Jasbat-e-Mohabbat - books and stories free download online pdf in Hindi जस्बात-ऐ-मोहब्बत - 14 (1) 993 1.9k रिचा चौक जाती है पापा आप, आप कब आए रिचा के पापा कहते है गुड़िया मैं तो अभी आया हूँ पर तू इतनी गहरी सोच मे कहा खोई हुई थी,पापा वो कल से कॉलेज शुरू हो रहे है ना वही सोच रही थी अच्छा चल तेरे लिए एक सरप्राइज़ है रिचा सुनते ही उछल पड़ती है क्या पापा,तू अपने रूम से बाहर तो चाल मेरी गुड़िया ओर रिचा अपने प[आपा के साथ हाल मे आती है रिचा टेबल पर रखा केक देख कर ख़ुशी से झूम उठती है वाओ रेल वेल्वेट केक थैंक यू पापा तो रिचा के पापा कहते हैं मेरी गुड़िया ये तेरे पास होने की ख़ुशी मे तेरा फ़ेवरेट है ना चलो पहले हम केक कट करेंगे फिर आज हम काही बाहर जाएंगे डिनर के लिए ओके रिचा बेटा चलो केक कट करो ओर रिचा केक कट करके पहले अपने पापा खिलाती है फिर माँ ओर बड़े फिर छोटी बहन को खिलाती है उसके बाद तैयार होकर पूरी फ़ेमिली एक साथ रात के डिनर के लिए बाहर जाती है रिचा ओर उसकी छोटी बहन आएशा इस ट्रिप को बहोत इंजोय करती हैं पूरी फ़ेमिली देर रात लगभग 11 बजे घर पहुँचती है उसके बाद सभी अपने अपने रूम मे चले जाते है रिचा ओर आएशा अपने रूम मे चली जाती है अगले दिन रिचा सुबह जल्दी उठती है ओर नहा कर कॉलेज के लिए तैयार हो होकर हॉल मे आती है जैसे ही माँ उसे देखती है रिचा से कहती है बेटा अभी तो टाइम है न कॉलेज के लिए तो रिचा कहती है माँ 7 बज गए है ओर मैं पहले नयन्सी के घर जाऊँगी उसे भी लेना पड़ेगा नहीं तो मेरी जान ले लेगी रिचा माँ से नास्ता मांगती है ओर नास्ता करके नयन्सी को कॉल करती है हैलो नयन्सी तू तैयार हो गई नयन्सी कहती है हा मैं तैयार ही हो रही हूँ रिचा कहती है ठीक मैं निकल रही हूँ ओर रिचा कॉल कट करके निकल जाती है रिचा राघव बिहार पहुँचती है तो नयन्सी उसे कॉलोनी गेट मे नहीं मिलती तो रिचा उसके घर जाती है ओर डोर बैल बजाती है नयन्सी की मम्मी दरवाज़ा खोलती है रिचा बेटा तुम,नयन्सी बेटा रिचा आई है ओर रिचा को नयन्सी के रूम मे भेज देती हैं जैसे ही रिचा नयन्सी के रूम मे जाती है नयन्सी कहती है देखो तो ज़रा मेडम की खुशी का तो ठिकाना ही नहीं है अबे जब इतना प्यार करती है प्रतीक सर से तो बता क्यूँ नहीं देती उन्हे रिचा कहती है बता दूँगी बाबा तू जल्दी कर न नयन्सी कहती है अच्छा बाबा 2 मिनट मैं जानती हूँ तू कितनी एकसाइटेड है चल मैं रेडी हो गई और दोनों कॉलेज के लिए निकल जाती है जब कॉलेज पहुँचती हैं और क्लास की ओर जाती हैं लेकिन जब दोनों को पता चलता है कि थोड़ा वक़्त है अभी क्लासेस शुरू होने मे तो दोनों कैंटीन चली जाती है वहीं नेहा और रितु भी बैठी होती हैं तो दोनों उनके साथ बैठ जाती हैं रितु कहती है क्या बात है तुम दोनों कुछ ज्यादा ही खुश दिख रही हो नयन्सी कहती है अबे अब क्या हसें भी ना और तू क्या हमारी टांग खीच रही हैप्रिय पाठकों ये मेरी पहली स्टोरी है प्लीज आप लोग मैसेज और मेल में जरूर बताएं की मेरी स्टोरी कैसी है मुझे सजेस्ट करे अगर कोई कमी है तो सलाह दे ‹ Previous Chapterजस्बात-ऐ-मोहब्बत - 13 › Next Chapterजस्बात-ऐ-मोहब्बत - 15 Download Our App More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything dinesh amrawanshi Follow Novel by dinesh amrawanshi in Hindi Love Stories Total Episodes : 16 Share NEW REALESED Fiction Stories द्वारावती - 11 Vrajesh Shashikant Dave Moral Stories किस्से - कहानियां दिनेश कुमार कीर Fiction Stories साथिया - 73 डॉ. शैलजा श्रीवास्तव Mythological Stories जयद्रथ Renu Love Stories द मिस्ड कॉल - 1 vinayak sharma Love Stories कॉंन्ट्रैक्ट मैरिज - 24 Mini Book Reviews भारत रत्न रविशंकर ramgopal bhavuk Spiritual Stories मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - 1 Sonali Rawat Mythological Stories हिडिम्बा Renu Philosophy मैं जाग उठी हूँ. Ashish Khare