Hum Dil de chuke Sanam - 4 books and stories free download online pdf in Hindi

हम दिल दे चुके सनम - 4

दोस्तों अभी तक आपने पढ़ा अनुष्का अपनी पढ़ाई के साथ साथ स्कूल भी जाति थी, बच्चो को पढ़ने क्यूकि टीचिंग शौक था उसका अब आगे.......

अनुष्का स्कूल से घर आकर सो गई और देर तक सोती रही रही। उसका रोज का रूटिंग था, सारी रात पढ़ती सुबह स्कूल जाती और सारा दिन सोती रहती। शाम के 6:00 बजे कोचिंग जाती जहां से 8:00 बजे तक वापस आती थी।

"हेलो आंटी" माही घर में आते ही मिसेज मलिक से कहा।

"हैलो बेटा!! अनुष्का को उठाया है वह अभी आती होगी" मिसेज मलिक जो कि हाल में बिछे सोफे पर बैठी चाय पी रही थी माही के आते ही चाय का कप रख कर माही के लिए चाय लेने चली गई।

माही अनुष्का की बेस्ट फ्रेंड थी। बचपन से ही दोनों साथ पढ़ते थे स्कूल खत्म होने के बाद साथ-साथ ही कॉलेज में एडमिशन करवाया था। कॉलेज तो दोनों कम ही जाती थी लेकिन कोचिंग डेली जाती थी। माही रोज अनुष्का को पिक करने आती थी और वह दोनों अकेले कोचिंग के लिए निकल जाते थे।

"इन सब की क्या जरूरत है, मेरा तो रोज का ही आना जाना लगा रहता है आप परेशान मत हुआ कीजिए" माही मैसेज मलिक से चाय का कप लेते हुए कहती हुई बैठ गई।

"अरे बेटा, इसमें परेशानी की क्या बात है इस टाइम तो सभी लोग चाय पीते हैं, मैं इस लड़की को बुलाकर लाती हूं पता नहीं क्या कर रही है इतनी देर से??? मैसेज मालिक कहती हुई अनुष्का के रूम की तरफ बढ़ने लगी थी तभी माही ने आंटी को रोकती हुई बोली

"अरे आप रहने दीजिए आंटी, मैं खुद बुला कर लाती हूं इसे" माही चाय का कप हाथ में लिए बैग को वहीं सोफे पर रखकर अनुष्का के रूम में चली गई। अनुष्का रूम में नहीं थी, लेकिन वॉशरूम से पानी गिरने की आवाज आ रही थी, मतलब साफ था कि अनुष्का नहा रही होगी। माही इसके स्टडी टेबल पर पड़े असाइनमेंट को देखने लगी और चाय पीते पीते असाइनमेंट के पेज भी पलट रही थी, तभी पीछे से अनुष्का की आवाज आई।

"हां बेटा!!! छाप लो मेरा काम आराम से छाप लो" तभी माही एकदम पीछे मुड़ी।

" मुझे क्या करना तुम्हारा बायो का असाइनमेंट छाप कर,मैं केमिस्ट्री की लड़की हु, मैं तो बस ऐसे ही देख रही थी, आगे से नहीं देखूंगी बस"

"अच्छा यार मैं तो मजाक कर रही थी, तुमने तो दिल पर ले ले लिया" अनुष्का बाल ड्राई कर रही थी।

"जल्दी कर यार ऐसा ना हो आज भी लेट हो जाए माही घड़ी में टाइम देखती हुई बोली"

"हां बस 5 मिनट" अनुष्का अपने बालों को जल्दी जल्दी ड्राई करने लगी थी और सूखे हुए बालों का जूड़ा बनाकर दुपट्टा लेते हुए बोली।

"यार बस मैं सोच रही थी कि मिहिर होता तो जल्दी जल्दी पहुंच जाते, तुमने बेकार ही इसका ऑफर ठुकरा दिया" माही दोनों हाथों से चाय का कप पकड़े अनुष्का की तरफ देख रही थी"

"आजकल तुम रोज ही इसके साथ जाने का कह रही हो, सब ठीक तो है" अनुष्का ने दुपट्टे में पिन लगाते बोला।

"हां सब ठीक है, मैं तो बस ऐसे ही कह रही थी" माही चाय का कप साइड में रखती हुई बोली।

"अच्छा चलो खड़ी हो जाओ देर हो रही है" अनुष्का ने अपना बैग कंधे पर रखा और हाथ में रजिस्टर लेकर निकल पड़ी

माही बिना कुछ बोले कमरे से निकल आई थी और फिर अपना बैग उठाने लगी थी इतने में अनुष्का भी आ गई और दोनों घर से निकल गई थी। अचानक उसके सामने एक व्हाइट कलर की कर उसके सामने आकर रूकी अनुष्का को पता था कि किसका कार है, इसलिए वो माही का हांथ पकड़कर जल्दी जल्दी आगे बढ़ने लगी, तभी मिहिर शीशा नीचे करके गाड़ी ईसके साथ साथ आगे बढ़ाता रहा था और माही को आवाज दे रहा था।

माही इसकी आवाज सुनकर तुरंत ही रुक गई मजबूरन अनुष्का को भी रुकना पड़ा।

"बोला भी था मत रुकना अब यह पकाएगा आधे घंटे तक" अनुष्का जानबूझकर तेज आवाज में बोली।

अनुष्का की बात सुनकर उसने अपना चश्मा हटाया ब्लैक कलर की टी-शर्ट पहने बाल अच्छे से खड़ा किया, काला चश्मा लगाए वह किसी हीरो से कम नहीं लग रहा था।

"जो खुद पहले से इतना पक्के हो उसको मैं कैसे पका सकता हूं" मिहिर माही की तरफ देखकर बोला माही ने जवाब में मुस्कुरा कर देखा जिस पर अनुष्का ने उसे घूरा।

"हमें अभी लेट हो रहा है तुमसे बात करने का टाइम नहीं है" अनुष्का माही का हांथ पकड़ कर चलने लगी।

"मैं तो आप लोगों का टाइम बचाने आया हूं मेरे साथ चलने में क्या बुराई है, मैं खा तो नहीं जाऊंगा आपको" मिहिर ने गाड़ी दोबारा इसके सामने रोक दिया।

"प्रॉब्लम तो खुद आप है"

"यार छोड़ो चलो ना पहले ही लेट हो रहे हैं हम अच्छा है जल्दी पहुंच जाएंगे" माही अनुष्का की बात काटते हुए बोली।

"हां देखो तुमसे ज्यादा समझदार है तुम्हारी दोस्त और तुम देखो मेरी दोस्त होने के बाद भी तुम्हें अक्ल नहीं है" मिहिर गाड़ी का गेट खोलकर नीचे उतर आया था।

"कौन सी दोस्त?? कैसी दोस्त?? तुम मेरे पापा के दोस्त के बेटे हो मेरे दोस्त कहां से हो गए??? अनुष्का भाऊ चढ़ाकर बोली।

"अच्छा यह बहस बाद में भी हो जाएगा अभी चलो जल्दी से देर हो रही है" माही गाड़ी के पिछले गेट की तरफ बढ़े जा रही थी मिहिर ने गाड़ी से उतरते ही खोल दिया था आखिर में अनुष्का को भी गाड़ी में बैठना पड़ा और मिहिर गेट बंद करके आगे की सीट संभाली।

"माही आप कैसी हैं??? मिहिर गाड़ी चलाते हुए आगे के शीशे को अनुष्का की तरफ घुमाते हुए पूछा।

"मैं तो बिल्कुल ठीक हूं" माही ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया अनुष्का बाहर देख रही थी।

"और आपकी दोस्त कैसी है??? अनुष्का की तरफ इशारा करते हुए पूछा।

"लगता है आज आपकी दोस्त मुझसे बात नहीं करना चाहती लगता है नाराज है मिस अनुष्का" अनुष्का पर जोर देते हुए कहा जिस पर अनुष्का ने मिहिर की तरफ नजर घुमाकर देखा।

"मिस कैसी तबीयत है आपकी?? मिहिर दोबारा बोला।

"पता नहीं मेरी बात नहीं हुई है तबीयत से" अनुष्का यह कहकर दोबारा बाहर की तरफ देखने लगी।

"अच्छा चलो जब बात हो जाए आपकी तबीयत से तब बता देना, वैसे एक बात बताओ बताओगी आप मिहिर शीशे पर नजर जमाए हुए कहा।

"जी पूछिए" अनुष्का ने जवाब दिया।

"समझ नहीं आ रहा है कैसे पूछूं"

"ठीक है नहीं पूछिए" अनुष्का बाहर की ओर देखे जा रही थी।

"आप सब के साथ अच्छे से बात करती है लेकिन सिर्फ मेरे से ही नाराज लगती है क्यू???माहिर ने पूछा।

"यार मैं नाराज नहीं हूं बिल्कुल भी, वह बस मैं ऐसी ही हूं क्या करूं??? अनुष्का को एहसास हुआ कि वह फालतू का गुस्सा दिखा रही है।

"अरे माही मासूमियत तो देख लो मैडम की" मिहिर माही की तरफ देखते हुए अनुष्का के बारे में बोला।

"बहुत बकवास दिमाग चला लेते हो तुम अपना" अनुष्का भी इसी अंदाज में बोला।

"हां भगवान किसी को खूबसूरती देता, और किसी को दिमाग और अच्छा है कि मेरे पास दोनों ही चीज की कमी नहीं है" मिहिर ने हंसते हुए जवाब दिया जिस पर माही और अनुष्का जोर जोर से हंस पड़ी

"अच्छा जोक मारते हो" अनुष्का अपने मुंह पर हाथ रखे हंसी रोकने की कोशिश करते हुए बोली।

"अच्छा बस अब ज्यादा नीचा दिखाने की जरूरत नहीं है आप लोग की जगह आ गई है और जा सकते हैं" मिहिर ने इनके कोचिंग के सामने गाड़ी रोकी।

अनुष्का गाड़ी से उतरकर एक सौ का नोट मिहिर की तरफ बढ़ाते हुए कहा "लो आज आपने हंसाया इसकी"

"यह क्या बकवास है" मैंने पैसे वापस वापस कर ही रहा था कि इतने में अनुष्का माही को लेकर जल्दी से कोचिंग की तरफ बढ़ गई।

"सही है यह बात भी याद रहेगी मुझे मिहिर कहता हुआ गाड़ी आगे बढ़ा दिया....

बाकी अगले एपिसोड में...........