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प्यारी दुनिया... - 27 - पापा को खेलना है ...

एपिसोड 27 ( पापा को खेलना है ... )
कुछ दिन यूँ ही बीत गए | कनिका अभी भी थोडा परेशान थी | सन्डे को कनिका को रिया किचन में खाना बनाते टाइम एक दुसरे से बात कर रहे थे | की रिया ने कनिका से पुछा |
रिया :: “क्या हुआ कनु ? तुम थोडा परेशान लग रही हो ?”
कनिका :: “नहीं ऐसी कोई बात नहीं है ...”
रिया ने कनिका के कन्धों पर अपना हाथ रखा ओर उससे बोली |
रिया :: “देख कनु ... तुझे पता है न की टू मुझे कोई भी बात शेयर कर सक्त्यी है |”
कनिका :: “अच्छा बाबा ठीक है ... मैं बस यही सोच रही हूँ .... की अबीर ने कितनी आसानी से मेरे बच्चो को अपना लिया ....”
रिया : “तो इसमें बुरा क्या है ...”
कनिका :: “नहीं रिया ... बात वो नहीं है ...”
रिया :: “फिर क्या चल रहा है तेरे दिमाग में ...”
कनिका :: “अबीर की आँखें ....”
रिया कनिका की बात सुन .. थोडा घबरा गई ... पैर वो कनिका से कुछ बोली नहीं | कनिका आगे बोली ...
कनिका :: “अबीर की आँखें .. कुछ उस रात वाले इंसान से मिलती हैं ....याद है मैंने वो तस्वीर बनाई थी .... कल रात कायरा ने भी मुझसे यही बात कही .... ओर तूने नोटिस नहीं किया .. की कायरा ओर अबीर की आँखें ओर फीचर्स ... ओर तो ओर ..कायर्व तो पूरा का पूरा अबीर की तरह है |”
रिया :: “तो तुझे लगता है की ....”
कनिका :: “हाँ .. पर मैं दावे से नहीं कह सकती हूँ |”
रिया :: “तो क्या अबीर को पता होगा ...”
कनिका :: “मुझे नहीं पता यार ....”
कनिका आगे कुछ बोल पति ... तभी उसे कायरा की रोने की आवाज़ आती है .... ओर कनिका कायरा को देखने के लिए बाहर हॉल में चली जाती है | पर रिया अभी भी कुछ सोच रही थी | फिर रिया ने अपना फ़ोन निकाला ओर किसी को कुछ मैसेज किया | फिर कनिका के पिच्छे चली गई |
कायरा कायर्व के पीछे पीछे भागते हुए गिर गई थी | ओर उसके मोटे मोटे आंसू देख ... जहाँ कायर्व को चिड़ मच रही थी | वहीं जब कनिका ने कायरा को देखा तो उसकी तो जान गले में ही अटक गई थी | कनिका जल्दी से कायरा के पास आई | ओर कायरा को गोद में उठाते हुए बोली |
कायरा :: “क्या हुआ ... तुम कैसे गिरी ...”
कनिका को वहां देख ... कायर्व की तो सिटी पिटी गुल हो चुकी थी | उसे पता था की अगर कायरा ने अपना मुह खोला ... तो फिर तो उसकी सहमत आना पक्का है | क्यूंकि उसकी माँ ... फिर उसे छोड़ेगी नहीं | तो कायर्व जल्दी से बोला |
कायर :: “कुछ नहीं ममा .... भाग रही थी ... ओर गिर गई ..”
कनिका ने एक सेकंड के लिए अपनी रोटी हुई बेटी की ओर देखा ओर फिर अपने बेटे की तरफ देखा .... जो कायरा को ही देख रहा था |
कनिका को पता था की कुछ तो गड़बड़ है | वो आगे कुछ बोलती उससे पहले ही ... कायरा बोल पड़ी |
कायरा :: “हाँ ममा .... भाई सही कह रहे हैं |”
कायर्व को तो अपने कानों पर भरोसा ही नहीं हो रहा था | की कायरा ... उसकी बहन आज उसे उसकी माँ से बचा रही है | कायरा अपनी बड़ी बड़ी आँखों को ओर बड़ा करते हुए कायरा को देखने लगा | पर वो कुछ बोला नहीं | फिर कायरा आगे बोली |
कायरा :: “अरे ममा ... मैं तो भूल ही गई ... पापा आपको कमरे में बुला रहे हैं |”
कनिका :: “क्या ... पर क्यूँ ...”
तो कायरा सोचने लगी | फिर कुछ सोच कर कनिका से बोली |
कायरा :: “पता नहीं ममा ....”
कनिका :: “आपने पापा से पुछा नहीं ... की वो मुझे बुला क्यूँ रहे हैं ...”
कायरा :: “हाँ पुछा था न ....”
कनिका :: “तो क्या कहा पापा ने ...”
कायरा :: “पापा ने नहीं वीर अंकल ने कहा की .. ममा को कहना की पापा को उनके साथ अकेले में खेलना है | इसलिए बुला रहे हैं |”
कायरा की बात सुन ... कनिका का मन कर रहा था की वीर की वो जान ही ले ले | ओर जब रिया ने कायरा की ये बात सुनी ... तो उसकी तो हसी रुकने के नाम ही नहीं ले रही थी |
रिया हस्ते हुए कनिका से बोली |
रिया :: “ओह ! अरे कनु ... जाओ मैं कायरा को देख लुंगी ...”
ओर हस्ते हुए कायरा को कनिका की गोद से ले लिया | ओर कायर को भी वहां से लेजर गार्डन की ओर चली गई | कनिका को भरोसा ही नहीं हो रहा था की वीर ने कायरा से ऐसा कहा होगा |
ओर रिया .... कनिका मन ही मन बोली |
कनीका :: “टू तो रुक रिया की बच्ची ...”
ओर फिर वहां से पहले किचन की ओर जाने लगी ... पर फिर कायरा की बात याद आते ही ... उपर कमरे की ओर चली गई .. जहाँ अबीर उसका इंतज़ार कर रहा था |
वहीँ जब रिया ने बाहर गार्डन में कायरा को एक चेयर पर बिठाया तो उसने नोटिस किया की उसे कोई बड़े ध्यान से घूर रहा है | रिया ने अपने आसपास देखा तो ... वीर वहीँ आते हुए रिया को ही घूर रहा था |
वीर को ऐसा घूरता पाते ... रिया मन ही मन बोली |
रिया :: “अब मैंने क्या कर दिया | की वीर सर मुझे ऐसे घूर रहे हैं ?”
पर रिया कुछ बोल पति ... उससे पहले ही वीर उससे बोला |
वीर :: “मेरे साथ चलो ... मुझे तुमसे कुछ काम है |”
रिया :: “पर सर ...”
वीर :: (गुस्से ,में ) “कुछ जरूरी काम है मिस रिया ...”
वीर की ऐसी गुस्से भरी आवाज़ सुन .. रिया अंदर से कांप उठी ... ओर अच्छे बच्चे की तरह वीर के पिच्छे जाने लगी |
ओर पीछे से कायर्व की तो मनो हसी ही नहीं रुक रही हो | कायर्व कायरा से बोला |
कायर्व :: “चलो कायरा ... सब पनी अपनी गेम खेलने चले गये .... मैं तुम्हे एक स्टोरी सुनाता हूँ ...”