Hasy ka Tadka - 4 books and stories free download online pdf in Hindi

हास्य का तड़का - 4

🤑🤑 # परफेक्ट मैच (विडंबना) #

👉जो
कभी कानून को
अपने पैरों तले रौंदा करते थे

👉जो
कभी कानून को
अपनी जेब में लेकर घुमा करते थे

👉जो
कभी कानून को
अपनी जायदाद समझते थे 😂

👉वो
आज उसी कानून को
उसके फर्ज याद दिला रहे हैं

👉वो
आज उसी कानून से
इंसाफ की भीख मांग रहे हैं

👉वो
आज उसी कानून व्यवस्था पर
सवाल उठा रहे हैं 😂

दूसरों के जीवन को
मक्खी मच्छर समझने वाले

आज खुद के जीवन की
भीख मांग रहे हैं 😂

👉जो कभी
कानून को
पांव की जूती समझ कर
"परफेक्ट मैच" बताते थे

👉वो आज
कानून की जूती
जब सर पर पड़ रही हैं तो
"इमपरफेक्ट मैच" बता रहे हैं 😂


🤑🤑# अनुभव का कोई मोल नहीं #

अग्निपथ योजना का

मिल रहा हैं किसी को लाभ

वो हैं आईटी कंपनी वाले मेरे यार

खुश हो रहे हैं इनके माता-पिता

की उनके बच्चों की पूछ बढ़ गयी हैं आज

मनचाहा दहेज लेने की

जैसे छूट मिल गयी है आज 😜😜


पहले सरकारी नौकरी वालों

को लोग लड़की देते थे

उनके मनचाहा दहेज की

मांग भी पूरी करते थे 😁😁


पर अब तो बदल गए हालात

हम कंपनी में नौकरी करने वाले

बहुत खुश हैं मेरे यार 🤩🤩


अभी तो भर्ती

शुरू भी नहीं हुई

और अग्नि वीरों का

अस्तित्व खतरे में

बेटियों के पिता सोचने लग गए

अग्नि वीरों से गठबंधन

बेटियों का जीवन खतरों में 🤔🤔


भविष्य में अग्निवीर

करे सवाल 🤔🤔

उनके चार साल के

अनुभव का कोई मोल नहीं

बेटियों के पिता

की नजरो में

अग्नि वीर क्या

एक झोल सही 😐😐


🤑🤑 # परदेश में दिन #

परदेश की चकाचौंध में

मंत्र मुग्ध से हो गए थे हम 🤩

जाने की जिद्द में

अनशन पर बैठ गए थे हम 🤥

अम्मा बापू ने खूब समझाया

पर अड़ियल घोड़े की तरह ऐंठ गए थे हम 😏

होकर मजबूर माँ बापू ने

दे दिया हमें ग्रीन सिग्नल 🚦🚦

खुशी- खुशी हम पहुंच गए परदेश

जहां मिल गए हमें दो सेठ

उनकी बातों से हो गए हम

एकदम फ्लेट

मन ही मन सोचा अब तो

हमारी जिंदगी हो गयी सेट 🤑

बिना बात ही माँ बापू

ले रहे थे इतना हेडेक 😏

दो दिन बाद हुआ वहां कुछ अजब

जो न आया बिल्कुल भी हमारी समझ😵‍💫

आयी पुलिस मचा दी धर पकड़

दिया दो कान के नीचे

निकल गयी हमारी सब अकड़

बंद कर दिया लॉकअप में

ठोक दिया केस ड्रग्स सप्लाई में 🙉

जिसके बाद हुई हमारी खूब धुलाई

बदले में हमें अपनी नानी याद आयी 🤯

हालात देख कर अपनी

बहुत आयी रुलाई 😭

तब माँ बापू की सीख के

एक-एक शब्द की

याद आयी गहराई 🤕

"परदेश में जाना तो

जल्दी किसी पर विश्वास मत करना

हो सके तो थोड़ा दिमाग का इस्तेमाल करना "🧐

जब करना चाहिए था तब किया नहीं

अब लाठी पड़ी तो सोचा

लूं थोड़ा दिमाग से काम

हाथ पैर जोड़

छुटाऊॅ कैसे भी अपना

पुलिस से नाम 😵‍💫

हुजूर ए आला !

मैंने नहीं किया कोई गडबड घोटाला

देख लो हमारा सामान

उसमे पड़ा है

दो दिन पहले का हमारा टिकटें नाम

परदेश में आए हैं हम कमाने खाने

बस दो दिन से बने नए मेहमान पुराने 😌

ड्रग्स के केस में कोई हाथ नहीं है हमारा

हम हैं एकदम बेकसूर मेरे हुजूर ए आला 🥺

चलो, तुम्हारी बातों पर कर के विश्वास

छोड दे रहें हैं इस बार ☹️☹️

अगली बार पकड़े गए तो

कर देंगे तुम्हारा वो हाल

करेंगी तुम्हारी सात पुश्ते याद 😠😠


✍️🌹देवकी सिंह 🌹