Do Pagal - Kahani Sapne Or Pyaar Ki - 21 books and stories free download online pdf in Hindi

दो पागल - कहानी सपने और प्यार की - 21

अंक २१ रिस्टार्ट 2

    नमस्कार दोस्तों। आशा करता हु की आप सब ठीक ही होंगे। आज मे लेखक वरुण पटेल फिरसे हाजिर हु आप के बिच हमारी बहुत ही मजेदार कहानी दो पागल के एक और अंक के साथ लेकिन मेरी बिनती है आप सब लोगो से कि अगर आपने आगे के २० अंको को नहीं पढा है तो सबसे पहले उन अंको को पढले ताकी आपको यह अंक अच्छे से  समझ आए | आईए शुरू करते है रिस्टार्ट २ को |

    आपने आगे देखा की कैसे रुहान शराब के नशे मे जीज्ञा और पुर्वी के होस्टेल के सामने नोटंकी की शुरुआत करता है और वोचमेन वो देखकर दोनो को भगाने के लिए आगे आता है और अब आगे।

    अबे कौन है साला वहा भाग वरना बहुत मारुंगा... वोचमेनने अपना डंडा उगामे हुए और रुहान और रवी की तरफ आते आते हुए कहा।

    रुहान चल घर और अपनी नौटंकी बंद कर वरना आज भी पीट जाएगे... रुहान की बाजुए पकडकर रुहान को समझाते हुए रवीने कहा ।

    अरे तु चिंता मत कर मेरे भाई उस बार मे पीया हुआ था इसलिए हमे मार खानी पडी और वेसे भी फर्क क्या पडता है हम हर तरफ से मार ही तो खा रहे। पहले प्यार ने मारा, फिर दुश्मन और अब यह बुढ्ढा मारने के लिए आ रहा है... नशे मे डुबे हुए रुहानने अपने लडखडाते हुए कदमो को संभालने की कोशिश करते  हुए कहा ।

    बे निकलो यहा से वरना पुलिस को बुलाता हुं... वोचमेनने रुहान और रवी के पास आते हुए कहा।

    रुहान की इस हालत को और अभी बन रहे माहोल को देखकर जीज्ञा की आख मे आसु आ जाते हैं और दोनो दोडकर निचे रुहान और रवी के पास आते हैं ।

    अबे तु क्या पुलिस को बुलाएगा रुक मे बुलाता हु। मेरा बाप पुलिस ही है... नशेडी की तरह बोलते हुए रुहानने कहा।

    नशे में रुहान क्या बोल रहा था और क्या कर रहा था उसका उसे होश ही नहीं था। रवी उसके हाथ से फोन खीच लेता है और रुहान अपनी चौडी आखो से रवी की तरफ देखता है लेकिन रवी उसको अपने हाथ से इशारा करके सामने की और देखने के लिए बोलता है और रुहान देखता है तो उसके सामने जीज्ञा और पुर्वी खडे हुए थे। जीज्ञा की आखो में आसु देखकर रुहान एक दम शांत हो जाता है।

     तुम दोनो बहार कैसे आइ अंदर चली जाओ वरना... वोचमेन के इतना बोलते ही जीज्ञा उसे बिच मे ही टोककर बोलने की शुरुआत करती है।

     वरना क्या। वो टेरीसवाला वीडियो अभी तक मेरे पास है अगर इन्टरनेट पे वाईरल कर दिया ना तो कोई नौकरी नहीं देगा...जीज्ञाने पहले के बने हुए किस्से को याद करते हुए वोचमेन को धमकी देते हुए कहा।

     जीज्ञा की इस धमकी से वोचमेन तो चुप हो जाता है लेकिन रुहान को शांत करना अभी भी बाकी था। सामने खडा रुहान अब जीज्ञा का भी मजाक बनाने की शुरुआत करता है।

     अरे आप अकेली क्यु है इतनी रात को। आपके होनेवाले पती आपके साथ नही आए। यह तो फिर चिटिंग है... शराबी वाली हरकत करते हुए रुहानने कहा।

     जीज्ञा सबकुछ समझ शक्ति थी की रुहान एसा क्यु बोल रहा है। दोनो अपने दिल की ना सुनते हुए अपने दिमाग की सुन रहे थे।

     देख रुहान तु घर चल तुझे जो भी बोलना है बाद मे मुझे बोल लेना... आखो मे आसु और दिल में दबाए हुए अलफाझो के साथ जीज्ञाने कहा। दोनो आज एक दुसरे के इतने नजदीक होते हुए भी जेसे एक दुसरे से बहुत दुर हो एसा महसुस कर रहे थे। जीज्ञा रुहान की बाहे पकडकर एक्टिवा की तरफ ले जाने की कोशिश करती है।

     अगर पकडना है तो लाइफ टाइम के लिए पकड लो वरना छोड दो प्लीज मे खुद चला जाउंगा... इतना बोलकर शराब के नशेमे धुत रुहान एक समझदार बालक के जैसे जाकर रवी के पीछे एक्टिवा मे बेठ जाता है।

     अपने आसुओ को साथ लेकर जीज्ञा भी रुहान के पीछे बेठजाती है।

     पुर्वी प्लीज़ यहा पे संभाल लेना मे इसको छोडकर आती हुं... जीज्ञाने रुहान के पीछे बेठते हुए कहा।

     अरे मेडम आप एसे नहीं जा सकते वरना मेरी नौकरी चली जाएगी प्लीज... वोचमेनने जीज्ञा से बिनती करते हुए कहा।

     कुछ नहीं होगा अगर आप अपना मु और आज का केमरे का रेकोर्डिग बंद रखे और मे आपकी नौकरी बचाती हुं । चलो रवी... जीज्ञाने वोचमेन और रवी से कहा।

     दोनो रुहान को अपने घर छोडने के लिए निकलते है। बिच रास्ते में बारीस शुरु हो जाती है। तीनो भीग जाते हैं। रुहान और जीज्ञा के आखो से बरस रहे पानी को देखकर यह तय करना मुश्किल हो रहा था की वो आसु वाला पानी है या बारीस का। रुहान रवी को जेसे बच्चा मोटरसाइकिल पे अपने पापा को पकडकर बेठता है वेसे बेठा हुआ था और शराब के नशे मे कुछ भी बोले जा रहा था।

     मेरे दोस्त तु मुझे कभी मत छोडना। तुम दोनो ही मेरे सच्चे रिश्तेदार हो। तु और महावीर बाकी सब मुझे छोडकर चले गए... रुहानने अपने मम्मी और जीज्ञा की बात करते हुए कहा।

     जीज्ञा बस पीछे बेठे बेठे रुहान और अपने हालातो को देखकर बारीस के साथ साथ अपने आसु भी बरसा रही थी। तीनो रुहान के घर पहुचते है। तीनो मे से किसीको यह आयडिया नहीं था की आज रुहान के अब्बा मुहम्मद भाई घर पर आ गए थे और अभी तक अपनी वर्दी में ही थे। तीनो एक्टिवा के साथ घर के मुख्य दरवाजे के पास पहुचते है जीन्हे घर के अंदर से देखकर मुहम्मद भाई दरवाजा खोलते है और बहार आते हैं। रवी मुहम्मद भाई को देखकर हक्का बक्का हो जाता है मतलब डरजाता है।

     यह सब क्या है रुहान और रवी। तुम दोनो इतनी रात तक बहार घुमते हो और यह बेटी कोन है... मुहम्मद भाईने तीनो को देखते हुए कहा ।

    अरे पुलिस। सर आई सेल्युट सर पर आपने हमको क्यु रोका है ना तो मेने शराब पी है और ना तो रवी बिना लाइसन्स के गाडी चला रहा था (इतना बोलते बोलते रुहान जीज्ञा की तरफ देखता है और बोलता है।) अच्छा तो हम लोग तीन सवारी थे तो तो सर आपका बनता है... शराब के नशेमे इधर उधर हिलते डुलते हुए रुहानने कुछ भी बोलते हुए अपने अब्बा से कहा।

     इसे अपने रुममे ले जाकर सुला दो रवी... मुहम्मद भाईने रवी से कहा।

     जी अंकल... रुहान की बाहे पकडकर उसको अपने रुम की और ले जाते हुए कहा।

     वहा पे टुआल वगेरे होगा अपने आप पोछ लेना... रुहान को ले जा रहे रवी से मुहम्मद भाईने कहा।

     जी अंकल... रवीने कहा।

     अंदर आजाव बेटा... मुहम्मद भाईने बारीस मे भीगी हुई जीज्ञा से कहा।

     जीज्ञा और मुहम्मद भाई दोनो अंदर जाते हैं। दोनो घर के होल में सोफे पर बेठते है और मुहम्मद भाई जीज्ञा को टुआल देते हैं अपने आपको पोछने के लिए और फिर जीज्ञा मुहम्मद भाई को उस रात जो भी हुआ वो सबकुछ बताती हैं।

     माफ कर देना बेटा मेरे रुहान की वजह से तुम्हें इतनी परेशानी हुई और मेने उसे इस हालत मे कभी नहीं देखा। मेने भी उसके सामने शराब जरुर पी है लेकिन मुझे नहीं पता था की वो भी कभी शराब पीने लगेगा। सब मेरी गलती है... मुहम्मद भाईने जीज्ञा के सामने रुहान की इस हालत का अपने आपको जिम्मेवार बताते हुए कहा।

     जीज्ञाने या रुहानने कभी भी मुहम्मद भाई को अपने प्यार के बारे में नहीं बताया था।

     गलती यह नहीं है की आपने उसके सामने शराब पी और वो आपको देखकर पीने लगा। उसने तो सिर्फ इतना देखा की आपके अंदर चल रही परेशानीओ से दो घडी छुटने के लिए पी रहे हो और इस वजह से उसके जीवन में भी एक परेशानी खडी हो गई की अम्मी के जाने के बाद अब्बा भी कही गायब से हो गए। उसको सब मीलता था लेकिन आपका समय और आपका प्यार उसकी अम्मी के जाने के बाद मिलना बंद हो गया था और वो इसलिए शराब की और मुड गया। उसकी इस हालत का जिम्मेवार में सिर्फ आपको नहीं ठहराउंगी उसमे मेरी भी गलती है मेने भी एक समय पे अच्छे दोस्त होने के कारण उससे वादा किया था कि वो शराब छोड दे मे उनकी हर परेशानी सुनुगी और उसका हिस्सा भी बनुंगी और जेसे जेसे हमारी दोस्ती आगे बढती गई वेसे वेसे वो उल्टा मेरी परेशानीओ मे हिस्सा लेने लगा और हर परेशानीओ को दुर करने लगा लेकिन ईश्वर को सायद यह मंजुर नहीं था इसलिए आज मे खुद उसकी परेशानी बन गई हु और इसलिए उसकी इस हालत की जिम्मेवार में भी हुं। अंकल हो सके तो उसके साथ ज्यादा से ज्यादा टाईम स्पेन्ड करना... जीज्ञाने अपने प्यार के बारे मे कुछ भी ना बोलते हुए भी मुहम्मद भाई को सबकुछ समझ आ जाए एसे अपने दिल की सारी बाते मुहम्मद भाई को समझाते हुए कहा।

     मुहम्मद भाई के मन मे जीज्ञा की बात सुनने के बाद कोई भी सवाल उठे उससे पहले रवी रुहान को अपने रुममे सुलाकर आ जाता है।

    अंकल रुहान को सुला दिया है। सो नहीं रहा था इसलिए मेने उसे हलके से पावर वाली निंद की दवाई दी है... रवीने आकर कहा।

     ठीक है बेटा धन्यवाद और तुम्हारा भी जीज्ञा। इसे वापस छोड देना रवी और हा बारीस ज्यादा है इसलिए मेरी कार लेकर चले जा... मुहम्मद भाईने रवी और जीज्ञा से कहा।

     नहीं अंकल हम एक्टिवा मे चले जाएंगे... रवी और जीज्ञा दोनो ने मुहम्मद भाई से कहा।

     मेने कहा कार लेके चले जाओ तो चले जाओ क्योकी इस बारिश मे एक्टिवा पर इतनी रात को जाना सही नहीं है ठीक है... मुहम्मद भाइने कहा।

     जी अंकल... बोलकर रवी और जीज्ञा बहार की और चल देते हैं।

     जेसे जीज्ञा बहार जाने के दरवाजे के पास पहुचती है तभी पीछे से मुहम्मद भाई जीज्ञा को आवाज लगाते हैं।

     बेटा... जीज्ञा और रवी पीछे मुडकर देखते हैं।

     जी अंकल... जीज्ञाने पीछे मुडकर कहा।

     तुम रुहान से प्यार करती हो या फिर सिर्फ दोस्त हो... मुहम्मद भाईने जीज्ञा के जीवन का सबसे कठिन सवाल करते हुए कहा।

     परिस्थिति और संजोग तो हमे दोस्त ही समझते हैं और अब तो किसी भी सवाल पर मेरे पास दोस्त के अलावा कोई विकल्प भी नहीं है...इतना बोलकर जीज्ञा चली जाती है।

     मुहम्मद भाई के दिमाग मे जीज्ञा के इस उलझा देने वाले जवाब को लेकर कई सवाल घुम रहे थे। जीज्ञा और रुहान को भी आप लोगो की तरह कुछ समझ नहीं आ रहा था की उनकी जींदगी मे आगे जाके क्या होने वाला है और दोनो के बिच अब लव लाइफ की कोई गुंजाइश है भी या नहीं? एसे कही सवाल दोनो के दिमाग मे चल रहे थे और सजंयसिह का काम अभी भी बाकी था वो इतने मे रुकनेवाला नही था और अब तो कहानी ज्यादा मजेदार होनेवाली है जब जीज्ञा अपने पापा, अपने सपने और अपने प्यार को एक साथ केसे मेनेज करेगी और उसमे सजंयसिह कोनसी घमाल मचानेवाला है वो सब देखना बहुत ही मजेदार होनेवाला है तो पढना ना भुले अब से हर बुधवार और रवीवार को आगे के आनेवाले सारे अंको को।

     अगर आपको यह नवलकथा अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेर जरुर करे |

TO BE CONTINUED NEXT PART ...

|| जय श्री कृष्णा ||

|| जय कष्टभंजन दादा ||

A VARUN S PATEL STORY