Nandini ka Saya - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

नंदिनी का साया - भाग 2

(फ्लैशबैक दृश्य)

Dheeraj Vo

बीस साल पहले की बात है... इस मॉल की जगह पर नंदिनी और नरेश का पुश्तेनी घर था... उस वक्त वो दोनो एक साथ बोहत खुश थे... फिर एक दिन एक सेठ की नजर उनके जमीन पर गई...

Seth

मैं तुम्हें इस जमीन के अच्छे पैसे दूंगा!

Naresh

नहीं सेठजी हमें जमींन नहीं बेचनी... ये मेरी विरासत है... सदियों से मेरे बाप दादा इसी घर में रहते चले आ रहे हैं तो मैं इसे नहीं बेच सकता!

Seth

सोच लो… आज ना कल कैसे भी करके... मैं ये ज़मीन ले ही लुंगा… अगर तुम अपने आप दोगे तो तुम्हारे लिए अच्छा होगा!

Naresh

नहीं सेठजी! मैं बिलकुल नहीं बेचूंगा!

Dheeraj Vo

नरेश के मना करने पे... सेठ ने गुंडों को भेजकर घर में आग लगा दी... नंदिनी जलते हुए घर से बहार आ गई... लेकिन नरेश घर के भीतर ही फँस गया। देखते ही देखते आग ने विक्राल रूप धारण किया और नरेश उस आग में जलने लगा... बहार खड़ी नंदिनी तिलमिला गई.

Nandini

(रोते हुए) नरेश (चिल्लाते हुए) नरेश...

Dheeraj Vo

वो चीखते चिल्लाते आग में कूद गई... और उस रात उस डॉन ने उन दोनों की जिंदगी आग में जलाकर राख कर दी...

Dheeraj

उस दिन से कोई भी इस जगह पर रात में रुकने की हिम्मत नहीं करता... केई मजदूरो ने और वॉचमैनो ने भी नंदिनी के भूत को देखा है...

Suresh

क्या नंदिनी की आत्मा को मुक्ति दिलवाने का कोई रास्ता नहीं?

Dheeraj

शायद वो उस सेठ से बदला लेना चाहता है जिसने उसके घर में आग लगायी थी... पर ये मुमकिन नहीं... क्यूकी अब वो सेठ इस मॉल का मालिक है और वह कभी सूरज ढालने के बाद यहां नहीं आता!

Suresh

पर बेचारी के साथ बहुत बुरा हुआ।

Dheeraj

इसिलिए वो सबको सता रही है...

Vo

धीरज सोचने लगा की कैसे वो नंदिनी की आत्मा को मुक्ति दिलवा सकता है...

Suresh

क्या आपके पास मॉल के मालिक का नंबर है?

Dheeraj

हाँ रजिस्टर में है…

Vo

सुरेश ने वो नंबर नोट कर लिया... और वो फिर पिछले गेट कि ओर बढ़ गया...

Dheeraj

नंदिनी बहन मैं तुम्हें मुक्ति दिलवाना चाहता हूं… मैं तुम्हारी मदद करुंगा… मैं उस सेठ को यहाँ बुलाऊंगा…

Vo

वो भूतनी सुरेश के सामने आ गई...

Nandini

क्या तुम सच में ऐसा कर सकते हो?

Suresh

हां... पर तुम्हें एक वादा करना होगा की तुम उसके बाद किसको नहीं सताओगी और ये दुनिया छोड़ दोगी...

Nandini

मैं वादा करती हूं…

Vo

सुरेश ने अपने फोन से वो नंबर मिलाया.

Suresh

सेठजी सेठजी मॉल में आग लग गई है… मॉल के पिछले गेट पर और सारी दुकाने पूरी तरह से जल रही हैं…

Seth

क्या तुम फायर ब्रिगेड को फोन करो. मैं अभी आया...

Vo

सेठ हड़बड़ी में कार लेकर निकल गया... वो परेशान था... जैसे ही वह गेट के पास पंहुचा उसे गाडी से नंदिनी का भूत नजर आया और वह डर गया. डर में वह अपनी गाडी पर कण्ट्रोल न कर पाया और सेठ की कार पलट गयी...

Seth

(चिल्लाहट)

Vo

सेठ को काफी चोटे आई... फिर भूतनी ने सेठ को कार के दरवाजे के बहार खींचा...

Nandini

क्या सोचा था की मैं तुम्हारा कुछ नहीं कर पाउंगी... आज तू मरेगा...

Seth

मुझे माफ़ कर दो…

Nandini

बिलकुल नहीं…. मेरी जिंदगी बरबाद कर दी और अब माफ़ी मांग रहा है... तुझे भी मौत मिलेगी मौत...

Vo

सेठ गेट से बहार भागने की कोशिश करने लगा... भूतनी ने सेठ की गाड़ी को आग लगा दी... और सेठ भी उसी आग में जलने लगा...

Seth

(चिल्लाहट)

Vo

सेठ चीखता चिल्लाता दम तोड़ दिया.

Vo

नंदिनी की भूत सुरेश के पास आई...

Nandini

भैया तुमने मेरी मदद की है... मैं हमेश तुम्हारी शुकर गुजर रहूंगी... धन्यवाद!

Vo

नंदिनी की आत्मा को मुक्ति मिल गई... उसका बदला पुरा हुआ और उस दिन के बाद किसी को भी मॉल में भूत नहीं दिखीइ दिया...

समाप्त-

-सोनाली रावत