Sath Zindgi Bhar ka - 41 books and stories free download online pdf in Hindi

साथ जिंदगी भर का - भाग 41

आस्था बेफिक्र होकर सो रही थी एकांश की मौजूदगी से उसे बहुत राहत महसूस हो रही थी

उसे पता था उसके कुंवर जी उसे कुछ नहीं होने देंगे एकांश ना जाने कितनी देर उसके साइड में लेटे हुए उसे देख रहा था

जान ..... हां ...... जान ही है आप हमारी....... तभी तो आपके जाने के ख्याल से ही हमारी जान जा रही हैं

पता नहीं कब इतनी मोहब्बत हो गई आपसे जान आई नो कि आप भी प्यार करती हैं

हमसे ....... लेकिन शायद आप ठीक से वह समझ नहीं पाती...... या फिर समझती भी हैं

इसमें आपकी कोई भी गलती नहीं है ही नहीं आप है ही इतनी छोटी इतनी मासूम इतनी सारी फिलिंग से बहुत दूर आपके इसी मासूमियत से तू मोहब्बत हो गई हमें

आस्था और शायद इसी मासूमियत की वजह से हम दूर भी हो रहे हैं

आप को स्ट्रांग होना होगा....

आस्था बहुत स्ट्रांग हर बार रोने से सॉल्व नहीं होती आप के आंसू देख कर कोई आपका फायदा उठाना चाहेगा

और हर बार हम रूद्र या फिर कोई और आपको बचाने नहीं आएंगे अपने लड़ाई आपको खुद ही लड़नी है

अपने आपको इतना स्ट्रांग बनाई है कि आपको हर कोई हरा नहीं सके अपनी पहचान बनाई है

आस्था एक ऐसी पहचान जिससे कोई भी आप पर उंगली उठाने से पहले सौ बार सोचे

हम आपको लंदन रेवा की वजह से या फिर किसी और की वजह से नहीं भेज रहे हैं

आप को वहां भेजने की मेन बचे आप ही हैं हम आपको इंडिपेंडेंट देखना चाहते हैं

आस्था जो आपने लिए खुद बोले यू डर कर या फिर हमारा सहारा लेकर चुप ना बैठे और हमें यकीन है हमें बहुत जल्द कॉन्फिडेंट और इंडिपेंडेंट आस्था मिलेगी

इसलिए हमें आपसे दूर रहना भी मंजूर है पता है आप नहीं मानोगी आप बहुत ज्यादा रोएगी

लेकिन हम अपने आप को सख्त ही रखेंगे

❤❤❤❤आए लव यू आस्था 😘😘😘😘

🤩🤩😍😍😍आई लव यू बियोंड दी इंफिनिटी🤩🤩🤩😍😍😍

एकांश अपने जज्बात उससे शेयर कर रहा था लेकिन आस् आस्था एकांश के मीठे सपने देखते हुए सो रही थी

एकांश ने धीरे से उसके चेहरे पर आए बालों को पीछे किया अपना हाथ उसके गालों पर रखकर वह उसके गाल सहला रहा था

उसके वह मुलायम गाल की छुअन एकांश को बहुत सुकून पहुंचा रही थी उसने धीरे से अपना अंगूठा उसके होठों पर से फिर आया और आगे आकर हल्के से अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए ना जाने कितने😅 वोल्ट का झटका लगा🤭 उसे

उसके सारे बदन में एक अलग ही एक्साइटमेंट उसे महसूस हुई

सिर्फ कुछ वक्त जान जब आप वापस आएंगे ना तब हम आपको एक पल के लिए भी अपने आप से अलग नहीं करेंगे

और इतना प्यार करेंगे कि बस यह जो दूरी हम दोनों के बीच आए हैं ना आप उसे भी भूल जाएंगे

हम हर वक्त उस पल को देंगे जो अब तक हम नहीं जी पाए हैं सच में जान हम बहुत प्यार करना चाहते हैं

आपको आपको पूरी तरह अपने रंग में रंग ना चाहते हैं आप में समा जाना चाहते हैं और इसलिए हमें यह दूरियां भी मंजूर हैं

एकांश ने काफी देर उसके माथे पर अपने होंठ💋 रख दिए उसे जैसे ही महसूस हुआ कि अब वह अपने आप पर कंट्रोल नहीं रखो सकता

वहां से उठ कर चला गया एकांश के बुलाने पर सभी कुछ ही देर में सभी हॉल में आ गए वह सब एकांश को इस तरह बुलाने पर हैरान थे

सबकी नज़रों में कई सारे सवालात थे एकांश आस्था कैसी हैं

मृणाल वो ठीक है बड़ी मां हमें आपसे कुछ कहना है एकांश भाई सा उससे पहले यह बताइए कि रेवा ने क्या किया है

हमें उस वक्त कुछ नहीं समझ आया उतरा के कहने पर एकांश ने रेवा की कहीं सारी बातें बता दी भाई सा ट्रस्ट में हमने हमेशा उन्हें अपनी बहन की तरह ही माना है हमने कभी रूद्र के आंखों से आंसू आ गए

रेवा की बातों के लिए वह खुद को कसूरवार समझ रहा था रूद्र आपको एक्सप्लेनेशन देने की कोई जरूरत नहीं है क्या हम आपको जानते नहीं हैं

हमें आप पर पूरा भरोसा है 😊एकांश ने उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा और रूद्र ने उसे गले लगा लिया

नहीं रूद्र इसमें आपकी नहीं हमारी ही गलती है अगर हम ने करण से शादी का फैसला नहीं लिया होता तो

वो रेवा यहां आती ही नहीं

😔😔सॉरी भाई सा उतरा भी😭😭 रोते हुए उसके गले लग गई उतरा इसमें किसी की कोई गलती नहीं है अगर कोई गलती है तो वह रेवा है जो आप सबके इतने पाक और साफ रिश्तो को नहीं समझ पाई😔

कुंवर सा आपने हमें यहां क्यों बुलाया है मृणाल जी ने उसकी आंखों में देखते हुए पूछा उसे एकांश का यहां बुलाना थोड़ा अजीब जो लग रहा था

बड़ी मां वह एकांश खामोश हो गया वह क्या कुंवर सा बताइए हमें डर लग रहा है सुनीता जी भी परेशान हो गई 🤨🤨

हम आस्था को लंदन भेज रहे हैं एकांश ने गहरी सांस लेकर कहा क्या कुछ भी मत बोलिए कुंवर सा मृणाल

और नहीं तो क्या उस रेवा की गलती की सजा हमारी बच्ची को क्यों नहीं कुंवर सा हम आपका यह फैसला नहीं मानेंगे😟😟 सुनीता हां कुंवर सा पता है ना आस्था अभी तक कितना घबराती है

उनकी हालत जो आज ही आपने देखी है ना और उन्हें आप अकेले इतनी दूर लंदन भेज रहे हैं 😶😶

अनीता जी ने भी गुस्से😡😡 से कहा यही वजह है उन्हें यहां से भेजने की वह कब तक हम पर रूद्र पर या किसी और पर डिपेंड रहेंगी

उन्हें भी तो अपने लिए स्टैंड रखना आना चाहिए एकांत लेकिन इतनी दूर क्यों मृणाल ने फिर भी उससे सवाल किया बस कीजिए आप तीनों दादीसा ने हल्के गुस्से से मृणाल और अनीता और सुनीता जी से कहा

मां .......... मृणाल

मृणाल बस कुंवर सा ने जो भी फैसला लिया है वह बिल्कुल सही है

आज सिर्फ इस घर की बहू नहीं बल्कि हमारी कुवरानीसा है वो खुद के लिए ही आवाज नहीं उठा सकती तो दूसरों के लिए कैसे लड़ेंगी वो अब तक छोटी थी

इसलिए हमने कभी उन पर कोई जिम्मेदारी नहीं डाली लेकिन आगे यह सारी जिम्मेदारी उन्हें ही उठानी

है आपको उन्हें दूर भेजने का फैसला बिल्कुल सही है कुंवर सा दादी सा ने एकांश के सर पर हाथ रखते हुए कहा आप सही है

मां ........... कुंवर सा का फैसला कभी गलत नहीं हो सकता

मृणाल जी और बाकी सब को भी आस्था का जाना है ठीक लग रहा था

क्या आस्था लंदन जाएगी यह जानने के लिए पढ़ते रहिए तेरा मेरा साथ हमेशा

और मुझे कमेंट करके जरूर बताएं कि क्या आस्था लंदन जाएगी प्यार से या जबरदस्ती से आस्था को लंदन भेजा जाएगा मैं आपके कमेंट का इंतजार करूंगी और अगला पाठ आज शाम तक या रात तक डाल दूंगी

सो प्लीज कीप कमेंटिंग क्योंकि आप लोगों के कमेंट बहुत कम आते हैं और मेरा कॉन्फिडेंस बहुत लो होता जा रहा है क्योंकि मुझे इस स्टोरी में कोई रिस्पांस नहीं दिख रहा है

8k readers hone ke bad Bhi Mujhe Itna kam response mil raha hai