Hewaan se Mohabbat - 4 books and stories free download online pdf in Hindi

हैवान से मोहब्बत - 4

शादी की पहली रात

आज सभी एक थीम बेस्ड वैडिंग आउटफिट्स में थे। क्रीम कलर के कुर्ते और पजामे के कॉम्बिनेशन में आज सिंघानिया मैंशन के सभी आदमी कहर डा रहे थे। उनको एक साथ देख कर ऐसा लग रहा था जैसे आज ट्रैडिशनल वियर में सारे माॅडल्स रैंप वॉक करने वाले हों।




हैंडसम आदमियों की यह टोली आर्य की शादी के लिए होटल के लिए निकल गई।।

अब आगे -




छोटा वेदांश भी आज क्रीम कलर के क्यूट से कुर्ते और पजामे में था। उसने पैरों में क्यूट - क्यूट से जूते पहन रखे थे। वह अपने युवान चाचू के गोद में था। सभी होटल में पहुंच चुके थे। बस आर्य का ही इंतज़ार था। दादा जी कब से बेताबी से उसके इंतज़ार में थे। दर असल आर्य की एक इंपोर्टेंट मींटिग अटैंड करनी पड़ी जिसकी वजह से वह लेट हो रहा था।।




दूसरी तरफ,




एक होटल रूम में अवनी दुल्हन के जोड़े में बिलकुल तैयार थी। मेक अप आर्टिस्ट उसका मेक अप कर रही थी। थोड़ी देर में वह बिलकुल तैयार हो गयी। लाल रंग के इस शादी के जोड़े में वह काफी खूबसूरत लग रही थी। अवनी की एक फ्रैंड उसकी तरफ निहारते हुए बोली : " ओह माई गोड... अवनी कितना ज्यादा खूबसूरत लग रही है तू...!! "




अवनी इतराते हुए बोली : " तो तुम्हें क्या लगा, मैं ऐसे ही आर्य को भा गई। जरूर मुझमें कुछ ऐसी क्वालिटी तो जरूर होगी न जिससे आर्य को सिर्फ मैं ही नज़र आयी, उसकी लाइफ पार्टनर बनने के लिए।। "




एक दूसरी फ्रैंड बोली : " मानना पड़ेगा अवनी। बहुत सारी लड़कियां मिसेस आर्य सिंघानिया बनने का ख्वाब देख रही थीं। पर तूने आज सबको पीछे छोड़ते हुए ये बाजी मार ली...!! "




अवनी फिर इतराते हुए बोली : " हाँ क्योंकि मैं ही आर्य की वाइफ बनने के लायक हूं।। "

यह कहते हुए वह अपने ब्राइड मेड्स के साथ मंडप की तरफ जाने लगी।




आर्य भी होटल आ चुका था। वह दूल्हे की ड्रैस में बिलकुल रैडी था। उसने भी क्रीम कलर की शेरवानी पहनी हुई थी। ग्रीन कलर का कुंदन का बड़ा सा हार और उसके ड्रैस से मैच करता हुआ सेहरा। इस लुक में वह किसी बेहद खूबसूरत राजकुमार की तरह लग रहा था।।




जब वह बाहर आया तो आर्य के दोस्त, उसका भाई, उसके साथ काम करने वाले उसके इंप्लोयी, और खास कर आर्य का क्यूट - सा बेटा वेदांश अपने डैडी को देखता रह गया। उसे अपनी तरफ यूं देखता देख आर्य अपने बेटे के पास गया और उसे अपने गोद में उठा कर उसके माथे को चूम लेता है।। वेदांश भी अपने छोटे - छोटे प्यारे होंठों से अपने डैड के गालों को चूम लेता है।।




फिर आर्य उसे युवान की गोद में दे देता है। और मंडप में बैठ जाता है। आज इस शादी में क्या होने वाला था। यह आर्य के अलावा और कोई नहीं जानता था। अवनी भी मंडप में आ गई। उसके आने के बाद शादी की सारी विधियां होनी शुरू हो गयी।

मंत्र उच्चारण के बाद पंडित जी ने आर्य को अवनी की मांग भरने के लिए कहा। पर इससे पहले ही वहाँ लगे म्यूजिक सिस्टम में अवनी की आवाज़ ने सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया। जिसमें वह साफ - साफ अपने मुंह से ही कबूल रही थी कि वह आर्य से क्यों शादी कर रही है।।




यह सुन कर अवनी तांव में आ गई। वह अपना घूंघट हटाते हुए बोली : " ये क्या बकवास है...आई से स्टाॅप दिस नोनसेंस...!! "




आर्य अपनी सर्द आवाज में बोला : " ये नोनसेंस नहीं बल्कि तुम्हारा असली चेहरा है... तुम और कुछ भी देखना चाहती हो तो तुम्हें वो भी दिखा सकता हूँ।। "




यह कहते हुए वह एक प्रोजेक्टर पर एक वीडियो प्ले करता है, जिसमें अवनी अपने डैड को आर्य से शादी करने के पीछे असली रीज़न को बयाँ कर रही थी। अब अवनी की पोल खुल चुकी थी। पर फिर भी अपनी बेशरमी को जारी रखते हुए वह बोली : " हाँ तुमने बिलकुल सही समझा आर्य। मैं तुमसे यह शादी तुम्हारे पैसों और प्रौपर्टी के लिए करना चाहती थी। पर इसमें गलत क्या है, आज की दुनिया में किसे पैसे से प्यार नहीं है...!! "




युवान विवेक की तरफ देखते हुए बोला : " भाई, बेशरमी तो देखो इस लड़की की।। "

आर्य अपनी सर्द आँखों से उसकी तरफ घूरते हुए बोला : " इतने सालों में क्या तुम ये नहीं जान पायी कि आर्य सिंघानिया को धोखे से सख्त नफरत है। या अपनी अच्छाई का नाटक करते - करते तुम ये भूल गई थी।। "




अवनी : " ओके फाइन। मैं समझ गयी कि तुम्हें मेरे इरादों का पता चल चुका है। पर मैं भी तो देखूं कि तुम किससे शादी करते हो। आर्य सिंघानिया तुम्हारे गुस्सैल और एरोगेंट नेचर को देखते हुए मुझे नहीं लगता कि कोई भी लड़की तुमसे शादी करने के लिए रैडी होगी।। "




आर्य अपनी आँखों में एक चमक लेकर बोला : " डोन्ट वॉरी मिस अवनी खुराना... तुम्हें मेरी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। मेरी शादी इसी मंडप में होगी और आज ही होगी।। "




युवान विवेक की तरफ देखते हुए बोला : " विवेक भाई, अब इतनी जल्दी कौन भाई से शादी करने के लिए रैडी होगा।। "




घर के बाकी आदमी भी हैरान होकर आर्य को देखते रह गए। तभी शादी के जोड़े में तानिया वहाँ पर आ गई। आर्य पूरी तैयारी के साथ वहाँ आया था। उसने तानिया का हाथ पकड़ते हुए मंडप तक ले आया।

अनय विवेक और युवान की तरफ देखते हुए बोला : " ये लड़की कौन है...?? "




युवान : " भाई ये जो भी हैं, पर इस मेक अप की दुकान अवनी से तो फार बेटर हैं। थैंक गोड आपने मेरी सुन ली।। "




आर्य पंडित जी की तरफ देखते हुए बोला : " पंडित जी शादी की विधियां शुरू करें।। "




पंडित जी ने मंत्र पढ़ना शुरू किया। वन्या बहुत ही नर्वस और बेचैन हो रही थी। आज उसकी शादी हो रही थी। आज उसकी जिंदगी का बड़ा दिन था, पर उसका कोई भी अपना वहाँ मौजूद नहीं था। उसने अपनी शादी को लेकर न जाने क्या - क्या सपने देखे थे। अपने फ्यूचर हस्बैंड को लेकर भी बहुत सपने संजो लिए थे। जो आज उसे टूटते नज़र आ रहे थे।।




इन सबकी वजह से उसके हाथ ठंडे पड़ चुके थे। जिसे आर्य महसूस कर पा रहा था। तभी एक बूंद आँसू तानिया की आँखों से निकल कर आर्य के हाथों में गिर जाती है। वह एक नज़र उठा कर तानिया की तरफ देखता है। इस वक्त वह अपनी आंखों को बंद किए हुए होती है।

कुछ ही देर बाद आर्य तानिया की मांग में सिंदूर भर कर और उसे मंगलसूत्र पहना कर सात फेरे ले लेता है और सात जनमों के इस पवित्र बंधन में बंध जाता है।।




आर्य ने अवनी के सामने ही आज शादी कर ली। अवनी तो बस देखती ही रह गई। उसे तो बिलकुल भी अंदाज़ा नहीं था कि आर्य ऐसा कुछ भी कर सकता है। वह मन ही मन तानिया को देखते हुए बोली : " तो तुम्हारी वजह से आर्य मुझसे दूर हो गया...पर तुम देखना बहुत जल्द तुम अपने किए पर पछताओगी। जस्ट वेट एंड वाॅच...!! " यह कहते हुए वह वहाँ से पांव पटकते हुए चली गई।।




युवान तो बहुत खुश था। वह तो बिलकुल नहीं चाहता था कि उसके भाई की शादी अवनी से हो। वह इसलिए भी खुश था क्योंकि तानिया उसे बहुत स्वीट और प्यारी लग रही थी।।




आर्य तानिया को दादा जी के पास ले जाकर उनके पैर छूने के लिए बोला। आर्य और तानिया दादा जी से आशीर्वाद ले लेते हैं। तभी आर्य अपने डैड अनिल जी को देखता है। चैतन्य जी उन्हें इशारे से हाँ कहते हैं।।




दोनों उनके पैर छूते हैं तो अनिल जी दोनों को आशीर्वाद देते हैं। युवान चहकते हुए अपने भाई और भाभी को हग करते हुए बोला : " congratulations bhai and bhabhi...!! "

युवान के बाद बारी - बारी से विवेक और अनय भी उन्हें congratulate करते हैं। उनके बाद तेजस, समर्थ, आस्तिक, भाविक, ध्रुव, और एकांत भी अपने बाॅस और अपनी नई मैडम को congratulate करते हैं।।




फिर उनकी कार सिंघानिया मैंशन की तरफ जाने लगती है। आर्य और तानिया एक कार में होते हैं और बाकी सब दूसरी कारों में। मैंशन पहुंचने के बाद आर्य और तानिया कार से बाहर आते हैं। दादा जी और बाकी सब पहले ही वहाँ पहुँच चुके थे। सब शादी अटैंड करते - करते बुरी तरह थक चुके थे।




दादा जी के इशारे पर तानिया चावल से भरे कलश पर अपने दाएं पैर से उसे गिरा कर सिंघानिया मैंशन में अपना कदम रखती है। सभी बहुत थके हुए होते हैं। इसलिए अपने - अपने कमरों में सोने चले जाते हैं। तानिया को भी आर्य के कमरे में ले जाया जाता है।।




वहाँ आकर वह हैरानी से कमरे की एक - एक चीजों को देखने लगती है। सारी चीजें बड़े सलीके से रखी हुई थी। कमरे का थीम पूरा व्हाइट था। कुछ पेंटिंग्स भी लगी हुई थी, जो काफी खूबसूरत लग रही थी। रूम से अटैच्जड एक बाल्कनी भी था, जो ग्लास डोर से होकर जाया जाता था। बेड रूम से अटैच्जड और भी रूम्स थे।

फिर तानिया की नज़र आर्य के बड़े से मुलायम बिस्तर पर गई। जो कि सफेद लिली और गुलाब से सजा हुआ था। जो कि उनके फस्ट नाइट के लिए प्रिपेयर किया गया था। यह देख कर आर्य की आँखें बड़ी - बड़ी हो गई। उसे घबराहट भी होने लगी कि पता नहीं आज आर्य उसके साथ क्या करने वाला है। कहीं यह शादी उसने उसका फायदा उठाने के लिए तो नहीं किया है। तानिया के मन में तरह - तरह के ख्याल आने लगे।।




वह हाथ जोड़ कर सामने की तरफ देखते हुए बोली : " हे भगवान प्लीज़, मैं ओलरेडी अपनी लाइफ में बहुत कुछ सह चुकी हूं। अब प्लीज़ आप मेरे साथ ऐसा कुछ मत कीजिएगा जिससे मैं पूरी तरह टूट जाऊं।। " तानिया के शब्दों में उसका दर्द साफ - साफ झलक रहा था।।




फिर उसकी नज़र बैड के ठीक पीछे दीवार पर लगी एक बड़ी सी तस्वीर पर गयी। जो कि आर्य और वेदांश की थी। उस फोटो में आर्य वेदांश को बहुत प्यार से हग किए हुए था। दोनों बहुत ही प्यारे लग रहे थे। बिलकुल एक बाप - बेटे की तरह।।




थोड़ी देर तक उस तस्वीर को निहारने के बाद वन्या ग्लास डोर के पास आकर बाहर चांद को निहारने लगी। उस चांदनी रोशनी में तानिया का रंग और भी खिल उठा था। तभी कमरे का दरवाजा खुला और आर्य एंटर हुआ। कमरे में आते ही उसकी नज़र सबसे पहले अपने बैड की तरफ पड़ी, जो कि फूलों से बिलकुल सजी हुई थी। फिर उसने तानिया की तरफ अपनी नजरें घुमायी।।

वह चांद को निहारने में इतनी बिज़ी थी कि उसे एहसास ही नहीं हुआ कि आर्य रूम में आ चुका है। आर्य ने उसके कंधे पर अपना एक हाथ रखा जिससे तानिया हड़बड़ा कर उसकी तरफ देखने लगी। तानिया ने एक नज़र आर्य को देखा, फिर अगले ही पल उस बैड को जो कि फूलों से सजा हुआ था। फिर उसने अपनी नजरें झुका लिया।




आर्य समझ गया कि तानिया घबरा रही है। यह देख कर आर्य को एक खुरापात सूझा। उसने अपनी एक उंगली से तानिया के चिन को ऊपर किया। वह उसके कंधे को पकड़ कर बैड की तरफ मुंह करते हुए बोला : " देखो, आज हमारे लिए कितनी तैयारियाँ की गई है। आई थिंक हमें उनकी इस मेहनत को बर्बाद नहीं करनी चाहिए।। "




यह कहते हुए तानिया की तरफ बढ़ने लगा। यह देख कर तानिया की घबराहट कई गुना बढ़ गई। उसने तो पहले ही सोच लिया था कि कहीं आर्य ने उसका फायदा उठाने के लिए तो यह शादी नहीं की। तानिया डर के मारे एक - एक कदम पीछे हटने लगी। आर्य भी उसकी धड़कनें बढ़ाने के लिए उसकी तरफ एक - एक कदम आगे बढ़ने लगा। अब तानिया के पास पीछे हटने के लिए बिलकुल भी जगह नहीं बची थी। वह दीवार से बिलकुल सट चुकी थी। आर्य ने अपने दोनों हाथों के मजबूत घेरे से तानिया का रास्ता ब्लाॅक कर दिया।।

दोनों के बीच अब कम फासले रह गए थे। तानिया ने घबराहट में अपनी आँखें बंद कर ली। उसे लगने लग गया कि आज आर्य उसे नहीं छोड़ेगा। पर बड़ी देर बाद भी उसे आर्य का उसके बेहद करीब आने का एहसास नहीं हुआ तो उसने आँखें खोल दी।




सामने आर्य अपनी सर्द आँखों के साथ खड़ा हुआ था। वह इसी सर्द आवाज के साथ बोला : " डोन्ट वॉरी मैंने यह शादी तुम्हारा फायदा उठाने के लिए नहीं किया है।। "




तभी आर्य के दरवाजे से क्यूट सा वेदांश अंदर एंटर होता है। वह अपने छोटे - छोटे कदमों से आर्य के पैरों के पास पहुँच जाता है और छिप कर अपनी प्यारी आँखों से तानिया को देखने लगता है।।




यह देख कर आर्य उसे अपनी गोद में उठा लेता है और उसकी तरफ देखते हुए बोला : " मेरे बेबी को निन्नी नहीं आ रही... बेटा आप अभी तक क्यों जाग रहे हो। कोई बात नहीं आज आपके डैडी आपको सुलाएंगे।। "




तानिया उनकी तरफ देखते हुए बोली : " डैडी... ये आर्य का बेटा है।। "




वेदांश ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। वह तानिया की तरफ ही अपनी मासूम आँखों से देखने लगा।

आर्य तानिया की तरफ देखते हुए बोला : " मैंने मेरे बेटे वेदांश की वजह से तुमसे शादी की है। वरना मुझे भी तुमसे शादी करने का कोई शौक नहीं है।। "




तानिया धीरे से बोली : " जैसे कि मुझे तो आपसे शादी करने का बहुत शौक है...!! "




आर्य उसकी तरफ घूर कर देखते हुए बोला : " कुछ कहा तुमने...?? "




To be continued...




तो क्या तानिया आर्य के दिल में अपना जगह बना पाने में कामयाब हो पाएगी...?? क्या वह आर्य को यह एहसास दिला पाएगी कि हर लड़की अवनी की तरह नहीं होती...?? जानने के लिए पढ़ते रहिए " हैवान की मोहब्बत" और बने रहिए कहानी पर।।




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see you in the next chapter till then take care..