके। पास जा पहुंची।
"क्या मुझसे नाराज हो?"
माधुरी की बात सुनकर राजन कुछ नही बोला तब वह फिर बोली थी,"आखिर मैने ऐसा कौनसा अपराध कर दिया जो तुम मुझसे बात ही नही कर रहे हो"?
उसे बोलता न देखकर वह फिर बोली,"क्या तुम नही जानते कि मैं तुम्हे कितना चाहती हूँ।"
"अगर तुम मुझे चाहती होती तो उस दिन मुझे थप्पड़ नही मारती।"राजन गुस्से में बोला था।
"तुमने बेहद ओछी हरकत की थी इसलिए मुझे गुस्सा आ गया।""
"तुमने अभी कहा है कि तुम मुझे चाहती हो फिर वो हरकत ओछी कैसे हो गयी।क्या प्यार करने वालो का एक दूसरे के शरीर पर अधिकार नही होता?"
"अच्छा तो यह बात है।प्यार का सम्बन्ध तुम वासना से जोड़ रहे हो।तुम्हारी नजर मेरे शरीर पर है।मैं समझती थी तुम मुझे पवित्र मन से चाहते हो।तुम्हारी चाहत में वासना नही है।पर तुम तो--माधुरी ने बात को अधूरा छोड़ दिया।
"माधुरी अगर बात पवित्र प्रेम की है तो तुम मुझसे छेड़ छाड़ और मजाक क्यो करती हो?"
"हंसी मजाक तथा छेड़छाड़ और शारीरिक सम्बन्ध में उतना ही अंतर है।जितना धरती और आकाश में।हंसी मजाक और छेड़छाड़ करने में कोई बुराई नही है।लेकिन पति पत्नी का रिश्ता न होने पर शारीरिक सम्बन्ध---मैं स्वप्न में भी ऐसी कल्पना नही कर सकती।"
"तुम मॉडर्न आजाद ख्यालो और खुले दिमाग की होकर कैसी बात कर रही हो।शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिए पति पत्नी का रिश्ता होना।यह पुरानी घिसी पिटी मान्यता है।आज के मॉडर्न युग मे इसका कोई महत्व नही है।फिर मैं तो तुमसे प्यार करता हूँ।फिर तुम्हे पाने की इच्छा रखना गलत नही है।""
"प्यार का मतलब तन से तन का मिलन नही होता।फिर हमारे देश मे चाहे लोग कितने ही लोग मॉडर्न हो गए है।हमारे यहां आज भी पति पत्नी के बीच स्थापित शारिरिक सम्बन्ध ही जायज माने जाते हैं।शादी से पहले शारीरिक सम्बन्ध जोड़ना अनैतिक,अवैध और पाप माना जाता है।।'
"देखो माधुरी में तर्क वितर्क में नही पड़ना चाहता।तर्क वितर्क में हो सकता है मैं तुम्हे न समझा पाउ।मेरी सिर्फ एक ही तमन्ना है तुम्हे पाना।अगर तुम अपने आप को समर्पित नही करोगी तो मैं तुमसे बात नही करूंगा।"राजन ने घुमा फिराकर नही स्पष्ट शब्दों में अपनी मंशा जाहिर कर दी थी।
"मैं तुमसे प्यार करती हूँ लेकिन तुम मेरे प्यार का बेजा मतलब निकाल रहे हो।यह सरासर अन्याय है।"राजन की बात सुनकर माधुरी आहत हुई थी।उसके दिल को ठेस लगी थी।"
"माधुरी मैं कभी भी तुमसे जबरदस्ती नही करूंगा।अगर तुम सचमुच में मुझे चाहती हो।दिल से प्यार करती हो।तो मौका मिलने पर अपने आप को मेरे हवाले कर दोगी।जब तक तुम ऐसा नही करोगी।मैं तुमसे बात नही करूंगा।। राजन ने उसे अपनी मंशा जाहिर कर दी थी।
राजन की बात सुनकर माधुरी अपने कमरे में आ गयी।



Rate & Review

Captain Dharnidhar

Captain Dharnidhar Matrubharti Verified 11 months ago

Parash Dhulia

Parash Dhulia 11 months ago

Share