Dream to real journey - 20 books and stories free download online pdf in Hindi

कल्पना से वास्तविकता तक। - 20

अगर आप इस धारावाहिक को पूरा पढ़ना चाह्ते हैं, तो आपको हमारी प्रोफाइल पर इसकी पूरी सीरीज शुरुआत से मिल जाएगी।


जैसे ही युवी नेत्रा को पूरी बात बताती है तो कुछ पल के लिए नेत्रा एक गहरी सोच में डूब जाती है, उसके चेहरे के भाव उन क्षणों में पूरी तरह गायब हो जाते है। रेयॉन और कल्कि भी एकटक उसकी तरफ़ ही देख रहे थे।

“ क्या हुआ नेत्रा वहां सब ठीक तो है ना ??” युवी ने किसी अनहोनी की आशंका से नेत्रा से पूछा।

“ हं..... हाँ..... मेरा मतलब हाँ वहां सब ठीक है। “ नेत्रा ने अपनी सोच बाहर आते हुए कहा।

“ तो फिर युवी से बात करने के बाद तुम्हारे चेहरे के भाव क्यूँ बदल गए थे ?” रेयॉन ने नेत्रा की तरफ देखते हुआ कहा।

“ दरअसल अंकल अब तक इतना कुछ हुआ है ना…. कि अब तो समझ ही नही आता है कि कौनसी बात पर कौनसे भाव आएंगे, लेकिन अबकी बार के भावों का तो पता नहीं अंकल पर इतना पता है कि मिशेल आज के बाद कोई भाव दिखाने लायक नहीं रहेगा। “ नेत्रा ने उन दोनों की तरफ देखते हुआ कहा।

“ क्या मतलब, कोई भाव दिखाने लायक नहीं रहेगा ? अब वो मोल दिखायेगा क्या ? या तुम उसको जॉम्बी बनाने का सोच रही हो ?” कल्कि ने अपना सर खुजलाते हुआ नेत्र से पूछा।

“ कल्कि तू कभी तो माहौल देख कर बात बोला कर यार, मैं बस इतना कह रहीं हूँ कि भला कोई मरा हुआ कैसे ही भाव दिखायेगा…. अब जब हम उस मिशेल के बच्चे को जिन्दा ही नहीं छोड़ेंगे तो इमोशंस क्या उसका भूत दिखायेगा ? नेत्रा ने आँखों में एक जीत की चमक भरते हुआ कहा।

“ अच्छा और तुम ये बात इतने यकीन के साथ कैसे कह सकती हो कि हम उसको मार देंगे, मुझे लगता है मौत को सामने देखकर तेरा सच में दिमाग अपनी जगह से हिल गया है, देखो हम कोई न कोई रास्ता जरूर निकाल लेंगे..... तुम इतना ज्यादा स्ट्रेस मत लो, ओके ?” कल्कि ने फिर से अपना दिमाग लगाते।

“ देख कल्कि मेरे पास इन सब मजाक की बातों के लिए वक़्त नहीं है, बस मैं जैसा जैसा कहती हूँ तुम वैसे वैसे करो...... सबसे पहले तो तुम जिली से कहो कि सब दलों से कह दे कि जैसे ही मिशेल के हिस्सों के पत्थर फिर से जुड़ते हैं तो कुछ समय तक वो अपनी शून्य ताकत में होते हैं, और उसके बात वो अपनी ताक़त दोगुनी शक्ति से जोड़ना शुरू कर देते है, बस उन सभी को उसी समय में एक बार फिर से उन हिस्सों को नष्ट करना होगा, और याद रखो कि हमारे पास वक़्त बहुत कम है, ओके “ नेत्रा ने जल्दी जल्दी अपनी बात कल्कि को समझते हुआ कहा…. क्यूंकि नेत्रा जानती थी कि उनके पास वक़्त बहुत कम है..... वो अपने सामने पड़े मिशेल के एक हिस्से के टुकड़ो को जुड़ता हुआ देख सकती थी...... और उनके जुड़ने की रफ़्तार खुद ही उनके घटते समय का सबूत दे रही थी।

“ ओके “ कल्कि ने भी उतनी ही तेजी से जवाब देते हुए कहा…. और जल्दी जल्दी अपने ग्रुप के अन्य सदस्यों के पास जाने के लिए मुड जाती है, जो निराश होकर उस जगह से बाहर चले गए थे। उसके जाने के बाद वहां बस नेत्रा और रेयॉन खड़े हुए थे , रेयॉन बेध्यानी में भी रेयॉन के जुड़ते हिस्सों को ही देख रहा था।

“ और रेयॉन अंकल, अबकी बार हमारा सबसे ताकतवर मोहरा आप हो, आपक बिना हम कुछ भी नहीं कर सकते है… बताओ आप हमारा साथ दोगे ना ?” नेत्रा ने रेयॉन की आँखों में देखते हुआ पूछा।

“ ये कैसा सवाल हुआ भला… मैंने अब तक कभी तुम्हारा साथ छोड़ा है क्या ? नेत्रा बेटा ये लड़ाई सिर्फ तुम्हारी नहीं मेरी भी है, जो मिशेल ने मेरे साथ किया था मैं उसको आजतक भी नहीं भुला हूँ, और अगर अब मुझे उसके साथ अपना हिसाब बराबर करने का मौका मिला है तो मैं कैसे पीछे हट सकता हूँ। “ रेयॉन ने बदले की आग में सुलगते हुए कहा।

“ बिल्कुल अंकल , बल्कि जो उसने आपसे साथ किया था ना… वही अब उसकी मौत की वजह बनेगा। “ नेत्रा ने रेयॉन अंकल की बात पर अपनी बात रखते हुए कहा।

“ क्या ? “ रेयॉन अंकल ने नेत्र की तरफ प्रश्न भरी निगाहो से देखते हुआ कहा।

“ हाँ अंकल, याद है आपने हमें एक बार बताया था कि मिशेल ने आपको अपने लिए क्लोन बनाने के लिए चुना था। “

“ हाँ ये बात मैं कैसे ही भूल सकता हूँ। “ कहते कहते रेयॉन की आँखों के सामने एक बार शुरू से आखिर तक की पूरी घटना घूम जाती है।

“ हाँ तो अंकल, जब उसने अपने लिए आपका क्लोन बनाया था तब आपके खून का कुछ हिस्सा अपने नाम कर लिया था..... और बदले में उतना ही हिस्सा उसको आपके लिए छोड़ना पड़ा था..... तब आप पूर्ण नहीं थे अंकल ,लेकिन अब आप के बिना वो पूर्ण नहीं है, और जब तक वो पूर्ण नहीं है तब तक उसको हम मार कैसे सकते है। “ नेत्रा ने भारी समझदारी से कहा।

“ और उस मिशेल को अब हम पूरा कैसे कर सकते हैं ?” रेयॉन ने फिर से उलझन भरी निगाहो से नेत्रा की तरफ देखा।

नेत्रा ने कहा “ ठीक वैसे ही जैसे उसने खुद को अधूरा किया था. ..पता है अंकल कभी कभी चीज़े उतनी मुश्किल नहीं होती हैं,जितना कि वो लगती है जब हम उन्हें अपनी कमजोरियों के परदे के पीछे से देखते हैं …. बस यूँ समझ लीजिये कि मिशेल को मारना भी कुछ ऐसा ही है..... जो सोचने में डरावना जरूर लगता है लेकिन एक ढंग से देखा जाये तो वो भला हमें क्या नुकसान पहुंचाएगा जो खुद के लिए भी आप पर निर्भर करता है…. !”कहते कहते ही नेत्रा के दिमाग में युवी और नित्य की तस्वीर उभर आती है और गुस्से से उसकी मुठियाँ भींच जाती है।

“ मैं समझ गया बेटा … कि मुझे क्या करना है, और कैसे करना है? अब तो बस इस मिशेल की ऐसी कम तैसी ज्यादा कर दूंगा मैं तुम देखते जाओ बस..... “ रेयॉन ने गुस्से से सामने पड़े मिशेल के हिस्से को घूरते हुआ कहा।

“अंकल, हो सकता है




अगर आप इस धारावाहिक को पूरा पढ़ना चाह्ते हैं, तो आपको हमारी प्रोफाइल पर इसकी पूरी सीरीज शुरुआत से मिल जाएगी।

अपनों का साथ उस बंधन की तरह होता है जो दूर से देखे तो बन्धन लगता जरूर है लेकिन उसके बिना हमारा अस्तित्व किसी मुरझा चुके फूल से ज्यादा नही होता है... जिसके खिलने की उम्मीद तक मर चुकी होती है।


जैसे ही युवी नेत्रा को पूरी बात बताती है तो कुछ पल के लिए नेत्रा एक गहरी सोच में डूब जाती है, उसके चेहरे के भाव उन क्षणों में पूरी तरह गायब हो जाते है। रेयॉन और कल्कि भी एकटक उसकी तरफ़ ही देख रहे थे।

“ क्या हुआ नेत्रा वहां सब ठीक तो है ना ??” युवी ने किसी अनहोनी की आशंका से नेत्रा से पूछा।

“ हं..... हाँ..... मेरा मतलब हाँ वहां सब ठीक है। “ नेत्रा ने अपनी सोच बाहर आते हुए कहा।

“ तो फिर युवी से बात करने के बाद तुम्हारे चेहरे के भाव क्यूँ बदल गए थे ?” रेयॉन ने नेत्रा की तरफ देखते हुआ कहा।

“ दरअसल अंकल अब तक इतना कुछ हुआ है ना…. कि अब तो समझ ही नही आता है कि कौनसी बात पर कौनसे भाव आएंगे, लेकिन अबकी बार के भावों का तो पता नहीं अंकल पर इतना पता है कि मिशेल आज के बाद कोई भाव दिखाने लायक नहीं रहेगा। “ नेत्रा ने उन दोनों की तरफ देखते हुआ कहा।

“ क्या मतलब, कोई भाव दिखाने लायक नहीं रहेगा ? अब वो मोल दिखायेगा क्या ? या तुम उसको जॉम्बी बनाने का सोच रही हो ?” कल्कि ने अपना सर खुजलाते हुआ नेत्र से पूछा।

“ कल्कि तू कभी तो माहौल देख कर बात बोला कर यार, मैं बस इतना कह रहीं हूँ कि भला कोई मरा हुआ कैसे ही भाव दिखायेगा…. अब जब हम उस मिशेल के बच्चे को जिन्दा ही नहीं छोड़ेंगे तो इमोशंस क्या उसका भूत दिखायेगा ? नेत्रा ने आँखों में एक जीत की चमक भरते हुआ कहा।

“ अच्छा और तुम ये बात इतने यकीन के साथ कैसे कह सकती हो कि हम उसको मार देंगे, मुझे लगता है मौत को सामने देखकर तेरा सच में दिमाग अपनी जगह से हिल गया है, देखो हम कोई न कोई रास्ता जरूर निकाल लेंगे..... तुम इतना ज्यादा स्ट्रेस मत लो, ओके ?” कल्कि ने फिर से अपना दिमाग लगाते।

“ देख कल्कि मेरे पास इन सब मजाक की बातों के लिए वक़्त नहीं है, बस मैं जैसा जैसा कहती हूँ तुम वैसे वैसे करो...... सबसे पहले तो तुम जिली से कहो कि सब दलों से कह दे कि जैसे ही मिशेल के हिस्सों के पत्थर फिर से जुड़ते हैं तो कुछ समय तक वो अपनी शून्य ताकत में होते हैं, और उसके बात वो अपनी ताक़त दोगुनी शक्ति से जोड़ना शुरू कर देते है, बस उन सभी को उसी समय में एक बार फिर से उन हिस्सों को नष्ट करना होगा, और याद रखो कि हमारे पास वक़्त बहुत कम है, ओके “ नेत्रा ने जल्दी जल्दी अपनी बात कल्कि को समझते हुआ कहा…. क्यूंकि नेत्रा जानती थी कि उनके पास वक़्त बहुत कम है..... वो अपने सामने पड़े मिशेल के एक हिस्से के टुकड़ो को जुड़ता हुआ देख सकती थी...... और उनके जुड़ने की रफ़्तार खुद ही उनके घटते समय का सबूत दे रही थी।

“ ओके “ कल्कि ने भी उतनी ही तेजी से जवाब देते हुए कहा…. और जल्दी जल्दी अपने ग्रुप के अन्य सदस्यों के पास जाने के लिए मुड जाती है, जो निराश होकर उस जगह से बाहर चले गए थे। उसके जाने के बाद वहां बस नेत्रा और रेयॉन खड़े हुए थे , रेयॉन बेध्यानी में भी रेयॉन के जुड़ते हिस्सों को ही देख रहा था।

“ और रेयॉन अंकल, अबकी बार हमारा सबसे ताकतवर मोहरा आप हो, आपके बिना हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं… तो आप हमारा साथ दोगे ना ?” नेत्रा ने रेयॉन की आँखों में देखते हुआ पूछा।

“ ये कैसा सवाल हुआ भला… मैंने अब तक कभी तुम्हारा साथ छोड़ा है क्या ? नेत्रा बेटा ये लड़ाई सिर्फ तुम्हारी नहीं मेरी भी है, जो मिशेल ने मेरे साथ किया था मैं उसको आजतक भी नहीं भुला हूँ, और अगर अब मुझे उसके साथ अपना हिसाब बराबर करने का मौका मिला है तो मैं कैसे पीछे हट सकता हूँ। “ रेयॉन ने बदले की आग में सुलगते हुए कहा।

“ बिल्कुल अंकल , बल्कि जो उसने आपसे साथ किया था ना… वही अब उसकी मौत की वजह बनेगा। “ नेत्रा ने रेयॉन अंकल की बात पर अपनी बात रखते हुए कहा।

“ क्या ? “ रेयॉन अंकल ने नेत्र की तरफ प्रश्न भरी निगाहो से देखते हुआ कहा।

“ हाँ अंकल, याद है आपने हमें एक बार बताया था कि मिशेल ने आपको अपने लिए क्लोन बनाने के लिए चुना था। “

“ हाँ ये बात मैं कैसे ही भूल सकता हूँ। “ कहते कहते रेयॉन की आँखों के सामने एक बार शुरू से आखिर तक की पूरी घटना घूम जाती है।

“ हाँ तो अंकल, जब उसने अपने लिए आपका क्लोन बनाया था तब आपके खून का कुछ हिस्सा अपने नाम कर लिया था..... और बदले में उतना ही हिस्सा उसको आपके लिए छोड़ना पड़ा था..... तब आप पूर्ण नहीं थे अंकल ,लेकिन अब आप के बिना वो पूर्ण नहीं है, और जब तक वो पूर्ण नहीं है तब तक उसको हम मार कैसे सकते है। “ नेत्रा ने भारी समझदारी से कहा।

“ और उस मिशेल को अब हम पूरा कैसे कर सकते हैं ?” रेयॉन ने फिर से उलझन भरी निगाहो से नेत्रा की तरफ देखा।

नेत्रा ने कहा “ ठीक वैसे ही जैसे उसने खुद को अधूरा किया था. ..पता है अंकल कभी कभी चीज़े उतनी मुश्किल नहीं होती हैं,जितना कि वो लगती है जब हम उन्हें अपनी कमजोरियों के परदे के पीछे से देखते हैं …. बस यूँ समझ लीजिये कि मिशेल को मारना भी कुछ ऐसा ही है..... जो सोचने में डरावना जरूर लगता है लेकिन एक ढंग से देखा जाये तो वो भला हमें क्या नुकसान पहुंचाएगा जो खुद के लिए भी आप पर निर्भर करता है…. !”कहते कहते ही नेत्रा के दिमाग में युवी और नित्य की तस्वीर उभर आती है और गुस्से से उसकी मुठियाँ भींच जाती है।

“ मैं समझ गया बेटा … कि मुझे क्या करना है, और कैसे करना है? अब तो बस इस मिशेल की ऐसी कम तैसी ज्यादा कर दूंगा मैं तुम देखते जाओ बस..... “ रेयॉन ने गुस्से से सामने पड़े मिशेल के हिस्से को घूरते हुआ कहा।

“अंकल....हो सकता है कि आगे किसी मौके पर आप कमजोर पड़ जाओ....हो सकता है तब आपको लगे कि आपकी जिंदगी में इस से भी जरूरी बहुत काम है....लेकिन मेरा यकीन कीजिये, आपकी ये कुर्बानी हम जाया नही जाने देंगे... उस मिशेल को उसके किये की सजा हम देकर ही रहेंगे....और आपको भी कुछ नही होने देंगे। "नेत्रा ने रेयॉन का हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा ।

"हूँ.... बेटा मैं मर भी जाऊँ ना तो भी मुझे कोई गम नही है...!"रेयॉन ने हल्का से मुस्कुराते हुए कहा " बेटा गोलक्ष वासियों ने मेरा उस वक़्त साथ दिया था जब मुझे सबसे ज्यादा जरूरत थी... और देखा जाए तो मैं तो तभी मर चुका था....यह जो जीवन मुझे मिला है यह गोलक्ष वासियों की ही तो बदौलत मिला है...और अगर उनका दिया यह जीवन उनके कुछ काम आ सके तो मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानूंगा।" रेयॉन ने नेत्रा की आंखों में देखते हुए कहा। नेत्रा ने भी आंखों ही आंखों में उनकी बात की सहमति जताई।

हर जगह सब एक बार फ़िर पहले से ज्यादा जोश और तैयारी के साथ मिशेल से लड़ने के लिए तैयार हो चुके थे..... सबके चेहरे से ही लग रहा था कि उनके डर के उपर फिर से एक बार गुस्सा हावी हो चुका है.... उनके सामने ही अब उस पत्थर के लगभग सारे भाग जुड़ चुके थे और जो बचे हुए थे वो भी धीरे धीरे करीब आ रहे थे.... उस पत्थर की चमक और रंग पहले से बहुत हल्के थे.. जो शायद बता रहे थे कि अभी वो अंश पहले से कितने कमजोर है... .!

वही युवी और नित्य के सामने अब मिशेल भी एक बार फ़िर से जीवित हो चुका था.... लेकिन अभी उसकी शक्तियाँ इतनी कमजोर थी कि वो अपने पैरों पर खडा भी नही हो पा रहा था.... लेकिन उसकी लाल आँखें लगातार युवी की तरफ ही घूर रही थी.. मानो कह रहा हो कि युवी को उसके किये की कीमत चुकानी पड़ेगी... उसकी आँखों में एक अलग ही तरह का गुस्सा और नफ़रत थी कि एक बार से युवी भी घबरा गयी थी... लेकिन उसने उसके सामने जाहिर नही होने दिया था।

अभी वो जब तक खडा नही हो जाता था तब तक वो कुछ कर भी नही सकते थे... लेकिन फिर भी युवी ऐसे शांत खड़ी नही हो पा रही थी...! उसने अपने आस पास देखा.... मानो जैसे वो कुछ ढूढ़ रही हो.... लेकिन शायद वो उसे मिल नही रहा था.... फिर उसने अपने कपड़ो की तरफ देखा... और अपने टॉप की बाजू के आगे लगी एक्स्ट्रा झालर पर उसका ध्यान जाता है तो वो उसे फाड़ लेती है और धीरे से मिशेल के पास जाकर उसकी आँखों पर बांध देती है...!

" ये तुम क्या कर रही हो लड़की? " बामी ने उसकी इस हरकत से उसे घुरकर देखा।

" वो.. कुछ नहीं... आपने बताया था ना कि आप सबकी सबसे बड़ी ताकत आपकी आंखें होती हैं तो सोचा कि अगर मैं आंखों पर ही कपड़ा बांध दूंगी तो शायद ताकत कम हो जाएगी" युवी ने बामी की तरफ हल्का सा देखते हुए कहा।

" हूँ...इस से कुछ नहीं होगा लड़की...हम इस कपड़े के तो आर पार भी देख सकते हैं आम कपड़ों से हमारी शक्तियों को कुछ नहीं होता है...इसके लिए तो बहुत मेहनत करनी पड़ती है लगभग 100 साल की मेहनत.. " बामी ने बेफिक्री से कहा युवी को यह बात समझ नहीं आई थी, लेकिन बामी उसी कपड़े की बात कर रहा था जो सभी गोलक्ष वासी इस वक्त मिशेल के ही खिलाफ उपयोग कर रहे थे, ताकि कोई भी मिशेल का साथी उनके दिमाग को पढ़ ना पाए।

हालांकि युवी के उस कपड़े को मिशेल की आंखों पर बांधने का कोई खास फायदा नहीं हुआ था ...लेकिन एक फायदा जरूर हुआ था कि अब मिशेल उसे अपनी तरफ घुटता हुआ सा महसूस नहीं हो रहा था।

मिशेल की ताकत अब धीरे-धीरे बढ़ रही थी और वह खड़ा होने की कोशिश कर रहा था...इसका साफ़ साफ मतलब इतना ही था कि उसका हर हिस्सा अब पूरी तरह जुड़ चुका था...यूवी और नित्य के चेहरे पर मिशेल का डर साफ देखा जा सकता था...लेकिन फिर भी वो हिम्मत के साथ उसके बिल्कुल पास खड़े हुए थे।

मिशेल ने उठते ही सबसे पहले अपनी आँखों से वो कपड़ा हटा दिया था... मिशेल के मुहं से अजीब सी गुर्राहट भरी आवाजें आ रही थी... वो धीरे धीरे नित्य और युवी की तरफ़ बढ़ रहा था... वो पहले से कमजोर जरूर था लेकिन उनकी आँखों का वो दहकते अंगारो सा रंग उसे बहुत डरावना बना रहा था।

उसने युवी को घूरना शुरू कर दिया था... अब युवी को अपने पुरे शरीर में एक अकड़न सी महसूस हो रही थी... उसको लग रहा था कि उसकी सांसे घुट रही है... युवी के हाथ अपने आप ही उसके गले पर चले जाते हैं.. नित्य बिल्कुल उसके पास खडा हुआ था और लाचारी से युवी की इस हालत को देख रहा था... वही दूसरी और मिशेल अभी भी टेडी गर्दन से युवी को घूर रहा था..... बामी इस वक़्त ठीक मिशेल के बिल्कुल पीछे खडा हुआ ये सब देख रहा था.... उसने एक बार भी उनके बीच में पड़ने की या युवी को बचाने की कोशिश नही की थी...... बामी के दिमाग में इस वक़्त क्या चल रहा था ये बामी के सिवा कोई नही जानता था.. क्योंकि जो जान सकता था उसने अभी तक बामी को मुड़कर ही नही देखा था.... शायद बामी इसलिए ही आगे नही गया था कि कभी मिशेल समय से पहले सब ना जान जाए..!

युवी अब धीरे धीरे कमजोर पड़ रही थी.... उसकी आँखें घुटन से बन्द होने लगी थी... नित्य ने जब ये सब देखा तो... वो युवी को धकेल कर खुद उसकी जगह खडा हो गया... नित्य के शरीर का तापमान बढ़ा हुआ था... अब मिशेल उसे ही घूर रहा था और बदले में नित्य भी प्रतिशोध की आग में मिशेल को घूर रहा था... नित्य की इस हरकत की वजह से मिशेल के चेहरे पर कुछ पल के लिए एक तिरछी मुस्कान आकर चली गयी थी... मिशेल अब भी बिना एक शब्द कहे नित्य को घूर रहा था....वो कुछ देर तक तो मिशेल पर पलटवार करने की कोशिश करता रहा लेकिन मानो मिशेल पर तो कोई असर ही नही हो रहा था....नित्य की भी अब युवी जैसी ही हालत हो चुकी थी... उसकी आँखें बन्द हो चुकी थी और उसके शरीर का रंग और भी गहरा जामुनी हो गया था.... मिशेल जैसे ही उस से नज़र हटाता है तो वो नीढाल सा होकर जमीं पर गिर जाता है ।

वही युवी धीरे धीरे फिर से होश में आ रही थी... मिशेल अब युवी की तरफ़ बढ़ रहा था.... युवी की जैसे ही आँखें खुलती हैं तो वो अपने से कुछ दूर ही बेसुध पड़े हुए नित्य को देखती है.... " नित्य " युवी हल्की सी आवाज में कहती है... उसमें अब उठने की हिम्मत नही बची थी... वो सरकते हुए नित्य की तरफ़ बढ़ रही थी कि तभी पीछे से मिशेल उसके बालों को पकड़ कर उसको अपनी तरफ़ खींच लेता है... युवी की दर्द से एक चीख़ निकल आती है..!

" हूँ... आग... तुम्हे क्या लगा था मुझे खत्म करना इतना आसान है... मैंने तुम्हें जीतना समझा था तुम तो उस से भी तेज निकली... " मिशेल ने युवी को खींचते हुए...अपनी उसी चिर परिचित कर्कश आवाज में कहा ।

" मैंने गलती की.. तुम सब को तब ही खत्म कर देना चाहिए था मुझे... .. लेकिन अच्छा भी है...... अब तुम्हे खत्म करने में और भी मजा आयेगा मुझे... तुम्हे तो मैं तुम्हारे इस दोस्त से भी भयानक मौत दूंगा... " मिशेल ने बेसुध पड़े नित्य की तरह एक नजर डालते हुए कहा।

" बामी... जल्दी से मुझे मेरा करजी हथियार दो... इसको इतनी आसानी से नही मारने वाला हूँ.... ! " मिशेल ने बामी को देखे बिना कहा।

बामी ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया... वो बस एक दिशा में घुर रहा था... मानो किसी की राह देख रहा हो।

" बामी... तुम्हे सुनाई नही दे रहा है क्या?? ध्यान किधर है तुम्हारा? " जब मिशेल को अपनी बात पर बामी की तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया नही मिली तो उसने बामी की तरफ़ देखते हुए कहा।

जब उसने उसकी तरफ़ देखा तो उसने बामी की आँखों के काले रंग की तरफ़ देखा... और उसको यह थोड़ा अजीब लगा....उसने अपनी आँखों को थोड़ा और गहरा करते हुए जब गौर से बामी की तरफ़ देखा तो उसको धीरे धीरे उसके अंदर चल रही उथल पुथल का एहसास होने लगा था... उसको अब बामी से उसके खिलाफ होने की बु आ रही थी... लेकिन शायद तब तक बहुत देर हो चुकी थी.... बामी ने उधर से नज़र हटा कर जब मिशेल की तरफ़ देखा तो....एक बार फ़िर उसे खुद के अंदर ही कुछ टूट ता हुआ सा महसूस हो रहा था। युवी के बालों पर धीरे धीरे मिशेल की पकड़ कमजोर पड़ रही थी। वो अचानक से नीचे गिर गया था ।

"नही तुम मेरे साथ ऐसा नही कर सकते हो बामी... " मिशेल ने हल्के स्वर से बामी की तरफ़ एक हाथ बढ़ा कर देखते हुए कहा।

"क्यूँ नही कर सकता मिशेल भाई...... तुमने मेरे साथ वो सब करने से पहले सोचा था भाई कि मैं आपका छोटा भाई हूँ?? नही.. तब आपने सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने बारें में सोचा था... कि बस किसी तरह आप ताकतवर बनने के बारें में सोच रहे थे..! " बामी ने मिशेल की तरफ़ गुस्से और बेचारगी से देखते हुए कहा.... उसके चेहरे से पता चल रहा था कि वो बहुत दर्द में है... उसने अपनी कलाई को अजीब तरह से काटा हुआ था, जिसमें से गहरे नीले रंग का द्रव बह रहा था... शायद वो खुन था... युवी वही गिरे हुए ये सब देख रही थी.... उसके पास ही मिशेल छटपटा रहा था मानो वो बहुत गहरे दर्द से गुजर रहा हो ।

युवी को समझते देर नही लगी की मिशेल को मारने का सही वक़्त आ गया है ।

वही दूसरी और सारे हिस्से एक बार फ़िर टुकड़ो में तोड़ दिये गए थे... और रेयॉन की कलाई का हाल भी बामी की कलाई जैसा ही था.... वो भी धीरे धीरे अब अपनी चेतना खो रहा था.. और उसका सफ़ेद पड़ चुका चेहरा बता रहा था कि उसके शरीर से खुन खत्म हो रहा था।

उधर मिशेल का पूरा शरीर धीरे धीरे हवा में कहीं गुम हो रहा था... जिस से देखने से ही लग रहा था कि वो अब कभी दोबारा वापिस जीवित नही होगा, क्योंकि उस के हिस्से से बामी के रूप में बचा आख़िरी बन्धन भी छुट चुका था।

©JagGu prajapati ✍️

मिलते रहिये.... पढ़ते रहिये...!