Pyari Duniya - 12 books and stories free download online pdf in Hindi

प्यारी दुनिया... - 12 - (पैनिक होना....)

एपिसोड 12 ( पैनिक होना ... )
अबीर नागों का नाग ... माह शक्ति शाली ... सर्व श्रेष्ठ ... नागराज था | उसके आगे .... नागवंश तो क्या .... इंसान भी अपना सर झुकाते थे |
जब अबीर वापिस घर ... अपने कमरे में पहुंचा ,, तो उसने पाया की कनिका अभी तक सो रही है | वो कनिका के पास गया | ओर उसे अपनी बाहों में लेकर सो गया | ओर उस रात को याद करने लगा था ... जब उसने कनिका को पहली बार .. देखा था | अबीर को कनिका में कुछ ख़ास ... अलग फील हुआ था | वो कनिका की यादों में यूँ ही कब गहरी नींद में चला गया ... उसे पता ही नहीं चला |
सुबह सूरज की तेज़ किरणों के चेहरे पर पड़ने से कनिका की आँख खुली | उसकी पलकें बहुत भरी हो रहीं थी | ओर सर में भयानक दर्द हो रहा था | जब उसने अपनी आँखें खोलीं ... तो खुद को एक बड़े से कमरे में पा कर कनिका हैरान रह गई | वो जल्दी से बेड पर उठकर बैठ गई | ओर अपने आसपास देखने लगी | ओर एक नज़र अपने कपड़ों की तरफ डाली | ओर घबरा कर चीख पड़ी |
“नहीं ....” अबीर अपनी बाथरूम में नाहा रहा था | उसने जब कनिका की आवाज़ सुनी ... तो जल्दी से बाथरोब पहकर बाथरूम से बाहर निकला | ओर देखा ... तो कनिका घबराई हुई ... बेड के एक कयने में सिमट कर बैठी हुई थी | कनिका को देख कर ... अबीर कह सकता था ... की वो क्यूँ इतनी घबराई हुई है | ओर कनिका के दिमाग में इस वक्त क्या चल रहा है |
कनिका ने जब अपने सामने अबीर को देखा ... तो उसे अपनी आँखें बड़ी कर देखने लगी | ओर कनिका रोते हुए अबीर से बोली | “तुमने ... तुमने मेरे साथ क्या किया ?” अबीर समझ सकता था की ... कनिका का इतना घबराना लाज़मी है | कनिका को वो दो साल पहली रात याद आ रही थी | उसके दिमाग ने अब बंद करना बंद कर दिया था | कनिका ने जल्दी से अपने शरीर पर चादर लपेटी ... ओर बिस्टर से उठी ... ओर वहां से जाने लगी | पर जैसे ही कनिका उठी ... अबीर ने उसे पाकर लिया | ओर बोला | “देखो कनिका ... जैसा तुम सोच रही हो .. वैसा कुछ नहीं है | मैंने तुम्हारे साथ कुचं नहीं किया ...”कनिका ने जब अबीर की बात सुनी ... तो वो रुक गई | ओर पिच्छे मुड़कर ... अबीर की तरफ अपनी नाम आँखों से देखने लगी | ओर धीरे से बोली |
“तो .. तो मेरे कपडे ...?” अबीर को समझ नहीं आ रहा था की .... वो क्या बोले | पर कनिका से झूठ बोलना उसने ठीक नहीं समझा | अबीर अपना सर निचे कर .. अपन धीमी आवाज़ में बोला | “मैंने .... ( फिर जोर से जल्दी से बोला .) पर ट्रस्ट मी कनिका ... मैंने कुछ नही देखा .. ओर किया ...” अबीर की बात सुन ... कनिक तो मानो सुन ही पद गई हो | उसे चक्कर आने लगे | ओर वो गिर गई | पर कनिका जमीन पर गिरती .... अबीर ने उसे अपने मज़बूत हातों से थाम लिया |
कनिका ने अपनी आँखें धीरे से खोली ... तो अबीर का सुन्दर चेहरा अपने सामने पाया | वो खड़े होने की कोशिश कर रही थी | पर उसके सर में बहुत दर्द हो रहा था | कनिका ने अपना सर पकड़ा ओर ओर धीरे से बोली ... “मेरा सर ...”
एक झटके में अबीर ने कनिका को गोद में उठाया ओर बेड पर बिठा दिया | कनिका इतनी हलकी थी ... की अबीर मन ही मन सोचने लगा | “क्या ये खाना नहीं खाती ...” | ओर बड़े ध्यान से कनिका के सर पर हत्थ रखते हुए बोला | “सब ठीक है कनिका | कुछ नहीं हुआ | किसी ने कुछ नहीं किया .... ठीक है ...” | कनिका को कल रात की सारी बाते याद आने लगीं | ओर वो पैनिक करने लगी | अबीर ने कनिका को कस कर गले लगाया | ओर उसे शांत करते हुए बोला | “शांत हो जाओ कनिका ... सब ठीक है ..” | कनिका रोते हुए अबीर से बोली |
“वो ... मुझे छुआ ... ( जोर से रोते हुए )” | कनिका इतनी रो रही थी की .. उससे बोला भी नहीं जा रहा था | अबीर बोला | “मैं सब ठीक कर दूंगा | तुम चिंता मत करो |” कुछ देर कनिका को अबीर ने यूँ ही गले लगाया रखा | फिर उसने कनिका की तरफ देखा ... जो उसे गले लगाए ही सो गई थी | कनिका का मासूम चेहरा देख ... अबीर उसमे खो सा गया था | कनिका के चेहरे पर कोई मेकअप नहीं था | पर फिर भी कनिका किसी सुन्दर परि जैसी नज़र आ रही थी | कनिका को अपनी बाँहों में देख ... अबीर के चेहरे पर स्माइल आ गई | उसने कनिका को बेड पर लेटाया ओर फिर एक मेड को बुलवा कर उसे कपड़े पहनवा दिए |