Those lovely days... books and stories free download online pdf in Hindi

वो सुहावने दिन ...



दोस्तो! यह एक प्यार भरी मेरे जीवन की एक सच्ची दास्ताँ है, जिसने मुझे एक ऐसा शक्स दिया, जिसके लिये मैं कुछ भी करने को तैयार था. जो मेरे दिल की गहराईयों तक गयी, जिसके लिये मैं किसी और की तरफ भी नहीं देखता था! हम दोनो की tuning इतनी अच्छी थी कि, अगर एक को कोई problem होती थी, तो दूसरे को पता चल जाता था! ये हम दोनो की एक टेलिपैथी थी! हम दोनों ने एक दुसरे को बहुत प्यार किया, लेकिन किस्मत ने शायद मेरा ही साथ नहीं दिया।
बात उस समय की है, जब मैंने अपने एक दोस्त के साथ, पार्टनरशिप में एक बिज़नस शुरू किया. यह बात 2004 की है. शाम के समय मेरे पास काफी समय होता था, तो मैं नेट पर सर्फिंग या चैटिंग करता रहता था, उसी दौरान, एक बार मेरा एक ऐसी लड़की से कनेक्शन हुआ, जो विधवा थी, मुझसे 5 साल छोटी थी, और एक २ साल के बच्चे की माँ भी थी! अब हम दोनों ने फ़ोन पर बात करनी शुरू की, एक दिन उसने मुझ से पूछा, की अगर मुझे उसके बारे में मालूम हैं, मैंने कहा हाँ, कि वो एक विधवा है, और एक बच्चे की माँ है. पूछने पर, कि क्या मुझे कोई ऐतराज़ तो नहीं, मैंने कहा इन सब बातो से मुझे कोई फरक नहीं पड़ता! क्यूंकि यह सब तुमने जान-बूझ कर नहीं किया, यह तो अपने आप हुआ है, फिर इस बात की सजा कि, तुम विधवा हो, तुम्हे क्यूँ मिले! यह बात उसे इतनी अच्छी लगी कि, उसके दिल में मेरे लिये और इज्ज़त बढ़ गयी और अब हम दोनों फ़ोन पर घंटो लम्बी बातें करने लगे!
काफी समय बीत गया, एक दिन उसने मुझसे कहा की वो मुझसे प्यार करने लगी है (जबकि मैं उसे अपनी फोटोग्राफ दिखा चुका था, लेकिन उसने अभी तक अपनी फोटो नहीं दिखाई थी). उसके इतना कहने से मैंने कहा की मुझे उससे बात करना अच्छा लगता है और मेरे दिल में उसके लिये बहुत जगह है, लेकिन मैं प्यार नहीं करता. उसके जिद करने पर कि, मुझे भी उससे प्यार है, मैंने बोल दिया, "हाँ आय लव यू टू", लेकिन ये वर्ड्स दिल से नहीं निकले थे. मैंने उससे कह, जिस दिन मुझे उससे प्यार होगा, मैं अपने आप और उस आवाज़ में, उस फील के साथ कह दूंगा और वो मेरे दिल से निकली हुई आवाज़ होगी।
हम दोनों के बात का सिलसिला चलता रहा, एक दिन रात को जब हम दोनो बात कर रहे थे, उसका बेटा आया और उसे तंग करने लगा. उसने मुझे से कहा कि, ये बहुत तंग कर रहा है, वो चाहती है की वो सो जाये क्यूंकि उसे कल सुबह स्कूल जाना है. मैंने उससे कहा की उसे फ़ोन दे, उसके फ़ोन देते ही मैंने बच्चे की आवाज़ में उससे बात करनी शुरू की और फिर धीरे धीरे बच्चे को कुछ कहा और २ मिनट के अंदर वो बच्चा सो गया. उसने मुझसे पूछा कि, मैंने ऐसा क्या जादू किया? मैंने कहा की मुझे बच्चो से बहुत प्यार है, बस वो हम दोनों (बच्चे और मेरे) के बीच की बात है और अब हमारी बात फ़ोन पर फिर से शुरू हो गयी।
एक रात फिर उस बच्चे ने खूब शोर मचाना शुरू किया, तो मेरे कहने पर उसने बच्चे को फ़ोन दे दिया. मेरे हॅल्लो कहते ही उस बच्चे ने जो कहा (पापा आप कब आयोगे?), उसने मुझे हिला दिया और मैं 10 दिन तक सो नहीं सका, वो शब्द मेरे कानो में गूंजते रहे और वही से मुझे उस लड़की से प्यार हो गया। अब हम दोनों फ़ोन पर रोज बात करते, मुझे कुछ होता, उससे पहले उसे पता लग जाता था, और उसे कुछ होता, तो मुझे पता लग जाता था! हम दोनो अब प्यार में थे. मैं उसके लिये कुछ भी करने को तैयार था! फिर एक दिन मैं उसके शहर गया, उससे मिला, वो सच में बहुत ही खूबसूरत थी।
वो मेरे हॉटेल रूम में अपने बच्चे के साथ आयी, मैंने उसके बच्चे को गोद में लिया, उसके साथ मस्ती की, उसे एक बड़ा सा teddi दिया और वो उस के साथ मस्त हो गया. वो मेरे करीब बैठी थी, हम दोनो एक दुसरे का हाथ थामे बच्चे को देख रहे थे! उसने मुझे गले लगाया, मुझे बहुत अच्छा लगा. हम दोनों एक दुसरे का हाथ पकड़े काफी समय तक हॉटेल रूम में बात करते रहे. प्यार क्या होता है, शायद उस दिन मुझे पता लगा कि, जब आप किसी को सच्चे दिल से प्यार करो, उसके करीब और छू लेने से एकदम उत्तेजित न हो, वही एक सच्चा प्यार था।
आज हमदोनो अलग है, क्यूंकि वो मेरी ज़िन्दगी में नहीं आ सकी, उसकी कुछ मजबूरियाँ थी, मैं समझ सकता हूँ. लेकिन मैं आज भी उसके बेटे के कहे शब्द नहीं भूल सकता! हमारा यह प्यार, एक सच्चा प्यार था, जिसमें काम कोई वासना नहीं थी! हम दोनों फ़ोन पर घंटो बात करते थे, ये सिलसिला करीब डेढ़ साल तक चला! लेकिन आज भी मैं उसे बहुत याद करता हूँ!