online shopping in Hindi Business by धरमा books and stories PDF | ऑनलाइन खरीददारी

Featured Books
  • पडद्याआडचे सूत्रधार - 1

    जशी आपल्या पृथ्वीवर जैव विविधता आहे तशी कुठेतरी, कोणत्यातरी...

  • मी आणि माझे अहसास - 125

    शोधा असे दृश्य शोधा जे आत्म्याला शांती देऊ शकेल. एक असे घर श...

  • सवाष्ण

    आज जत्रेचा पाचवा दिवस होता आणि त्यात रात्री झालेला पाऊस. सगळ...

  • My Lovely Wife

    अनाथ इशू ला 5 वर्षाची असताना,,शहरातील सर्वात श्रीमंत असणाऱ्य...

  • हेल्लो

    सायली आणि निशात…निशात हा खूप साधा-सरळ मुलगा. कुणालाही उगाच ए...

Categories
Share

ऑनलाइन खरीददारी

मंदी क्यों है व्यापार में ???

बर्तन का व्यापारी परिवार के लिये जूते ऑनलाइन खरीद रहा है...

जूते का व्यापारी परिवार के लिये मोबाइल ऑनलाइन खरीद रहा है...

मोबाइल का व्यापारी परिवार के लिए कपडे ऑनलाइन खरीद रहा है...

कपड़े का व्यापारी परिवार के लिये घड़ी ऑनलाइन ख़रीद रहा है...

घडी का व्यापारी बच्चों के लिए खिलोने ऑनलाइन ख़रीद रहा है...

खिलोने का व्यापारी घर के लिये बर्तन ऑनलाइन खरीद रहा है ...

और ये सब रोज सुबह अपनी-अपनी दुकान खोल कर अगरबत्ती लगा कर भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि आज धंधा अच्छा हो जाये...
कहाँ से होगी बिक्री ???

खरीददार आसमान से नहीं आते हम ही एक दूसरे का सामान खरीद कर बाजार को चलाते हैं क्योंकि हर व्यक्ति कुछ न कुछ बेच रहा है और हर व्यक्ति खरीददार भी है...

ऑनलाइन खरीदी करके आप भले 50-100 रु की एक बार बचत कर लें लेकिन इसके नुक्सान बहुत हैं क्योंकि ऑनलाइन खरीदी से सारा मुनाफा बड़ी बड़ी कंपनियों को जाता है जिनमें काफी विदेशी कंपनियां भी हैं...

ये कम्पनियाँ मुठ्ठीभर कर्मचारियों के बल पर बाजार के एक बहुत बड़े हिस्से पर कब्जा कर लेती हैं, ये कम्पनियां बेरोजगारी पैदा कर रही हैं और इनके द्वारा कमाये गये मुनाफे का बहुत छोटा हिस्सा ही पुनः बाजार में आता है...

यदि आप सोचते हैं कि मैं तो कोई दुकानदार नहीं हूं और ना ही व्यापारी , मैं तो नौकरी करता हूँ ऑनलाइन खरीदी से मुझे सिर्फ फायदा है नुक्सान कोई नहीं तो आप सरासर गलत हैं क्योंकि जब समाज में आर्थिक असमानता बढ़ती है या देश का पैसा देश के बाहर जाता है तो, देश के हर व्यक्ति को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उसका नुक्सान उठाना पड़ता है चाहे वह अमीर हो या गरीब, व्यापारी हो या नौकरी करने वाला,बीमा ऐजेंट, दुकानदार हो या किसान हर कोई प्रभावित होता है...

वक्त है बदलाव का


मंदी क्यों है व्यापार में ???

बर्तन का व्यापारी परिवार के लिये जूते ऑनलाइन खरीद रहा है...

जूते का व्यापारी परिवार के लिये मोबाइल ऑनलाइन खरीद रहा है...

मोबाइल का व्यापारी परिवार के लिए कपडे ऑनलाइन खरीद रहा है...

कपड़े का व्यापारी परिवार के लिये घड़ी ऑनलाइन ख़रीद रहा है...

घडी का व्यापारी बच्चों के लिए खिलोने ऑनलाइन ख़रीद रहा है...

खिलोने का व्यापारी घर के लिये बर्तन ऑनलाइन खरीद रहा है ...

और ये सब रोज सुबह अपनी-अपनी दुकान खोल कर अगरबत्ती लगा कर भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि आज धंधा अच्छा हो जाये...
कहाँ से होगी बिक्री ???

खरीददार आसमान से नहीं आते हम ही एक दूसरे का सामान खरीद कर बाजार को चलाते हैं क्योंकि हर व्यक्ति कुछ न कुछ बेच रहा है और हर व्यक्ति खरीददार भी है...

ऑनलाइन खरीदी करके आप भले 50-100 रु की एक बार बचत कर लें लेकिन इसके नुक्सान बहुत हैं क्योंकि ऑनलाइन खरीदी से सारा मुनाफा बड़ी बड़ी कंपनियों को जाता है जिनमें काफी विदेशी कंपनियां भी हैं...

ये कम्पनियाँ मुठ्ठीभर कर्मचारियों के बल पर बाजार के एक बहुत बड़े हिस्से पर कब्जा कर लेती हैं, ये कम्पनियां बेरोजगारी पैदा कर रही हैं और इनके द्वारा कमाये गये मुनाफे का बहुत छोटा हिस्सा ही पुनः बाजार में आता है...

यदि आप सोचते हैं कि मैं तो कोई दुकानदार नहीं हूं और ना ही व्यापारी , मैं तो नौकरी करता हूँ ऑनलाइन खरीदी से मुझे सिर्फ फायदा है नुक्सान कोई नहीं तो आप सरासर गलत हैं क्योंकि जब समाज में आर्थिक असमानता बढ़ती है या देश का पैसा देश के बाहर जाता है तो, देश के हर व्यक्ति को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उसका नुक्सान उठाना पड़ता है चाहे वह अमीर हो या गरीब, व्यापारी हो या नौकरी करने वाला,बीमा ऐजेंट, दुकानदार हो या किसान हर कोई प्रभावित होता है...

वक्त है बदलाव का