Sunsaan Raat - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

सुनसान रात - 3

ऐसे ही चलते चलते हम काफी दूर आ चुके थे, लगभग 4, 5 किलोमीटर धक्का लगाने के बाद हम तीनों थक चुके थे, हमने सोचा गाड़ी में बैठकर आराम करते है, और तीनों गाड़ी में बैठ गए, ठंड बहुत थी पूरी गाड़ी बन्द करने के बाद भी कँपकँपी नहींं रुक रही थी।

तभी हरीश बोला चलो बाहर अलाव जलाकर आग सेंकते है, ऐसे तो गाड़ी में कुल्फी जम जाएगी हमारी, रात काफी हो चुकी थी करीब 12 से 1 बजे के बीच का वक्त रहा होगाहम गाड़ी से बाहर निकले सड़क से नीचे उतर कर एक कोने में जगह ढूंढ़ी फिर लकड़ियाँ इकट्ठी की और अलाव जलाया, गुल्लू ने अपने लाइटर से 2, 4 बून्द पेट्रोल लकड़ियों पर डाला और उसी लाइटर से आग लगा दी और हम आग सेंकने लगे।

और हमने गप्पें मारना शुरू कर दिया वही थोड़ी दूरी पर एक टूटी हुई दीवार थी उसका दरवाजा भी अब जर्जर हो चुका था, धुंध बहुत थी तो कुछ साफ दिख नहींं रहा था, दीवार पर वही की लोकल भाषा में कुछ लिखा था, मैंने गुल्लू को बोला क्या लिखा है पढ़ना जरा, गुल्लू वहां की लोकल भाषा जानता था, उसने पढ़ने का प्रयास किया, ना... ना.... ना... ब...ब... अरे छोड़ो ना हमें क्या करना है कुछ भी लिखा हो, एक तो धुंध ऊपर से दीवार पर जमी धूल कुछ समझ नहींं आ रहा - गुल्लू बोला।

और फिर हमारा पूरा ध्यान अलाव पर था, उससे अच्छी गर्मी मिल रही थी ठंड का आभास खत्म हो चुका था,

हमने काफी लकड़ियाँ जोड़ ली थी जलाने के लिए इससे आग काफी तेज थी, हम बाते कर ही रहे थे, तभी मेरे दिमाग में एक जिज्ञासा जागी मैंने सोचा चलो पूछता हूं।

चुड़ैल ? चुड़ैल क्या होती है? बता सकता है तुम में से कोई क्या होती है यह चुड़ैल ? मैंने अपने दोस्तों से पूछा।

दोनों एकदम सन्न रह गए जैसे मैंने पता नहींं क्या पूछ लिया, फिर हरीश बोला अभी थोड़ी देर पहले तो डर रहा था, अब चुड़ैल के बारे में जानना चाहता है।

हां तो क्या हुआ, उसके बारे में बात करने से क्या वो यहाँ प्रकट हो जाएगी डर तो अब तुम रहे हो – मैंने कहा।

हरीश बोला सुनो मैं बताता हु चुड़ैल के बारे में, मैंने बहुत सुना है, और वो अपनी भर्राती हुई डरावनी सी आवाज़ में लगा सुनाने चुड़ैल के किस्से।

तभी गुल्लू बोला अच्छा पहले ये बता ये चुड़ैल पैदा होती हैं या बाद में बनती हैं, हरीश ने बताया देखो चुड़ैल कभी पैदा नहींं होती हैं ये तो मरने के बाद चुड़ैल बनती हैं,

मैंने पूछा कैसे ?

हरीश बोला कहा ये जाता हैं कि जब कोई गर्भवती महिला दीवाली की पांचवे दिन प्रसव पीड़ा में अप्राकृतिक मौत के कारण मर जाये तो वो बाद में चुड़ैल बन जाती हैं, चुड़ैल दिखने में बहुत ही डरावनी होती हैं उनके पैर उल्टे होते हैं, उनके चेहरे पर मौत का खौफ दिखता हैं, बाल उलझे से बिखरे हुए, ठोडी नुकीली लम्बी सी होती हैं चेहरे पर झुर्रियाँ छाई रहती हैं।ये कोई भी रूप धारण कर लेती हैं, स्त्री पुरुष कोई भी ये किसी की भी आवाज निकाल कर तुम्हें बहला सकती हैं, ऐसा सुना हैं कि रात में ये दरवाजे पर दस्तक देती हैं, तुम्हारे किसी चहेते की आवाज इस तरह निकाल कर पुकारती हैं कि जैसी वो किसी मुसीबत में हो और तुम झट से दरवाजा खोल दोगे और ऐसा करते ही तुम्हारी मौत हो जायेगी।