Safar e Dasta - 1 books and stories free download online pdf in English

सफर ए दास्ता ... भाग 1

1979...की वह सुबह जब रागिनी अपने घर से कॉलेज के लिए निकल रही थी
काॅलेज मे आज उसे जल्दी पहुँचना था इसलिए आज वो आरती के घर नही गई वो सीधे काॅलेज पहुँचना चाह रही थी
जल्दी जल्दी मे चलने की वजह से उसकी चप्पल टूट गई वो चप्पल हाथ मे उठाए..
मोची को ढूंढ रही थी
मोची कही भी नही था
अब उसके पास ऑटो रिक्शा के अलावा कोई रास्ता नही था
तभी उसके पिछे से स्कूटर के ब्रेक लगने की आवाज आई
वो पिछे पलटी
मुड़कर देखा तो रोहित बिल्कुल पिछे ही था
उसे कह रहा था की
बस स्टेशन से आप अभी काफी दूर है
और ऑटो भी कही नजर नही आ रहा है
और चप्पल ने भी आपका साथ छोड दिया है या यू कहू की दम तोड दीया है
तो आपका हमारा काॅलेज भी एक ही है
तो बंदा आपको काॅलेज तक लिफ्ट दे सकता है
अगर आप बुरा ना मानो तो
रागिनी ने कुछ नही कहा
चुपचाप स्कूटर की पिछे की सीट पर बैठ गई
रागिनी देखने मे बेहद सुन्दर दिलकश अदा वाली लड़की थी
उस समय काॅलेज का हर लडका उससे बात करने को र।तरसता था
रोहित भी मन ही मन बहुत खुश था
आज रागिनी उसकी गाड़ी के पिछे की सीट पर बैठी है
रोहित एक फ्लर्ट किस्म का स्मार्ट किस्म का लडका था पर रागिनी को पसंद करता था
रागिनी भी खुब समझती थी रोहित की नजरो को पर रागिनी की नजर कीसी को ढूँढने मे व्यस्त रहती थी
नजर भर देख भी ले वो तो तसल्ली हो जाती है
ये तो वो था जिसके अलग ही विचार थे
राजकीय क्षेत्र से जुडा हुआ एक उभरता नाम
जिसकी मंजिल ही उच्चतम से उच्चतम पद हासिल करना था
रोहित राजिव और रागिनी दोस्त नही थे एक ही काॅलेज मे होने की वजह से एक दूसरे को जानते थे
रोहित से रागिनी का राजिव के प्रती लगाव छुपा नही था
रोहित रागिनी के भाव राजीव खुब समझता था पर प्रेम पर भला किसका जोर चलता है
कीसी को चाहते रहना कोई खता तो नही
और वो खता जब रागिनी जैसी खुबसूरत हौ
फायनलस थे तीनो के
सबकी दूनिया बदने वाली थी
रागिनी पुरे काॅलेज का क्रश थी
और रोहित का प्यार
एक comment ही होता है जिसमे पुरुष फसना नही चाहते
राजिव कुछ ऐसा ही था
प्रेम मे रंगना तो चाहता था पर बहना उसे मंजूर नही था
अगले हफ्ते एग्जाम शुरू होने वाले थे
इतना इंतज़ार करने के बाद भी जब राजीव की और से कोई प्रस्ताव नही आया तो आरती के दिये सुजाव पर रागिनी ने राजीव से बात करना ठीक समझा
फायनल के तुरंत बाद रागिनी के घरवाले उसके लिए लडका ढूढने लग जाए गे ये तो तय था
और ये रागिनी अच्छे से जानती थी
फर्स्ट एअर से ही रागिनी इस उभरते हुए नायक को पसंद कर रही थी
वो तो ये चाह ही रही थी की राजीव की और से कोई इशारा हो
राजीव को काॅलेज की हर एक लड़की पसंद करती थी
उसकी बातो मे एक खनक सी थी जब वो बोलता था तो उसकी बातो से एक मंत्रमुग्ध हो कर बस उसे ही सुनते रहते थे
ऐसी कई खासियत इस एक शख्स मे थी
रागिनी भी अछूती नही रही उसके प्रभाव मे आने से
रागिनी आरती के साथ ऊसके हॉस्टल के रुम मे जा पहूची
अचानक रागिनी और आरती को देखकर राजीव चौक गया
उसे लगा की काॅलेज के काम की वजह से वो दोनो उसके पास आई है
आरती ही चाह रही थी की काॅलेज खत्म होने से पहले एक बार राजीव रागिनी की दिल की फिलिगंस जान ले
आरती ने ही बात की शुरुआत की
रागिनी चुपचाप बैठी मुस्कराह रही थी नजरे झुकाये
शायद वो राजीव के चेहरे का भाव पढना चाह रही थी
अचानक आरती और रागिनी उसके सामने आकर ऐ सब कह देगी..राजीव ने ऐसा सोचा नही था
उसके काॅलेज की सबसे सुन्दर लड़की उसके लिए अपने दिल मे प्रेम का भाव रखती है
ये बात उसे अंदर ही अंदर गुदगुदा रही थी
उसने रागिनी से थोड़ा समय मांगा
उसे अभी कई चीजे सेट करनी है
रागिनी ने भी उसके मनोभाव पढ लिए थे....

नेक्स्ट पाठ मे..क्या लगता रागिनी कीस की होगी राजीव या रोहित...