Hum Dil de chuke Sanam - 9 books and stories free download online pdf in Hindi

हम दिल दे चुके सनम - 9

अब आगे......

अगले अगले दिन अनुष्का जल्दी जल्दी नाश्ता की और नाश्ता करके अंश और अंशिका के स्कूल बस का इंतजार करने लगी

"आज इनकी बस लेट नहीं हो गई??? अनुष्का ने घड़ी में टाइम देखते हुए पूछा

"नहीं बेटा रोज 7:45 पर ही बस आती है तुम्हे कहीं जाना है क्या??? मिस्टर आकाश बोले।

"नहीं नहीं अंकल मैं तो बस ऐसे ही पूछ रही थी कि कहीं ये लोग लेट ना हो जाए उस ने जवाब दिया।

"नहीं बराबर टाइम देख रही हो ना घड़ी में और जल्दी जल्दी नाश्ता भी कर लिया है इसलिए पूछा" अकाश बोले।

"नहीं अंकल ऐसी कोई बात नहीं है" अनुष्का ने बात बनाते हुए कहा।

"दीदी आप ही हमारे साथ स्कूल चलो ना आज" अंश ने अनुष्का की तरफ देखकर कहा।

"नहीं अंश मैं कैसे जा सकते हो तुम्हारे स्कूल मेरे पढ़ने लिखने के दिन तो गए" अनुष्का इसके गाल खींचते हुए बोली।

"क्यों नहीं जा सकती हो आकाश जी कार में छोड़ आते हैं ना तुम सबको बच्चे भी खुश हो जाएंगे" मिसेज आकाश बोली।

"हां बहुत मजा आएगा" अंशिका मासूमियत से बोली।

"अंकल को बेकार में ही प्रॉब्लम होगी ये लोग चले जाएंगे बस में" अनुष्का ने बात संभालने की कोशिश की।

"नहीं बेटा प्रॉब्लम कैसी मुझे तो खुशी होगी बच्चे भी खुश हो जाएंगे, तुम भी घूम लोगी थोड़ा मिस्टर आकाश बोलते बोलते खड़े हो गए।

"अच्छा चलो ठीक है" अनुष्का ने भी सब का दिल रखने के लिए हामी भर दी। वह सब कार में बैठे हैं चुके थे अनुष्का का सारा ध्यान अनिल उसकी तरफ था अंशिका बार-बार अनुष्का को बुला रही थी मगर वह तो कार के शीशों से बाहर देखने में मगन थी। अंश ने अनुष्का को पकड़कर हिलाया।

"हां बोलो" अनुष्का ख्यालों से बाहर आ गई।

"ठीक है बच्चे अपने पापा से तो पूछ लो पहले अनुष्का ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।

"अरे बेटा मुझे क्या प्रॉब्लम होगा आखिर मैं आ जाऊंगा ऑफिस से फिर तुमको पिक कर लूंगा घर से फिर हम स्कूल चलेंगे अकाश ड्राइव करते हुए बोले।

"ठीक है" अनुष्का कहते हुए खड़ी हो गई अनुष्का ने गाड़ी से हाथ हिला कर अंश और अंशिका को बाय किया मिस्टर आकाश गाड़ी घर की तरफ घुमा दी। अभी टाइम ज्यादा तो नहीं हुआ है वैसे गाड़ी पार्क के पास ही रुकवा लूंगी हो सकता है नवाब साहब रही हो अभी तक अनुष्का ने सोचा फिर अपने अंकल से कहा।

"अंकल वहां गार्डन में छोड़ देना मुझे मैं वहां से खुद चली जाऊंगी"

"क्यों बेटा घर तक छोड़ देता हूं ना"

"नहीं अंकल मैं वहा वॉक करती हूं ना वहां इसलिए कह रही थी" अनुष्का ने कहा।

"चलो ठीक है छोड़ देता हूं वहां अकाश ने कार गार्डन की तरफ ले ली। अनुष्का ने मोबाइल का हेडफोन कानों में लगाकर सीट से सर टिका लिया।

"लो बेटा पहुंच गया घर जल्दी चले जाना लेकिन" मिस्टर आकाश गार्डन के सामने गाड़ी रोकते हुए कहा।

"ठीक है अंकल" अनुष्का कहती है गाड़ी से उतर गई और तेज तेज कदम बढ़ाते हुए अंदर अंदर चली गई। इसने इधर उधर निगाह दौड़ाई मगर चंद लोगों के अलावा कोई नजर नहीं आया वह बुजुर्ग जिनसे अनिल हँसकर बातें कर रहा था वह भी शायद आकर जा चुके थे।

"कोई बात नहीं कल तो मुलाकात हो ही जाएगी आपसे" अनुष्का सोचती हुई मुड़ी तो इसके ठीक पीछे अनिल फूलों को पानी डाल रहा था। अनुष्का मुस्कुराहट के साथ बोली "ओ तो तुम यहां माली का काम करते हो" अनुष्का हाथ बांधे खड़ी हो गई। अनिल पानी डालते हुए एकदम रुका और सीधा खड़ा हो गया।

"यार आप मेरे पीछे हाथ धोकर के पर गई है।

"हाथ तो नहीं धोए हैं फिलहाल मैंने" अनुष्का ने अनिल से कहा। अनिल पानी छिड़कने वाला बही रखकर गेट की तरफ बढ़ गया।

"एक मिनट रुको तो मुकेश" अनुष्का ने पीछे से आवाज लगाई।

"मुकेश!! यह कौन है?? अनिल फॉरेन पीछे मुड़ कर देखने लगा।

"इधर उधर क्या देख रहे हो मैं आपको कह रही हूं" अनुष्का ने कहा।

"लेकिन मेरा नाम मुकेश नही है मेरा नाम अनिल है" अनिल ने मुंह बनाकर कहा।

"लेकिन आपके उपर तो यही नाम सूट कर रहा है" अनुष्का मुस्कुराते हुए बोली।

"क्या हुआ?? जवाब नही दिया, अच्छा थोड़ी देर मुझे कंपनी दे दो फिर चले जाना ना" अनुष्का उसके सामने आकर बोली।

"मैं कैसे कंपनी दे सकता हूं मैं तो गरीब सा आदमी हूं और मेरे पास कहां से आ गई इतनी कंपनी के लोगों को बांटता फिरू" अनिल ने पीछे हटते हुए कहा।

"अरे पागल मेरा मतलब है कि मैं यहां अकेली बोर हो जाऊंगी आप थोड़ा टाइम स्पेंड कर लो मेरे साथ"

"यहां तो आप बहुत लोगों को जानती है ना किसी के साथ कर लीजिए टाइम स्पेंड" अनिल बोलते हुए आगे बढ़ा। तभी अनुष्का ने उसका हाथ पकड़कर उसे बेंच पर बैठा दिया और खुद ही गई।

"पागल हो गई हो क्या?? अनिल तुरंत उठकर खड़ा हो गया

"क्यों कहां लिखा है कि बेंच पर बैठने वाले पागल होते हैं" अनुष्का भी खड़ी हो गई।

अनिल आगे आगे चलने लगा और अनुष्का भी उसके पीछे पीछे चलते-चलते वाटर कूलर के पास रुक गई और पास खड़े बच्चे से पानी मांगा जो खुद भी पानी पी रहा था। अनिल अंधाधुन बाहर की तरफ बढ़ रहा था अबकी बार अनुष्का ने उसे रोका नहीं कुछ देर चलने पर जब अनिल को अनुष्का की आवाज नहीं आई तो उसने पीछे मुड़कर देखा। जहां अनुष्का इससे काफी दूर खड़ी होकर पानी पी रही थी। अनिल दोबारा अनुष्का की तरफ आने लगा। अनुष्का ने इसको अपनी तरफ आते देख कर मुंह दूसरी तरफ कर लिया। अब आ रहा है ऊंट पहाड़ के नीचे अनुष्का मन ही मन मुस्कुराई।

"मैडम पानी बैठकर पीते हैं, आपको इतना तो पता होना चाहिए" अनिल इस के करीब आकर बोला।

"आप से मतलब बैठकर पियू या खड़े होकर अपने काम से काम रखिए" अनुष्का अब नखरे दिखाती हुई बोली।

"मेरा तो काम ही है आप की हिफाजत करना" अनिल धीरे से बोला।

"एक मिनट क्या कहा आपने?? जरा दोबारा कहना अनुष्का इसके पीछे पीछे चल दी।

"कुछ नहीं कल मुलाकात होगी अनिल लंबे लंबे कदम बढ़ाते हुए आगे बढ़ गया।

"कल मुलाकात होगी!!! अनुष्का मुस्कुराई और घर की तरफ चल दी।

आगे जारी है....