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एक था रावण

1 जुलाई 2022
जयपुर, राजस्थान
क‌‌‌‌ई सारे लोगों की भीङ जमा थी। लोग जोर-जोर से चिल्ला रहे थे। सबके मुंह पर एक ही नाम था आर्या सर!!!!!!
आर्या एक फिल्म डायरेक्टर थे।
इन्होंने अपनी फिल्म {एक था रावण} से ही अपना नाम बना लिया था।पै
भारत में ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इनका नाम प्रचलन में आ गया था।
आज इन्हें जयपुर बुलाया गया।
एक रिपोर्टर जिसका नाम था रीटा उसने आर्या से पूछा
(रीटा) - सर आपकी पहली फिल्म जो अभी रिलीज होने वाली है क्या आप उसके बारे‌ में कुछ कहेंगे।
(आर्या) - जहाँ तक मेरी फिल्म की बात है यह फिल्म कोई सोची समझी कहानी नही ंं है।
यह हकीकत है जो मेरे साथ हो चुका है वही इस मूवी में है।
आप लोग वेट कीजिये सब पता चल जाएगा।
लोगों की उत्सुकता को देख कर आर्या से रहा नहीं गया।
और वह बोले- एक‌ था रावण.. ये दस सिरों वाले रावण के बराबर था। एक दरिंदा जिसके लिए लोगों की जाने ं बस एक खिलोने जैसी थी।।
(आर्या) कहानी बताते हुए - दो लोग सुबह - सुबह टहलने सङक पर गये। कुछ दूर टहलने के बाद वे दोनों कहीं पर रुके।
तभी उन्हें बहुत ही ज्यादा बदबू आई।
उनमें से एक उस बदबू का पीछा करते- करते गया। तभी उसने देखा एक प्लास्टिक से कवर की हुई इंसानी बोडी।
किसीने उसे मारकर प्लास्टिक में कवर करके फेंक दिया था।
वहाँ के लोग पुलिस को खबर करते हैं।
एस. आई के साथ कुछ पुलिस वाले वहाँ आते हैं। और बोडी को लेकर फोरेंसिक लैब पहुंचते हैं। किसी को कुछ भी अंदाजा नहीं था कि ये सब किसने किया होगा।
इस केस को लीड कर रहे थे एस आई आर्या।
जी हाँ आर्या जो फिओ डायरेक्टर हैं वो पहले पुलिस में थे।
डेड बोडी जहाँ से मिली वहाँ पर एक टेडी बियर का सिर मिलता है। जो पूरी तरह खून से रंगा हुआ था।

एक स्कूल में एक टीचर बच्चों को पढाते हुए कहता है। जो कोई भी मेरे सबजेक्ट में कमज़ोर रहेगा उसे कङी से कङी सजा मिलेगी और उसे एक्सट्रा पढना होगी।
स्कूल की छुट्टी होती है। एक लङकी पैदल अकेली जा रही थी। उसके पीछे एक वैन आकर रूकती है।
सीन सिफ्ट होता है
(फोरेंसिक एक्सपर्ट) आर्या से कहते हैं- ये जो डेढ़ बोडी आपको मिली है उसका डी.एन.ए. इस टेडी पर लगे डी.एन.ए. से मैच हो गया है। ये एक लङकी की लाश है।
इसे जिंदा ही काटा गया है। और..
तभी पीछे से आवाज आती है। ओय तू सिर्फ एक एस.आई. है। ये सीनीयर इंसपेक्टर लता थी जो कि कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर गयी थी।
(Ins. लता) - अब इस केस को में लीड कर रही हूँ। इस बोडी की पहचान करवाओ बाहर कुछ लोग आये है शायद इसी के पेरेंट्स होगें।
(आर्या) - जी मैम।
उन लोगों को अंदर लाया जाता है।
उसे देख कर एक औरत जोर से रो पङती है और कहती हैं। नीलम!! ऐसा नहीं हो सकता। तुम हमे ं छोड़ कर नहीं जा सकती।
आर्या को कोल आता है।
(आर्या)- हैलो बोलिये। आगे से आवाज आती है।
सर हमारी लङकी घर नहीं आई हमने टीवी पर उस लङकी की न्यूज़ देखी जिसका मर्डर हो गया हमें बहुत डर लग रहा है।
(आर्या) - आप चिंता मत कीजिये। आप सिर्फ हमें इतना बताइये कि आपकी लङकी कहाँ से वापस नहीं आई।
आगे से वह बताते हैं कि सैंट जिवियर्स स्कूल से।
चैप्टर-1 The end