muskarate chahare ki hakikat - 4 books and stories free download online pdf in Hindi

मुस्कराते चहरे की हकीकत - 4

अवनी भी अन्दर काव्या के पास आती हैं और करण और सब से मिलती हैं।
कुणाल सामने देखकर- करण भाई, विवान भाई कि कॉलेज गैंग आ गई,,,,,,,, अवनी और बाकि सब सामने देखते है। विवान और उसके दोस्त उनके पास ही आ रहे थे, अवनी हैरानी से उनकी तरफ देखते हुए - विवान अग्रवाल ये है.....
काव्या, अवनी से- हा,, अवि यही विवान है जिसके लिए यहां पार्टी रखी गई है,,,,,, काव्या की बात सुनकर अवनी अभी बाहर उसने जो विवान से कहा वह सोचने लगती है और काव्या के पिछे जाकर खड़ी हो जाती हैं।
विवान सबके पास आकार खड़ा हो जाता हैं यश अभी भी अपने मुह पर हाथ रखे हस रहा था विवान को गुस्से में देखकर सब हैरान थे।
कुणाल, उसके पास आकर- क्या हुआ भाई.....?आप इतने गुस्से में क्यों हो....?
विवान, कुणाल से-अभी थोड़ी देर पहले एक लडक़ी मिली थी जिसने पहले तो प्रिया को नीचे गिरा दिया और मैने उसे सॉरी बोलने के लिऐ कहा तो मुझसे ही सुना कर चली गई (विवान गुस्से से अपना हाथ सामने रखी टेबल पर मारता है) सब विवान के गुस्से को अच्छे से जानते थे इसीलिए किसी ने कुछ नहीं बोला।
सबको चुप देखकर काव्या विवान के पास आकर- कोई बात नहीं विवान,,,,वो यही होगी और तुम गुस्सा क्यों हो रहे हो देखना वो ख़ुद तुम्हे आकर सॉरी बोलेगी,हो सकता है वो तुम्हे जानती ना हो।
विवान कुछ नहीं बोलता काव्या- अच्छा छोड़ो मैं तुम्हे अपनी दोस्त दोस्त से मिलवाती हु,,,
काव्या अवनी को देखती हैं जो उससे बहुत दुर खडी थी। काव्या अवनी के पास आकर- यार, तू कहा चली जाती है हर वक्त तुम्हे ढूंढना पड़ता है अब चल तुझे किसी से मिलाना है।
अवनी समझ जाती हैं कि वह किससे मिलवा रहीं हैं वह काव्या को रोकते हुए- काव्या तू चल मैं आ रहीं हूं.....
काव्या उसका हाथ पड़कर- मुझे कुछ नहीं सुनना तू चल अभी,,, काव्या अवनी को अपने साथ लेकर बाकी सब के पास आती हैं
काव्या, विवान से जो दुसरी तरफ मूह करके किसी से बात कर रहा था- विवान ये है अवनी,, मेरी बेस्ट फ्रेंड और अवनी ये है विवान....
विवान सामने अवनी की तरफ देखता है अवनी बिना विवान को देखे चारो तरफ देख रही थी
विवान,अवनी को देखकर चिल्लाते हुए- तुम....... अच्छा तो तुम एलकाव्या की दोस्त हो।
सब विवान और अवनी को हैरानी से देख रहें थे विवान के दोस्तो और यश को छोड़कर,,,,,,
काव्या, दोनों की तरफ देखकर- क्या तुम एक दुसरे को पहले से जानते हो.......?
अवनी कुछ नहीं बोलती वह अब भी दुसरी तरफ देख रही थी
विवान, अवनी की तरफ देखते हुए काव्या से- काव्या यही वह लडक़ी है जो अभी बाहर मुझे सुना रहीं थीं इसे सच मे मालूम नहीं मै कौन हूं...?
काव्या, अवनी से- अवनी क्या हुआ,विवान सच कह रहा है।
अवनी- सॉरी काव्या, मै इनसे तो माफी मांगने वाली नही क्योंकी मेरी कोइ गलती नहीं है वहां जो खडे थे सबको पता है,,,, फ़िर भी मिस्टर विवान बिना कुछ देखे कुछ भी बोल रहे थे इसलिए मैने केवल उन्हे चुप रहने के लिए कहा था।
विवान- अभी भी तुम उसी तरह बात कर रहीं हो मिस अवनी
अवनी भी उसी की भाषा में- मिस्टर विवान, मैं बिना गलती किसी को सॉरी नहीं बोलती और आपको भी नही,,,,,
इतना कहकर अवनी वहा से चली जाती हैं और विवान भी बिना कुछ बोले वहा से चला जाता है। बाकी सब मूक दर्शक बने उन दोनों को देख रहे थे
कुछ देर मे सामने से कृष्णमूर्ति जी के मैनेजर की आवाज आती है- लेडीज एंड जेंटलमैन आज कृष्णमूर्ति जी ने अपने बेटे विवान के लौटने की खुशी में पार्टी रखी है साथ ही वो कुछ इंर्पोटेंट अनाउंसमेंट करने वाले है सब बैठ जाइए। अवनी भी काव्या के पास आकर बैठ जाती है जो अनुराग और शालिनी के पास बैठी हुई थी काव्या अवनी को देख कर मुस्कुराती है और दोनों एक साथ वही बैठ जाती है
सामने कृष्णमूर्ति जी हाथो में माइक लेकर- आज बहुत खुशी का दिन है मेरा बेटा पांच साल बाद वापस घर लौटा है और अब वह मेरे पुरे बिजनेस को संभालने के लायक है और इसके साथ ही में एक खास अनाउंसमेंट करना चाहता हूं कि कल मेरे बड़े बेटे करण और मिस्टर अनुराग बजाज की बेटी काव्या की सगाई होगी।
कृष्णमूर्ति जी की बात सुनकर सब खड़े होकर तालियां बजाने लगते हैं अवनी, काव्या को गले लगाकर- congratulation Kavya.......
काव्या के पैरेंट्स उसके पास आकर उसे गले लगाते है सब बहुत खुश होते है कुछ देर में पार्टी खत्म होन पर सब अपने अपने घर आ जाते है
अवनी, काव्या से- सॉरी काव्या पार्टी में जो कुछ भी हुआ लेकिन मेरी कोई ग़लती थी ही नहीं तो मै कैसे.....
काव्या,अवनी को चुप कराकर- अवि कोई जरुरत नही है तुझे सफाई देने की, मै तुम्हे अच्छे से जानती हूं और रहीं बात विवान की तो उसे भी मै बचपन से जानती हूं उसे बहुत ज्यादा गुस्सा आता है पर वह बुरा लडका नहीं है वह कुछ नहीं कहेगा... अभी तुम जाओ और सो जाओ कल बहुत काम करना है।
अवनी- गुड नाईट...
काव्या - गुड नाईट अवनी.....
दोनों अपने अपने रुम में चली जाती हैं।

सुबह सुबह अनुराग जी के पास फोन आता है
अनुराग- बोलिए कृष्णमूर्ति जी.........
कृष्णमूर्ति- अनुराग जी बच्चो की सगाई की सारी तैयारियां हो गई.....
अनुराग- हा, फंक्शन हमने पास के होटल में बूक करवाया है आप जल्दी पहुंच जाना,,,,
कुछ देर बात करके वह फोन रख देते हैं अवनी तैयार होकर नीचे आती हैं और अनुराग और स्वाति के पास आकर - अंकल, आंटी में ऑफिस जा रही हूं काव्या पूछे तो बता देना....
स्वाती,अवनी के पास आकर- लेकिन बेटा आज तो काव्या की सगाई है ना तू ....
अवनी- आंटी बहुत काम है मुझे जाना होगा में जल्दी वापस आ जाऊंगी
अनुराग- ठीक है बेटा, जल्दी आ जाना।
अवनी वहा से निकलकर सीधे प्रवीण के पास उसी केफे पर आती हैं जहां वो पहले मिले थे।
अवनी- क्या हुआ भाई आपने इतनी जल्दी क्यों बुलाया....
प्रवीण, अवनी के पास आकर- तेरे लिए कुछ लाया हूं मै।
अवनी, हैरानी से- क्या भाई...?
प्रवीण - तुम ही आकार देख लो.......
प्रवीण अवनी को बाहर लेकर आता है और एक बाइक के पास लाकर उसकी चाबी अवनी को देते हुए- ये तेरा गिफ्ट हैं अवनी...
अवनी, कभी प्रवीण को तो कभी बाइक को देखते हुए- इसकी क्या जरुरत थी भाई...आप मेरे लिए इतना क्यो कर रहे हों...
प्रवीण, अवनी के सिर पर हाथ रखकर- मै बड़ा भाई हूं तुम्हारा, तुम्हे पता है ना दादा दादी हम दोनों से बराबर प्यार करते थें और उन्होने मुझसे कहा था कि हमेशा तेरा ख्याल
रखु...... तेरे लिए मुझे अपनी जान भी देनी पड़े तो........ प्रवीण आगे कुछ बोलता उससे पहले ही अवनी उसके मुंह पर हाथ रखकर- प्लीज़ भाई...... आपके अलावा अब मेरे पास कुछ भी नहीं है खोने के लिए, आपको कुछ हो गया तो मै भी जिंदा नहीं रह पाऊंगी और आप तो जानते हो ना मेरी बीमारी के बारे में.....
अवनी के मुंह से बिमारी का नाम सुनकर प्रवीण की आंखो में आंसू आ जाते है वह दूसरी ओर पीठ करके खड़ा हो जाता हैं अवनी उसके सामने जाती हैं और उसके कंधे पर हाथ रखकर उसके आंसू पूछते हुए ना में सिर हिलाती हैं प्रवीण अवनी को देखकर- तुम्हे डर नहीं लगता....
अवनी बिना कुछ बोले मुस्करा रही थी
प्रवीण, अवनी से- मै तुझे कुछ नहीं होने दूंगा मैने डॉक्टर से बात कर ली हैं तीन चार दिन बाद उसने फिर से बुलाया है और अभी तुम्हे तेरा काम भी पूरा करना है ना....
अवनी- हा भाई अभी मुझे बहुत से काम करने है।
प्रवीण, अवनी को बाइक की चाबी देकर- अभी तुम्हे ऑफिस जाना है ना फिर काव्या की सगाई भी है वहीं मिलते हैं।
प्रवीण वहा से चला जाता है और अवनी भी ऑफ़िस चली जाती हैं

यहां अग्रवाल मेन्सन में सब तैयार होकर जाने की तैयारिया कर रहे थे राजेश, फोन को कानो पर लगाए कृष्णमूर्ति से- मेरी अभिषेक से बात हो गई है। भाईसाहब अपने पुरे परिवार के साथ घर से निकल गए हैं वो आते ही होंगे
कुछ देर बाद दो आदमी अन्दर आते है जिनमे एक की उम्र लगभग 60-65 साल थीं और दूसरा उनका बेटा था जिसकी उम्र 38 साल के लगभग थीं उनके साथ उनकी पत्नियां थीं और पिछे उनके पांच छः गार्ड्स खड़े थे। कृष्णमूर्ति , और उनका परिवार उनके पास आता है कृष्णमूर्ति सबसे आगे खडे उस आदमी के गले लगकर- गिरिराज भाईसाहब बहुत देर करदी आपने आने में और अभिषेक तु........
अभिषेक, कृष्णमूर्ति के पैर छूकर- अब आ गए ना चाचाजी,कल कुछ इंपोर्टेंट मिटिंग थीं इसलिए आना नहीं हुआ, अभिषेक अपनी नजरे चारो तरफ घुमाता हैं उसकी नज़र सामने आ रहें विवान पर जाती हैं विवान आकर सबसे मिलता हैं।
अभिषेक, विवान के थोड़ा नजदीक आकर - तो तुम आ ही गए विवान......
विवान को अभिषेक की बात कुछ अजीब लगी वह अभिषेक की तरफ देखता है। अभिषेक बात को संभालते हुए- मेरे कहने का मतलब था इतने सालो के बाद तुम अब घर आए हों,,,,,,,
गिरिराज, विवान और अभिषेक की तरफ़ देखकर- अरे लड़की वाले इन्तजार कर रहे होंगे जाना नहीं है क्या ...?
राजेश, कृष्णमूर्ति के पास आकार- भैया मिस्टर बजाज ने कॉल किया है वो पहुंच गए हैं हमे भी निकलना चाहिए। सारे गेस्ट वही पहुंचते होंगे।
करण ने आज ग्रे ब्लू ओरंग कलर का सिल्क स्लेटी कुर्ता, चूड़ीदार व मल्टिप्रिंटेड जैकेट पहनी थी वही विवान ने ग्रे ब्लेक ओरंग कलर और यश, कुणाल ने ग्रे मेरुन ब्लैक और ग्रे मेरून व्हाइट कलर के स्लेटी कुर्ता, चूड़ीदार मल्टिप्रिंटेड जैकेट पहनी थी। श्रेया ने रेड, रिया ने ब्ल्यू गाउन पहना था।
सब तैयार होकर नीचे आते है और मिस्टर बजाज के बताए होटल में पहुंचते हैं। जहां मिस्टर अनुराग अपनी फैमिली, और रिश्तेदारों के साथ वहा पहले से माजुद थे वो सबका स्वागत करते हैं और सबको अन्दर लेकर जाते है
यहा सबकी नजर काव्या पर थीं जो सबसे सुन्दर लग रहीं थीं जिसने बेबी पिंक कलर का हेवी लहंगा पहना हुआ था वह अपनी दोस्तो के बीच घिरी हुई थी। काव्या कबसे दरवाजे की तरफ देख रहीं थी लेकिन अवनी अभी तक नहीं आई थी। रिया,श्रेया और रूही काव्या को उपर स्टेज पर लेकर आते है करण भी यश और कुणाल के साथ आकर काव्या के पास बैठ जाता हैं, बाकी सब भी उनके पास ही खड़े रहते हैं रिंग सेरेमनी से पहले गाना बजता है जिसपर काव्या की फ्रेंड्स डांस कर रही थी काव्या और करण के सामने की और एक स्टेज ओर लगा हुआ था कुणाल माइक को हाथ में पकड़कर स्टेज पर खड़ा हो जाता हैं बाकी सब भी अपनी अपनी जगह आकर बैठ जाते है। काव्या अब भी अवनी के बारे मै सोच रही थी काव्या को इस तरह दुःखी देखकर करण उसके हाथ पर हाथ रखकर- क्या हुआ काव्या,तुम अपसेट क्यों हो.....
काव्या, करण की तरफ देखकर- अवनी..... अभी तक नहीं आईं वो आयेगी भी या नहीं.....
बाकी सब भी जो उनके पास खडे थे काव्या की बात सुन रहे थे विवान बीच में ही- भाभी आप उस इगोस्टिक लड़की लिए अपना फंक्शन क्यों खराब कर रही हो, अगर वो भी आपके बारे में सोचती तो आ जाती ना.....
विवान की बात सुनकर सब उसकी तरफ देखने लगते है करण विवान को चुप रहने का इशारा करता है फ़िर काव्या से- काव्या, मुझे अवनी पर विश्वास है वो ज़रूर आएगी,,,,,,,, काव्या भी हा में सिर हिलाती है और सब सामने कुणाल की तरफ देखते हैं।
कुणाल- तो आज के फंक्शन में बेस्ट परफॉर्मेंस होगी लड़की वालो की ओर से..... कुणाल के पास एक मैसेज आता है वह मैसेज पढ़कर- तो लड़की वालो की तरफ से परफॉर्मेंस तैयार है। सबकी नजरें स्टेज पर थीं, कुणाल स्टेज से नीचे आ जाता हैं और वहां की सारी लाइट्स बन्द हो जाती हैं स्टेज के बिच में एक पियानो रखा हुआ था जिसपर उपर से रेड ग्रीन लाईट गिर रही थी पियानो के सामने एक चेयर रखी हुई थी जिसपर व्हाइट गाउन पहने एक लड़की बैठी थी जिसका चेहरा किसी को नहीं दिख रहा था सबकी नजर उसी पर थी वह अपनी दोनों हाथों की अंगुलियों को पियानो पर रखकर उसे बजाना शुरू करती हैं ओर उसी की धुन में अपना गाना.................

गाना शुरू होने से पहले कुणाल, करण और काव्या को स्टेज पर बुलाता है,,,,,, दोनों स्टेज पर आते है। पियानो की धुन पुरे हॉल में गूंज रही थी करण और काव्या एक दूसरे का हाथ पकड़कर उसी धुन पर कपल डांस शुरू करते हैं और वो लड़की अपना गाना शुरू करती हैं........
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तू ही मेरी है
सारी ज़मीन
चाहे कहीं से चलूं
तुझपे ही आके रुकु
तेरे सिवा
मैं जाऊँ कहाँ
कोई भी राह चुनूं
तुझपे ही आके रुकु
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करण, काव्या का हाथ पकड़कर उसे घुमाते हुए, अपने करीब लाकर धिरे से- तो ये प्लान आपका था और सिंगर भी आपने ही बुलाया है,, यार पहले बोल देती, डांस प्रैक्टिस तो करके आता ना,,,,,,,,

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तुम मिले
तो लम्हे थम गये,
तुम मिले
तो सारे गम गये,
तुम मिले
तो मुस्कुराना आ गया
तुम मिले
तो जादू छा गया,
तुम मिले
तो जीना आ गया,
तुम मिले
तो मैने पाया है खुदा
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काव्या, सामने बैठे लोगों की तरफ़ देखकर मुस्कुराती है फिर करण से- अच्छा, लेकिन हमने किसी को नहीं बुलाया।हो सकता है विवान,उन सबने बुलाया हो,,,,,
दोनों फ़िर से गाने में खोकर अपना डांस शुरू करते हैं

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तुझमे किनारा दिखे,
दिल को सहारा दिखे,
आ मेरी धड़कन थाम ले
तेरी तरफ ही मुड़े,
ये साँस तुझसे जुड़े,
हर पल ये तेरा नाम ले
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तुम मिले
तो अब क्या है कमी,
तुम मिले
तो दुनिया मिल गयी,
तुम मिले
तो मिल गया आसरा
तुम मिले
तो जादू छा गया,
तुम मिले
तो जीना आ गया,
तुम मिले
तो मैने पाया है खुदा
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दिन मेरे तुझसे चले,
रातें भी तुझसे ढले,
है वक़्त तेरे हाथ मे
तू ही शहेर है मेरा,
तुझमे ही घर है मेरा,
रहता है तेरे साथ मे
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तुम मिले
तो मिल गया हमसफ़र,
तुम मिले
तो खुद की है खबर,
तुम मिले
तो रिश्ता सा बन गया
तुम मिले
तो जादू छा गया,
तुम मिले
तो जीना आ गया,
तुम मिले
तो मैने पाया है खुदा
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गाना ख्तम होते ही सब खड़े होकर तालियां बजाने लगते है और करण और काव्या की तारीफ़ करते हैं
लेकीन अभी भी सब उस लड़की के बारे में जानने को उत्सुक थे जो गाना गा रही थी
श्रेया, ज़ोर से सिटी बजाते हुए बाकि सब की तरफ़ देखकर- क्या गाना गाया है, भाई और काव्या भाभी पर बिल्कुल सूट हो रहा था,,,,,,,,
रिया, विवान, यश बाकि सब भी वही बेठे थे रिया सामने बैठी उस लड़की कि तरफ़ देखकर- मुझे लगता हैं ये अवनी है क्योंकि वो अभी तक भी नहीं आई शायद ये अवनी ही है
सब रिया की तरफ़ देखते हैं
विवान, अवनी का नाम सुनकर चिड़ते हुए- अवनी........ कल सुनी थी ना उसकी आवाज़ कितना कड़वा बोलती है और उतना ही गुस्सा,,,,, फ़िर सामने देखकर- इसकी आवाज़ में मिठास है,,,,,,,,,
गाना ख़तम होते ही स्टेज की सारी लाइट्स ऑन हो जाती हैं,वो लड़की वहा से उठकर जाने लगती हैं कुणाल माइक को हाथो में लिए स्तेज पर आकर - रुकिए मिस अवनी मिश्रा,,,, सब आपसे बेसब्री से मिलना चाहते है.........
अवनी का नाम सुनकर सब हैरान हो जाते है काव्या, ख़ुश होकर अवनी की तरफ देखकर- अवनी........
अवनी , केवल सब की तरफ़ देखकर मुस्करा रही थी।
रिया, विवान के पास आकर- क्या हुआ भाई, देखिए कड़वी आवाज़ कितना मीठा गाती हैं,,,,,सब विवान कि ओर देखकर हस रहें थे विवान,अभी भी खामोश खड़ा था
यश, रिया के पास आकर अपनी हसी रोकते हुए- रिया जी ये मत भुलो की ये आपके भाई है,,
फिर विवान की तरफ़ देखकर,,,,,क्यों सही कहा ने मैने विवान........
विवान सबको घूरते हुए वहा से चला जाता है, उसके पास किसी का कॉल आता है तो फोन को कान के लगाकर आगे बड़ता हैं, उसके ठीक सामने अवनी अपने दुप्पटे को सही करते हुए आ रही थीं। विवान बात करता हुआ सीधा अवनी से टकरा जाता है, उसका फ़ोन नीचे गिर जाता है। विवान बिना अवनी को देखे अपना फोन ढूंढने लगता है और अवनी विवान को देखकर थोड़ा पिछे हो जाती हैं
विवान, बिना अवनी को देखे- पता नही सबको हो क्या गया है, सामने पत्थर बनकर खडे हो जाते है एक वो कल थीं जिसकी बाते आज भी माइंड में घूम रही है अब ये कौन है..........विवान अपना फोन लेकर सामने देखता है तो अवनि खड़ी थी
अवनी,मन ही मन विवान को घूरते हुए- ये क्या हो गया....?आज भी ये खडूस.... पहले ही कल की बात से नाराज था और अब फोन और टूट गया। आज भी ख़ुद देखकर नहीं चल रहा था और अभी मेरे ऊपर भड़केगा,,,,,
अवनी वहा से जाने लगती तभी पीछे से विवान उसके पास आकर-मुझे लगा ही था कि ये तुम ही होगी....... क्योंकी भगवान ने तुम्हारे अलावा सबको आंखें दी है।।विवान अपना टूटा हुआ फोने अवनी को दिखाते हुए- मेरा पूरा फोन बिखर गया। तुम्हे पता है ये कितना इंपोर्टेंट था। प्रिया का फर्श नही ये मेरा फ़ोन था समझी........
अवनी- देखिए मिस्टर विवान जितनी ग़लती मेरी है उतनी ही आपकी भी, इसलिए हम बराबर हुए और रही बात फ़ोन कि तो नया ख़रीद लेना, क्या करोगे इतने पैसों का,,,,,,,,
विवान आगे कुछ बोलता उससे पहले ही अवनी यहां से चली जाती हैं।
विवान, अवनी तो जाते हुए देखकर थोड़े गुस्से में- बहुत अटिट्यूड हैं इस लड़की में, लेकीन मैं भी तुमसे कम नहीं,,,,, देखना मिस अवनी मिश्रा तुमसे सॉरी नहीं बुलवाया तो....... विवान भी वहा से चला जाता है
अवनी, काव्या, करण और बाकि सब के पास आकर- सॉरी गाईस मुझे ऑफिस से जल्दी छुट्टी नही मिली इसलिए इतनी लेट आईं फ़िर सोचा तुम्हे सरप्राइस ही दे दु......
काव्या, अवनी के पास आकर- मुझे लगा तू आएगी ही नहीं ...... लेकिन तेरा सरप्राइज़ मुझे बहुत अच्छा लगा मुझे नहीं पता था तू सिंगर भी है,,,,,,
हा अवनी, सच में तुम बहुत अच्छा गाती हो- सब एक साथ अवनी की तारीफ करते हुए बोलते है
अवनी- मै स्कूल टाइम से ही गाती हू बचपन से यहीं मेरी हॉबी है so.............
कुछ देर में करण और काव्या एक दूसरे को रिंग पहनाते है, इसके बाद सब खाना खाने लगते है, यहां अवनी चारो तरफ सबको देख रही थी उसकी नज़र किसी पर पड़ती हैं जिसे वह काफ़ी देर से नोटिस कर रही थी, वह अभिषेक था ,जो सबसे अलग अपने कुछ आदमियों से बात कर रहा था, अवनी उससे थोड़ा दुर आकर खड़ी हो जाती हैं फिर फोन निकालकर मैसेज करती हैं ओर पास खड़ी रुही के पीछे जाकर खड़ी हो जाती हैं। अभिषेक के पास मैसेज आता है वह फोन में मैसेज देखकर अपने चारो तरफ़ देखता है, कुछ देर बाद उसकी नज़र अवनी पर पड़ती है जो रुही से बाते कर रही थी, अवनी को देखकर,अभिषेक किसी को कॉल लगाता है
अभिषेक , थोडे गुस्से से- तुम्हे वो लड़की मिली या नहीं ........
सामने से एक आदमी की आवाज आती हैं- नहीं सर,,,हम ढूंढ़ रहे हैं
अभिषेक- दो साल हो गए तुम्हे ढूंढते हुए अभी तक ढूंढ ही रहें हों, ऐसे तो वो तुम्हे मिलने वाली नहीं, मै तुम्हारे पास एक लड़की की फोटो भेजता हूं बताना वो ही है क्या.......अभिषेक फोन काटकर सामने खड़ी अवनी की फोटो क्लिक करने लगता है, उसके पिछे प्रवीण खड़ा था अवनी प्रवीण की तरफ़ इशारा करती हैं और खुद की जगह रुही को खड़ी कर देती हैं उसके बिल्कुल पास में खुद खडी हो जाती है, इथर अभिषेक फोटो क्लिक करने ही वाला होता है कि प्रवीण उसके सामने आकर खड़ा हो जाता हैं अभिषेक प्रवीण की तरफ़ देखन लगता है और अवनी की जगह रुही की फोटो ले लेता है और फोन को निचे करके सामने देखता है जहा अवनी अकेली खड़ी थी।
प्रवीण,अभिषेक से- सर आप मेरे साथ चालिए मुझे आपसे अर्जेंट काम था
अभिषेक, अपना फोन पास खड़े आदमी को डेटा है और उसे फोटो सेंड करने का इशारा करके प्रवीण से बात करने लगता है,कुछ देर में प्रवीण वहा से अवनी के पास चला जाता है यहां अभिषेक के पास उस आदमी का कॉल आता है- सर ये लड़की वो नहीं है.......
अभिषेक गुस्से में चिल्लाते हुए- ठीक है..... फोन रख....
और अपने आदमियों के साथ बाहर आ जाता हैं
प्रवीण अवनी के पास आकर- तुम सही बोल रही थी अवनी यही वह इंसान हैं जिसे तुम ढूंढ रही हो।
प्रवीन को फंक्शन शुरू होने से पहले की याद आती हैं जब अवनी ने उसे अभिषेक के बारे में बताया था
4 घण्टे पहले
अवनी, अग्रवाल फैमिली के कुछ देर बाद ही होटल मे आ जाती हैं तब उसकी नजर अभिषेक पर पडती हैं जो गार्डन में छ सात आदमियों के साथ खड़ा था अवनी उसके पीछे पीछे जाती हैं और उनकी बाते सुनती हैं
फ़िर प्रवीण के पास- भाई, मुझे उस इंसान का प्ता चल गया है,,,
प्रवीन- are you sure अवनी
अवनी- हा भाई,....
प्रवीन- कौन है वो....?
अवनी - अभिषेक अग्रवाल, गिरिराज अग्रवाल का बेटा.......
अवनी, प्रवीण से- मुझे आपकी हेल्प चाहिए भाई...
प्रवीन और अवनी दोनों मिलकर प्लान बनाते हैं और किसी से अभिषेक के नंबर लेकर उसके पास मैसेज करती हैं,,, जिसे वो दो सालो से ढूंढ रहे हैं वो उसके सामने है। और खुद उसके सामने जाकर रुही के पास खडी हो जाती है।,,,,,,,,

प्रवीण, अवनी से- अब आगे क्या करना है अवनी.....
अवनी के पास कॉल आता है वह बाहर गार्डन में आकर- अपने आस पास देखकर- सर वो अभिषेक अग्रवाल ही है.....
वह आदमी, अवनी से - अभी कुछ भी मत करना अवनी ,अभी उसे तुम पर बिल्कुल शक नहीं होना चहिए, सबूत इकट्ठा करो और पता लगाओ कि उसके साथ और कौन-कौन मिला हुआ है..?
अवनी फोन रखकर वही बैठ जाती हैं यश और विवान भी किसी काम से बाहर आते है दोनों की नज़र सामने बैठी अवनी पर जाती हैं
विवान, अवनी को देखते हुए यश से- ये लड़की अकेली यहां क्या कर रही है।
यश, उसे चिड़ाते हुए- बैठी है तुम्हें दिखाई नहीं दे रही...... (हंसते हुए)
विवान, यश को आंखें दिखाकर- तू मेरा दोस्त कम, उसका ज्यादा लगता है तेरी प्रॉब्लम क्या है, बहुत खुशी हो रही थी ना तुझे जब वों मेरा मज़ाक बना रहीं थीं
यश,ना में सिर हिलाते हुए, उसके कंधे पर हाथ रखकर- नहीं मै तो तेरा ही दोस्त हूं लेकिन अवनी अच्छी लड़की है यार,,,,,
विवान, अवनी की तरफ़ देखकर- अच्छी, माय फुट,,,,, तुम्हें पता है आज इसने मेरा फोन गिरा दिया और बदले में सॉरी बोलने के बजाय मुझे ही सुना कर चली गई।
यश- लड़की खतरनाक है यार इसने तो डायरेक्ट तुमसे ही पंगा ले लिया।
विवान, कुछ सोचकर- तुमने इसकी एक बात नोटिस की.......?
यश, हैरानी से- क्या........? नहीं.......
विवान- तुमने इसे ज्यादा देर काव्या भाभी के पास देखा है...... और मै कब से इसे देख रहा हूं, जैसे ये कुछ ढूंढ रही हों.........
यश, विवान को समझाते हुए- नहीं यार तू कुछ ज्यादा ही सोच रहा है ऐसा कुछ नहीं है, चल देख मै अभी इसके पास जाता हूं लेकिन तुम मत आना......
यश अवनी के पास चला जाता है और विवान अन्दर,,,,,,,
यस अवनी के पास आकर- अवनी तुम अकेली यहां क्या कर रही हो....?
अवनी सामने यश की तरफ देखकर - वो सिर दर्द हो रहा था इसलिए यहां आ गई.....
यश अवनी के सिर पर हाथ रखता है उसे सच में बुखार था
यस- अवनी तुम्हें तो बुखार है मैं अभी काव्या को बुलाता हूं, तुम अन्दर चलो।
अवनी- नहीं यस इसकी कोई जरूरत नहीं है मैं अभी घर चली जाती हूं तुम काव्या को बोल देना,की मुझे कुछ काम था।
यश - अभी कुछ देर की ही तो बात है सब घर चलने वाले हैं तुम थोड़ी देर अंदर चलो।
अवनी-नहीं यश अभी काव्या परेशान होगी। मैं चली जाऊंगी।
यश- चल मैं तुम्हें ड्रॉप कर देता हूं।
अवनी- तुम.... नहीं ..... मैं चली जाऊंगी।
यश- तुम कैसे जाओगी तुम्हें तो बुखार है ट्रस्ट मी मैं तुम्हें घर ही छोड़ूंगा
अवनी यश कि बात पर हंसते हुए- चलो ठीक है पर काव्या को मत बताना,,,,
यस अवनी को अपनी कार में बैठाकर काव्या के अपार्टमेंट में छोड़ता है
अवनी कार से बाहर निकलकर - थैंक यूं यश,,
यश- अपना ध्यान रखना, मै चलता हूं।
यश अवनी को छोड़कर वापस घर आता है और काव्या के पास आकर- भाभी अवनी किसी काम से घर गई है आप सबके साथ थे तो उसने मुझसे कहा था कि आपको बता दू।
काव्या- ओके मै बात कर लूंगी।
सब लोग अपने अपने घर आ जाते है सात दिन बाद काव्या और करण की शादी थी
अगली सुबह
यहां अवनी अकेली थी काव्या अपने घर थी। अवनी सुबह उठकर अपने बेग से कैमरा निकालती हैं और एक कागज जो फोल्ड किया हुआ था
अवनी- उस कागज को देखते हुए- क्या मुझे एक बार विवान से बात करनी चाहिए.........लेकिन क्या वो मुझपर विश्वास करेगा..........


Continue.......