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शापित गुड़िया - भाग ४

शिवा अपने घर का डोर बैल बजाता है और थोड़ी ही देर में दरवाजा खुल जाता है।

शिवा जब दरवाजा खोलने वाले को देखता ही रह जाता है,
सामने से जब दरवाजा खोलने वाला व्यक्ति शिवा को हवा में हाथ फैराते हुऐ कहता 'हाय जीजू'

सामने खड़ा व्यक्ति कोई और नहीं शिवा की साली थी और शिवा उसे देख कर हैरान होकर पूछता है " प्रिया तुम ,तुम कब आई।

प्रिया ' जीजू आप तो बुलाओगे नहीं और मै अपनी भांजी का जन्मदिन भूल नहीं सकती।

शिवा ' ठीक बहार खड़े रखने का इरादा है या फिर अंदर आने दोगे(शिवा ने मुस्कराकर पूछा)

प्रिया ' जी जीजू क्यों नहीं ' इतना कहकर उसने शिवा को रास्ता दिया

शिवा जब अंदर की बढा तो उसने जन्मदिन की सारी सजावट देखी जो काफी खूबसूरत थी।

प्रिया शिवो सजावट देखते हुऐ देखती है तो कहती है ' क्यों जीजू है ना बढिया सजावट वो तो होगी ही मैने जो की हा तारीफ तो करोगे नहीं ये तो पुलिस वालों की खासियत है।

शिवा मुडकर प्रिया से कहता है ' ऐसी कोई बात नहीं बस मै हैरान था कि चलो तुम्हें कुछ तो आता है।'

प्रिया नराज जेसा मुह बनाकर कहती है 'क्य जीजू हमेशा मेरा मजाक उडाते रहतो हो।

शिवा हसते हुऐ कहता है ' अच्छा बाबा सच्ची बहुत खूबसूरत सजावट है'

प्रिया शिवा के पास जाकर कहती है ' जीजू पता है मै तमन्ना के लिए एक गिफ्ट लाई हूँ उसे देख कर तमन्ना सरप्राइज हो जाऐगी।

शिवा कहता है ' वो क्या है'

प्रिया ' बताने अच्छा है मै आपको दिखाती हूँ चलो मेरे साथ।'

प्रिया और शिवा एक रूम की तरफ बढते हैं जहां प्रिया ने गिफ्ट रखा हुआ होता है।

रूम में आकर शिवा प्रिया से पूछता है कहा है वो गिफ्ट।

प्रिया हैरान थी हर जगहा ढूंढने पर भी उसका वो गिफ्ट कहीं नजर नही आता।

प्रिया हैरान होकर ' मैंने इसी रूम में रखा था आखिर गिफ्ट कहा गया।'

शिवा भी अब परेशान था ' अगर रखा था तो कहा हैं और फिर गिफ्ट में था क्या।'

प्रिया अपना एक हाथ सर पर रख कर कहती है ' अरे कुछ नहीं मै तमन्ना एक बढी सी डोल लाई थी वो बहुत ही खूबसूरत है मैंने सोचा तमन्ना खुश हो जाऐगी।

शिवा यह सुनकर हैरान रह जाता है और एक दम से आवाज निकलती है ' अरे नहीं ये नहीं हो सकता मतलब वो यहां तक वो पहुंच गई मै अब उसे कैसे रोक पाउँगा।'

प्रिया हैरान होकर शिवा से पूछती है ' क्या कह रहे हो जीजू मेरे कुछ समझ नहीं आ रहा आप किसकी बात कर रहे हो और कौन यहां तक पहुंच गया और किसी रोकने की बात कर रहे हो।'

शिवा प्रिया की तरफ देखता और देखते ही हैरान रह जाता है क्योंकि वो गुडिया ठीक प्रिया के पीछे एक अलमारी मे थी जो शिवा को देखकर मुस्कराने लगती है।

जैसे ही शिवा की नजर गुड़िया पर पड़ी तो प्रिया भी हैरान रह गई कि जीजू मेरे पीछे की ओर क्या देख रहे हैं और वो भी देखने के लिऐ मुड़ जाती जैसे ही वो मुड़ती है वो गुड़िया प्रिया को दिखाई देती है और उसे देखकर खुश हो जाती है।

प्रिया गुड़िया को देखकर उसके पास जाकर उसे उठाकर शिवा से कहती है ' यही तो है जो मै तमन्ना के लिऐ लाई हूँ बताओ सामने थी नजर नहीं पढी।

प्रिया शिवा की तरफ गुड़िया का चहरा करे होती है और वो उसके बाल सहला रही होती है।

इधर शिवा उस गुड़िया को देखे जा रहा था और घबराहे हुऐ था और वो गुड़िया शिवा को देखकर एक भयानक मुस्कराहट देती है।'

शिवा तुरंत वो गुड़िया प्रिया से छीनकर अपने घर के बहार फेंक देता है और दरवाजा बंद कर लेता है और इधर प्रिया नराज होकर शिवा से कहती है ' ये क्या जीजू मेरा लाया हुआ गिफ्ट बहार फेंक दिया क्या इतनी बुरी हूँ में।

शिवा ' ऐसी बात नहीं है उस गुड़िया को तुम नहीं लाई बल्कि वो खुद तुम्हारे साथ यहां आई है उसे आना था।

प्रिया परेशान होकर पूछती है ' क्या जीजू पहेलियाँ भुजा रहे हो साफ साफ बताओ क्या कहना चाहते हो।

शिवा एक दम से घबराहट और तेज आवाज में प्रिया से कहता है ' वो गुड़िया श्रापित है वो गुड़िया नहीं एक चुडैल है जो मेरे पूरे परिवार को खत्म करने आई है।

इतनी तेज आवाज सुनकर शिवा की पत्नी रिया भी वहां आ जाती है।

रिया दोनों को देखते हुऐ कहती है ' क्या हुआ किस बात से परेशान हो और शिव तुम कब आये '

शिवा कुछ कहने वाला ही था कि डोर खटखटाने की अआवाज आती है ।

रिया प्रिया को देखते हुऐ कहती है देखा दरवाजे पर कौन है।

शिवा प्रिया रोकते हुऐ कहता है नहीं दरवाजा मत खोलना वो वहां कोई नहीं है बस वही गुड़िया है।

रिया हैरान होकर शिवा से कहती क्या पागलों जैसी बात कर रहे हो आज तमन्ना का जन्मदिन है और मैंने कुछ लोगों इनवाइट किया है सायद वहीं हो।

शिवा ' नहीं फिर भी अभी दरवाजा मत खोलो'

तीनों दरवाजे पर इंतजार करने लगे और कुछ देर तक खटखटाने की आवाज आती रही और फिर बंद हो गई।

शिवा 'देखा मैने ठीक कहा था कोई नहीं बहार ' इतना वो कहता ही है कि काफी तैज तमन्ना के चीखने की आवाज आती है और एक साथ खिड़की दरवाजे खटखटाने लगते हैं।

तीनों एक साथ काफी घबराह जाते हैं और तेजी से तमन्ना के कमरे की ओर बढते हैं ।

रिया बहुत तेज आवाज में तमन्ना को पुकारती है (तमन्ना बेटी क्या हुआ घबराह मत मै आ रही हूँ)

शिवा तैजी से तमन्ना के दरवाजे तक पहुंच जाता है और दरवाजा खोलने की कोशिश करता है लेकिन दरवाजा नहीं खुलता।

रिया और प्रिया घबराहकर शिवा से कहते हैं जल्दी कुछ करो दरवाजा खुल नहीं रा तो तोड़ो प्लीज।

शिवा और जोर लगाने लगता है लेकिन दरवाजा नहीं खुलता और इतने में सभी खिडकी और दरवाजा के खटखटाने की आवाज बंद हो जाती।

प्रिया की नजर दरवाजे के नीचे की ओर पढती है जहां से खून बहता हुआ बहार आ रहा होता है और ये सब देख कर वो बहुत तेज चीखकर बोलती है " खून......"

तीनों नीचे देखने लगते हैं और तीनों बहुत घबराहे हुऐ होते और थीड़ी देर में दरवाजा अपने आप खुल जाता है।

......................ललित राज