महल के बाहर का दृश्य बदल चुका है. जहाँ पहले अंधेरा था, अब चारों तरफ सुनहरी रोशनी है. हवा में एक मीठी- सी गूंज है, और दूर कहीं पहाडों के बीच एक रहस्यमयी द्वार दिखाई देता है।
कबीर, वेरिका और शहवार उस द्वार की तरफ बढते हैं. उनके हाथ में वही प्राचीन पुस्तक और नक्शा है. माही उनके पीछे खडी है — आजाद, पर कुछ कहने के लिए तैयार.
माही( धीमे स्वर में) —
तुमने पिंजरे को खोल दिया है. लेकिन यह केवल एक शुरुआत है. असली कहानी अभी बाकी है।
कबीर —
तो यह द्वार हमें उसी कहानी के अगले अध्याय तक ले जाएगा?
माही —
हाँ. पर वहाँ तुम्हारा सामना सिर्फ डर से नहीं. बल्कि एक ऐसे सच से होगा जिसे जानना तुम्हारे लिए चुनौती से कम नहीं होगा।
दृश्य एक — रहस्यमयी द्वार
तीनों द्वार के पास पहुँचते हैं. द्वार पर अजीब- सी लकीरें और चिन्ह उकेरे हुए हैं — जो नक्शे पर बने चिन्हों से मिलते हैं.
शहवार —
यह द्वार केवल पिंजरे का अंत नहीं है. यह किसी नई दुनिया का प्रवेश है।
वेरिका हाथ बढाकर द्वार को छूती है — और अचानक वहाँ हल्की- सी कंपन होती है. एक धीमी गूंज निकलती है — जैसे किसी प्राचीन शक्ति ने उनकी मौजूदगी को महसूस किया हो.
रहस्यमयी आवाज —
तुम्हारा मार्ग अब और भी कठिन होगा. क्योंकि जो तुम्हें इस द्वार के पार मिलेगा, वह केवल शक्ति नहीं, बल्कि सत्य और बलिदान का सामना होगा।
तीनों एक- दूसरे को देखते हैं — डर, उत्सुकता और विश्वास के भाव उनके चेहरे पर स्पष्ट हैं.
दृश्य दो — नई दुनिया
जैसे ही वे द्वार पार करते हैं, सामने एक अद्भुत दुनिया खुलती है —
एक भूमि जिसमें आकाश का रंग बदलता रहता है, और जमीन में सोने की रेखाएँ चलती हैं. वहाँ दूर एक विशाल शहर दिखाई देता है — जिसे“ स्वर्ण नगरी” कहा जाता है.
कबीर —
यह जगह. सपनों जैसी है।
माही —
यह केवल सपनों का नहीं. यह वास्तविकता है. यहाँ तुम्हारा सामना होगा उस शक्ति से जिसे चार सौ साल से छुपाया गया है।
वेरिका —
तो इस नगरी का रहस्य क्या है?
माही मुस्कुराती है —
यह नगरी. ‘सोने का पिंजरा’ की उत्पत्ति है. और इसका असली राज यहाँ ही है।
दृश्य तीन — परीक्षा और चुनौती
तीनों नगरी में प्रवेश करते हैं. वहाँ के मार्ग में कई दरवाजे और पहेलियाँ हैं — हर दरवाजा एक चुनौती और परीक्षा है.
शहवार —
यह केवल शक्ति का द्वार नहीं है. यह विश्वास और परीक्षा का द्वार है।
कबीर नक्शे को खोलता है और पन्नों में एक नई पंक्ति देखता है —
जो इन परीक्षाओं को पार करेगा. वही ‘सोने का पिंजरा’ का असली मालिक बनेगा।
माही की आँखों में चमक है —
और याद रखना. यह परीक्षा केवल ताकत की नहीं है. यह हृदय, विश्वास और बलिदान की परीक्षा है।
तीनों एक- दूसरे की तरफ देखते हैं. उनका कदम और भी दृढ होता है — वे जानते हैं कि यह यात्रा अब केवल एक रोमांच नहीं, बल्कि उनका भविष्य है.
दृश्य चार — अंधेरे की ओर कदम
जैसे- जैसे वे आगे बढते हैं, वातावरण बदलता है. हवा भारी और गूंजती होती है. दूर एक विशाल दरवाजा दिखाई देता है — जिस पर लिखा है —
जो अंधेरे को स्वीकार करेगा. वही प्रकाश को पाएगा।
वेरिका डर के बावजूद आगे बढती है —
हम यहाँ तक आए हैं. अब पीछे लौटना संभव नहीं है।
कबीर और शहवार उसके साथ कदम बढाते हैं. माही पीछे से कहती है —
तुम्हारा सामना केवल शक्ति से नहीं है. यह उस सच से है जिसे जानना तुम्हारे लिए सबसे बडा मोड होगा।
तीनों दरवाजे की तरफ बढते हैं. जैसे ही वे उसे छूते हैं, एक तेज रौशनी और गूंज फैलती है.
दृश्य पाँच — सस्पेंस का झटका
दरवाजा खुलता है — पर उसके पार जो दृश्य है, वह किसी कल्पना से परे है. वहाँ एक विशाल हॉल है, जिसमें हजारों आंखें चमक रही हैं — मानो वे किसी जीवित शक्ति के अंग हों.
हॉल के बीच में एक सिंहासन है — और उस पर बैठा एक रहस्यमयी प्राणी है, जिसकी आँखों में चार सौ साल की गहराई है.
प्राणी —
तुमने पिंजरे को खोल दिया. लेकिन असली जंग अभी बाकी है. क्या तुम उस सच को जानने के लिए तैयार हो?
कबीर, वेरिका और शहवार एक साथ कहते हैं —
हाँ।
प्राणी मुस्कुराता है — उसकी मुस्कान में रहस्य और चुनौती दोनों हैं.
प्राणी —
तो तैयार हो जाओ. क्योंकि यह यात्रा केवल तुम्हारा अतीत ही नहीं. बल्कि भविष्य भी बदल देगी।
हॉल में गूंजती आवाज और रोशनी धीरे- धीरे फैलती है, जैसे कहानी अब एक नए अध्याय में प्रवेश कर रही हो।
To Be Continued.
महल के उस विशाल हॉल में, जहाँ कबीर, वेरिका और शहवार पहुँचे हैं, एक रहस्यमयी प्राणी सिंहासन पर बैठा है. उसकी आँखें चार सौ साल की गहराई लिए चमक रही हैं. हवा में गूंज है, और पूरा हॉल किसी अज्ञात शक्ति से भर चुका है।
प्राणी( धीमे, गूंजते स्वर में) —
तुम्हारे कदम इस जगह तक पहुँचे हैं. पर क्या तुम जानना चाहते हो कि ‘सोने का पिंजरा’ का असली रहस्य क्या है?
कबीर ने धीरे से सिर हिलाया —
हाँ. हमें जानना है।
वेरिका —
लेकिन यह सच कितना बडा और खतरनाक होगा, हमें पता है?
प्राणी ने हल्की मुस्कान दी —
सच. वह जो तुम्हें बदल देगा।
दृश्य एक — रहस्य का पर्दाफाश
प्राणी ने हाथ उठाया. हॉल में एक गहरी हल्की रोशनी फैल गई. उसकी आँखों में एक अजीब चमक थी, और वह धीमे स्वर में बोलने लगा —
प्राणी —
चार सौ साल पहले. राजा अजहार ने ‘सोने का पिंजरा’ बनाया. वह केवल मोहब्बत के लिए नहीं था. यह शक्ति, विश्वास और समय का एक बंधन था. पिंजरे में कैद माही केवल एक व्यक्ति नहीं थी. बल्कि उस शक्ति का जीवंत रूप थी।
माही ने धीरे कहा —
हाँ. मैं उस शक्ति की रक्षा करने वाली थी, पर वह मेरा ही बंधन बन गया।
प्राणी ने आगे कहा —
जो इसे खोलता है. वह केवल माही को आजाद नहीं करता. वह उस शक्ति को अपने अंदर लेता है — और उसी समय अपने सबसे बडे डर का सामना करता है।
कबीर ने ठंडी सांस ली —
तो यह दरअसल एक परीक्षा थी. विश्वास और बलिदान की?
प्राणी —
सिर्फ इतना ही नहीं. यह तुम्हारे अतीत और भविष्य का फैसला है।
दृश्य दो — अतीत की चुनौती
हॉल की दीवारों पर पुरानी यादें जीवंत हो उठती हैं. कबीर को अपने अतीत की झलक दिखाई देती है — अपने बचपन, अपने खोए हुए रिश्तों, और उन वादों की याद, जिन्हें उसने निभाया या तोडा था.
वेरिका को भी अपनी यादें दिखाई देती हैं — अपने डर, अपने फैसलों, और उस दिन की झलक, जब उसने पहली बार खुद को असुरक्षित महसूस किया था.
शहवार के सामने भी एक दृश्य आता है — अपनी वफादारी, अपनी ताकत, और एक मौका जब उसने किसी को धोखा दिया था.
प्राणी —
यह परीक्षा है. यह दिखाना कि तुम अपने अतीत को कैसे स्वीकार करते हो।
तीनों चुप हो जाते हैं. उनकी आँखों में डर और जिज्ञासा दोनों है.
दृश्य तीन — सबसे बडा सामना
प्राणी सिंहासन से उठता है. उसकी शक्ति पूरे हॉल में फैलती है. वह धीरे- धीमे हॉल के बीच में चलता है और कहता है —
प्राणी —
जो इस शक्ति को अपनाता है. वह केवल अपने डर को नहीं जीतेगा. वह अपनी पूरी दुनिया को बदल देगा।
कबीर आगे आता है —
तो हम इसे चुनते हैं. अपने डर को जीतने का रास्ता।
वेरिका और शहवार उसके साथ कदम बढाते हैं. जैसे ही वे सिंहासन के पास पहुँचते हैं, प्राणी कहता है —
तो तैयार हो जाओ. क्योंकि जो तुम्हें इस शक्ति का सामना करना है, वह सिर्फ तुम्हारा नहीं. बल्कि पूरे समय का सामना है।
हॉल में गहरी गूंज होती है. दीवारों पर प्रकाश की लहरें दौडती हैं.
दृश्य चार — शक्ति का उभार
तीनों हाथ जोडकर उस शक्ति को छूते हैं. एक तेज रौशनी निकलती है, जो पूरे महल को घेर लेती है. रोशनी के बीच माही की आकृति और प्राणी का रूप बदलने लगता है.
माही —
अब तुम्हें जानना है. यह शक्ति तुम्हारे दिल में है. पर इसका उपयोग करना तुम्हारा निर्णय है।
प्राणी धीरे- धीमे गायब हो जाता है. हॉल में केवल तीनों की साँसों की आवाज और उस शक्ति की हल्की गूंज रहती है.
कबीर हाथ में वह प्राचीन पुस्तक और पिंजरे की चाबी थामे खडा है. उसकी आँखों में दृढता है, पर साथ ही एक अनजाने डर की झलक भी.
कबीर —
अब यह हमारा रास्ता है. एक नई दुनिया की ओर।
दृश्य पाँच — नई दुनिया की पहली झलक
जैसे ही वे महल से बाहर कदम रखते हैं, उनके सामने एक विशाल द्वार खुलता है — जो सोने और चांदी की रौशनी से बना है. द्वार के पार एक भूमि है — जहाँ आकाश में बदलते रंग हैं, और जमीन में रोशनी की लकीरें चल रही हैं.
वेरिका धीरे से कहती है —
यह जगह. सपनों और सच का संगम है।
शहवार —
और यह केवल शुरुआत है।
कबीर उस द्वार की ओर बढता है. उसकी आँखों में उस सफर की चमक है, जो अभी बाकी है.
माही —
तुम्हारा सामना अब सिर्फ अपनी ताकत से नहीं. बल्कि उस सच से है जिसे तुम जानने के लिए तैयार नहीं थे।
हवा में गूंजती है एक आवाज —
असली जंग अब शुरू होती है।
दृश्य छह — क्लाइमेक्स और सस्पेंस
तीनों द्वार में प्रवेश करते हैं. द्वार के पार एक विशाल हॉल है — जहाँ समय और स्थान का कोई नियम नहीं है. वहाँ एक सिंहासन है, और उस पर बैठा वह रहस्यमयी प्राणी फिर से प्रकट होता है.
प्राणी —
तुमने पिंजरे को खोल लिया. पर असली परीक्षा अब बाकी है. क्या तुम जानना चाहते हो कि इस शक्ति का असली मूल्य क्या है?
तीनों एक साथ —
हाँ।
प्राणी मुस्कुराता है, और उसकी आँखों में एक गहरी चमक है. वह धीरे- धीमे कहता है —
तो तैयार हो जाओ. क्योंकि यह तुम्हारे जीवन की सबसे बडी जंग है. और इसका अंत. तुम्हारे सोच से परे होगा।
हॉल में रोशनी फैलती है. वहाँ एक झिलमिलाती गुफा का मार्ग दिखाई देता है — जहाँ से अजीब- सी आवाजें आ रही हैं.
वेरिका —
क्या यह उस रहस्य की आखिरी कुंजी है?
कबीर धीरे से कहता है —
नहीं. यह तो केवल शुरुआत है।
हवा में गूंजती है —
To Be Continued.
महल के उस विशाल हॉल में, जहाँ कबीर, वेरिका और शहवार पहुँचे हैं, हवा में रहस्यमयी चमक और गूंज फैल गई है. वहाँ सिंहासन पर वह प्राणी है, जिसकी आँखों में चार सौ साल की गहराई और एक छुपा हुआ खतरा है. हॉल के चारों ओर सोने की लकीरें धडकती हैं, मानो समय खुद सांस ले रहा हो।
दृश्य एक — रहस्य की धमकी
प्राणी( धीमे, गूंजते स्वर में) —
तुमने पिंजरे को खोल दिया. पर तुम जानते हो क्या? यह केवल शुरुआत है. जो तुम्हें इस शक्ति के पीछे मिलेगा. वह तुम्हारे लिए वरदान नहीं, बल्कि सबसे बडी परीक्षा और एक डरावनी सच्चाई होगी।
कबीर( सख्त स्वर में) —
हम डरने वालों में से नहीं हैं. हमें वह जानना है।
वेरिका —
लेकिन. क्या तुम जानते हो कि यह सच तुम्हें बदल देगा?
प्राणी( मुस्कुराते हुए) —
हाँ. यही इसका सबसे बडा खतरा है. और यही इस कहानी का सबसे गहरा राज है।
माही, जो दूर खडी है, धीरे बोलती है —
तुमने मेरा कैद तो खत्म किया. पर अब तुम्हारी आत्मा की असली जंग शुरू होने वाली है।
दृश्य दो — अतीत का पर्दा उठना
प्राणी अपने हाथ उठाता है. हॉल में हवा बदल जाती है और दीवारों पर प्राचीन चित्र जीवंत हो उठते हैं.
कबीर, वेरिका और शहवार को उन चित्रों में अपना अतीत दिखने लगता है — पर यह केवल उनकी यादें नहीं, बल्कि उन फैसलों के दृश्य हैं जो उनकी तकदीर बदल चुके हैं.
कबीर के सामने उसका बचपन और अपने माता- पिता के खोने का दृश्य आता है.
वेरिका के सामने उसका अतीत — उस दिन की झलक, जब उसने विश्वास को तोडा था.
शहवार को दिखाई देता है — उसका सबसे बडा गुप्त राज, जिसे उसने जीवन भर छुपा रखा था.
प्राणी —
तुम्हारा अतीत तुम्हारे सामने है. इसका सामना करो. तभी तुम उस शक्ति के काबिल बन पाओगे।
कबीर अपनी आँखें बंद कर लेता है और कहता है —
हम तैयार हैं।
दृश्य तीन — शक्ति का सामना
प्राणी सिंहासन से उठता है. उसकी आवाज गूंजती है —
जो इस शक्ति को अपनाएगा. वह केवल खुद को नहीं पाएगा. वह उस सच को पाएगा जो चार सौ साल से छुपा है. और वह सच. तुम्हें हिला देगा।
कबीर आगे बढता है —
तो हम उस सच का सामना करेंगे।
वेरिका और शहवार उसके साथ कदम बढाते हैं. तीनों एक साथ उस शक्ति के केंद्र में पहुँचते हैं.
जैसे ही वे हाथ मिलाते हैं, हॉल में तेज रौशनी फैलती है और एक जोरदार गूंज होती है.
माही धीरे बोलती है —
अब तुम्हें वह देखना है, जो राजा अजहार के समय से छुपा हुआ है।
दृश्य चार — चौकाने वाला राज
हवा में अचानक एक अजीब- सी लहर दौडती है. दीवारें पीछे हटती हैं और सामने एक विशाल चित्र प्रकट होता है — जो चार सौ साल पुरानी कहानी को दर्शाता है.
चित्र में दिखता है — राजा अजहार, पिंजरे को बनवाते हुए, लेकिन उसके चेहरे पर मोहब्बत के साथ एक अजीब भय है. उसके पीछे एक साया — जो राजा अजहार के विश्वासघात और एक गुप्त साजिश का प्रतीक है.
प्राणी की आवाज —
राजा अजहार ने पिंजरे को केवल मोहब्बत के लिए नहीं बनाया. उसने इसे एक हथियार बनाने के लिए बनाया था. एक ऐसी शक्ति जो समय को मोड सकती थी. लेकिन. उसने इसका मूल्य नहीं समझा. और इस गलती का बोझ अब तुम्हारे कंधों पर है।
माही की आँखों में आँसू हैं —
मुझे राजा अजहार से प्यार था. लेकिन उसकी मोहब्बत एक छल थी. और यह पिंजरा. उसका अपराध और मेरी सजा बन गया।
कबीर —
तो इसका मतलब है. यह शक्ति सिर्फ मोहब्बत नहीं. यह एक खतरनाक हथियार है।
प्राणी —
सही कहा. और अब इसका फैसला तुम्हारा है — इसे अपनाओ या इसे हमेशा के लिए बंद करो।
दृश्य पाँच — धमकी और क्लाइमेक्स
हॉल में हवा और भी गहराई से गूंजती है. प्राणी सिंहासन पर फिर बैठता है और उसकी आँखें चमक उठती हैं.
प्राणी —
जो इस शक्ति को अपनाएगा. वह केवल समय का मालिक नहीं बनेगा. वह खुद अपने भविष्य और अतीत का निर्माता बन जाएगा. पर एक बात याद रखना — इस रास्ते में लौटना असंभव है।
वेरिका डरते हुए पूछती है —
तो इसका मतलब है. अगर हम यह चुनते हैं, तो हमें अपनी पूरी पहचान बदलनी पडेगी?
प्राणी —
हाँ. और शायद तुम्हारी आत्मा का सबसे बडा हिस्सा खोना पडेगा।
कबीर ठहरकर कहता है —
अगर हमें यह शक्ति चाहिए. तो हमें अपनी पूरी हिम्मत और विश्वास देना होगा।
माही मुस्कुराती है —
और यही इस कहानी का असली अंत है — विश्वास और बलिदान।
दृश्य छह — नई राह
तीनों उस शक्ति के सामने खडे हैं. उनके हाथ उस गोलाकार प्रकाश को छूते हैं. हॉल में एक विस्फोट सा होता है — और वे अचानक एक नई दुनिया में पहुँच जाते हैं.
वहाँ एक भूमि है — जहाँ आकाश बदलते रंगों में चमक रहा है, और जमीन में स्वर्ण रेखाएँ दौड रही हैं. दूर एक विशाल द्वार है — जिस पर लिखा है —
जो इसे खोलेगा. वही समय और इतिहास का मालिक बनेगा।
कबीर( धीमे स्वर में) —
तो यह द्वार हमारी असली परीक्षा है।
वेरिका —
और यह केवल शुरुआत है।
शहवार —
हम अब पीछे नहीं लौट सकते।
माही दूर खडी मुस्कुरा रही है — उसकी आँखों में अब दर्द नहीं, बल्कि आजादी और एक चेतावनी है.
माही —
तुम्हारा सामना अब उस सच से है. जिसे जानना तुम्हारे लिए सबसे बडी चुनौती है।
हवा में गूंजती है एक आवाज —
असली जंग अभी शुरू हुई है. और इसका अंत. तुम्हारे सोच से परे होगा।
दृश्य सात — सस्पेंस का झटका
तीनों द्वार की ओर बढते हैं. जैसे ही वे द्वार के पार कदम रखते हैं — एक तेज धमाका होता है. हॉल का वातावरण बदल जाता है — वहाँ एक विशाल गुफा दिखाई देती है, जिसमें अनगिनत आँखें चमक रही हैं.
हवा में गूंजती है —
जो यहाँ पहुँचेगा. वही ‘सोने का पिंजरा’ का असली मालिक होगा. पर उसकी कीमत. उसकी आत्मा होगी।
कबीर धीमे स्वर में कहता है —
तो यह हमारी आखिरी जंग है. और इसका अंत केवल एक चुप्पी में नहीं होगा।
वेरिका और शहवार उसकी तरफ देखते हैं. उनके चेहरे पर विश्वास और डर दोनों हैं.
हवा में फिर गूंजती है —
To Be Continued.
महल का हॉल, जहाँ कबीर, वेरिका और शहवार पहुँचे हैं, अब पहले से भी ज्यादा रहस्यमयी और भारी लग रहा है. चारों ओर हवा में गूंज है, दीवारों पर पुरानी शक्ति की लकीरें धडक रही हैं. सिंहासन पर बैठा वह रहस्यमयी प्राणी धीरे- धीरे उठता है, और उसकी आँखों में एक गहरी चेतावनी है।
दृश्य एक — चेतावनी और धमकी
प्राणी( धीमे, गूंजते स्वर में) —
तुमने पिंजरे को खोल दिया. पर यह सिर्फ एक शुरुआत है. जो तुम्हें इस शक्ति के पीछे मिलेगा, वह तुम्हारे सोच से परे होगा. यह केवल एक राज नहीं. यह एक चेतावनी है. एक परीक्षा है. और इस परीक्षा में तुम्हें अपनी आत्मा का सामना करना होगा।
कबीर धीरे- धीमे कहता है —
हम डरने वालों में से नहीं हैं. हमें जानना है।
वेरिका( डर और जिज्ञासा के मिश्रित स्वर में) —
लेकिन अगर यह सच हमें तोड दे तो?
प्राणी( मुस्कुराते हुए) —
तो तुम्हारा सफर भी वहीं खत्म होगा. और यह शक्ति हमेशा के लिए खो जाएगी।
माही, जो दूर खडी है, धीरे बोलती है —
तुम्हें पता होना चाहिए. मैं चार सौ साल तक इसी पिंजरे में बंद थी. मैंने हर पल उस दर्द को जिया है. अगर तुम आगे बढते हो. तो तुम्हें भी वही भुगतना होगा।
दृश्य दो — अतीत का खुलासा
प्राणी अपने हाथ उठाता है. हॉल में हल्की चमक फैल जाती है. दीवारें पीछे हटने लगती हैं और उनके सामने पुरानी यादें जीवंत हो जाती हैं — एक दृश्य जो चार सौ साल पुराना है.
कबीर, वेरिका और शहवार देख सकते हैं — राजा अजहार और माही की पहली मुलाकात. वह बगीचे की तस्वीर है, जहाँ माही और राजा अजहार की नजरे पहली बार मिली थीं. पर उसके पीछे छुपा एक अंधेरा दृश्य भी है — राजमहल की साजिश, विश्वासघात और धोखे की कहानी.
प्राणी —
सोने का पिंजरा केवल मोहब्बत का प्रतीक नहीं है. यह एक युद्ध का निशान है. एक ऐसा युद्ध जिसमें विश्वास और बलिदान दोनों शामिल थे. राजा अजहार ने इसे बनाया. पर उसका उद्देश्य केवल प्रेम नहीं था — यह शक्ति को नियंत्रित करने का हथियार था।
माही की आवाज काँपती है —
मुझे पता था. लेकिन यह सच जानकर मैं टूट गई थी।
कबीर ठंडी साँस लेता है —
तो इसका मतलब है. यह शक्ति मोहब्बत से भी खतरनाक है।
प्राणी —
सही कहा. और अब इसका निर्णय तुम्हारा है — इसे अपनाओ या इसे हमेशा के लिए बंद करो।
दृश्य तीन — डर और चुनौती
हॉल में एक भारी सन्नाटा छा जाता है. प्राणी सिंहासन पर बैठा है, और उसकी आँखों में चमक है.
प्राणी —
जो इस शक्ति को अपनाएगा. वह केवल खुद को नहीं पाएगा. वह उस सच को पाएगा जिसे चार सौ साल से छुपाया गया है. और यह सच. तुम्हारे जीवन को हमेशा बदल देगा।
कबीर धीरे- धीमे कहता है —
हम इसका सामना करेंगे।
वेरिका और शहवार उसके साथ कदम बढाते हैं. जैसे ही वे सिंहासन के करीब पहुँचते हैं, वहाँ एक तेज रौशनी और गूंज फैल जाती है.
माही कहती है —
अब तुम्हें वह देखना है, जो राजा अजहार ने छुपाया था।
दृश्य चार — चौकाने वाला राज
हवा में अचानक एक अजीब- सी लहर दौडती है. दीवारें फिर से बदल जाती हैं और सामने एक विशाल चित्र प्रकट होता है — जो राजा अजहार की अंतिम रात और उस दिन की कहानी बताता है जब उसने पिंजरे को बनाया था.
चित्र में राजा अजहार का चेहरा भय और मोहब्बत दोनों से भरा है. उसके पीछे एक छाया है — एक गुप्त शक्ति, जो समय को मोड सकती थी.
प्राणी —
राजा अजहार ने यह पिंजरा सिर्फ मोहब्बत के लिए नहीं बनाया था. उसने इसे एक शक्ति का स्रोत बनाने के लिए बनाया था. लेकिन उसने इसका मूल्य नहीं समझा. और इस गलती का बोझ आज तुम्हारे सामने है।
माही की आवाज में दर्द है —
मैं उसकी मोहब्बत में कैद थी. पर उसका प्यार छल था।
कबीर की आवाज ठंडी है —
तो यह केवल मोहब्बत नहीं. यह धोखे और बलिदान का प्रतीक है।
प्राणी —
सही कहा. और अब तुम्हें चुनना है — क्या तुम इसे अपनाओगे या हमेशा के लिए छोड दोगे।
दृश्य पाँच — धमाकेदार क्लाइमेक्स
हॉल में एक तेज हवा दौडती है. प्राणी सिंहासन से उठता है. उसकी आवाज गूंजती है —
जो इसे अपनाएगा. वह केवल ताकत नहीं पाएगा. वह समय, विश्वास और अपनी आत्मा का स्वामी बन जाएगा. पर इसकी कीमत. उसकी आत्मा होगी।
वेरिका डरते हुए कहती है —
तो इसका मतलब है. अगर हम इसे अपनाते हैं तो हम अपनी पहचान बदल देंगे।
प्राणी —
हाँ. और यह परिवर्तन स्थायी होगा।
कबीर दृढ स्वर में कहता है —
हम तैयार हैं. चाहे कीमत कुछ भी हो।
माही मुस्कुराती है —
और यही इस कहानी का सबसे बडा राज है — बलिदान और विश्वास।
दृश्य छह — नई दुनिया की शुरुआत
तीनों उस शक्ति के सामने खडे हैं. वे हाथ जोडकर उस गोलाकार प्रकाश को छूते हैं. एक तेज विस्फोट होता है. हवा में चमक फैलती है और वे एक नई दुनिया में प्रवेश करते हैं.
वह जगह सपनों और सच का संगम है — आकाश बदलते रंगों में चमक रहा है, जमीन में स्वर्ण रेखाएँ दौड रही हैं. दूर एक विशाल द्वार है — जिस पर लिखा है —
जो इसे खोलेगा. वही समय और इतिहास का मालिक बनेगा।
कबीर धीमे स्वर में कहता है —
तो यह द्वार हमारी असली परीक्षा है।
वेरिका —
और यह केवल शुरुआत है।
शहवार —
हम अब पीछे नहीं लौट सकते।
माही दूर खडी मुस्कुरा रही है — उसकी आँखों में अब दर्द नहीं, बल्कि आजादी और एक चेतावनी है.
माही —
तुम्हारा सामना अब उस सच से है जिसे जानना तुम्हारे लिए सबसे बडी चुनौती है।
दृश्य सात — सस्पेंस और धमकी
तीनों द्वार की ओर बढते हैं. जैसे ही वे उस द्वार को छूते हैं — एक जोरदार धमाका होता है. हॉल का वातावरण बदल जाता है. वहाँ एक विशाल गुफा प्रकट होती है, जिसमें अनगिनत चमकती आँखें हैं.
गूंजती आवाज —
जो यहाँ पहुँचेगा. वही ‘सोने का पिंजरा’ का असली मालिक होगा. पर उसकी कीमत. उसकी आत्मा होगी।
कबीर धीरे से कहता है —
तो यह हमारी आखिरी जंग है. और इसका अंत केवल एक चुप्पी में नहीं होगा।
वेरिका और शहवार उसकी तरफ देखते हैं. उनके चेहरे पर विश्वास और डर दोनों हैं.
हवा में गूंजती है —
To Be Continued.
वह विशाल गुफा जहाँ कबीर, वेरिका और शहवार पहुँचे हैं, अब और भी रहस्यमयी लग रही है. चारों ओर एक गहरी नीली चमक है, और हवा में धीमी गूंज है, जैसे कोई प्राचीन गीत बज रहा हो।
दृश्य एक — चेतावनी
तीनों धीरे- धीरे गुफा के अंदर कदम रखते हैं. हर कदम पर जमीन से हल्की कंपन उठती है. माही उनके पीछे खडी है — उसकी आँखों में दर्द, चेतावनी और एक गुप्त मुस्कान है.
माही( धीमी आवाज में) —
तुम यहाँ तक आए हो. पर याद रखना, इस गुफा में हर कदम तुम्हें एक सच्चाई के करीब ले जाएगा. और एक डर के भी।
कबीर —
हम डरने वालों में से नहीं हैं. हमें यह जानना है कि ‘सोने का पिंजरा’ का असली रहस्य क्या है।
वेरिका( हिचकिचाते हुए) —
लेकिन क्या तुम जानते हो कि यह रास्ता हमें बदल देगा?
माही मुस्कुराती है —
हाँ. यही इसकी परीक्षा है।
दृश्य दो — गुफा के रहस्य
जैसे- जैसे वे अंदर बढते हैं, गुफा की दीवारें बदलने लगती हैं. वहाँ उकेरे गए चित्र उन्हें चार सौ साल पीछे ले जाते हैं.
वे देखते हैं — राजा अजहार, एक चमकते हुए सोने के पिंजरे को बनवाते हुए, लेकिन उसके चेहरे पर एक अजीब भय है. उसके पीछे एक परछाई है — एक शक्ति जिसे उसने कभी नियंत्रित नहीं किया.
प्राणी( गूंजती आवाज में) —
पिंजरा मोहब्बत का प्रतीक नहीं है. यह समय, बलिदान और विश्वास का एक जाल है. राजा अजहार ने इसे बनवाया ताकि वह समय को मोड सके. लेकिन उसने इसका मूल्य नहीं समझा।
माही धीरे से कहती है —
मैं उस दिन से यहाँ कैद हूँ. उस दिन से जब पिंजरे ने मुझे बंद कर दिया।
कबीर और वेरिका चुप हो जाते हैं. उनकी आँखों में सवाल और डर दोनों हैं.
दृश्य तीन — सबसे बडा सच
गुफा के भीतर एक विशाल हॉल प्रकट होता है. उसके बीच में एक सोने की कुंजी है — जो पिंजरे की असली शक्ति का द्वार खोल सकती है.
प्राणी —
जो इसे खोलेगा. वही ‘सोने का पिंजरा’ का असली मालिक होगा. पर याद रखना. इसका मूल्य केवल शक्ति नहीं है. यह तुम्हारी आत्मा, विश्वास और भविष्य होगा।
कबीर कदम बढाता है —
तो यह हमारा सबसे बडा फैसला है।
वेरिका और शहवार भी उसके साथ कदम बढाते हैं. तीनों कुंजी के सामने खडे हो जाते हैं.
माही उनकी तरफ देखती है —
तुम्हारा सामना अब केवल पिंजरे से नहीं. बल्कि अपने अंदर छुपे सच से है।
दृश्य चार — चेतावनी का अंतिम शब्द
प्राणी गहरी आवाज में कहता है —
अगर तुम इस शक्ति को अपनाते हो. तो लौटना असंभव है. यह रास्ता केवल एक ही अंत तक जाएगा — एक नई दुनिया तक, जहाँ समय और इतिहास तुम्हारा होगा. पर तुम्हारी पहचान नहीं।
वेरिका डरते हुए पूछती है —
तो इसका मतलब है. हम अपना सब कुछ खो देंगे?
प्राणी —
हाँ. और यह वही कीमत है जिसे राजा अजहार ने भी चुकाई थी।
कबीर सन्नाटा तोडते हुए कहता है —
हम तैयार हैं।
माही धीरे- धीमे मुस्कुराती है —
तो यह कहानी यहीं समाप्त नहीं होती. यह बस एक नए अध्याय की शुरुआत है।
दृश्य पाँच — शक्ति का सामना
तीनों हाथ मिलाकर उस सोने की कुंजी को छूते हैं. गुफा में तेज रौशनी फैलती है. दीवारें झिलमिलाने लगती हैं, और समय की गूंज हॉल में गूँजती है.
कबीर की आँखों में दृढता है, वेरिका के चेहरे पर डर और उम्मीद का मिश्रण है, और शहवार शांत लेकिन तैयार है.
माही पीछे से कहती है —
अब तुम्हें उस सच का सामना करना है. जिसे जानना सबसे मुश्किल होगा।
रौशनी धीरे- धीरे बढती है. एक विशाल द्वार प्रकट होता है — जिस पर लिखा है —
जो इसे खोलेगा. वही समय का स्वामी बनेगा।
दृश्य छह — धमाकेदार मोड
तीनों उस द्वार की ओर कदम बढाते हैं. जैसे ही वे उसे छूते हैं — एक विस्फोट होता है. हवा में गूंज और चमक फैल जाती है.
हॉल के सामने एक नई दुनिया खुल जाती है — जहाँ समय और स्थान का कोई नियम नहीं है. वहाँ एक विशाल शक्ति का स्रोत है — जो ‘सोने का पिंजरा’ बनाता है.
प्राणी की आवाज गूंजती है —
यह शक्ति केवल एक व्यक्ति को दी जा सकती है. लेकिन उसका मूल्य. उसकी आत्मा है।
कबीर धीमे स्वर में कहता है —
तो यह हमारी आखिरी जंग है।
वेरिका और शहवार उसकी तरफ देखते हैं. उनके चेहरे पर विश्वास, डर और चुनौती है.
दृश्य सात — सस्पेंस का धमाका
तीनों उस शक्ति के केंद्र में कदम रखते हैं. अचानक एक तेज रौशनी और गूंज होती है. वहाँ एक आवाज गूंजती है —
तुमने पिंजरे को खोल लिया. पर असली जंग अभी बाकी है. क्या तुम तैयार हो?
तीनों एक साथ —
हाँ।
हवा में गूंजती है —
तो यह केवल शुरुआत है. और इसका अंत तुम्हारे सोच से परे होगा।
स्क्रीन काली हो जाती है. हवा में गूंजती है एक गहरी आवाज —)
To Be Continued.
पिंजरे का राज खुलना
जैसे ही वे द्वार को छूते हैं — एक तेज रौशनी फैलती है. हवा में गूंज है, दीवारें ध्वनि में पिघलने लगती हैं. सामने एक विशाल दृश्य प्रकट होता है — राजा अजहार का चेहरा, माही का दर्द और पिंजरे का असली रहस्य.
गूंजती आवाज —
पिंजरा केवल मोहब्बत का प्रतीक नहीं था. यह विश्वास और बलिदान का कालखंड है. राजा अजहार ने इसे बनाया ताकि एक शक्ति को सुरक्षित रखा जा सके. एक शक्ति जो समय को मोड सकती है।
माही की आवाज काँपती है —
मैं उसकी मोहब्बत में कैद थी. पर असल में मैं उस विश्वासघात की सजा भुगत रही थी।
कबीर धीरे- धीमे कहता है —
तो इसका मतलब है. यह शक्ति मोहब्बत से भी बडी है. यह इतिहास है, जो आज हमारी जिंदगी बदलने वाला है।
असली चुनौती
अब तुम्हें चुनना होगा — इसे अपनाना या छोडना. लेकिन याद रखना — इस रास्ते में लौटना असंभव है।
वेरिका धीरे- धीमे कहती है —
मैं डरती हूँ. लेकिन शायद यही हमारी किस्मत है।
शहवार अपने चेहरे पर स्थिरता रखते हुए कहता है —
हम तैयार हैं।
हम इसका सामना करेंगे, चाहे कीमत कुछ भी हो।
माही मुस्कुराती है —
तो यह कहानी खत्म होने वाली नहीं. यह एक नए अध्याय की शुरुआत है।
तीनों द्वार को खोलते हैं. एक विस्फोट सी चमक फैलती है. हवा में शक्ति की गूंज है. और सामने एक नई दुनिया प्रकट होती है — एक ऐसी जगह जहाँ समय और इतिहास एक साथ बह रहे हैं.
वहां एक विशाल शक्ति का स्रोत है — जो ‘सोने का पिंजरा’ बनाता है.
गूंजती आवाज —
जो इस शक्ति को अपनाएगा. वही समय और इतिहास का स्वामी बनेगा. लेकिन इसका मूल्य — उसकी आत्मा होगी।
कबीर धीमे स्वर में कहता है —
हम तैयार हैं।
माही मुस्कुराती है —
तुम्हारा सामना अब समाप्त नहीं. यह बलिदान है. यह तुम्हारा इतिहास है।
कबीर( धीमी लेकिन दृढ आवाज में) —
अब हम वही हैं जो हमारी किस्मत चुनेंगे. और यह अंत नहीं. यह एक नई शुरुआत है।
दृश्य छह — कहानी का अंतिम मोड
माही धीरे- धीमे गायब होती है, पिंजरे का प्रकाश मंद पड जाता है.
कबीर, वेरिका और शहवार एक नई दुनिया में खडे होते हैं — जहाँ उनके सामने एक विशाल द्वार है, जिस पर लिखा है —
जो इसे खोलेगा. वही समय और इतिहास का मालिक बनेगा।
हवा में गूंजती है —
यह अंत नहीं है. यह केवल शुरुआत है।
कहानी का पर्दा गिरता है. स्क्रीन काली होती है. हवा में गूंजती है —)
The End.
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