THE FINAL DESTINATION - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

द फाइनल डेस्टिनेशन - 3

अब तक........
राघव और उसके दोस्त पार्टी करने के लिए एक बार में जातें हैं लेकिन वापस आने के समय उनके साथ एक अजीब घटना घटित होती है उसके दूसरे दिन आदि के सिवा बाकी दोस्त नौकरी के लिए विदेश चले जाते हैं और तीन साल बाद वापस इंडिया आते हैं क्योंकि उनका दोस्त आदि का एक्सीडेंट हुआ है वहीं एक अंजान खतरा उनका इंतजार कर रहा है क्या होगा आगे ?
अब आगे..........

राघव और कृति दिल्ली जाने वाली फ्लाइट में बैठ जाते हैं वहीं उसी फ्लाइट में सानिया और फ्रेडी भी बैठे हुए हैं लेकिन चारों इस बात से अंजान है।

5 घंटों के बाद फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड करतीं हैं। उस समय रात के आठ बज रहे थे। वे चारों फ्लाइट से उतरते हैं तभी उनकी नजरें एक दूसरे पर पड़ती है, इतने दिनों बाद अपने दोस्तों को सामने देख उनकी आंखों से आंसु छलक पड़ती है, वे एक दूसरे के गले से लिपट जातें हैं।

राघव बेचैन स्वर में बोला- कैसे हुआ ये ! तुम्हें कुछ पता है।

सानिया- नहीं, जितना तुम दोनों को पता है हमें भी उतना ही जानते हैं।

फ्रेडी- हां हमें बस एक काल आया था।

कृति- तब तो हमें और देरी नहीं करना चाहिए मैंने कैब बुक कर लिया है वह आता ही होगा।

फ्रेडी आधिर होकर बोला- लेकिन हमें जाना कहां है ? आदि किस अस्पताल में हैं ? ये तो हमें पता ही नहीं है !

राघव अपने चुप्पी को तोड़ते हुए बोला- हां हमें उस नंबर पर दुबारा कार करना चाहिए !

तभी राघव का मोबाइल बज उठता है वह काल उसी आदमी का था जिसने आदि के एक्सीडेंट की ख़बर दी थी।

राघव तुरंत काल रिसिव करके बोला- हैलो..

उधर से आवाज आई- आदि इस वक्त दिल्ली के सीटी हास्पिटल में एडमिट है आप तुरंत यहां आ जाइए, आदि की हालत बहुत ख़राब होती जा रही है मैं आपको लोकेशन भेज दूंगा। आप जब फ्लाइट से उतर जाए तो मुझे एक बार काल कर लीजिए मैं एक टैक्सी वहां भेज दूंगा।

राघव यह बता पाता कि वे लोग दिल्ली पहुंच गए हैं इससे पहले ही काल कट हो गई आई कुछ मिनट बाद ही एक लोकेशन राघव के मोबाइल में शो होने लगा।

सानिया बोली- हमें जल्दी से उस अस्पताल में पहुंचना चाहिए पता नहीं आदि की तबीयत कैसी होगी।

कृति ने तुरंत कैब ड्राइवर को काल किया और जल्द से जल्द आने की हिदायत दी।

करीब पांच मिनट के बाद एक काले रंग की कैब उनके पास आकर रूकी, उसमें से कैब ड्राइवर नीचे उतरा और देर से आने के लिए माफी मांगने लगा।

राघव बोला - लेट्स गो फ्रेंड्स

सभी अपने समान को गाड़ी के डिग्गी में डाल देते हैं और फिर वो चारों गाड़ी के अंदर जाकर बैठ जाते हैं, गाड़ी तेजी से उस लोकेशन को फालो करते हुए आगे बढ़ चलीं।

करीब आधे घंटे के बाद गाड़ी सीटी हास्पिटल के बाहर जाकर रूकी सभी दोस्त गाड़ी से उतरकर अपना समान उतारने लगे फिर तेजी से उस अस्पताल के अंदर जाने लगें। चारों सिधे काउंटर के सामने जाकर खड़े हो गए।

काउंटर पर एक खूबसूरत लड़की बैठी हुई थी और कम्प्यूटर पर कुछ काम कर रही थी वह उन चारों को देखते हुए मुस्कुराते हुए बोली - जी बताइए मैं आप लोगों की क्या मदद कर सकतीं हूं ?

राघव पूरी बात बताता हुआ बोला- जी दरअसल हमारा दोस्त आदि रस्तोगी का एक्सीडेंट हो गया है ऐसा हमें किसी ने फोन करके इंफार्म किया है क्या आप अपने फाइल में देखकर बता सकतीं हैं वो यह एडमिन हैं या नहीं ? राघव बस एक सांस में बोल पड़ा।

वह महिला कम्प्यूटर पर चेक करने लगी फिर थोड़ी देर बाद बोली- जी मि. रस्तोगी यही एडमिन हैं उनका 20 वे रूम में इलाज चल रहा है।

सानिया- वह ठीक तो है ना सिस्टर ?

वह महिला बोली- जी आप डाक्टर से पुछ लीजिए वो उस बारे में आपको सही सही बता पाएंगे लेकिन उससे पहले आप जाकर पेशेंट से मिल लीजिए।

धन्यवाद सिस्टर- चारों दोस्त यह बोलते हुए तेज़ी रूम नं 20 की ओर बढ़ने लगे और रूम नं 20 का दरवाजा खोलकर तेजी से अंदर चलें ग‌ए । अभी तक उनके चेहरों पर दुःख के भाव थे लेकिन अंदर का नजारा देख वे भौंचक्के रह गए।

पेशेंट बेड पर पेशेंट वाले कपड़े पहन कर बैठा हुआ था और एक प्लेट में रखें हुए पिज्जा बर्गर को बड़े आराम से खा रहा था। दिखने में ये बिल्कुल भी नहीं लग रहा था कि उसका कोई एक्सीडेंट हुआ है, आदि भी एकाएक उन चारों को देख कर अवाक रह गया शायद आदि को उनके इतनी जल्दी आने की उम्मीद नहीं थी।

कुछ समय तक सभी उसी मुद्रा में देखते रहे फिर आदि बोला- अरे दोस्तो तुम लोग आ गए, एयरपोर्ट पर उतरने के बाद फोन कर देते मैं टैक्सी भेज देता तुम लोगो को लाने के लिए। तुम लोग खामखाह परेशान हुए होंगे...

आदि कुछ और बोल पाता इससे पहले ही राघव बोल पड़ा- एक मिनट, मुझे समझने दो जहां तक हमें बताया गया था की तुम्हारा एक्सीडेंट हुआ है और तुम्हारी तबियत बहुत ख़राब है लेकिन तुम्हें देखकर तो लग रहा है तुम बिल्कुल स्वस्थ हो और तुम्हें कुछ नहीं हुआ है।

तब आदि सम्हलते हुए बोला- ये. ये तो अच्छा ही है ना की तुम्हारा दोस्त बिल्कुल ठीक है। क्या मुझे स्वस्थ देखकर तुम लोगो को खुशी नहीं हुई

राघव तेजी से आदि के पास जाकर उसे एक घूंसा जड़ दिया और बोला- देख तू बात को बदलने की कोशिश मत कर, तूने जिन बूझ कर अपने एक्सीडेंट की ख़बर देकर हमें बुलवाया।

आदि चिढ़ते हुए बोला- तों इसमें गलत क्या है मैं अपने दोस्तों को मिलने नहीं बुला सकता क्या !

राघव तेज आवाज में बोला - बुला सकता है लेकिन लेकिन ऐसे झूठ बोल कर नहीं। तूझे क्या पता तेरे एक्सीडेंट की बात सुनकर हमारा क्या हाल हुआ, हम बिना कुछ खाए पीए तुमसे मिलने चले आएं। लेकिन तुमने झूठ का सहारा लिया हमारे जज्बातों के साथ खिलवाड़ किया। अब बस बहुत हुआ मैं यहां एक पल नहीं रूकूंगा मैं वापस जा रहा हूं।

यह कहकर राघव वहां से जाने लगा तभी आदि गंभीर लेकिन तेज आवाज में बोला- तो मै और क्या करता मैंने क‌ई बार कोशिशें किया तुम लोगो को बुलाने की लेकिन तुम लोग हर बार काम का बहाना बनाकर बात को टाल देते इसलिए मैंने ये रास्ता अपनाया। तीन साल में तुम लोगो को मेरा एक बार भी ख्याल नहीं आया की बेचारा कैसा होगा वहां लेकिन तुम लोगों को तो बस अपने काम की पड़ी हुई थी। जाओ तुम सभी चलें जाओ मैं तुम लोगों के बिना भी रह लूंगा अकेला।

आदि चुप हो गया उसके आंखों से आंसु छलक आए। राघव भी जहां था वहीं मूर्ती की तरह खड़ा रहा तब कृति राघव के पास जाकर उसे समझाने लगी- गलती हम सबकी है माना आदि को ऐसा नहीं करना चाहिए था लेकिन हमें भी उससे एक बार आकर मिल लेना चाहिए था वह किस स्थिति में यहां रह रहा है।

वही सानिया और फ्रेडी भी राघव को समझने लगे फिर वे चारों आदि के पास जाकर खड़े हो गए फिर अपने कान पकड़ कर बोले - सॉरी यार, गलती हमारी है हमें तुझे यहां अकेले छोड़कर नहीं जाना चाहिए था, हमें माफ कर दें।

आदि भी माफी मांगते हुए बोला - मुझे भी माफ कर दो दोस्तों मुझे भी तुम लोगो के साथ ऐसा मज़ाक नहीं करना चाहिए था।

तब फ्रेडी हंसते हुए बोला- अब ये लड़कियों की तरह रोना बंद कर। दोस्ती में नो सारी नो थैंक्यू 😋

यह सुनकर सभी खिल खिलाकर हस पड़े।

राघव आदि को गले लगाते हुए बोला- मैंने तुम्हें बहुत मिस किया फोदरी के

आदि भी उसी स्वर में बोला- मैंने भी मेरे कमीने दोस्त

राघव आदि के पेट को हल्के से मुक्का मारते हुए बोला - अच्छा बेटा बाप से शान पट्टी

सानिया दोनों को रोकते हुए बोली - अरे बाबा अब तुम दोनों लड़ना बंद करों यहां दूसरे पेशेंट भी है उनको डिस्टर्ब हो रहा है।

फ्रेडी- हां चलों सबसे पहले होटल चलते हैं मुझे बहुत जोरों की भुख लगी है ‌

कृति- हा, 9 बज गए हैं ड हमें किसी अच्छे होटल में जाकर साथ में डीनर करना चाहिए वैसे भी सभी को भुख भी लगी है।

आदि - ओके गाइस तो सभी फ्रेश हो जाओ हम दिल्ली के मशहूर होटल ताज महल होटल चलेंगे।

सभी दोस्त फ्रेश होने के लिए बाथरूम में जाने लगें तभी आदि ने सानिया का हाथ पकड़कर उसे सोफे पर बैठा दिया और उसकी ओर प्यार भरी नजरों से देखते हुए बोला- तो मैडम को वहां कोई शहरी बाबू मिल गया है लगता है जो वो हमें भुल गई है।

सानिया भी उसी स्वर में बोली- हां वो बहुत स्माट है और वो मेरा बहुत ख्याल रखता है वैसे भी जो मुझे एक बार भी काल नहीं करता मैं क्यो उसे याद रखूं।

आदि हल्के से डांटते हुए स्वर में बोला- कमिनी कितनी बार काल किया था मैंने लेकिन मैडम तो अपने आशिक के साथ बात कर रही होगी तो मेरा फ़ोन क्यो उठाएगी।

सानिया याद करते हुए बोली - ओह सॉरी सारी वो मोबाइल तो मैंने अपने बहन को दे दिया था और शायद उसने तुम्हें ब्लाक कर दिया होगा। सारी यार - सानिया प्यार से बोली

आदि सानिया को गले से लगा लेता हैं

ओह आई एम सॉरी, कहीं मैं तुम दोनों के बीच में कबाब में हड्डी तो नहीं बन गया- फ्रेडी मुस्कुराते हुए बोला

यह सुनकर सानिया और आदि एक दूसरे से अलग हो गए

तब फ्रेडी फिर बोला- अब ये प्यार भरी बातें बाद में कर लेना अभी प्लीज़ किसी होटल में ले चलो भुख के मारे मेरे पेट में चुहे कबड्डी खेल रहे हैं।

पांचो दोस्त गाड़ी में बैठ कर ताज महल होटल की ओर निकल गए। वहां पहुंचकर वे उस होटल के अंदर जाने लगे आदि ने गाड़ी की चाबी दरबान को दे दिया और मैनेजर से बात करके एक शानदार टेबल का अरेंज करवा दिया।

पांचों अपने अपने जगह पर बैठ गए और टेबल पर रखे मेनू कार्ड से अपने पसंद का खाना वेटर से मंगवाने लगे इसके बाद बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ जिसमें सबसे पहला सवाल राघव का था, उसने आदि से पूछा- तो तुमने हमें तो अपने एक्सीडेंट का झूठा नाटक करके बेवकूफ बना दिया लेकिन उस अस्पताल के डॉक्टर को कैसे मनाया ?

आदि अपने घने मूछों को ताव देते हुए बोला- अरे तुम जानते नहीं मेरी पहुंच बहुत ऊपर तक है बस पैसा फेंको और तमाशा देखो, मैंने पैसा दिया और नतीजा तुम देख ही चुके।

अरे वाह तुम तो बड़े छुपे रुस्तम निकले आदि, जरा हमें भी तो बताओ आखिर कहां तक पहुंच है तुम्हारी- राघव उत्सुकता से पूछा ?

अरे वैसे तो कलेक्टर विधायक सभी तक पहुंच है तेरे भाई की लेकिन हॉस्पिटल में मैंने वहां के चपरासी को फसाया तब जाकर अपना काम बना आदि मासूमियत से बोला।

"क्या" सभी आश्चर्य से आदि की ओर देखने लगे फिर खिल खिलाकर हंसने लगे।

राघव हंसते हुए बोला - अरे क्या मस्त जोक्स था यार एक और सुना 🤣

आदि चिढ़ते हुए बोला- अरे चपरासी को कोई मामूली आदमी मत समझो अगर वो चाहे तो बड़े से बड़े काम को चुटकी में करवा सकता है।

तब कृति सभी को शांत कराते हुए बोली- ओके गाइस, अब पकाना बंद करों। कितने समय से पाठक तुम लोगों की बकवास सुन रहे हैं अब इन फालतू बातों को छोड़कर कहानी पर ध्यान दो।

सभी डिनर करके गाड़ी में बैठ ग‌ए और गाड़ी तेजी से आदि के घर की तरफ बढ़ने लगी। सभी दोस्त बात करने में मशगूल थे तभी हवाएं तेज हो गई...काले काले बादलों ने चांद की रोशनी को ढक दिया....चारों ओर अंधेरा छा गया...आसपास चल रही गाड़ीयां गायब हो गई....अब दूर दूर तक सिर्फ उनकी ही गाड़ी चल रही थी।

एक बार फिर से गाड़ी उसी रास्ते से गुजरी जहां से 3 साल पहले गुजरी थी.....उस जंगल से जंगली जानवरों की आवाजें मन में खौफ पैदा कर रही थी उल्लूयो की आंखें रात में चमक रही थी उनकी आवाजें तेज हो रही थी लेकिन गाड़ी का शीशा लॉक होने के कारण किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था।

तभी उस रास्ते पर सामने से दो ट्रक एक साथ आती हुई दिखाई दिया लेकिन इस बार वो दोनों ट्रक गाड़ी के बेहद करीब आ गए थें तभी अचानक राघव की नजर उस ट्रक पर पड़ी वह बुरी तरह चौंक पड़ा....उसे तीन साल पहले की घटना याद आ गया...वो लगभग चिखते हुए बोला...... नहीं फिर से नहीं....

लेकिन इससे पहले की वो कुछ कर पाते दोनों ट्रक ने गाड़ी के परखच्चे उड़ा दिए थे.... अब बस कुछ सुनाई दे रहा था तो वो था एक भयानक अट्टहास जो रूह को कंपा दे रहा था......

शेष अगले अंक......

®®®Ꭰɪɴᴇꜱʜ Ꭰɪᴠᴀᴋᴀʀ"Ᏼᴜɴɴʏ"✍️

तो यह भाग आपको कैसा लगा उम्मीद है आपको पसंद आया होगा मुझे कमेंट करके जरूर बताइएगा तो चलिए पढ़ते हैं इस कहानी का अगला भाग और जानते हैं आगे क्या हुआ....