Darinde se Pyaar - 5 books and stories free download online pdf in Hindi

दरिंदे से प्यार - 5

प्रोम्म नाईट Part 1

( पिछले भाग में आपने पढ़ा कि सेंट पीटर कॉलेज में तीन रातों तक चलने वाली प्रोम्म नाइट्स की शुरुआत होती है। अमर टीना से छुपे तरीके में अपने प्यार का इज़हार करता है। वैम्पायर तनु नितिन को अपना शिकार बनाकर उसे रगुजा टापू भेज देती है। )




अब आगे




नीतिन रगुजा टापू की दुनिया मे पहुंच चुका था। प्रोम्म पार्टी में खड़ा साहिर नितिन का इंतज़ार कर रहा था। उसने नितिन को पार्टी वेन्यू में ढूंढना शुरू कर दिया। लेकिन साहिर को वह कहीं नहीं दिखा। उसने देखा कि अमर और टॉम के साथ तनु कहीं भी नही थी।




साहिर ने मन मे सोचा,",ज़रूर अभी तक उस तनु को पटाने में लगा है। लड़की के चक्कर मे अपने दोस्त को भी भूल गया। आने दो। बताता हूँ इस मीनल और नितिन दोनों को। मुझे अकेले छोड़ गए हैं। "




तभी थोड़ी देर में तनु वापिस आ गयी। लेकिन नितिन नहीं था। साहिर की परेशानी बढ़ रही थी। वह तनु के पास गया जो अमर और टॉम के साथ खड़ी थी।




साहिर तनु का हाथ पकड़कर बोला,"नितिन, तुम्हारे साथ गया था ना। कहाँ है वो। मैंने खुद तुम दोनों को साथ जाते हुए देखा था।"




तनु ने अपना हाथ झटकते हुए कहा,""हाँ। था मेरे साथ। लेकिन मुझसे चिपका हुआ नहीं है वो। मेरा पर्स देख लो कहीं वहां तो नहीं। हा हा हा।"




साहिर गुस्से में बोला,"ज़्यादा हंसने की ज़रूरत नहीं है तुझे। मुझे तो तुम तीनों पर पहले से ही शक है। मीनल भी कई दिन से गायब है और अब नितिन। अगर उन दोनों ..."




अमर ने बीच मे टोका,"साहिर, गुस्सा नहीं कर। आ जायेगा तेरा दोस्त। ट्रस्ट मी प्लीज़। नो फाइट्स।"




साहिर गुस्से में पार्टी से बाहर निकल गया। अमर ने तनु को देखा और उसका हाथ पकड़कर खींच कर सेंट पीटर कॉलेज के कंपाउंड से बाहर ले गया।




तनु ने हाथ झटककर छुड़ाते हुए कहा,"क्या कर रहे हो अमर? मेरा हाथ दुख रहा है?"




अमर ने गरजते हुए कहा,"कहाँ है नितिन?"




तनु ने अनजान बनते हुए जवाब दिया,"मुझे क्या पता वो कहाँ है? किसी लड़की के पीछे घूम रहा होगा।"




अमर भड़ककर बोला,"अच्छा! तुझे बड़ा पता है कि वो लड़कियों के पीछे घूमता है?"




तनु ने जवाब दिया,"हां। मुझ पर भी तो लाइन मार रहा था। "




अमर गुस्से में बोल पड़ा,"मुझे बता कहाँ है नितिन? वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा? बता.."




अमर का गुस्सा देखकर तनु घबरा गई और चिल्लाई,"रगुजा,वहां पहुंच गया है वो।"




अमर का दिल धक्क करके रह गया। वह वही ज़मीन पर सिर पकड़कर बैठ गया और बोला," तुमने ये क्या किया तनु?




तनु ने अमर को पूछा,"तुम यहाँ धरती पर क्या करने आये हो? हम क्यों आये हैं। वैम्पायरों का साम्राज्य स्थापित करने। फिर क्या है ये सब?"




अमर ने जवाब दिया,"मैं किसी भी इंसान को नुकसान नही पहुंचाना चाहता।"




तनु अमर के पास बैठ गयी और पूछने लगीं,"तो साम्राज्य कैसे बनेगा हमारा? कुछ इंसानों को हमे वैम्पायर बनाना ही होगा। वो ही साम्राज्य फैलाने में हमारी मदद करेंगे।"




अमर उठा और कॉलेज में वापिस जाने लगा। जाते हुए वह सोच रहा था,"ये वहशीपन को रोकना होगा। मुझे पापा को समझाना होगा कि हम जितने हैं खुश हैं। कोई इंसान अगर अपनी मर्ज़ी से वैम्पायर बनना चाहे तो ठीक है। ज़बरदस्ती नही।"




अंदर जाकर उसने एक ड्रिंक ली। टॉम उसके पास आया और पूछने लगा,"क्या हुआ?"




अमर ने सिर हिलाकर मन कर दिया और कहा,"कुछ नही।




टीना दूर से अमर को देख रही थी। अमर की नज़र उस पर पड़ी तो टीना ने उससे इशारे में पूछा कि क्या हुआ? अमर ने जवाब में कहा "कुछ नहीं।"

टीना ने फिर से उसको इशारे से कहा,"स्माइल दो।" अमर हंसने लगा तो टीना ने भी खुशी से स्माइल की।




पहली रात ,प्रोम्म नाईट की खत्म हो गयी। रात के दो बजे थे। टीना कॉलेज के बाहर के बाहर खड़ी थी। अमर ने उसको अकेले ऐसे खड़ा देखकर अपनी कार रोक दी। वह टीना के पास आया और पूछा,"घर कैसे जाओगी? अजय तो घर जा चुका है। नीरू भी चली गयी थी।"

टीना ने इधर-उधर देखा और कहा,"देखती हूँ कुछ।"




अमर ने अपनी कार का दरवाज़ा खोलते हुए कहा," If you don't mind, क्या मैं तुम्हे घर छोड़ सकता हूँ?"




टीना ने स्टाइल मारते हुए पूछा,"रिक्वेस्ट है या .."




अमर ने हंसते हुए कहा,"रात काफी हो गयी है। अकेले जाना सेफ नहीं है। बैठो।"




टीना कार में बैठ गयी। मौसम काफी अच्छा था। ठंडी हवा चल रही थी। कुछ देर कार में चुप्पी छाई रही। फिर अमर ने बात शुरू की,"तुम मेरे से कुछ घबराती हो क्या?"




टीना ने बाल पीछे करते हुए अमर की तरफ देखा और स्माइल देते हुए कहा,"नहीं। तुमसे नहीं। लेकिन तुम्हारी इन आँखों से डर लगता है।"




अमर ने बीच मे कार रोक दी और टीना के करीब आ गया। अमर की आँखों मे सचमुच बहुत गहराई थी। गहरी नीली आँखें, जैसे कोई समुद्र का पानी हो।




अमर ने पास जाते हुए पूछ लिया,"क्या है इन आँखों में?"




टीना ने अमर की आंखों की गहराई में झांकते हुए कहा,"बहुत कुछ बोलती हैं तुम्हारी आंखें। कई राज़ छुपे हैं इनमें। डर लगता है कि इनमें कहीं डूब ना जाऊं।"




अमर ने टीना को अपनी ओर खींचते हुए कहा,"मैं तुम्हें डूबने नहीं दूंगा। डोंट वरी।"




टीना ने उसको पीछे करते हुए कहा,"गाड़ी चलाओ। बहुत देर हो गयी है।"




अमर ने टीना को उसके घर के बाहर छोड़ दिया। टीना ने उतरते हुए अमर को थैंक्स कहा। वह अमर को तब तक देखती रही जब तक उसकी कार चली नहीं गयी।




बाकी की रात टीना की आंखों ही आँखों मे कट गई। उसको नींद ही नही आ रही थी।




दूसरी ओर अमर भी उसके खयालों में खोया हुआ था। उसके लिए ये पहली नज़र का प्यार था। लेकिन वह ये नहीं जानता था कि टीना उसको पसन्द करती थी भी या नहीं। वह ये भी जानता था कि एक वैम्पायर और इंसान का मेल संभव नहीं था। अमर अपने दिल के हाथों मजबूर हो चुका था।




अगली सुबह टीना जल्दी से कॉलेज के लिए रेडी हो गयी और चिल्लाने लगी ,"मम्मी जल्दी से नाश्ता लगा दो। मुझे कॉलेज जाना है।"




शालिनी ने टेबल पर नाश्ता लगाते हुए पूछा ," टीना,कल रात तुझे घर कौन छोड़ने आया था ? अजय तो नहीं था।"

टीना ने हिचकिचाहट में कहा,"म..मम्मी वो अमर था। मेरा न्यू फ्रेंड। वो भी मेरी क्लास में है।"




शालिनी ने कहा, "जब मौका मिले तो हमें भी उससे मिलवाना।"




टीना ने नाश्ता करते -करते हामी भर दी। कॉलेज के लिए निकलते हुए टीना ने शालिनी से रुपये मांगे।




शालिनी ने हैरान होकर पूछा,"क्यों? परसों ही तो लिए थे।"




टीना शालिनी के गले लगते हुए,"मां, प्रोम्म नाइट्स के दो दिन और हैं। मेरे पास कोई भी अच्छी ड्रेस नही है। प्लीज़-प्लीज़- प्लीज़।"




शालिनी ने हंसते हुए रुपये उसको दे दिए। टीना खुशी -खुशी कॉलेज पहुंच गई। नीरू उसका पहले से ही वेट कर रही थी। उसको देखते ही नीरू बोली,"तू अब आ रही है?"




टीना नीरू को चिकोटी काटते हुए,"और तू और अजय। कल रात मुझे अकेले छोड़ कर चले गए। तुम दोनों का ये जो रोमांस है ना। वो तो अमर था.."




नीरू बीच में ही टोकते हुए,"क्या तू .. तू उस अमर के साथ घर गयी थी। वाओ। क्या -- क्या बातें हुईं? कुछ बात आगे बढ़ी?"




टीना ने उसको रोकते हुए कहा," ओए मिस राकेट ! एक साथ इतने प्रश्न। बताती हूँ रास्ते मे। दो नाइट्स के लिए शॉपिंग करनी है या नही?"




नीरू ने हंसते हुए कहा,"चल बाबा चल। मैं वहीं अजय को बुला लूंगी। वह हमें बाद में घर छोड़ देगा।"




दोनो शॉपिंग के लिए चली गयीं।

कॉलेज में अमर टीना की एक झलक पाने के लिए तरस रहा था। उसके पास टॉम आया। उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बोला," वो आज कॉलेज नही आएगी।"




अमर ने पीछे मुड़कर टॉम को देखा,"कौन?"




टॉम ने हंसते हुए कहा,"वही जिसका तू इंतेज़ार कर रहा है। टीना।"




अमर उधर मुँह करते हुए,"मैं किसी का वेट नहीं कर रहा।"




टॉम हंसने लग गया,"रात में प्रोम्म नाईट में तो आ ही जाएगी। उसी की शॉपिंग करने गयी है। अब खुश हो जा।"




अमर वहाँ से चला गया। तनु ये सब दूर से देख रही थी और सोच रही थी," अब अगर ये टीना मेरे और अमर के बीच मे आयी तो इसको जान से मार दूँगी।"




प्रोम्म नाईट की दूसरी रात




अमर सुबह से इस रात का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था। उसको प्रोम्म नाईट का नहीं टीना का इंतज़ार था। सुबह से उसने टीना को एक बार भी नहीं देखा था। प्रोम्म नाईट शुरू हो चुकी थी लेकिन टीना अब तक नहीं आई थी।




तभी टॉम उसके पास आया,"सब्र कर !आ जाएगी। वो देख आ गयी।"




अमर ने जल्दी से सिर उठाकर गेट की तरफ देखा लेकिन वहां कोई भी नहीं था। टॉम ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगा। अमर टॉम को मारने लगा। तभी किसी ने उसके कंधे पर हाथ रखा,"क्या हुआ? क्यों बेचारे को मार रहे हो?"




अमर ने पीछे मुड़कर देखा तो वहां टीना खड़ी थी। सुंदर, सफेद,मखमली और फ्लोरल ड्रेस में खुले बाल और उनमें लगा सुंदर क्लिप,टीना को इस रूप में अमर देखता ही रह गया। वह पलक भी नही झपका पाया।




टीना ने उसको बुलाया,"अमर, अमर?" लेकिन अमर गुमा हुआ था। ये देखकर टीना ने उसकी आँखों के सामने चुटकी बजायी। तब अमर जैसे होश से उठा हो,"आ..त..तुम..टीना।"




टीना हंसते हुए,"क्यों मुझे नहीं होना चाहिए था?"




अमर ने कहा,"नहीं वो। हेलो। आज तुम दिन में कॉलेज नहीं आयी।"




टीना ने जवाब दिया,"शॉपिंग के लिए गयी थी।"




इसके बाद टीना नीरू के साथ जाने लगी। जाते -जाते वह अमर को देख रही थी।




अमर मन मे सोचने लगा,"आज में टीना को सभी के सामने आई लव यू कहूंगा। सब कॉलेजेस के स्टूडेंट्स के सामने।"




आज की रात सच मे अनोखी होने वाली थी जब एक वैम्पायर सब के सामने एक साधारण लड़की को प्रोपोज़ करने वाला था। सच मे एक ट्विलाइट नाईट होने वाली थी।




To be continued...




आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए " दरिंदे से प्यार" और बने रहिए कहानी पर।।




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See you in the next chapter till then take care...




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