Sath Zindgi Bhar ka - 60 books and stories free download online pdf in Hindi

साथ जिंदगी भर का - भाग 60

फिर से हमारे दूर होने का मजाक मत कीजिएगा वरना आस्था ने उसे धमकी देते हुए कहा और बदले में एकांश ने उसकी उन आंसुओं की बूंदों को अपने लबों से पीलिया और फिर एक बार उसकी नजर आस्था के होठों पर चली गई इससे पहले कि एकांश उन्हें अपने होठों में ले ले ले पाता दरवाजा किसी ने खटखटाया आस्था झट से उससे दूर हो गई

कुंवर जी कौन आया होगा और और आप हमारे कमरे में क्यों साबर ले रहे थे अगर किसी को पता चल गया तो आस्था ने घबराते हुए कहा उसे इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि एकांश उसके नहीं बल्कि वह एकांश के कमरे में आ गई है

रिलैक्स हम बाथरूम के अंदर जाते हैं आप दरवाजा खोलिए एकांश के पास उसे सच बताने का वक्त ही नहीं मिला था वह जल्दी से अंदर चला गया आज थाने भी अपनी ओढ़नी ओढ़ ली और अपना मंगलसूत्र छुपा लिया बड़ी मां आप आस्था ने उन्हें देखकर कहा हां हम लेकिन आप यहां इस कमरे में क्या कर रहे हैं

आस्था बड़ी मां ने हैरानी से उससे पूछा यह हमारा कमरा है ना बड़ी मां तो हम नहीं होंगे ना आस्था यह आपका ही कमरा है आस्था लेकिन आपके यहां जाने के बाद एकांश यहां शिफ्ट हो गए थे अभी यह उनका कमरा है बड़ी मां ने उसे बताया आस्था हैरान सी हो गई उसे इस बारे में कुछ पता जो नहीं था

एकांश भी बाथरुम से बाहर आ चुका था उसने ऐसा जताया कि वह अभी-अभी आस्था को देख रहा है हमारा सामान कहां रखा है बड़ी माता ने अपने आप पर कंट्रोल कर किसी तरह से पूछा उसकी हिम्मत ही नहीं थी कि वह एकांश की और देखें उसे गिल्टी फील हो रहा था

उसने दूर जाने के फैसले पर लेकिन बड़ी मां को उसका इस तरह एकांश को इग्नोर करना पसंद नहीं आया आस्था एकांश को आस्था की सोच का अंदाजा आज का था फिर भी उसने खामोश रहना बेहतर समझा और उसे आवाज दी चलिए बड़ी मां आस्था बाहर की ओर बढ़ गई बड़ी मां ने उसे एकांश के पुराने कमरे में ले गए यहां क्यों आस्था अजिंक्य भाई सा और बाबा जाने आपका सामान यहां शिफ्ट करने को कहा था

यह कमरा वह पैलेस का सबसे खूबसूरत और सबसे बड़ा जो था यूनो आस्था जब से यह पैलेस बना है तब से इस कमरे पर एकांश यहां के राजा रानी का है एकांश की ताजपोशी के बाद वह यहां शिफ्ट हुए थे लेकिन आपके जाने के बाद खैर बाबा सा का कहना है कि हमारे कुंवर तो नहीं लेकिन कम से कम हमारी कुंवर रानी सा यहां रहे

बड़ी मां हम यहां नहीं रहेंगे बड़ी मां आस्था ने अपने-अपने बैग उठाए और वहां से बाहर आ गई एकांश के होते हुए वह वहां रहना उसे बिल्कुल भी मंजूर नहीं था अपने कुंवर जी के बिना कैसे रह सकती थी वह वहां पर लेकिन वह आस्था बड़ी मां ने उसे रोकना चाहा प्लीज मैं आस्था निकाल कर और नीचे हॉल में आ गई

आस्था से मिलने के लिए सारी फैमिली मेंबर आज जल्दी ही वापस आए थे आस्था क्या हुआ है यह बैग अजिंक्य जी ने पूछा वही मौजूद सब हैरान हो गए थे बाबा साहब वर्षा के कमरे में नहीं रहेंगे या तो हम मैं दूसरे कमरे में दे दीजिए या फिर हम होटल में स्टे करेंगे क्या आस्था के इस तरह कहने पर सब उदास हो गए

लेकिन रेवा के साथ कोई और भी था जो आस्था के इस फैसले से दिल ही दिल में बहुत खुश हो रहा था उस शख्स को यकीन हो रहा था कि अब एकांश आस्था अभी एक नहीं होंगे अजिंक्य जी कुछ कहने को हुए लेकिन एकांश ने उन्हें इशारे से ही रोक दिया और वहां से चला गया ठीक है

अब जिस कमरे में रहना चाहे वह रहे वहां रह सकती हैं अजिंक्य जी ने आस्था से कहा हम समीक्षा मां के (मतलब एकांश की मां ) के कमरे में रहना चाहते हैं आस्था ने उनकी ओर देखते हुए कहा उन्हें उन्होंने भी उसे इजाजत दे दी और हर कोई जानता था कि आस्था को वह कमरा काफी पसंद है इसलिए किसी ने भी कुछ नहीं कहा

समीक्षा जी के गुजर जाने के बाद अजिंक्य जी ने उस कमरे में रहना छोड़ दिया था लेकिन कभी-कभी अपनी मां के साथ बिताए हुए पलों को याद करने के लिए वहां जाया करता था आज तक इस कमरे को सिलेक्ट करने के पीछे एक रीजन था कि वह इस कमरे और एकांश के स्टडी रूम को जोड़ने के लिए वहां एक सीक्रेट रास्ता भी था जिसके बारे में किसी को कुछ भी नहीं पता था

सिवाय दादा सा अजिंक्य जी और एकांश के जब आस्था एकांश के साथ स्टडी रूम में पढ़ाई करती थी तभी उसके इस बारे में पता चला था हम फ्रेश होकर आते हैं आस्था में भी अपना बैग लिया और उस कमरे की ओर बढ़ गई कमरे में जाकर उसने अपने आप को आंसू के साथ बिस्तर पर झोंक दिया

जान बस भी कीजिए एकांश उस खुफिया रास्ते से कमरे में दाखिल हो चुका था आस्था के पास लेटते हुए उसने उसके बाल बालों को सहला या और आस्था उससे लिपट गई हम बुरे हैं कुंवर जी बहुत बुरे हैं तभी तो बिना आपके बारे में सोचें ऐसे ही चले गए थे आप को छोड़कर और आप यहां आस्था से आगे कुछ बोला ही नहीं गया

वह उसकी बांहों में लेटे हुए अपने आंसू बहा रही थी ऐसा नहीं है आस्था और अब बस भी कीजिए आपने उस वक्त जो किया वह बिल्कुल सही था एंड आई एम वेरी प्राउड ऑफ यू कि आपने बिना किसी के सहारे इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है एकांश ने उसे प्यार से सहला ते हुए कहा आस्था उसकी बाहों में रोते हुए कब सो गई उसे पता ही नहीं चला

एकांश ने उसके सर पर अपने लबों की मोहर दी और वहां से चला गया आस्था कहां है दादा सा नहीं तो डिनर के लिए ना पाकर पूछा वह दादा सा उनके कमरे का दरवाजा लॉक है हम ने आवाज दी लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया रूद्र ऐसे कैसे वह ठीक तो है ना दादा सब परेशान हो गए और आस्था के कमरे की ओर बढ़ गए बाकी सब भी उनके पीछे-पीछे आ रहे थे क्या हुआ है आप सब कहां जा रहे हैं

एकांश जो अभी अभी वहां से आ रहा था उसने पूछा आस्था के पास जा रहे हैं वह दरवाजा ही नहीं खोल रही है ना दादा ने जल्दी से कहा दादीसा जेट लके की वजह से वह सो रही होगी आप परेशान मत होइए एकांश को पता था कि वह सो रही है और उसकी नींद खराब ना हो इसलिए उसने कहा लेकिन फिर भी सब कुछ के कमरे की ओर चले जा रहे थे

एक या दो बार दरवाजा खटखटाने के बाद भी जो आस्था ने दरवाजा नहीं खोला तो स्वप्न ने काफी जोर से दरवाजा बजाया और आस्था हड़बड़ा कर उठ गई उसमें अध खुली आंखों के साथ ही दरवाजा खोला और सब को सामने देख कर हैरान हो गए आप ठीक है ना आस्था दादीसा ने फिक्र से पूछा और आस्था ने अपनी आंखें मसलते हुए ना में सर हिलाया

क्यों क्या हुआ है बेटा जी क्या घबरा गए नींद आ रही है और आपने इतनी जोर से दरवाजा बजाकर हमें डरा दिया है आस्था में इतनी मासूमी से कहा कि सबके चेहरे पर मुस्कान आ गई अब खुली आंखें वह क्यूट वाले एक्सप्रेशन और बिखरे हुए बालों के साथ ऐसा बहुत ही ज्यादा क्यूट दिखत थी एकांश का तो दिल ही किया कि अभी के अभी उसके गालों को खींचकर चलाए

और उसे प्यार करें अब आप सब हंस क्यों रहे हैं हमें सच में बहुत ज्यादा नींद आ रही है आस्था ने कहा अच्छा ठीक है सो जाइए लेकिन खाना खाने के बाद जल्दी से फ्रेश होकर आ जाइए दादीसा ने कहा नहीं दादीसा पहले हमें सोना चाहते हैं फिर बाद में बाकी सब प्लीज प्लीज दादीसा आस्था ने इतने प्यार से कहा कि कोई उसे मना ही नहीं कर पाया

वह सब चले गए और आस्था फिर से सो गई एकांश भी डिनर करके स्टैंड यू स्टडी रूम में चला गया कुछ देर बाद काम करने के बाद वह आस्था के कमरे में आ गया आप बेफिक्र होकर आराम से सो रही थी यह तो बहुत गलत बात है जान हमें या तड़पता हुआ छोड़कर आप इतने आराम से कैसे सो सकती हैं एकांश ने कहा और उसके पास लेट गया उसने आस्था के चेहरे पर आए बालों को पीछे किया और उसके गालों पर अपनी उंगली घुमाई सोने दीजिए ना कुंवर जी आस्था ने नींद में ही उसकी छुअन को पहचान लिया था

और एकांश के सीने पर सर रखकर सो गई एकांश में भी उसे अपनी बाहो में भर लिया और मुस्कुराते हुए नींद के आगोश में चला गया हर रोज की तरह आज तक ही नींद सुबह 4:00 बजे ही खुली थी उसने अपनी आंखें खोली और उसके सामने एकांश का चेहरा नजर आया उसके चेहरे पर बहुत ही ज्यादा खुशी वाली स्माइल आ गई गुड मॉर्निंग कुवर जी आस्था ने कहा और उठने लगी लेकिन अगले ही पल में वह उसकी बांहों में गिरफ्त हो गई थी

कुंवर जी आस्था ने बड़ी-बड़ी आंखें करते हुए उसे देखा गुड मॉर्निंग ऐसे विश करते हैं क्या एकांश ने उससे सवाल किया उसकी उंगलियां आस्था के चेहरे पर ही घूम रही थी उसने बेचैनी से ही अपनी आंखें बंद कर ली ऐसे नहीं है तो कैसे कुंवरजी इसी तरह कहा और जवाब मैं एकांश ने उसके होंठों को अपने होंठों में समा लिया जी भर के उसके होठों का रस पीने के बाद एकांश ने उसे छोड़ दिया

जान एक बात कहें एकांश आस्था भी उसे प्यार से प्यार भरे लम्हों में क्या थी आप की छुअन आपका प्यार और आपका इस तरह से हमें संपूर्ण करना सच कह रहे हैं हम हमारे पेशंस को खो देंगे आप बेकाबू कर रही हैं हमें होश नहीं रहता है हमें कुछ भेजो एकांश ने बेहद नशीली आवाज में कहा तो हो जाइए ना बेकाबू कुंवर जी हम भी आपके साथ होश में नहीं रहना चाहते मदहोश होना चाहते हैं

आपके प्यार में आस्था ने उसकी आंखों में देखा शिवाय अपने लिए बेपनाह प्यार के और उसे और कुछ भी नहीं दिखा बेशक और वह दिन भी जल्दी आएगा बहुत जल्द एंड आई प्रॉमिस कि हम आपको बहुत परेशान करने वाले हैं एकांश में अपनी आंखों में शरारत थी

वह बुलाते हुए कहा और कुछ इस तरह कहा कि आस्था शर्मा गई कुंवर जी आस्था ने अपना चेहरा ढक लिया और एकांश ने उसके हाथों पर किस कर लिया अभी वक्त है जान तब तक हम इन लम्हों को एंजॉय करते हैं एकांश में अपने हाथों को हटाकर फिर चला गया आस्था भी उठ कर फ्रेश होने चली गई

फाइनली कंप्लीट I am sorry Dear readers ki maine कल aapko aisa bol diya आई एम रियली सॉरी कि कल मैं ने तुमको स्टोरी बंद करने के बारे में बोल दिया मैं स्टोरी लिखूंगी एंड चैप्टर भी डालूंगी और बहुत ही जल्द इस में ट्विस्ट एंड एंटरटेनमेंट आने वाला है

एकांश आस्था को अब एक करने का टाइम आने वाला है तो पढ़ते रहिए तेरा मेरा साथ ही हमेशा और कमेंट करके जरूर बताइए एंड गिव रेटिंग प्लीज