Guru aur Hinal - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

गुरू और हिनल (जादुई कहनी) - 2

इसके पार्ट1
पढ़ने के बाद ही इसे पढ़ें
तभी समझ आयेगा
पार्ट1 में 👇👇
वो दादी की हाथ पकड़ कर अपने गले पे रख देती है और बोलती है मार दीजिए दादी 🥺😭 वैसे भी मुझे नहीं जीना उस पापी पीता के हाथ से मरने से तो अच्छा है कि मैं आपकी हाथों से मर जाऊं। 😭🥺😔😔 इतना सुनने के बाद दादी रो परती है और बोलती है हे भगवान ये कैसी तेरी लीला है दुश्मन की बेटी को मेरे हाथों से मरवाना चाहता है। 🙏🙏 दादी बोलती है बेटी इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है तुम्हारे पिता के किए का सजा देने वाला मैं कौन होती हूं। यह सुनकर गुरू की भी आंखे भर आती है। वो हिनल को चाहने लगता है। 😍🥺😍 और फिर सभी सारे बातों को समझ जानें के बाद हिनल को खाना खिलाते हैं। और फिर हिनल और गुरु उसी पहाड़ पे चढ़ते हैं जहान उसके पिता बोले थे। लेकिन गुरू को ये बात पता नहीं थी की वो पवित्र शक्ति हिनल भी हो सकती है। वो तो हिनल को अपने गांवों घुमाते घुमाते। कब सौर्यपुर कि पहाड़ों पे चढ़ गया पता भी नहीं चला औरक्यों की वो जिस गांव में रहता था उससे करीब ही था सौर्यपुर। दोनो ही एक दूसरे के हाथ थामें हुए पहाड़ पर चढ़ जाते हैं। और फिर ऊपर जाने पे गुरु को एक मंदिर दिखता है। वो उस मंदिर में जैसे ही कदम रखता है। उसे एक जोर का झटका लगता है। और वो ऊपर से सीधे नीचे गिरता है। हिनल भी उसे रोक नहीं पाती है क्यों कि ऐसा कुछ होगा उसे उम्मीद ही नहीं था। तभी हिनल उसके करीब आती है। गुरू बेहोश हो चुका था । तभी हिनल देखती है की उसे झटके लगे नहीं थे बल्की लगाएं गए थे। वहां काल भैरव के द्वारा भेजा गाया एक सैतान आ गया था जिसने अपनी जादू की मदद से उसे उपर से निचे एक ही झटके में गिरा दिया होता है। वो सैतान हिनल को ले जाने के लिए आता है जो की उसके पिता ने ही भेजा था। वो सैतान हिनल के हाथों को पकड़ता है और लेकर वहां से गायब हो जाता है। गुरू को जब होश आता है। तो उसे वहां हिनल नहीं दिखती है। वो परेशान हो जाता है। वो सोचता है आखिर हुआ क्या होगा मेरे बेहोश होने के बाद। तभी उसे जमीन पे कुछ लिखा दिखता है। वो देखता है की ये हिनल ने उसके लिए लिखी है। हिनल के करीब जब वो सैतान आ रहा था तब हिनल ने अपनी सूझ बुझ से, गुरू के लिए एक संदेश लिख देती है। वहां लिख होता है। मंदिर जाओ, अमावस्या की रात से पहले हम तक आ ओ.. उसके पास ज्यादा समय नहीं होता है इसलिए उसने पहेली में लिख दी। अब वो सबसे पहले मंदिर जाता है। फिर से पहाड़ों पे चढ़ता है। और मंदिर जाता है। वहां जा के जैसे ही अंडर कदम रखता है मंदिर की सारी घंटियां अपने आप बजने लगती हैं। और बहुत तेज आवायें चलने लगती है। तभी उसे उन हवाओं में एक कागज पे कुछ लिखा हुआ चिट्ठी मिलती है। उसमे लिखा होता है बेटा अगर तुम्हें ये चिट्ठी मिल गई है तो इसका मतलब साफ है की तुम 18वर्ष के हो चुके हो। और तुम्हें अब जादुई शक्तियां मिलेगी जिसका तुम हकदार हो। बेटा मंदिर के अन्दर जो तुझे शिवलिंग दिख रहा है उसके किनारे एक मामूली सा फूल दिख रहा होगा उसे तुम उठा लो। और अब आगे तुम्हारी कर्म तुम्हारे किस्मत को निर्धारित करेंगे बस इतना याद रखना की हमेशा अच्छाई का साथ देना और , उस काल भैरव का नमो निशान मिटा देना आगे का रास्ता तुम्हें खुद ढूंढ निकालना होगा।। अपना ख्याल रखनातुम्हरा पिता भैरव। 😍😍 इतना ही लिखा था उसमे और फिर गुरू उस फूल को लेकर अपने शर्ट के ऊपर वाला जेब में रख लेता है। और वाहन से चला आता है अपने घर आकर दादी को सारी बातें बताता है। दादी सारे बातों को सुनने के बाद बोलती है। मुझे ये सब तो नहीं पता लेकिन कल ही अमावस्या की रात है तुम्हें कैसे भी हिनल को बचाना होगा वरना उसकी बली दे देगा वो काल भैरव। गुरू तुरंत अपने घरसे दादी का आशीर्वाद लेकर निकल जाता है। उसे काल भैरव को खोजते खोजते। वो दिन बीत ही जाता है। अब वो रात आ चुकी थीं जिसे अमावस्या की रात बोलते हैं जहां काली ताकतों की शक्तियां चरम सीमा पर होती है। 👺👹👺💪💪💪
गुरू जैसे तैसे करके उस काल भैरव के पास पहुंचता है।
वहां उसे उसके सैतनों का सामना करना पड़ता है क्यों कि काल भैरव गहरी साधना में बैठा होता है। वो मंत्रों का जाप कर रहा होता है ताकी। उस बुराई की देवी काल देवी को प्रसन्न कर पाए और फिर अपने बेटी हिनल की बलीदान दे कर अमर हो जानें की वरदान पा सके। हिनल वहीं पे एक खाट पे बांधी बेहोश और फूल,मालों से ढकी होती है। तभी गुरू उस सैतान से जैसे तैसे लड़ता है क्यों की उसके पास कोई शक्तियां नहीं होती है। गुरू कितना भी आवाज लगाता है लेकिन हिनल बेहोशी से नहीं उठती है क्यों कि उसके ऊपर जादू का अशर होता है। इधर वो सैतान ने गुरू को बहुत मारता है। गुरु का हाल बहुत खराब हो जाता है। और वो बेहोश ही होने वाला होता है क्यों की उसका सर चक्कर देने लगता है उसे समझ नहीं आता है की वो कैसे जगाए हिनल को। तभी वो सोचता है मेरे पास जो फूल है उसे हिनल को दे देता हुं मेरे तो किसी काम के नहीं उसने वो फूल दूर से ही हिनल की और फेकता है। जैसे ही फूल हिनल के सीने पर जा गिरता है। वो चमकने लगाता है। और उस फूल से बहुत सारी तेज़ रौशनियां निकलने लगती है और वो सारे रौशनिया हिनल के दिल में समा जाता है। और हिनल को होश आ जाता है। तब तक गुरू इधर बेहोश हो जाता है। तभी हिनल उस सैतान को अपनी जादुई शक्तियों से खत्म करके गुरु को वहां से सीधे उसके घर दादी के पास ले आती है। अब
आगे क्या होगा?
जादू तो गुरू के पास होना चाहिए
लेकिन हिनल को मिल गाया कैसे
सारे सवालों का जवाब आपको
इसके अंतिम भाग, काल भैरव का अंत। में मिलेगा
Thank you 😘😽😚 story कैसी लगी जरूर बताएं