Sath Zindgi Bhar ka - 22 books and stories free download online pdf in Hindi

साथ जिंदगी भर का - भाग 22

थैंक्यू कुंवर जी आस्था ने मुस्कुराते हुए कहा और एकांश भी मुस्कुरा दिया जाइए फ्रेश होकर आइए रिजल्ट देखना है ना

आस्था हां हम अभी आए आस्था वहां से चली गई और एकांश सर को हाथ लगा कर बैठ गया क्या हुआ एकांश

मृणाल आस्था का रिजल्ट इतना डर तो हमें हमारे रिजल्ट के वक्त नहीं लग रहा था जितना अब लग रहा है

एकांश फिकर मत कीजिए उन्होंने सच में बहुत पढ़ाई की थी सेंड ए एम हंड्रेड परसेंट sure कि उनका रिजल्ट बहुत अच्छा आएगा

मृणाल जी ने कहा और एकांश में हल्का सा मुस्कुराते हुए उनकी और देखा कुछ देर में आस्था भी वहां आ गई

वैसे भाभी सा एक बात पूछूं उत्तरा जी दीदी पूछिए ना

आस्था आपको डर किस बात का लग रहा है कम मार्क्स आएंगे इसका या कि इसका की भाई साहब से बात नहीं करेंगे इसका

उत्तरा obviously कुंवर जी बात नहीं करेंगे इसका

आस्था ने कहा और एकांश के पास चली गई उसका हाथ पकड़ कर उसकी आंखों में देखकर उसने कहा कुंवर जी आप हमसे बात करना मत छोड़िए कभी भी

हम आपसे बात किए बिना नहीं रह सकते आप प्रॉमिस कीजिए आप हमें कभी दूर नहीं करेंगे आस्था

आई प्रॉमिस आस्था हम आपको कभी भी दूर नहीं करेंगे और ना ही आपसे बात करना छोड़ेंगे एकांश ( आप हमारी जिंदगी हैं आप था और आपने जिंदगी से कोई नाराज रहता है भला )

बाकी सब भी इन दोनों को देख रहे थे कितनी फिक्र एक दूसरे के लिए इज्जत और बेशुमार प्यार था

दोनों की नजरों में आपका हो गया हो तो रिजल्ट देखें

रूद्र ने कहा और सब की नजर कंप्यूटर के स्क्रीन पर चली गई वह

जहां आस्था अभी बिल्कुल रिलैक्स थी वही एकांश परेशान हो रहा था क्या हुआ रूद्र इतना वक्त क्यों लग रहा

एकांश ने बेसब्र होते हुए कहा भाई सा वेट ना रूद्र एकांश ने कहा और साइड में जाकर खड़ा हो गया वह आस्था के रिजल्ट को लेकर बहुत ही ज्यादा बेचैन था कुछ ही देर में आस्था का रिजल्ट स्क्रीन पर शो हो रहा था

जिसे देख कर सब के चेहरे पर ईयर 2 ईयर स्माइल आ गई

और सभी उसकी तरफ देखने लगे क्या हुआ दिखाएं

it's 99% रूद्र ने कहा और एकांश के चेहरे पर बड़ी स्माइली आ गई आस्था भी बहुत खुश हो गई और

उसने भागकर जाकर एकांश को गले लगा लिया एकांश ने भी उसे गोद में उठाकर गोल गोल घूम आया और अपनी बाहों में जकड़ लिया उन दोनों को तो अपने आसपास कुछ ध्यान ही नहीं था कुंवर जी आप खुश है ना आस्था ने कहा उसकी बाहों में रुके हुए कहा हां बहुत खुश बहुत बहुत ज्यादा खुश इकाश ने भी उस पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली

अगर आप दोनों का हो गया हो तो आपको बता दें कि हम भी बहुत ज्यादा खुश है रूद्र ने कहा और तब जाकर दोनों होश में आए

जितनी जल्दी से वह गले लगे थे उतनी ही जल्दी से अलग हो गए एकांश ने शर्मा कर अपने बालों में हाथ घुमाया हम अभी आते हैं कहकर वह अपने कमरे में चला गया लेकिन उसकी वह स्माइल और हल्का सा ब्लश किसी की नजरों से भी नहीं छूटा था

कुंवर जी को क्या हुआ आस्था को हमेशा की तरह मासूम सा सवाल और सब हंसने लग गए

मां लेकिन कुछ भी बोलिए इनकी जोड़ी हटके ही है जिसे शर्म आना चाहिए वह यही है और जिसे यहां होना चाहिए वह शर्मा कर चला गया है

मृणाल जी ने कहा और एक बार सब हंसने लगे और आस्था मासूमी से सब की तरफ से देखे जा रही थी एकांश में आस्था के सक्सेस की खुशी में बहुत बड़ी पार्टी देने की सोची

लेकिन सिर्फ बाबा साहब और दादा साहब ने मना कर देने के बाद उसने सब को डिनर के ले जाने के लिए प्लान किया

छोटी सी भाभी सा अब कितनी बार सॉरी कहे मान जाइए ना रूद्र उसकी छोटी सी भाभी सा को मना रहा था आस्था उससे और नाराज हो गई रूद्र आपने फिर से छोटी सी भाभी सा बोला ना तो तो आस्था कहते हुए खामोश हो गई

तो तो तो क्या रूद्र की मस्ती अभी भी कम नहीं हो रही थी तो तो हम आपको डिनर पर नहीं लेकर जाएंगे आस्था डिनर पर आप नहीं वहां भाई सा ले जा रहे हैं

रूद्र ने कहा हम कुंवर जी को बोलेंगे और आपको ना ले जाएं आस्था हमारे भाई सा हमारी बात मानेंगे आप की नहीं रूद्र जी नहीं वह सिर्फ हमारे कुंवर जी हैं

और वह सिर्फ हमारी ही बात मानेंगे आस्था ने कहा और इन दोनों की आवाज सुनकर सभी हॉल में आ चुके थे चलें और रुद्र आप हमारे साथ आइए एकांश ने आते हुए कहा

और इनकी लड़ाई से अनजान था

कुंवर जी आस्था ने रोना स्टार्ट कर दिया क्या हुआ है आस्था क्यों रो रहे हैं आप आस्था बताइए ना हमें आप क्यों रो रहे हैं

एकांश परेशान हो गया था और उसके पास आया कुछ नहीं भाई सब कुछ भी नहीं हुआ है

रूद्र ने जबरदस्ती स्माइल करते हुए कहा क्योंकि उसे पता था की एकांश को पता चलने के बाद उसकी बिल्कुल भी खैर नहीं होने वाली है हम आस्था से पूछ रहे हैं

रूद्र आप रुकिए जरा और आप आस्था बताइए क्या हुआ एकांश ने उसे प्यार से पूछा हमें रूद्र उदा को नहीं लेकर जाएंगे डिनर के लिए वह हमें बहुत परेशान करते हैं

और अभी भी कह रहे थे कि आप हमें छोड़ देंगे और उन्हें डिनर पर ले जाएंगे आप था भाभी स हमने ऐसा थोड़ी कहा हमने तो यह कहा कि हमारे भाई साहब मारी बात मानेंगे

रूद्र देखा कुंवर जी ऐसा ही कहा था कि आप उनकी बात मानेंगे हमारी नहीं आस्था ने हमेशा की तरह अपना क्यूट वाले एक्सप्रेशन दिए

रूद्र दा सामने एकांश के कुछ बोलने से पहले ही कहा जी जी दादा सा रूद्र आप नहीं आ रहे हैं

डिनर के लिए और हां अगली बार आप आस्था को बिल्कुल भी परेशान मत कीजिएगा दादा सा ने गुस्से में बोला

और आस्था ने सबके सामने नासमझ से उसे चढ़ा दिया लेकिन दादा सा रूद्र आगे कुछ बोल पाता तब तक सुनीता जी ही उसे डांटने लगी

रूद्र कब बड़े होंगे आप जब देखो तब आस्था को परेशान करते रहते हो सुबह भी उसे रुला दिया था और अब भी ना जाने आपको कब समझ आएगी नेताजी उसे डांटे जा रही थी

और वैसे वैसे आस्था के आंखों में पानी आ रहा था छोटी मां बस कीजिए ना आप अब मत डालिए हमारे दा को गलती उनकी नहीं हमारी थी आस्था हमें क्या पता नहीं है आस्था रूद्र कितना मजाक करते हैं आप बिल्कुल भी उनकी साइड मत लीजिए सुनीता नहीं सच्ची छोटी मां रूद्र दा ने कुछ नहीं किया सारी गलती हमारी थी आस्था