Bollywood ke Bhoole Bisre Sangeetkar aur unke gane - 7 books and stories free download online pdf in Hindi

बॉलीवुड के भूले बिसरे संगीतकार और उनके गाने - 7

 बॉलीवुड के भूले बिसरे संगीतकार और उनके गाने 7

 

धनीराम 

धनीराम अपने समय के अच्छे गायक और संगीतकार थे  . उन्होंने हिंदी फिल्मों में अच्छे गाने दिए हैं  . कुछ फिल्मों में अन्य संगीतकार ( खैय्याम , वसंत देसाई , सी रामचंद्र , आर सुदर्शन  , एस हरिदर्शन आदि ) के साथ मिल कर संगीत दिया है तो कुछ फिल्मों में स्वयं स्वतंत्र रूप से अपनी धुनें बनाई हैं  . 

आवारा लड़की , रूप बसंत , शोले , डाक बाबू , शाही बाज़ार , तक़दीर , गुल बहार , आँख का नशा बाजे घुँघरू उनकी प्रमुख फ़िल्में हैं जिनके लिए धनीराम ने स्वयं संगीत दिया है  . फिल्म  लड़की में धनीराम , सी रामचंद्र और आर सुदर्शन ने मिल कर संगीत दिया है जिसके गाने  अपने समय के शीर्ष गाने रहे हैं  . 

1953 फिल्म लड़की के कुछ गाने जो बहुत मशहूर हुए थे - मैं हूँ भारत की नार  … ; बाट चलत नयी चुनरी रंग डारी  … ;शादी किस्मत की बात  … ; तोड़ के दुनिया के दीवार  …; इंसान जो रोता  है तो रोता  ही रहेगा 

इनके अलावा धनीराम के कुछ अन्य लोकप्रिय गाने - 

फिर वही नगमा सुना दे  …. फिल्म शाही बाज़ार - 1957 

चार दिन की चांदनी फिर अँधेरी रात  .. फिल्म रूप बसंत - 1955 

नेरा दिल कभी रोये कभी गाये  … फिल्म शोले - 1953 

बाल से हसरतें मिट गए  …  फिल्म शोले - 1953 

सपने टूट गए   … फिल्म डाक बाबू - 1954 

किसी के तीरे नज़र दिल पे खाये  …  फिल्म डाक बाबू - 1954 

घिर घिर आये बदरवा  कारे  …   फिल्म डाक बाबू - 1954 

इस तक़दीर के आगे कोई तदबीर चलती है  ..फिल्म  तक़दीर - 1958 

आ दिल से दिल मिला ले नज़रों के तीर खा ले ..फिल्म  तक़दीर - 1958 

ना चमको चंदा आज की रात  … फिल्म धुंआ - 1953  

 

 बॉलीवुड के भूले बिसरे संगीतकार और उनके गाने  

सी अर्जुन 

सी अर्जुन बॉलीवुड में एक बेहतरीन संगीतकार थे  . उनका नाम बहुत कम ही लोगों ने सुना होगा  .भले ही  उन्होंने बहुत ज्यादा फिल्मों में संगीत नहीं दिया हो पर उनके बनाये कुछ नगमे बेमिसाल थे  . उनके कुछ गाने तो मोहम्मद रफ़ी के बेस्ट गानों में गिने जाते हैं  . 

सी अर्जुन ने पहली बार 1960 में रोड नंबर 303 में संगीत दिया था  . उन्होंने अंतिम बार  1983 में ‘सती  नाग कन्या ‘ में संगीत दिया था  . विडंबना यह है कि 60 के दशक में कुछ अविस्मरणीय नगमे देने के बावजूद उ बड़े बैनर या A ग्रेड की फ़िल्में उनके नसीब में नहीं थीं  . 

उनके कुछ यादगार गाने - 

पास बैठो तबीयत बहल जायेगी   … फिल्म पुनर्मिलन - 1964  ( रफ़ी  के बेहतरीन गानों में एक ) 

चाह करनी थी चाह कर बैठे   …  फिल्म पुनर्मिलन - 1964 

इन प्यार की राहों में तेरा ही सहारा है  …  फिल्म पुनर्मिलन - 1964 

भई रे भई मैं तो बावरी  …  फिल्म पुनर्मिलन - 1964 

रुक जा ओ जाने वाले एक नजर तो देख ले  ..  फिल्म पुनर्मिलन - 1964 

गम की अँधेरी रत में   … फिल्म सुशीला - 1966  ( तलत महमूद के बेहतरीन गानों में एक ) 

मैं अभी गैर हूँ मुझे अपना न कहो  .. फिल्म मैं और मेरा भाई - 1961 

इंसान कितने युग बीते यूं ही रहा नादां  .  .. फिल्म मैं और मेरा भाई - 1961 

पीने वाले मेरी आँखों से पिया करते हैं  .. फिल्म मंगू दादा - 1970 

जितनी हसीं हो तुम उतनी ही बेवफा हो  ..  फिल्म मंगू दादा - 1970 

जिंदगी डूब जाए गम के तूफां में  … फिल्म एक साल पहले - 1965 

एक ख्वाब एक तमन्ना भूले थे  .. फिल्म नवाब साहब - 1978 

हमने तेरी ज़फ़ा का वफ़ा का नाम रख दिया  … फिल्म  हैं ससुराल - 1966 

मैं तो आरती उतारूँ  … फिल्म जय संतोषी माँ - 1975 

यहाँ वहां जहाँ तहाँ  … फिल्म जय संतोषी माँ - 1975 

यहाँ यह कहना उचित है कि 1975 की कम बजट की धार्मिक फिल्म ‘जय संतोषी माँ ‘ ने देश भर में अपार सफलता पाई थी और इस फिल्म के सी अर्जुन के बनाये सभी गाने भी उतने ही मशहूर हुए थे  . 

 

 बॉलीवुड के भूले बिसरे संगीतकार और उनके गाने 

 

इक़बाल कुरैशी 

 

   भूले बिसरे बॉलीवुड के संगीतकारों में एक नाम इक़बाल कुरैशी का भी है  .  उन्होंने बॉलीवुड में 1958 - 73 के बीच करीब दस फिल्मों में संगीत दिया जिनके कुछ गाने तो लाजवाब थे और आज भी बहुत पसंद किये जाते हैं  . हालांकि कुरैशी एक कुशल संगीतकार थे पर उन्हें उतनी सफलता नहीं मिली जितने की वे हक़दार थे और न ही उन्हें बड़े बजट की फिल्मों में काम करने अवसर मिला  . 

पहली बार इक़बाल ने 1958 की फिल्म ‘पंचायत ‘में संगीत दिया था  . उसके बाद फिल्म - बिंदिया , लव इन शिमला , चा चा चा , ये दिल किसको दूँ , उम्र कैद आदि फिल्मों में संगीत दिया है  . 

इक़बाल कुरैशी के कुछ बेहतरीन गाने - 

ता थैया कर के आना  … फिल्म पंचायत - 1958 

मैं अपने आप से घबरा गया हूँ  … - फिल्म बिंदिया - 1960 

दर पे आये हैं सनम के .. लव इन शिमला - 1960 

यूं जिंदगी के रास्ते संवारते चले गए  … लव इन शिमला - 1960 

दिल का फ़साना कोई न जाना  ….फिल्म  उम्र कैद - 1961 

ओ पिया जाना ना   …. .फिल्म  उम्र कैद - 1961 

मुझे रात दिन ये ख्याल है  … .फिल्म  उम्र कैद - 1961 

अब मोहब्बत में जो पहले थी वो बात नहीं  … फिल्म बनारसी ठग - 1962 

एक बात पूछता हूँ अगर तुम बुरा न मानो  … फिल्म बनारसी ठग - 1962 

फिर आने लगा याद वही प्यार का आलम  …फिल्म  ये दिल किसको दूँ - 1963 

कितनी हसीं  हो तुम  … फिल्म  ये दिल किसको दूँ - 1963 

एक चमेली के मंडवे तले  .. फिल्म चा चा चा - 1964 

वो तुम न थे वो हम न थे  …  फिल्म चा चा चा - 1964 

सुबह न आयी शाम न आयी  …  फिल्म चा चा चा - 1964 

हुस्न वाले हुस्न का अंजाम देख  … फिल्म कव्वाली की रात - 1964 

मेरे जहां में तुम प्यार ले के आये  … फिल्म प्यार बना अफसाना - 1967 

सुनो तुम फरियाद मेरी  … फिल्म आलम आरा - 1973 ( यह फिल्म 1931 की प्रथम टॉकिंग फिल्म ‘आलम आरा ‘की रीमेक थी ) 

आ जा आ जा आ भी जा  … फिल्म दास्ताने  लैला मजनू - 1974 

1996 में फिल्म ‘स्पॉट बॉय ‘ में गायक उदित नारायण ने भी उनके संगीत निर्देशन में  गाना गया था  . 

 

शेष अंतिम भाग 7 में 

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