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तस्वीरी दुनिया - भाग 1

यह  कहानी  पूर्णरूप  से  काल्पनिक  है । 

नाही  इसमे  बताई  गई  कहानी  का  अस्तित्व  है  । 

ओर  नहीं  कही  जिक्र  ये  सिर्फ  कहानी  के  सरिए  से ही  लिखी  है । 

 

रामायण  काल  मे  कुछ  असुर  थे  । 

जो रावण  की सेना  मे थे  । 

किन्तु  उन्हे  पहेले  से  ज्ञात  हो  गया  था की । 

रावण  इस  युद्ध  मे  मारा  जाएगा  ओर  पूरी  रावण  सेना  इस  युद्ध  मे  मौत  की  आगोश  मे  सो  जाएगी । 

तो  उन्होंने  अपने  बचने  की  तरकीब  सोची । 

ओर  आखिरकार  कुछ  असुरों  ने  मिलकर  । 

तंत्र ओर  मंत्र  से  एक  मायावी  दुनिया  का  निर्माण  किया । 

ओर  किसी को  कुछ  पता  ना  चले  इसलिए  उसको  ऊपर  से  तस्वीर  का  दरवाजा  बना  दिया  । 

 

आखिरकार  युद्ध  मे  सारे  दानव  मारे  गए  । 

जब रामचन्द्र जी का जीवन पूर्ण हो गया, तब वे यमराज की सहमति से सरयू नदी के तट पर गुप्तार घाट में देह त्याग कर पुनः बैकुंठ धाम में विष्णु रूप में विराजमान हो गये।

इस  तरह  रामायण  का  काल  पूर्ण  हुआ । 

ओर  तस्वीर  की  दुनिया  सबसे  छिपी  रही  । 

असुर  भी  अब  पूरी  तरह  से  बदल  गए  थे  । 

वो  भी  कई  बार  इस  दुनिया  से  निकल  कर  बाहर  की  दुनिया  को  देख  आते  थे । 

ताकि  वो  इस  दुनिया  से  कनेक्टेड  रहे  । 

ओर  कोई  उसे  पहेचाने  नहीं । 

 

उनका  दिमाग  हम  इंसानों  से  आठ  गुना  ज्यादा  था  । 

मानो  की  कोई  एलियन  ही  हो  । 

समय  बीतता  गया । 

ओर  वो  दुनिया  से  छिपकर  अपनी  अलग  दुनिया  मे  जीते  रहे । 

 

साल :- २००१ 

कुछ  लोग  खजाने  की  तलाश  मे  श्रीलंका  के  जंगलों  से  गुजर  रहे  थे  । 

एक  एक  कर  सब  गायब  होने  लगे  । 

किशिकों  पता  नहीं  चला  की  आखिर  हो  क्या  रहा है । 

उन्मे  से  अब  तीन  लोग  ही  बाकी  बचे  थे । 

जेनिफर  , माइकल  ओर  एक  भारतवासी  अखिलेश  । 

वो अब  खजाना  ढूंढते  ढूंढते  बहुत  आगे  निकल  चुके  थे  । 

तब उन्हों  ने  देखा  की  आगे  एक  जुपड़ी  है  । 

तो उन्हे  लगा  की  रात  के  वक्त  सफर  करना  ठीक  नहीं  रहेगा । 

क्यू  न  रात  यही  गुजार  ले  । 

ओर  सुबह  होते  ही  खजाने  की  तलाश  मे  जाएंगे  । 

ओर  इस  तरह  वो लोग  जंगली  जानवर  से  भी  बच  जाएंगे  । 

ये  सोचकर  वो  लोग  रातभर  वही  रुकने  का  फैसला  कर लेते  है । 

रात  को  उन्हे  घोड़े  की  आवाज  आती  है  । 

वो  लोग  चौक  जाते  है । 

उन्हे  लगता  है  ।  कोई  लुटेरे  होंगे  । 

थोड़ी  देर  बाद  वो  आवाज  शांत  हो  जाती  है  । 

तब  माइकल  जेनिफर  को  कहेता  है  की  क्या  वो  लोग  चले  गए  । 

जेनिफर  ने  कहा  लगता तो  ऐसा  ही  है । 

फिर  माइकल  ने कहा  मै  बाहर  जाके  देखता  हु  । 

ये  सुनकर  अखिलेश  ने  कहा  नहीं  कोई  बाहर  नहीं  जाएगा  । 

वो  लोग  इधर  ही  है  । 

घोड़े  अभी  भी  इधर  ही  है । 

उनके  पाव  की  आवाज  आ  रही  है  । 

वो लोग  शांत  है  । 

इधर  से  ही  ढूंढो  बाहर  देखने  का  कोई  रास्ता  मिल  जाएगा  । 

फिर  उन  लोगों को  जुपड़ी  मेसे  एक  छेद  दिखा  जो  बाहर  की  स्थिति  को  देखने  के  लिए  ही  । 

बनाया  होगा  ऐसा  लग  रहा  था । 

उन्होंने  देखा  तो  वो  लोग  जुपड़ी  की  ओर  ही  आ  रहे  थे  । 

वो  लोग  कोन  थे  ओर  जुपड़ी की  तरफ  क्यू  आ  रहे  थे  । 

आखिर  वो  लोग  करना  क्या  चाहते  थे  । 

जानने  के  लिए  पढे । 

तस्वीरी   दुनिया  भाग - २