Raaj ka Pyar - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

राज का प्यार - 1

राज के लिये वो शाम बहुत हसीन थी। जिस दिन उसने निया को पहली बार देखा था। वैसे तो राज बड़ा ही शरीफ लड़का है उसने आज तक किसी लड़की को गलत नजर से नही देखा। प्यार मोहब्बत से दूर रहने वाला लड़का है। पर निया में उसने ऐसा क्या देखा की वो उसका हो गया?
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राज ने एंजिनर की पढाई की है और वो सूरत एक बड़ी कंपनी मे मैनेजर की पोस्ट पर जॉब करता है। वो बहुत कम या यू कहु की सिर्फ काम की बाते करता है। वो हर किसीसे बात तक नहीं करता। मौज, मस्ती, मजाक करना उसे अच्छा लगता है। पर हर किसके साथ नहीं। कभी कभी ऐसा लगता है वो खुलके जीता नहीं है। ज्यादा तर खुदको काम और अपनी पढाई मे व्यस्त रखता है।

मन में क्या है, क्या चल रहा है किसीको नहीं बताता।

उसके दोस्त! काले, गोरे, भूरे, सभी एक से बढ़कर एक है। उसके साथ गाँव में क्रिकेट खेलने अक्सर जाता। पर जबसे शहर मे नौकरी करने लगा है तब से गाँव के दोस्तो से मुलाकात कम होने लगी। और उसका मस्ती मिजाज भी कम हो गया। शहर मे कही दोस्त है पर उससे उतना लगाव नहीं जितना गाँव के दोस्तो के साथ है।

एक दिन राज और उसका परिवार रिश्तेदार की शादी के लिये गाँव गये। राज सभी रिश्तेदार के घर जाता नहीं है पर उस दिन पुराने दोस्तो से मिलने के बहाने वो गाँव गया। पर किसको पता था की वही से उसका एक नया सफर शुरू होन वाला है।

संगीत के वक़्त राज की नजर एक लड़की पर पड़ी। जिसका नाम निया था। वो लड़की राजकुमारी तो नहीं पर उससे कम भी नहीं थी, पीलीचोली, आँखों मे काजल, कानों मे बड़े जुमके और खुले बालों मे वो बहुत सुंदर लग रही थी। सबके साथ प्यार से बात कर रही थी। छोटे बड़े कामो मे सबका हाथ बटा रही थी। सबका अच्छे से ख्याल रख रही थी। जैसे खुदके घर की शादी हो।

निया को ऐसे देखकर राज की नजर जैसे उस पर ठहर गई। वो दूर से निया को देख रहा था। जैसे पहली नजर मे पहला प्यार हो गया। पर निया से बात करने की राज मे हिम्मत नहीं थी। फिर उसने बात करने का एक तरीका सोचा। सबकी खातेदारी करना शुरू किया। सबको पानी और चा पिलाने लगा। निया अपने बहनो के पास बैठी थी वो वहा चा लेकर गया और चा देते हुए उससे पूछा की कुछ चाहिए तो बताएगा.....!

निया राज की अनकही बात समझ गई थी इसलिये वो बिना कुछ बोले वहा से चली गई। फिर राज और निया की बात कैसे हुई, राज ने अपना नंबर कब दिया, ये बात कोई नहीं जानता। सिर्फ इतना पता है..... राज ने निया से कहा था। में दोस्ती और टाइम पास करना नहीं चाहता। मुझे तुम अच्छी लगती हो, तुम्हे अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहता हूँ।

शादी के बाद राज और उसका परिवार फिर शहर अपने घर आ गये। घर आने के बाद वो निया से फोन पर बात करने लगा। दोनों का एक दूसरे से लगाव और बढ़ गया। राज निया से सच्चा प्यार करता था उसे खोना नही चाहता था।

सही समय देखकर उसने अपने मम्मी पापा और भाई भाभी को निया के बारे मे बताया। पर सब ने रिश्ते के लिए मना कर दिया। क्योंकि सबको लगता था, निया परिवार संभाल नहीं पायेगी। और राज को उसे भूलने को बोल दिया।

राज अपने परिवार से बहोत प्यार करता है पर वो निया से भी उतना ही प्यार करता है। इसलिये उसने सबको बोला अब में निया से बात नहीं करता। पर कभी कभी चुपके से निया से बात कर लेता था।

एक दो महीने बीत गये। सबको लगा की राज निया को भूल गया है। पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। बल्कि दोनों का प्यार और बढ़ गया। दोनों ने साथ जीने का सोच लिया था।

क्या राज का परिवार इस रिश्ते को स्वीकार कर पायेंगे? कैसा रहेगा राज और निया का मिलन, क्या वो अपने परिवार को मना पायेंगे? वो आगे की कहानी मे बतायेगे।

बेखबर इस बात से क्या होगा किताब का अगला पन्ना
दोनों ही लिख रहे है अपने प्यार की कहानी......!!

_Miss Chhotti