Raj ka Pyar - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

राज का प्यार - 2

आगे.......

राज मन ही मन बहोत परेशान रहने लगा। ठीक से खाना तक नहीं खाता था। सबके सामने मुस्कुराता पर अंदर से वो बिल्कुल अकेला महसूस करता। एक तरफ निया और एक तरफ उसका परिवार, एक तूफांन चल रहा उसके मन मे।

वो गलत तो नहीं था उसे परिवार और प्यार दोनों ही चाहिये था। इसी नादानी मे उसने अपने भाई - भाभी दोनों को दुःखी कर दिया था।

भाभी के लिये जैसे राज उसका छोटा भाई था। वो यही चाहती थी की राज हमेंशा खुश रहे। उसीने अपने सास ससुर से बात की। उनको राज और निया के, रिश्ते के लिये मनाया। एक बार नहीं बार बार बात की और समझाया, आखिर मे सब मान गये।

ये बात जब राज को पता चली तो वो बहोत खुश हुआ। उसे लगा अब सब ठीक हो जायेगा।

पर परिवार के मन मे कहीं उलझने थी। जिसे सुलझाना आसान नहीं था। मगर राज के चेहरे की मुस्कान देखकर सब खुश रहते। सबने बिना देर किये उन दोनों की सगाई की तारीख ले ली। सब खुश थे क्योंकि घर के सबसे छोटे बेटे की सगाई जो थी। इतनी तैयारी का वक़्त नहीं था इसलिये कुछ खास ही रिश्तेदारों को बुलाया था।

राज के मम्मी पापा और उसकी भाभी तीन दिन पहले अपने गाँव आ गये, राज और उसके भाई को छुट्टी नहीं मिली थी तो वो सगाई के एक दिन पहले आने वाले थे।

सब तैयारी हो गई थी। राज भी अपने गाँव आ गया था। रिश्तेदारों कुछ आ गये थे, कुछ आने वाले थे। सब अपना अपना काम कर रहे थे और राज छत पर अकेला बैठा था। तभी वहा उसका एक दोस्त आया। उसने सोचा भी नहीं था की वो राज से मिलेगा। इतिफाक से दोनों की मुलाकात हो गई।

दोनों छत पर बैठकर पुरानी बाते याद कर रहे थे। उसका दोस्त शिकायत का पीटारा भरके साथ लाया था। जो एक के बाद एक बोल रहा था। और राज सारी बाते आराम से सुन रहा था। जब उसको राज और निया का पता चला, तो उसे थोड़ा अजीब लगा क्योंकि उसने कभी नहीं सोचा था की राज कभी किसी लड़की से प्यार करेगा।

एक पल के लिये उसे लगा की ये वो राज है ही नहीं, जिसे वो जानता था। दोनों ही अपनी अपनी मन की बात बयान कर रहे थे। जब उसके दोस्त ने निया के बारे मे पूछा तो राज ने बड़े प्यार से उसे कहा! "आज कल अच्छी लड़की मिलना मुश्किल है, और निया बहोत अच्छी है, उसका सबसे बात करने का तरीका, उसका सबके के लिये जो लगाव और प्यार है, मैने सिर्फ वही देखा है। और इसीलिये मुझे उससे प्यार हो गया।

फिर क्या...... ये सब सुनकर और राज को इतना ख़ुश देखकर उसका दोस्त भी खुश हो गया। वो राज के लिये खुश था की उसको इतनी अच्छी जीवनसाथी मिलि।
रात बीत गई........

24 मार्च ये सुभह राज के जीवन की खूबसूरत सुभाह थी। क्योंकि....
"अंजान गाँव की गलियों में दो नये परिवार जुडे थे, ये दिन बड़ा खास था क्योंकि राज अपनी राधा से जो मिला था।"

दोनों की सगाई हो गई। परिवार मे एक नया सदस्य जुड़ गया। कच्चे रिश्तें मजबूत होने लगे, उलझने सुलझने लगी।

ये दो line सिर्फ राज के लिये.......
तुम कृष्ण हो तो निया तुम्हारी राधा है
तुम राम हो तो निया तुम्हारी सीता है
तुम शिव हो तो निया तुम्हारी पार्वती है
ये रिश्ता कभी न टूटे, कभी न उलझे, हमेंशा खुश रहियेगा।और हर जनम में तुम्हें निया का साथ मिले।।

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फिर मिलुगी एक नयी कहानी के साथ।
- Miss Chhotti